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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

08 जुलाई 2011

नशे ने ली युवक की जान, जेब से मिले भारी मात्रा में कैप्सूल

डबवाली (लहू की लौ) शहर में अंधाधुंध बिक रहे मेडिकल नशे ने युवाओं को बर्बादी के बाद अब उनकी जान को लेना शुरू कर दिया। रेलवे परिसर में मेडिकल नशे के चलते एक युवक की मौत हो गई। पुलिस को युवक के पास भारी मात्रा में नशे के कैप्सूल मिले हैं। रेलवे पुलिस के हवलदार ईश्वर सिंह ने बुधवार को रेलवे डिग्गी के पास एक युवक को पड़े हुए देखा। युवक सांस भर रहा था। लेकिन युवक का शरीर तप रहा था और बेहोशी की हालत में था। पहचान जानने के लिए उसकी तालाशी लेने पर जेब से नशे में प्रयुक्त होने वाले स्पाजमा प्रोक्सीवॉन कैप्सूल तथा लोमोटिल की गोलियां भारी मात्रा में मिली। जबकि अन्य कोई भी कागजात युवक की जेब में नहीं था। सूचना पाकर मौका पर पहुंची डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने युवक को सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन अस्पताल में कुछ समय बाद ही युवक ने दम तोड़ दिया।
जीआरपी चौकी प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मृतक के तन पर कबूतरी रंग की टी-शर्ट, जिस पर अंग्रेजी में न्यूयार्क लिखा हुआ, ग्रे कलर की पेंट पहनी हुई है। लेकिन पैर नंगे और तन पर न बनियान और न कच्छा। उम्र अनुमानत: 32-33 वर्ष, रंग सांवला, चेहरा लंबूतरा, कद 5 फुट 9 ईंच है। पहचान के लिए शव को सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में 72 घंटे के लिए रखा गया है।

गरीबों को बंटेगी शमशान भूमि!

महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत बंटने हैं सौ-सौ गज के प्लाट
डबवाली (लहू की लौ) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत दिए जा रहे प्लाटों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि ग्राम पंचायतें अपने चहेतों को प्लाट आवंटित करके जरूरतमंदों को इससे वंचित कर रही हैं। आरोप यह भी है कि पंचायतों ने प्लाटों के लिए मृत बालकों को दफनाने वाले स्थलों को भी नहीं बख्शा है। मामले की जांच करवाए जाने की मांग को लेकर दो गांवों के लोगों ने बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
गांव पन्नीवाला रूलदू के निवासी मग्घर सिंह, हरफूल सिंह, मक्खन लाल, बलदेव सिंह, बिल्लू, पिरथी, छोटा सिंह, गुरदीप, बलजीत कौर, शाम सिंह, करनैल कौर, सुखजीत कौर आदि ने बताया कि सरकार की ओर से उनके गांव में 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए जा रहे हैं। लेकिन आवंटन में भारी गोलमाल किया जा रहा है। अपात्र व्यक्तियों को पात्र बताकर प्लाट दिए जा रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि गांव में जिनके पास जमीन, जायदाद, ट्रेक्टर हैं, उन्हें भी प्लाट देकर जरूरतमंदों को वंचित किया जा रहा है।
इधर गांव कालूआना के प्रीतपाल नंबरदार, जगतपाल, प्रहलाद, लेखराम, विनोद, अभिमन्यु ने बताया कि उनके गांव में भी जरूरतमंदों पर कुठाराघात करते हुए ग्राम पंचायत अपने चहेतों को प्लाटों का आवंटन कर रही है। उनके अनुसार बेशकीमती जमीन जोकि बस अड्डा के नजदीक पड़ती है और खसरा नं. 514, 516, 522 है, को योजना के नाम पर कुंवारे युवकों को आवंटित किया जा रहा है। उपमण्डलाधीश को दी शिकायत में कहा है कि नथोर रोड़ पर स्थित मृत छोटे बच्चों को दफनाने के लिए बनाए गए शमशान घाट को भी प्लाटों में लाकर आवंटित किया जा रहा है। यह वह जमीन है, जिसमें ग्रामीण सालों से मृत बच्चों को दफनाते आ रहे हैं।
बाद में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव पन्नीवाला रूलदू तथा कालूआना के ग्रामीणों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए बीडीपीओ डबवाली को आवश्यक कार्यवाही करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। दोनों गांवों के ग्रामीणों की शिकायत को सूचनार्थ के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा गया है।
इधर एससीपीओ रामप्रकाश ग्रोवर ने बताया कि कई गांवों से 100-100 गज के प्लाट अपात्र व्यक्तियों को दिए जाने की शिकायतें ग्रामीणों से मिली हैं। शिकायतों के आधार पर जांच-पड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गांव कालूआना की पंचायत ने तीन-चार जगह प्लाट वितरण के लिए दर्शाई हैं।  बच्चों को दफनाने वाली जगह किसी भी सूरत में जरूरतमंदों को वितरित नहीं करने दी जाएगी।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गांव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले जरूरतमंदों को सौ-सौ गज के प्लाट हरियाणा सरकार के नियमानुसार आवंटित किए जा रहे हैं। उनके अनुसार शमशान भूमि को गांव से बाहर निकाल दिया गया है और वहीं पर अलग से इसके लिए जगह पहले से निर्धारित की हुई है। जिस जगह की बात की जा रही है, वह जगह गांव के भीतर आती है और अब वहां पर मृतक बच्चों को दफनाने के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा। बल्कि इस खाली पड़ी जमीन को गरीबों को बांटकर इस भूमि को पंचायत उपयोग में ला रही है। उनके अनुसार प्लाटों का वितरण राशन कार्ड के आधार पर किया जा रहा है। अगर कोई कुंवारा लड़का जिसका राशन कार्ड अलग बना हुआ है, वो इसके अंतर्गत आता है, तो उसे भी प्लाट लेने से कैसे वंचित किया जा सकता है। उन्होंने शिकायतकर्ता जगतपाल पर आरोप लगाया कि उसने पंचायत की आधा एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा है। गरीबों को भूमि आवंटन के समय उसकी अवैध कब्जे वाली भूमि भी प्लाटों में चली जाएगी। इसलिए वह उसका विरोध कर रहा है।

