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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

03 जुलाई 2011

डबवाली का बीडीपीओ घोटालेबाज!


दो जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ रहस्योद्घटन, साढ़े तीन लाख में से एक लाख का घपला
डबवाली (लहू की लौ) देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला का भूत डबवाली पहुंच गया है। उपमण्डल के गांव मसीतां में प्रस्तावित खेल स्टेडियम के निर्माण से पहले खरीदे गए सामान में बड़ा घपला सामने आया है। दो अधिकारियों की जांच के दौरान पाया गया कि सामान को बाजार भाव से ऊंची दरों में खरीदा गया। वहीं सामान के वजन तथा मोटाई में भी अंतर निकला है। साढ़े तीन लाख के सामान में करीब एक लाख घपला उजागर हुआ है। तीन माह के भीतर आई दो जांच रिपोर्ट में खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली को राजकोष का 'घोटालेबाजÓ तय किया गया है।
नींव रखी नहीं, सामान पहुंचा
गांव मसीतां में निर्माणाधीन खेल स्टेडियम के हाल कमरे का निर्माण होना है। जिसका नींव पत्थर अभी तक नहीं रखा गया है। लेकिन हाल कमरे के लिए खिड़की, दरवाजे, रोशनदान, ग्रिल बगैरा का निर्माण पहले ही हो लिया। यह सारा सामान प्रस्तावित खेल स्टेडियम स्थल पर पहुंच गया। सामान का निर्माण बीडीपीओ डबवाली द्वारा करवाया गया था। बीडीपीओ ने सामान के बदले 3 लाख 74 हजार 333 रूपए का भुगतान किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने सामान के निर्माण में गोलमाल की आशंका जाहिर की। गांव के सरपंच शिवराज सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि सरपंच पद के लिए चुनाव जून 2010 में हुए थे। 25 जुलाई को उसने सरपंच पद की शपथ ग्रहण करनी थी। लेकिन इससे पूर्व ही बीडीपीओ ने बैंक से 3 लाख 74 हजार 333 रूपए निकलवा लिए और इन पैसों को उपरोक्त सामान पर खर्च किया हुआ दिखा दिया।
जांच से कर दिया था इंकार
सरपंच की शिकायत पर उपायुक्त ने डीडीपीओ को जांच के आदेश दिए। लेकिन डीडीपीओ ने इस मामले की जांच करने से इंकार कर दिया। जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल के पास आ गई। एसडीएम ने मामले की जांच एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को सौंप दी। एसडीई ने 1 अप्रैल 2011 को अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम डबवाली को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट
पंचायती राज के एसडीई शेषकरण बिश्नोई ने एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने खरीदे गए सामान का जो बिल प्रस्तुत किया है उसमें दरवाजों की मोटाई 14 गेज, माप 2018 फुट दर्शाई गई है। जबकि वास्तविक मोटाई 16 से 18 गेज है तथा माप 1971.31 फुट है। इनमें लगे पल्लों की लम्बाई बिल में 18 गेज तथा क्षेत्रफल 1123.19 वर्गफुट दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक मोटाई 19 गेज है तथा कुल क्षेत्रफल 1057.35 वर्गफुट है। इसी प्रकार ग्रिल का वजन बिल में 1238 किलोग्राम दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक वजन 787 किलोग्राम है। कब्जों की संख्या 496 की बजाए मौके पर 467 नग मिले हैं। खरीद किए गए इस सामान का बाजार मूल्य 55 रूपए, 90 रूपए तथा 55 रूपए का है, जबकि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इसकी अदायगी 72 रूपए, 105 रूपए तथा 60 रूपए के हिसाब से की गई है। जांच में सामने आया है कि खरीदे गए सामान पर 99703 रूपए  अधिक खर्च किए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अधिक दरों पर की गई खरीद से खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डबवाली ने राजकोष को जानबूझकर नुक्सान पहुंचाया है।
दूसरी रिपोर्ट भी खिलाफ
पंचायती राज के एसडीई की जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली ने उपायुक्त सिरसा से दोबारा जांच की मांग की। बीडीपीओ की मांग पर उपायुक्त ने पीडब्ल्यूडी सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान को जांच का दायित्व सौंपा। उनकी जांच में भी बीडीपीओ को राजकोष के नुक्सान को दोषी करार दिया गया है। दोनों ही रिपोर्ट उपायुक्त के पास भेजी गई हैं।

जांच के संबंध में ये बोले अधिकारी
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली (बीडीपीओ) द्वारा जिस दर पर सामान खरीदा गया है, वह बाजार मूल्य से काफी अधिक है। वहीं सामान के वजन तथा गिनती में भी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष का दुरूपयोग किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंप दी है।
-शेषकरण बिश्नोई, एसडीई पंचायती राज


उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने गांव मसीतां में प्रस्तावित स्टेडियम के लिए खरीदे गए सामान की जांच की थी। सामान का वजन, मूल्य तथा बिलों में दर्शाई गई गिनती में काफी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष को करीब करीब एक लाख रूपए की चपत लगाई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है।
-एमएस सांगवान, एक्सीयन पीडब्ल्यूडी सिरसा

जांच के लिए डीडीपीओ के इंकार करने पर उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को जांच का कार्यभार सौंपा था। उनकी जांच में बीडीपीओ सरकारी पैसे के दुरूपयोग का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट को उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम

वह बिल्कुल पाक साफ है। उसने कोई घोटाला नहीं किया। जांच में आया है कि उसके द्वारा खरीदे गए सामान की मोटाई अधिक है, जबकि उसने कम मोटाई के सामान पैसे दिए हैं। वह हर जांच रिपोर्ट का स्वागत करता है और उसका सामना करने के लिए तैयार है।
-राम सिंह, बीडीपीओ डबवाली