06 जुलाई 2011

सुधारगृह बने अपराधियों की पाठशाला



सोनू का सनसनीखेज खुलासा : पंजाब-हरियाणा में कई सरपंच भी संलिप्त हैं नशे के कारोबार में
डबवाली। जेलों को सुधारगृह के नाम से पुकारा जाता है। अपराधियों को इसी लिए जेलों में भेजा जाता है कि वे सुधर जाएं और फिर से अपराध न करें। लेकिन ये सुधार गृह बिगाड़ गृह साबित हो रहे हैं। साधारण तस्करी में जेल गया एक युवक जब वहां से लौटा तो एक बड़ा समगलर बन गया।
बाईक चोरी के आरोप में थाना शहर पुलिस ने जिला बठिंडा के गांव जोधपुर रोमाना के 23 साल के कुलविंद्र उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया। पुलिस रिमांड पर रहे इस युवक ने अपने जीवन का कच्चा चिट्ठा पुलिस के आगे ही नहीं रखा, बल्कि रिमांड के बाद मंगलवार को जब उसे अदालत में पेश किया गया तो इस संवाददाता के समक्ष अपने जीवन की कहानी ब्यां की। सोनू ने बताया कि कुछ साल पहले डबवाली पुलिस ने उसे 4 किलोग्राम चूरा पोस्त के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय उसकी उम्र महज 15 साल थी। उसे सिरसा जेल भेजा गया। वहां जेल काट रहे लोगों से उसकी जान-पहचान हुई। जेल काट रहे अपराधियों ने उसे बताया कि बाहर निकलने के बाद वह उनसे मिले और चूरा पोस्त जैसा छोटा धंधा छोड़कर स्मैक के धंधे में उतरे। इस धंधे में मुनाफा अधिक है।
तीन माह जेल में रहने के बाद उसने स्मैक समगलरों से संबंध स्थापित किया और इस धंधे से जुड़ गया। इसके बाद वह स्मैक समगलिंग करता हुआ बठिंडा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बठिंडा जेल में रहते समय उसके संबंध अन्य स्मैक समगलरों से हो गए। उसने खुलासा किया कि स्मैक समगलिंग का धंधा पंजाब, हरियाणा में छोटे स्तर पर नहीं है। बल्कि इस धंधे में कुछ गांवों के सरपंच और उनके बेटे भी संलिप्त है।
वह भी हरियाणा के खण्ड कालांवाली तथा जिला बठिंडा के एक गांव के सरपंच के संपर्क में था। वह इन लोगों से स्मैक लेकर पीने लगा। हर रोज की करीब 5000 रूपए की स्मैक पी जाता। इतना बड़ा खर्च चलाना उसके लिए मुश्किल हो गया, तो इन लोगों तथा उसके दोस्तों ने उसे सलाह दी कि वह स्मैक पीए और साथ में समगलिंग भी करे। जिस पर वह समगलर की राह पर चल निकला। वह 250 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से स्मैक खरीदता और आगे जिला बठिंडा में 500 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से सप्लाई करता। उसके अनुसार इस कार्य में केवल युवक ही नहीं बल्कि युवतियां भी शामिल हैं। वह कॉलेजों की युवतियों को स्मैक सप्लाई करता। वह एक दिन में करीब 20 हजार रूपए की स्मैक बेच डालता। जिससे उसे अच्छा लाभ होने लगा।
सोनू ने समगलिंग करने के ढंग का राज खोलते हुए बताया कि स्मैक का सबसे बड़ा अड्डा राजस्थान का कोटा नगर है। वहीं से उन्हें स्मैक मिलती और इसके इंतजार में उन्हें कई-कई दिन कोटा के होटलों में भी गुजारने पड़ते। उसके अनुसार यह सारा सौदा कैश पेमेंट पर होता है। उसने बताया कि जो व्यक्ति कोटा में उसे स्मैक देने आता था, वह अपने पैरों में डाले हुए सैंडलों में करीब 500 ग्राम तक स्मैक डालकर लाता था।उसके अनुसार इन लोगों के सैंडल भी इस ढंग से बने हुए हैं कि एक सैंडल में आराम से 250 ग्राम स्मैक आ जाती है।
सोनू के अनुसार बीमारी के चलते पहले उसके पिता बलजिंद्र सिंह ने दम तोड़ा। फिर बीमारी के कारण ही उसकी माता सुनीता की भी मृत्यु हो गई। वह अब अपनी दादी महेंद्र कौर के साथ जोधपुर रोमाना में रह रहा है। लेकिन आय का कोई साधन न होने पर स्मैक ही उसका सहारा है। पंजाब में एनडीपीएस एक्ट में ढाई साल की कैद काटने के बाद 20 दिन पूर्व ही बाहर आया था। लेकिन स्मैक की तलब पूरी करने के लिए अपने साथी के साथ वह डबवाली आया और यहां से बाईक चुरा लिया और पकड़ा गया।
लाईसेंस मिल जाता तो तस्कर ना बनता!
बंदा इक बारी जेल च चला जावे सारा कुछ ही पता चल जांदा ए। बांत-बांत दी दुनियां मिलदी ए ओत्थे। मैं बठिंडा दे इक वकील दी गड्डी चलाऊंदा सी। मेरा लाईट लाईसेंस बनया होया सी। ऐस पीछों गंदे कम्मा विच पे गया। 2003 च मैं सिरसा जेल विच गया सी। तीन महीने मगरो बाहर आ के जदों मैं पुलिस तो अपना लाईट लाईसेंस मंगवा दे, मैंनूं नहीं मिलिया। जे उस वेले मैनूं मेरा लाईसेंस मिलिया हुंदा तां शायद अज मैं स्मैक समगलर ना हुंदा।

असामाजिक तत्वों से पुलिस का खौफ गायब


डबवाली (लहू की लौ) सिटी में असामाजिक तत्वों पर पुलिस का खौफ गायब हो गया है। जिसके चलते लगातार चोरियों की वारदातों में इजाफा हो रहा है। रात को दुकानों के ताले चटकाकर चोरी की जा रही है। दिन में बाईक उड़ाए जा रहे हैं।
सोमवार रात को अज्ञात चोरों ने जीटी रोड़ रेलवे फाटक के नजदीक स्थित पिंक मार्किट में इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान के ताले चटकाए। जबकि साथ लगती तीन अन्य दुकानों के ताले तोडऩे का प्रयास किया। रामू इलेक्ट्रेनिक्स के मालिक शिशुपाल (49) निवासी मण्डी किलियांवाली ने बताया कि मंगलवार सुबह उसके पड़ौसी दुकानदार जगमोहन ने उसे सूचना दी कि उसकी दुकान के शट्टर पर लगे ताले गायब हैं, शट्टर ऊपर उठा हुआ है। वह तत्काल दुकान पर आया। शिशुपाल के अनुसार अज्ञात चोर काऊंटर में रखी 30 किलोग्राम तांबे की तार चोरी करके ले गए हैं। जिसकी कीमत करीब पंद्रह हजार रूपए है। इसी दुकान के साथ स्थित जेएस इलेट्रिकल, शिव साईकिल स्टोर, सतनाम सिंह टीवी मैकेनिक की दुकान के भी ताले तोडऩे का प्रयास किया गया।
इसी रात को चौ. देवीलाल शॉपिंग कम्पलैक्स में स्थित बांसल डेयरी के ताले तोडऩे का प्रयास किया गया। डेयरी के मालिक राजकुमार बांसल के अनुसार रात को दूध की गाड़ी करीब दो बजे आ गई थी। संभव है कि गाड़ी को देखकर चोर वारदात को अंजाम न दे सके।
इधर मंगलवार दोपहर को गांधी चौक में छोले-भटूरे की रेहड़ी लगाने वाले जय नाथ उर्फ सागर निवासी वार्ड नं. 4 का बाईक (एचआर25बी/3153) उनके घर के आगे से अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया। जय नाथ के अनुसार वह आर्य विद्या मंदिर के पास अपने घर में गया था। लेकिन पंद्रह मिनट बाद जब वह घर से बाहर निकला तो उसका सीडी डिलक्स बाईक घर के बाहर से गायब मिला।
15 मिनट में दो बाईक चोरी!
मंगलवार दोपहर करीब 12.45 पर पुलिस को सूचना मिली कि गोल बाजार क्षेत्र से एक बाईक चोरी हो गया है। दस मिनट बाद फिर थाना की घंटी बज उठी। कॉल थी कि अनाज मण्डी में दुकान नं. 3 के आगे खड़ा एक बाईक चोरी हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। क्षेत्र के तहत आने वाली सभी पुलिस चौकियों को अलर्ट जारी करके चौकसी बढ़ाने के आदेश दिए गए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि अनाज मण्डी से गायब हुआ बाईक वापिस लौट आया है। गलती से कोई व्यक्ति उसे अपना बाईक समझकर उठा ले गया था। एक बाईक मिलने से पुलिस ने कुछ राहत की सांस ली।

डबवाली शहर में सांड़ों को जिन्दा जलाने का प्रयास!


डबवाली (लहू की लौ) दूध, दही की नदी कहे जाने वाले हरियाणा के छोटे से कस्बे डबवाली में गौधन पर तेजाब फेंककर जिन्दा जलाए जाने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। शहर के भीतर एक सप्ताह में तीन सांड़ों का शरीर तेजाब से फूंकने की तीन घटनाएं लगातार घटित हो गई हैं। जिससे गौ भक्तों में रोष फैल गया है। इस मामले को पुलिस के समक्ष भी उठाया गया है।
शहर में अवारा घूम रहे गौधन की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसकी संभाल न तो प्रशासन कर रहा है और न ही गौशाला। लोग अपने बचाव के लिए गौधन को भगाने के लिए डंडों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सात दिनों में सांड़ों पर कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जलाने की घटनाएं होने लगी हैं।
गौशाला प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जवाहर कामरा, सचिव अनिल धारणियां ने बताया कि सात दिनों में लवकुश पार्क, मार्किट कमेटी तथा जीटी रोड़ क्षेत्र में सांडों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जिंदा जलाने के प्रयास किए गए हैं। सूचना मिलने पर घायल सांडों को गौशाला में लाया गया। यहां उनका उपचार किया जा रहा है। गौशाला पदाधिकारियों ने बताया कि संभव है कि यह कार्य उन लोगों का हो सकता है जो सांड़ों से परेशान हैं। लेकिन वारदात का क्षेत्र अलग-अलग होने से यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह काम शरारतियों का भी हो सकता है।
गौशाला प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य गोवर्धन दास गोयल ने गौधन पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर जलाने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए इस मंदभागी बताया है। साथ में थाना शहर पुलिस को एक शिकायत पत्र सौंपकर गौधन की रक्षा करने तथा ज्वलनशील पदार्थ फेंककर गौधन को जलाने का प्रयास करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया है।
गौशाला में गौधन का इलाज करने वाले डॉक्टर सूबे सिंह के अनुसार गौधन पर फेंका गया ज्वलनशील पदार्थ तेजाब हो सकता है। उनके अनुसार सांड की चमड़ी दो प्रकार की होती है। ऊपरी भाग को एपी डरमिस कहते हैं, जोकि शरीर पर दो से ढाई एमएम के बीच होती है। दूसरी चमड़ी डरमिस कही जाती है। चमड़ी की यह लेयर चार से साढ़े चार एमएम मोटी होती है। जोकि एपी डरमिस के नीचे होती है। डॉक्टर ने बताया कि ज्वलनशील पदार्थ ने सांड़ों की एपी डरमिस चमड़ी को खत्म कर दिया। यह पदार्थ इतना तेज था कि इससे डरमिस को भी कुछ नुक्सान पहुंचा। उनके अनुसार अगर इससे डरमिस लेयर समाप्त हो गई होती तो यह ज्वलनशील पदार्थ सांड़ों की मौत का कारण बन सकता था।
थाना शहर पुलिस प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास मामला आया है। शिकायत के आधार पर इसकी जांच की जाएगी।

05 जुलाई 2011

धधकती आग में कूदकर बचाई जान


डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में अपनी किराएदारनी को आग की लपटों से बचाने के लिए मकान मालकिन संकट मोचन बनकर आई। उसने अपनी जान पर खेलकर आग की लपटों के बीच बेहोश पड़ी किराएदारनी को बाहर निकाला।
सोमवार सुबह 7 बजे थे। अजीत नगर के सुभाष उर्फ शुभकरण के मकान के एक कमरे में अचानक आग लग उठी। आंगन में खेल रहे बच्चों पंकज (12), राजन (10) तथा पिंकी (14) ने कमरे में लगी आग को देखकर शोर मचा दिया। शोर सुनकर बच्चों की माता परमेश्वरी देवी (40) कमरे के पास आई। उसने देखा कि रविवार को उनके मकान में किराए पर रहने के लिए आई अमरजीत कौर (50) बेहोशी की हालत में पड़ी है। जबकि कुंकिंग गैस सिलेण्डर के पास आग की लपटे निकल रही हैं। उसने साहस बटोरा और कमरे के भीतर घुसी। बेहोश अमरजीत कौर को उठाकर आंगन में ले आई।
परमेश्वरी देवी ने बताया कि वह एकदम किराएदार के कमरे में गई और उसने बेहोश अमरजीत को पहले बाहर निकाला। फिर घर की मेन स्विच ऑफ कर दी, ताकि आग बिजली के उपकरणों को न पकड़ ले। उसने इसी दौरान कमरे का बाहरी दरवाजा भी खोला और एक लोहे की रॉड लेकर कुकिंग गैस सिलेण्डर को रॉड की सहायता से गली में निकालकर पटक दिया और गैस सिलेण्डर को लगी आग बुझ गई। इसी दौरान सूचना पाकर फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने कमरे के भीतर सामान को लगी आग पर नियंत्रण स्थापित किया।
बेहोशी टूटने के बाद किराएदारनी अमरजीत कौर ने बताया कि उसने अपने कुकिंग गैस चूल्हे पर चाय बनाने के लिए नया सिलेण्डर लगाया था। दियासिलाई जलाते ही गैस सिलेण्डर को आग लग गई। आग को देखकर वह कमरे के भीतर ही गिरकर अपनी सुधबुध खो बैठी। उसके अनुसार परमेश्वरी देवी ने उसे आग की लपटों में गिरने के बावजूद बाहर निकालकर जो उसकी सहायता की है, वह उसके लिए भगवान की शुक्रगुजार है तथा परमेश्वरी देवी की ऋणी है। उसके अनुसार काश! प्रत्येक किराएदार को ऐसे ही मकान मालिक मिलें।

आग से सब राख


डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में कुकिंग गैस सिलेण्डर बदलते समय आग लगने से कमरे में पड़ा लाखों रूपए का सामान जलकर राख हो गया। मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली के दमकल केंद्र की गाड़ी ने एक घंटा के प्रयासों से आग पर काबू पाया।
कल ही आए थे यहां
गाड़ी चालक धन्ना राम का परिवार जिला बठिंडा के गांव जस्सी बागवाली से रविवार को ही मण्डी किलियांवाली के अजीतनगर में रह रहे पेट्रोल पंप कर्मचारी शुभकरण उर्फ सुभाष के मकान में किराए पर रहने के लिए आया था। रविवार को ही धन्ना राम तथा उसके बेटे हरविंद्र (19) तथा जसविंद्र (17) काम पर गए हुए थे। कमरे में धन्ना राम की पत्नी अमरजीत कौर (50) अकेली थी। इस बीच कुकिंग गैस सिलेण्डर खत्म हो गया। सोमवार सुबह करीब 7 बजे उसने नया गैस सिलेण्डर लगाकर चाय बनाने के लिए जैसे ही स्विच ऑन किया तो सिलेण्डर को आग लग गई।
आग ने कमरे में पड़े सामान को अपने आगोश में ले लिया। कुछ ही मिनटों में टीवी, फ्रिज, बैड तथा कमरें में पड़ा सारा सामान जलकर राख हो गया। सूचना पाकर मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली की फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।

कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से पांच बेहोश


डबवाली (लहू की लौ) कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से एक ही परिवार के 5 सदस्य बेहोश हो गये। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
डबवाली के टेलर मास्टर जावेद खान ने बताया कि वह वार्ड नं. 14 की गली गंगा वाली में स्थित अपने ससुर इन्द्र सिंह के घर रविवार रात को अपनी पत्नी उर्मिला के पास आया हुआ था। रात को करीब 9.30 बजे उसकी सास सावित्री देवी (45) ने सभी के लिए दूध में कोक मिला कर पेय तैयार करके स्वयं पीया और अपने बेटे ईशान (22), सुनील (12), रवि (18) तथा पुत्री ज्योति (15) के साथ उसे भी पिलाया। लेकिन सुबह 6 बजे जब वह उठा तो उसने देखा कि उसके अतिरिक्त उपरोक्त पांचों बेहोशी की हालत में हैं, उल्टियां कर रहें हैं, बोल कुछ नहीं रहे। उसने इसकी जानकारी गली वासियों को दी और गली वासियों के सहयोग से जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस से सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया।
डॉक्टर ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद दोपहर को उन्हें छुट्टी दे दी। डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि दूध में कोक मिलाकर पीने से संभव है कि उपरोक्त को फूड प्वाईजन हुआ होगा। उन्हें उपचार देकर छुट्टी दे दी गई।

84 बोतल शराब पकड़ी


डबवाली (लहू की लौ) क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। माईनरों के किनारे सूने पड़े घरों की आड़ में इस धंधे को चलाया जा रहा है। रविवार शाम को चौटाला पुलिस ने इसी प्रकार के एक धंधे पर छापा मारा। धंधा चला रहा व्यक्ति फरार हो गया। लेकिन मौका से पुलिस को 84 बोतल शराब बरामद हुई। पुलिस ने फरार हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।
चौटाला पुलिस चौकी इंचार्ज जीत सिंह ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि गांव गिदडख़ेड़ा रकबा में चौटाला माईनर पर स्थित सूने पड़े एक घर के सामने एक व्यक्ति धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री कर रहा है। मुखबर की सूचना पाते ही एएसआई महेंद्र कुमार ने अपनी टीम के साथ मौका पर छापा मारा। पुलिस को देखते ही आरोपी खेतों में भाग खड़ा हुआ। मौका से पुलिस को सात पेटी यानि 84 बोतल ठेका देसी शराब बरामद हुई। उन्होंने बताया कि फरार हुए आरोपी की पहचान जीत राम पुत्र भागीरथ निवासी आसाखेड़ा के रूप में हुई है। आरोपी के विरूद्ध मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी गई है।

विवादों के घेरे में डबवाली सीआईए तोड़ी


डबवाली (लहू की लौ) काफी समय से विवादों में घिरी डबवाली सीआईए को हटा दिया गया है। सीआईए डबवाली के प्रभारी एसआई हवा सिंह का तबादला सिटी थाना सिरसा में कर दिया गया है। जबकि अन्य स्टाफ को पुलिस लाईन सिरसा में भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि सीआईए डबवाली काफी लम्बे समय से चर्चा में चल रही है। इन दिनों गांव जोतांवाली में सीआईए की एक रेड काफी चर्चा का विषय बनी हुई थी। बताते हैं कि इस रेड की वजह से सीआईए की काफी किरकरी हुई। उसी दिन से जिला पुलिस के उच्च अधिकारी सीआईए पर टेढ़ी नजर बनाए हुए थे। रविवार को इसे हटाने के आदेश दे दिए गए।
एसपी सिरसा सतिंद्र गुप्ता ने सीआईए डबवाली तोडऩे की पुष्टि करते हुए बताया कि किसी आरोप की वजह से नहीं बल्कि सीआईए डबवाली को रूटीन में तोड़ा गया है। इसके प्रभारी एसआई हवा सिंह को सिटी थाना सिरसा तथा अन्य स्टॉफ को पुलिस लाईन सिरसा में लगाया गया है। एसपी के अनुसार स्टाफ को शीघ्र जिला के अन्य थानों में लगा दिया जाएगा।

गुप्तांग काटकर बना दिया हिजड़ा!


नकली हिजड़ा बनकर उगाही करने का सनसनीखेज आरोप, आरोपी ने कहा पहले लड़का था अब बना दिया हिजड़ा
डबवाली (लहू की लौ) शहर के एक युवक पर नकली हिजड़ा बनकर गांवों से बधाईयों के नाम पर उगाही इक्ट्ठी करने की शिकायत सिटी पुलिस के पास आई है। आरोपी का कहना है कि वह पहले लड़का था और उसे जबर्दस्ती हिजड़ा बनाकर इस कारोबार में उतारा गया है।
डबवाली की कबीर बस्ती निवासी मधु महंत ने थाना शहर पुलिस में एक शिकायत देकर घग्गड़ (पंजाब) हाल वार्ड नं. 17 निवासी राजा राम के बेटे प्रीति (20) पर आरोप लगाया कि प्रीति पिछले दो माह से हिजड़े के वेश में शेरगढ़, सकताखेड़ा, अबूबशहर, मटदादू, मौजगढ़ आदि गांवों में जाकर बधाईयां उगाह रहा है। जबकि वह लड़का है। मधु महंत ने बताया कि कुछ दिन पहले वे उपरोक्त गांवों में बधाई मांगने के लिए गई थी। लेकिन वहां के लोगों ने बताया कि उनका ही एक ग्रुप गांव से बधाईयां ले गया है। अब वे यहां क्या करने आए हैं?
इधर प्रीति ने बताया कि दस साल पूर्व मधु महंत उसे घर से ले गई थी। करीब पांच साल तक उसने उसे काम सीखाया। लालच देकर उसका गुप्तांग काट दिया  और उसे हिजड़ा बना दिया गया। पांच साल तक वह मधु महंत के लिए उसके सहयोगी डूना तथा सरवी के साथ गांव मौजगढ़, लम्बी, अबूबशहर, सकताखेड़ा, शेरगढ़, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, रामपुरा बिश्नोईयां, झुट्टीखेड़ा में काम करता आ रहा है। उन्हें बधाईयों के रूप में जो भी राशि मिलती वह इसे मधु महंत के सुपुर्द कर देते थे। लेकिन पिछले कुछ माह से मधु महंत उसे अनावश्यक रूप से मारने पीटने लगा। जिस पर उसने उससे किनारा कर लिया। अपने स्तर पर गांवों में जाकर बधाईयां मांगने लगा।
थाना शहर में रविवार को इस मामले को सुलझाने के लिए एक पंचायत हुई। जिसमें भोला महंत, वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान आदि शामिल हुए। इस मौके पर प्रीति तथा उसके पिता राजा राम को भी बुलाया गया। प्रीति ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। लेकिन पंचायत के सहयोग से दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया।
वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान ने बताया कि प्रीति उनके वार्ड के हर्ष नगर में रह रहा है। वह पिछले काफी सालों से उसे हिजड़े के वेश में देखती आ रही है। इसी वेश में वह गांवों में बधाईयां मांगने भी अक्सर जाता है। पार्षद ने कहा कि प्रीति अब लड़का है या हिजड़ा इसके संबंध में वह कुछ नहीं कह सकती।
मामले के जांच अधिकारी सिटी पुलिस के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि उनके पास मधु महंत की शिकायत आई थी। लेकिन पंचायत द्वारा समझौता करवा देने और मधु महंत द्वारा अपनी शिकायत वापिस लेने पर इस मामले को फाईल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजा राम ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा कि प्रीति उसका बेटा था। अब वह हिजड़ा है या नहीं इसकी जांच तो डॉक्टर ही कर सकता है।

04 जुलाई 2011

टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग से लाखों का नुक्सान, परिंदे भी जल मरे


डबवाली (लहू की लौ) शनिवार रात किलियांवाली में स्थित मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग लगने से लाखों रूपए का धागा, मशीनरी जलकर राख हो गई। इंडस्ट्री को जलता देख सदमे में आया इंडस्ट्री मालिक का पिता बेहोश हो गया। कड़ी मशक्कत के बाद रविवार अल सुबह करीब 3 बजे आग पर नियंत्रण पाया जा सका। वहीं इंडस्ट्री के शैड पर घर बनाए परिंदे भी आग में जल मरे।
धमाका के साथ उठा धुआं
इंडस्ट्री में कार्यरत पिंटू, रामप्रवेश, सूरज, विजय, संजू, गुरिया, विनय ने बताया कि रात करीब 11 बजे वह इंडस्ट्री के आंगन में अपनी-अपनी चारपाई पर लेटे हुए आपस में बातचीत कर रहे थे। इंडस्ट्री के भीतर स्थित एक बिजली के बोर्ड में अचानक धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। आग ने वहां पड़ी बान (चारपाई के लिए प्रयुक्त होने वाला धागा) को पकड़ लिया। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा पुत्र नत्थू राम मिढ़ा निवासी वार्ड नं. 11, डबवाली को दी। इधर इसकी सूचना दमकल केंद्र डबवाली को दी गई।
सूचना पाकर इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा तथा नत्थू राम मिढ़ा मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों के सहयोग से बाल्टी में पानी भरकर आग आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। आग के विकराल रूप को देखकर सदमे में आए नत्थू राम मिढ़ा बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। मौका पर पहुंचे अग्निश्मक दस्ते ने आग पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास शुरू किए।
इंडस्ट्री के कर्मचारियों ने बताया कि इंडस्ट्री के जिस हिस्से में आग लगी हुई थी वह हिस्सा चारों तरफ से बंद था। धुआं निकलने का कहीं से मार्ग नहीं था। जिसके चलते मशीनरी रूम में गैस भर गई और उसमें प्रवेश करना मुश्किल हो गया। उन्होंने आग पर नियंत्रण पाने के लिए और गैस को रूम से बाहर निकालने के लिए रूम के चारों तरफ लगे शीश तोड़े। तब कहीं जाकर अग्निश्मक दस्ते ने रविवार सुबह करीब 3 बजे आग पर काबू पाया।
परिंदे भी जले
कर्मचारियों ने बताया कि आग की तपिश इतनी तेज थी कि इंडस्ट्री के ऊपर बनी शैड की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई। इन शैड़ों में घौंसला बनाकर रहने वाले करीब बीस-पच्चीस कबूतर आग की भेंट चढ़ गए।
इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा पुत्रान नत्थू राम ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। आग से उसका करीब 8 लाख रूपए का नुक्सान हुआ। जिसमें मशीनरी, तैयार किया गया बान, बिल्डिंग, दरियां आदि का नुक्सान शामिल है।
करीब चार माह पहले इंडस्ट्री के मीटर रूम में आग लगने से इंडस्ट्री का ढाई लाख रूपए का नुक्सान हुआ। इसके बाद मशीनों के पास पड़े कुछ माल को आग लगी। जिसमें करीब 25 हजार रूपए का नुक्सान हुआ। करीब 20 दिन पूर्व मशीनरी रूम में आग लगने से डेढ़ लाख की मशीनरी जल गई। अब चौथी बार आग लगी।
कहां जाता है माल
मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री के मालिक ने बताया कि वे रूईं से धागा निर्मित करके सीतापुर, बम्बई, कानपुर, बरेली आदि जगहों में बेचते हैं। इससे वहां पर दरियां आदि बनती हैं।

03 जुलाई 2011

हे भगवान क्राइम खत्म करने की शक्ति दो, हवन करके मांगी दुआ


डबवाली (लहू की लौ) सिटी में बढ़ रहे क्राईम तथा बढ़ते नशे को रोकने के लिए सिटी पुलिस ने हवन करवाकर भगवान से अपराधियों को गिरफ्तार करने की शक्ति मांगी। साथ में सिटी में सुख शांति रहे के लिए दुआ मांगी।
डबवाली शहर क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। अपराधी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ते। पुलिस अपराधियों को शीघ्र पकडऩे की इच्छा के साथ ईश्वर से दुआ करती है। शनिवार को मंत्रोच्चारण के बीच सिटी थाना के सभी कर्मचारियों ने मिलकर हवन यज्ञ करवाया।
कार्य स्थल पर गूंजे मंत्र
शनिवार को थाना शहर परिसर में धार्मिक माहौल था। सभी कर्मचारी पूजा अर्चना के लिए सुबह सवा 6 बजे ही हवन कुंड के पास बैठ गए। करीब सवा घंटा तक हवन यज्ञ करवाने वाले पुरोहित बालकृष्ण की आज्ञा से यज्ञ में आहुतियां डालते रहे। इस मौके पर मुख्य यजमान के रूप में डीएसपी बाबू लाल उपस्थित रहे।
हालांकि पुलिस थाना परिसर में रामभक्त हनुमान का मंदिर बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भगवान सीधी दृष्टि थाना में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों पर रहे, इसलिए मंदिर की अपेक्षा कार्य स्थल को हवन यज्ञ के लिए चुना गया।
एएसआई ने दी सलाह
एएसआई राजकुमार धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। इसलिए उन्होंने बढ़ते क्राईम, नशाखोरी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए डंडे की बजाए भगवान का सहारा लेने की सलाह अपने साथियों को दी। उन्हीं की सलाह पर इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वप्रथम श्री गणेश की पूजा अर्चना के बाद धरती पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रहों के पूजन के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की अराधना तथा गायत्री मंत्र के साथ पूर्णाहुतियां डाली गई।
दुआ मांगी
हवन में आहुति डालते हुए डीएसपी बाबू लाल, सिटी थाना प्रभारी एसआई महावीर सिंह, एएसआई राजकुमार, एएसआई कृष्ण कुमार, एएसआई तुलसी राम, एचसी भरत सिंह, अजीत सिंह, जयप्रकाश, चरणजीत सिंह, कांस्टेबल राजकुमार, विजय कुमार, अमरजीत सिंह, नफे सिंह सहित अन्य पुलिस मुलाजिमों ने ईश्वर से दुआ की कि वह सिटी में ऐसा माहौल पैदा करे कि अपराध और अपराधियों के इरादों पर पानी फिर जाए। लोगों में भाईचारा पैदा हो। सभी को सदबुद्धि मिले। अमन-चैन रहे। स्वयं ने जाने या अनजाने में जो कुछ गलतियां हो गई, उनके लिए क्षमा याचना की।
हवन के बाद अपराध होंगे कम
हवन के बाद डीएसपी बाबू लाल ने कहा कि ईश्वर का नाम लेना कोई बुराई नहीं है। इस प्रकार के आयोजन कार्य करने की शक्ति को बढ़ाते हैं। नगर की सुख-शांति और समृद्धि तथा पुलिस की रक्षा के लिए इस प्रकार का आयोजन करना हमारी संस्कृति में शामिल है। हवन यज्ञ से यहां देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। वहां वातावरण भी शुद्ध होता है। जिससे आरोग्य प्राप्त होता है। हवन यज्ञ के बाद अपराधों में कमी आएगी।

डबवाली का बीडीपीओ घोटालेबाज!


दो जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ रहस्योद्घटन, साढ़े तीन लाख में से एक लाख का घपला
डबवाली (लहू की लौ) देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला का भूत डबवाली पहुंच गया है। उपमण्डल के गांव मसीतां में प्रस्तावित खेल स्टेडियम के निर्माण से पहले खरीदे गए सामान में बड़ा घपला सामने आया है। दो अधिकारियों की जांच के दौरान पाया गया कि सामान को बाजार भाव से ऊंची दरों में खरीदा गया। वहीं सामान के वजन तथा मोटाई में भी अंतर निकला है। साढ़े तीन लाख के सामान में करीब एक लाख घपला उजागर हुआ है। तीन माह के भीतर आई दो जांच रिपोर्ट में खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली को राजकोष का 'घोटालेबाजÓ तय किया गया है।
नींव रखी नहीं, सामान पहुंचा
गांव मसीतां में निर्माणाधीन खेल स्टेडियम के हाल कमरे का निर्माण होना है। जिसका नींव पत्थर अभी तक नहीं रखा गया है। लेकिन हाल कमरे के लिए खिड़की, दरवाजे, रोशनदान, ग्रिल बगैरा का निर्माण पहले ही हो लिया। यह सारा सामान प्रस्तावित खेल स्टेडियम स्थल पर पहुंच गया। सामान का निर्माण बीडीपीओ डबवाली द्वारा करवाया गया था। बीडीपीओ ने सामान के बदले 3 लाख 74 हजार 333 रूपए का भुगतान किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने सामान के निर्माण में गोलमाल की आशंका जाहिर की। गांव के सरपंच शिवराज सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि सरपंच पद के लिए चुनाव जून 2010 में हुए थे। 25 जुलाई को उसने सरपंच पद की शपथ ग्रहण करनी थी। लेकिन इससे पूर्व ही बीडीपीओ ने बैंक से 3 लाख 74 हजार 333 रूपए निकलवा लिए और इन पैसों को उपरोक्त सामान पर खर्च किया हुआ दिखा दिया।
जांच से कर दिया था इंकार
सरपंच की शिकायत पर उपायुक्त ने डीडीपीओ को जांच के आदेश दिए। लेकिन डीडीपीओ ने इस मामले की जांच करने से इंकार कर दिया। जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल के पास आ गई। एसडीएम ने मामले की जांच एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को सौंप दी। एसडीई ने 1 अप्रैल 2011 को अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम डबवाली को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट
पंचायती राज के एसडीई शेषकरण बिश्नोई ने एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने खरीदे गए सामान का जो बिल प्रस्तुत किया है उसमें दरवाजों की मोटाई 14 गेज, माप 2018 फुट दर्शाई गई है। जबकि वास्तविक मोटाई 16 से 18 गेज है तथा माप 1971.31 फुट है। इनमें लगे पल्लों की लम्बाई बिल में 18 गेज तथा क्षेत्रफल 1123.19 वर्गफुट दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक मोटाई 19 गेज है तथा कुल क्षेत्रफल 1057.35 वर्गफुट है। इसी प्रकार ग्रिल का वजन बिल में 1238 किलोग्राम दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक वजन 787 किलोग्राम है। कब्जों की संख्या 496 की बजाए मौके पर 467 नग मिले हैं। खरीद किए गए इस सामान का बाजार मूल्य 55 रूपए, 90 रूपए तथा 55 रूपए का है, जबकि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इसकी अदायगी 72 रूपए, 105 रूपए तथा 60 रूपए के हिसाब से की गई है। जांच में सामने आया है कि खरीदे गए सामान पर 99703 रूपए  अधिक खर्च किए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अधिक दरों पर की गई खरीद से खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डबवाली ने राजकोष को जानबूझकर नुक्सान पहुंचाया है।
दूसरी रिपोर्ट भी खिलाफ
पंचायती राज के एसडीई की जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली ने उपायुक्त सिरसा से दोबारा जांच की मांग की। बीडीपीओ की मांग पर उपायुक्त ने पीडब्ल्यूडी सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान को जांच का दायित्व सौंपा। उनकी जांच में भी बीडीपीओ को राजकोष के नुक्सान को दोषी करार दिया गया है। दोनों ही रिपोर्ट उपायुक्त के पास भेजी गई हैं।

जांच के संबंध में ये बोले अधिकारी
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली (बीडीपीओ) द्वारा जिस दर पर सामान खरीदा गया है, वह बाजार मूल्य से काफी अधिक है। वहीं सामान के वजन तथा गिनती में भी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष का दुरूपयोग किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंप दी है।
-शेषकरण बिश्नोई, एसडीई पंचायती राज


उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने गांव मसीतां में प्रस्तावित स्टेडियम के लिए खरीदे गए सामान की जांच की थी। सामान का वजन, मूल्य तथा बिलों में दर्शाई गई गिनती में काफी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष को करीब करीब एक लाख रूपए की चपत लगाई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है।
-एमएस सांगवान, एक्सीयन पीडब्ल्यूडी सिरसा

जांच के लिए डीडीपीओ के इंकार करने पर उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को जांच का कार्यभार सौंपा था। उनकी जांच में बीडीपीओ सरकारी पैसे के दुरूपयोग का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट को उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम

वह बिल्कुल पाक साफ है। उसने कोई घोटाला नहीं किया। जांच में आया है कि उसके द्वारा खरीदे गए सामान की मोटाई अधिक है, जबकि उसने कम मोटाई के सामान पैसे दिए हैं। वह हर जांच रिपोर्ट का स्वागत करता है और उसका सामना करने के लिए तैयार है।
-राम सिंह, बीडीपीओ डबवाली



कार्रवाई में आनाकानी क्यों?
दो जांच अधिकारियों द्वारा सामान खरीद घोटाले का पर्दाफाश करने के बावजूद भी प्रशासन ढिलमुल रवैया अपनाए हुए है। बीडीपीओ राम सिंह के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के दो माह बीतने के बावजूद भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया है। जिला प्रशासन बीडीपीओ के खिलाफ केस दर्ज करवाकर, बीडीपीओ को कानूनी सजा दे। डबवाली में रहते हुए बीडीपीओ द्वारा किए गए सभी कार्यों की विभागीय कार्रवाई भी आरंभ करे। अगर ऐसा नहीं होता तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
-शिवराज सिंह सरपंच ग्राम पंचायत मसीतां एवं अध्यक्ष सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली

02 जुलाई 2011

मरहम लगाने वाली पेंशन ने पेंशन धारकों को रूलाया


डबवाली (लहू की लौ) तीन माह के बाद विधवा, विकलांग और बुढ़ापा पेंशन का वितरण शुरू किया गया। यह पेंशन भी शहर के 19 वार्डों में से मात्र वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों के लिए आई। लेकिन पेंशन लेने पहुंचे वार्ड के लोगों से भद्दा मजाक हुआ। स्मार्ट कार्ड होने के बावजूद उनके नाम लिस्ट से गायब मिले। वहीं विधवा पेंशन धारकों को कम पेंशन थमा दी गई। सूची में नाम न मिलने और कम पेंशन थमाने से पेंशन धारकों की आंखों से अश्रुधारा बह उठी। पार्षदों ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देकर घर भेजा।
शुक्रवार को नई अनाज मण्डी रोड़ पर स्थित अरोड़वंश धर्मशाला में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र कुमार तथा विनोद शहर के वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों को पेंशन बांटने के लिए पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार वार्ड के पेंशन धारक अपने स्मार्ट कार्ड लेकर मौका पर आ गए। लेकिन अधिकांश पेंशन धारक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके नाम ही फिनो कंपनी की पेंशन वितरण सूची में नहीं है। जबकि वे वार्ड नं. 10 के स्थाई निवासी हैं। पेंशन वितरण सूची में अपना नाम गायब देखकर पेंशन धारकों ने बवाल खड़ा कर दिया। वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 12 के पार्षद रमेश बागड़ी मौका पर पहुंचे। उन्होंने पेंशन धारकों का पक्ष लेते हुए पेंशन वितरण करने आए फिनो कंपनी के एजेंटों को खूब खरी-खोटी सुनाई।
बुढ़ापा पेंशन लेने पहुंचे 70 वर्षीय देसराज ने बताया कि वह वार्ड नं. 10 में रहता है और वहीं से वोट पोल करता है। स्मार्ट कार्ड बनाने के समय उसने अपना वार्ड नं. 10 लिखवाया था। लेकिन जो स्मार्ट कार्ड उसे दिया गया है, उस पर उसे वार्ड नं. 7 का निवासी दिखा दिया गया है। वह चार माह के बाद पेंशन लेने आया तो उसे यह कहकर टरका दिया गया कि उसका नाम सूची में नहीं है।
इसी वार्ड के विकलांग विपिन कुमार (25) ने बताया कि उसे कई वर्षों से विकलांग पेंशन मिल रही है। लेकिन फिनो कंपनी ने उसका स्मार्ट कार्ड ही नहीं बनाया। अब उसे पेंशन से ही वंचित रखा जा रहा है। उसने कहा कि सरकार विकलांगों को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन पेंशन न देकर उनका सरेआम मजाक उड़ा रही है। इस पेंशन धारक ने यह भी शिकायत की कि सरकार शायद नहीं चाहती कि विकलांग समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। इसलिए उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है।
विधवा इसरो देवी ने बताया कि जब नगरपालिका द्वारा पेंशन वितरण की जाती है, तो उसे 750 रूपए प्रति माह के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन इस बार चार माह के बाद तीन माह की पेंशन आई है। वह भी फिनो कंपनी द्वारा 550 रूपए प्रति माह के हिसाब से तीन माह की पेंशन 1650 रूपए दी गई है। पार्षद टेकचंद छाबड़ा तथा रमेश बागड़ी ने कहा कि मात्र एक वार्ड में पेंशन का वितरण किया गया। इस वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलने से सरकार की नीति उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि जो पेंशन, पेंशन धारकों के लिए राहत बननी थी, वह आंसू बनकर बाहर टपकी है। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार अनियमितताएं जारी रही तो पेंशन धारकों में सरकार के प्रति विद्रोह की चिंगारी फूट पड़ेगी और पेंशन धारक मजबूर होकर सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने इन अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की।
इस संदर्भ में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र तथा विनोद ने बताया कि उन्हें जिस प्रकार के आदेश हुए हैं और जो सूची व राशि उपलब्ध करवाई गई है, वे उसी के अनुसार ही इसका वितरण कर रहे हैं। इसमें अनियमितताओं के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एजेंटों के अनुसार विधवा पेंशन के संदर्भ में अपने अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि उपरोक्त मामला उनके नोटिस में आया है। जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी सुभाष मोंगा को इससे अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुभाष मोंगा ने बताया कि वे इस समय ट्रेनिंग पर गुडग़ांव गए हुए हैं। उनके ध्यान में उपरोक्त मामला आया है। उन्होंने ठेकेदार एक्सीस बैंक तथा फिनो कंपनी के अधिकारियों को शैड्यूल जारी करने के निर्देश दिए हैं। विधवा पेंशन धारकों से जो भेदभाव हुआ है, उसकी भी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
एक्सीस बैंक सिरसा के मैनेजर कवरजीत भारद्वाज ने कहा कि सूची में जो विसंगतियां पाई गई हैं, उसे जल्द दूर किया जाएगा। जिनको पेंशन कम मिली है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। चूंकि उनका बैलेंस उनके खाते में जमा रहेगा। जब आगे पेंशन मिलेगी, तब यह बकाया राशि भी उसे मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नई योजना होने के कारण समस्याएं आ रही हैं। 10 जुलाई तक आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया जाएगा। शीघ्र ही पेंशन वितरण का शैड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा।

रेलगाडिय़ों के समय में परिवर्तन


डबवाली (लहू की लौ) भारत सरकार के रेल विभाग ने एक जुलाई से रेल समय सारिणी को बदलते हुए गाडिय़ों के समय में कुछ परिवर्तन किया है।
यह जानकारी देते हुए डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि हनुमानगढ़-बठिंडा रेलवे लाईन पर आने-जाने वाली गाडिय़ों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। जिसमें गुवहाटी-लालगढ़ एक्सप्रेस 15609 जो डबवाली रेलवे स्टेशन पर 6.12 से 6.14, जम्मूतवी-अहमदाबाद 19224 का समय 19.21 से 19.36, अबोहर बङ्क्षठडा-जोधपुर 54703 का समय 22.36 से 22.41, हरिद्वार-कालका-बाड़़मेर 14881 का समय 5.11 से 5.16, बठिंडा-लालगढ़ 54701 का समय 11.46 से 11.51, बठिंडा-बीकानेर 59711 का समय 15.52 से 15.57 कर दिया गया है। इसी प्रकार लालगढ़-गुवहाटी एक्सप्रेस 15610 का समय रात्रि 0.38 से 0.40, जोधपुर-बठिंडा 54704 का समय 4.10 से 4.15, अहमदाबाद-जम्मूतवी 19223 का समय 6.53 से 6.58, बीकानेर-बठिंडा 59712 का समय 11.17 से 11.22, लालगढ़-बठिंडा 54702 का समय 15.10 से 15.15, बाड़मेर-कालका-हरिद्वार 14888 का समय 22.02 से 22.07 तक कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जन्मभूमि एक्सप्रेस-अहमदाबाद से उद्यमपुर का डबवाली से गुजरने का समय 5.04 से 5.18, जबकि इसी गाड़ी का उद्यमपुर से अहमदाबाद से बिना रूके समय 8.47 का है।

प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ पंचायत का रिकॉर्ड जलकर खाक


डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार शाम को गांव गंगा के पास एक कार सड़क किनारे खड़े वृक्ष से टकरा गई। जिससे कार में आग लग गई। कार में रखा ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड धू-धू कर जल गया। जबकि कार चालक और कार में सवार एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गुरूवार को उसका भतीजा लीलाधर तथा गांव का प्रेम कुमार ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड को फोटो स्टेट करवाने के लिए उसकी गाड़ी पर डबवाली लाए थे। लेकिन रिकॉर्ड फोटो स्टेट करवाने के बाद जब वे वापिस लौट रहे थे तो गांव गंगा रकबा में उनकी गाड़ी के आगे अचानक नील गाय आ गई। अनियंत्रित होकर गाड़ी सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से जा टकराई। जिससे कार में आग लग गई। पंचायत का रिकॉर्ड भी जल गया।
सरपंच के अनुसार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से कार चालक लीलाधर तथा प्रेमकुमार घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया गया। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2005 से लेकर अब तक पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्यों का काफी रिकॉर्ड कार में लगी आग से जल गया।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्हें रात्रि करीब 9 बजे कार दुर्घटना की सूचना मिली थी। वे करीब 10.15 बजे मौका पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह जल गई है। कार गैस पर थी और कार के वृक्ष से टकराने से गैस को आग लग गई। उसमें रखा पंचायत का रिकॉर्ड जल गया। उन्होंने बताया कि लीलाधर के ब्यान पर इसे इत्तेफाकिया माना गया है। उनके अनुसार इस दुर्घटना में कार बिल्कुल जल गई है।

बस-बाईक टक्कर में युवक की दर्दनाक मौत, एक गंभीर


डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे पर सेमनाला के पास एक प्राईवेट बस-बाईक टक्कर में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
गांव हैबूआना निवासी फौजी सिंह पुत्र छिन्द्र सिंह तथा गुरप्रीत सिंह (20) पुत्र पप्पी सिंह गुरूवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे अपने गांव हैबूआना लौट रहे थे। बाईक को फौजी सिंह चला रहा था। सेमनाला के पास उनकी बाईक एक बस से टकरा गई। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को सिरसा रैफर कर दिया गया। जिसमें से गुरप्रीत ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से एमएलआर मिल गई है। जांच जारी है।

नहीं निकलने दिया शहर का पानी


डबवाली (लहू की लौ) मानसून की पहली बरसात राहत के साथ आफत लेकर आई। गुरूवार सुबह सवेरे आई रिमझिम बूंदों से मौसम खुशनुमा हो उठा। लोगों ने गर्मी से राहत पाई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी न होने से यह बरसात आफत भी बन गई। जगह-जगह पानी का ठहराव हो गया। पंजाब के किसानों ने एकबारगी फिर हरियाणा के पानी को उनके खेतों में छोडऩे पर जनस्वास्थ्य विभाग को खबरदार किया।
यहां ठहरा पानी
बरसात लगभग घंटा भर चली। लेकिन जीटी  रोड़, बस स्टैण्ड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, सब्जी मण्डी क्षेत्र, मेन बाजार, कलोनी रोड़, चौटाला रोड़, न्यू बस स्टैण्ड रोड़, कबीर चौक, नई अनाज मण्डी रोड़, लहर बाजार, पब्लिक क्लब क्षेत्र, जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय क्षेत्र बरसाती पानी से जलमग्न हो गया। देर शाम तक भी इस पानी की निकासी नहीं हो पाई।
मानसून की पहली दस्तक के साथ ही शहर में जमा हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने पंजाब क्षेत्र में पड़ते अपने डिस्पोजल को चलाया। यह पानी पंजाब के किसानों के खेतों में अक्सर जनस्वास्थ्य विभाग छोड़ता है। आज भी विभाग ने कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया। लेकिन पंजाब के किसान विभाग की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनके खेतों में पानी छोड़ा गया तो वे मामले को पुलिस के पास ले जाएंगे। पिछले वर्ष भी पंजाब के किसान लामबंद होकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ पुलिस में पहुंच गए थे।
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे तक किसानों तथा जनस्वास्थ्य विभाग के बीच पानी निकासी को लेकर कशमकश चलती रही। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। आखिर जनस्वास्थ्य विभाग ने रामबाग के पास पड़ी भूमि पर एक एकड़ में 12 फुट गहरा खड्डा खोदकर पानी की निकासी की।जनस्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि इस बार मानसून 31 जुलाई को आएगा। इसलिए विभाग ने शहर में बने सीवरेज के 5300 मेन होल की सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। लेकिन अनुमान के विपरीत मानसून पहले आ जाने से विभाग की योजना पर पानी फिर गया। सीवरेज हौज की सफाई के दौरान जो गाद निकाली गई थी, वह फिर से बरसात आने से पानी के साथ ही सीवरेज हौज में चली गई।
बरसाती पानी से निबटने के लिए विभाग ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से 215 स्क्रिनिंग चैम्बर, 50 लाख रूपए की लागत से 20 बोर का निर्माण शहर के विभिन्न कोनों में करना था। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए स्वीकृति हेतू सरकार के पास भेजा गया था।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने स्वीकार किया कि बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उपरोक्त योजना सरकार के पास भेजी गई थी। लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह योजना भी चल रही है कि पंजाब के डिस्पोजल पर भार कम करने के लिए नई अनाज मण्डी रोड़ क्षेत्र को चौटाला रोड़ पर बने डिस्पोजल से जोड़ दिया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल रामबाग के पास बनाए गए बड़े खड्डे ही बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विकल्प हैं।

कनेक्शन योजना में फिक्सिंग


बीपीएल परिवारों के लिए आई लाखों रूपए कीमत की बिजली कनेक्शन किटें गायब
डबवाली। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को सरकार ने सस्ती दर पर कनेक्शन देकर बिजली का सपना दिखाया। लेकिन यह सपना जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों तक पहुंचते-पहुंचते क्रिकेट मैच की तरह 'फिक्सÓ हो गया। फिक्सिंग के चलते गरीब परिवारों के घरों के लिए आई लाखों रूपए की किटें गायब कर दी गई। निगम के उच्च अधिकारी भी दबी जुबान से इस योजना में 'फिक्सिंगÓ होने की बात कबूलते हैं।
योजना इस प्रकार
हरियाणा सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए एक योजना तैयार की थी। जिसके तहत मात्र 10 रूपए में उनके घरों पर मीटर लगाकर बिजली का कनेक्शन देना था। जिला सिरसा में उस समय बीपीएल परिवारों की संख्या 47 हजार 600 थी। जिनमें से योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने के लिए 19 हजार 247 परिवारों को चुना गया था। चयनित बीपीएल परिवारों के घरों तक बिजली पहुंचाने और मीटर लगाने का ठेका बिजली निगम ने दिल्ली की फर्म अरावली इंफरा पॉवर लि. को दिया था। इस निजी फर्म ने अपना काम शुरू करते हुए जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों के घरों में मीटर लगाने शुरू कर दिए और जिन घरों में मीटर लगाए गए उनकी रिपोर्ट निगम को प्रेषित कर दी।
शिकायत से खुला राज
प्राईवेट फर्म का कार्य पूरा होने की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद निगम ने बीपीएल परिवारों से निर्धारित बिल लेने के लिए अपनी कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत बिल भी संबंधित परिवारों को भेज दिए गए। लेकिन बिल पहुंचते ही जिन बीपीएल परिवारों को यह सुविधा नहीं मिली थी, उन परिवारों ने लम्बे-चौड़े बिल देखकर इस मामले को निगम के अधिकारियों के समक्ष उठाया। शिकायत मिलने पर निगम के उच्च अधिकारियों की आंख खुली। शिकायतों की फेहरिस्त लम्बी होती देख निगम ने सर्वे करानी की ठानी। सर्वे में जो रिपोर्ट मिली, उसने उच्च अधिकारियों को चौंका दिया। सर्वे में पाया कि करीब 450 बीपीएल परिवारों तक यह योजना पहुंची ही नहीं।
क्या रहा कारण
सरकार की योजना को अमलीजामा पहनाने और गरीब परिवारों तक शीघ्र इस सुविधा को पहुंचाने के लिए बिजली निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में ठेकेदार फर्म की मार्फत इसके लिए बिचौलिए तैयार किए। इन बिचौलियों के माध्यम से ही गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन की किटें वितरित की गई।  जिला सिरसा के 19 हजार 247 बीपीएल परिवारों के लिए आई किटों में से 450 गरीब परिवारों तक ये पहुंची ही नहीं। बल्कि बिल जरूर पहुंच गए।
सर्वे से खुलासा, जांच जारी
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के एसई (निर्माण) आरके सोढ़ा ने स्वीकार किया बीपीएल परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन के आई करीब 450 किटें गायब मिली हैं। निगम को शिकायत मिली थी कि बिना कनेक्शन के ही बीपीएल परिवारों को बिल भेजे जा रहे हैं। इस पर सर्वे करवाया गया। सर्वे में किटें गायब होने का खुलासा हुआ। उनके अनुसार किटें बिचौलियों के जरिए जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई गई थी। फिलहाल जांच की जा रही है ये किटें मार्ग में कहां गायब हुई हैं। उनके अनुसार कनेक्शन के लिए एक किट करीब 2500 रूपए की है। उन्होंने कहा कि अगर किटें नहीं मिलती तो संबंधित ठेकेदार फर्म से इसकी राशि वसूली जाएगी।