कार्रवाई में आनाकानी क्यों?
दो जांच अधिकारियों द्वारा सामान खरीद घोटाले का पर्दाफाश करने के बावजूद भी प्रशासन ढिलमुल रवैया अपनाए हुए है। बीडीपीओ राम सिंह के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के दो माह बीतने के बावजूद भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया है। जिला प्रशासन बीडीपीओ के खिलाफ केस दर्ज करवाकर, बीडीपीओ को कानूनी सजा दे। डबवाली में रहते हुए बीडीपीओ द्वारा किए गए सभी कार्यों की विभागीय कार्रवाई भी आरंभ करे। अगर ऐसा नहीं होता तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
-शिवराज सिंह सरपंच ग्राम पंचायत मसीतां एवं अध्यक्ष सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली

02 जुलाई 2011

मरहम लगाने वाली पेंशन ने पेंशन धारकों को रूलाया


डबवाली (लहू की लौ) तीन माह के बाद विधवा, विकलांग और बुढ़ापा पेंशन का वितरण शुरू किया गया। यह पेंशन भी शहर के 19 वार्डों में से मात्र वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों के लिए आई। लेकिन पेंशन लेने पहुंचे वार्ड के लोगों से भद्दा मजाक हुआ। स्मार्ट कार्ड होने के बावजूद उनके नाम लिस्ट से गायब मिले। वहीं विधवा पेंशन धारकों को कम पेंशन थमा दी गई। सूची में नाम न मिलने और कम पेंशन थमाने से पेंशन धारकों की आंखों से अश्रुधारा बह उठी। पार्षदों ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देकर घर भेजा।
शुक्रवार को नई अनाज मण्डी रोड़ पर स्थित अरोड़वंश धर्मशाला में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र कुमार तथा विनोद शहर के वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों को पेंशन बांटने के लिए पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार वार्ड के पेंशन धारक अपने स्मार्ट कार्ड लेकर मौका पर आ गए। लेकिन अधिकांश पेंशन धारक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके नाम ही फिनो कंपनी की पेंशन वितरण सूची में नहीं है। जबकि वे वार्ड नं. 10 के स्थाई निवासी हैं। पेंशन वितरण सूची में अपना नाम गायब देखकर पेंशन धारकों ने बवाल खड़ा कर दिया। वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 12 के पार्षद रमेश बागड़ी मौका पर पहुंचे। उन्होंने पेंशन धारकों का पक्ष लेते हुए पेंशन वितरण करने आए फिनो कंपनी के एजेंटों को खूब खरी-खोटी सुनाई।
बुढ़ापा पेंशन लेने पहुंचे 70 वर्षीय देसराज ने बताया कि वह वार्ड नं. 10 में रहता है और वहीं से वोट पोल करता है। स्मार्ट कार्ड बनाने के समय उसने अपना वार्ड नं. 10 लिखवाया था। लेकिन जो स्मार्ट कार्ड उसे दिया गया है, उस पर उसे वार्ड नं. 7 का निवासी दिखा दिया गया है। वह चार माह के बाद पेंशन लेने आया तो उसे यह कहकर टरका दिया गया कि उसका नाम सूची में नहीं है।
इसी वार्ड के विकलांग विपिन कुमार (25) ने बताया कि उसे कई वर्षों से विकलांग पेंशन मिल रही है। लेकिन फिनो कंपनी ने उसका स्मार्ट कार्ड ही नहीं बनाया। अब उसे पेंशन से ही वंचित रखा जा रहा है। उसने कहा कि सरकार विकलांगों को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन पेंशन न देकर उनका सरेआम मजाक उड़ा रही है। इस पेंशन धारक ने यह भी शिकायत की कि सरकार शायद नहीं चाहती कि विकलांग समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। इसलिए उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है।
विधवा इसरो देवी ने बताया कि जब नगरपालिका द्वारा पेंशन वितरण की जाती है, तो उसे 750 रूपए प्रति माह के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन इस बार चार माह के बाद तीन माह की पेंशन आई है। वह भी फिनो कंपनी द्वारा 550 रूपए प्रति माह के हिसाब से तीन माह की पेंशन 1650 रूपए दी गई है। पार्षद टेकचंद छाबड़ा तथा रमेश बागड़ी ने कहा कि मात्र एक वार्ड में पेंशन का वितरण किया गया। इस वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलने से सरकार की नीति उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि जो पेंशन, पेंशन धारकों के लिए राहत बननी थी, वह आंसू बनकर बाहर टपकी है। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार अनियमितताएं जारी रही तो पेंशन धारकों में सरकार के प्रति विद्रोह की चिंगारी फूट पड़ेगी और पेंशन धारक मजबूर होकर सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने इन अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की।
इस संदर्भ में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र तथा विनोद ने बताया कि उन्हें जिस प्रकार के आदेश हुए हैं और जो सूची व राशि उपलब्ध करवाई गई है, वे उसी के अनुसार ही इसका वितरण कर रहे हैं। इसमें अनियमितताओं के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एजेंटों के अनुसार विधवा पेंशन के संदर्भ में अपने अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि उपरोक्त मामला उनके नोटिस में आया है। जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी सुभाष मोंगा को इससे अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुभाष मोंगा ने बताया कि वे इस समय ट्रेनिंग पर गुडग़ांव गए हुए हैं। उनके ध्यान में उपरोक्त मामला आया है। उन्होंने ठेकेदार एक्सीस बैंक तथा फिनो कंपनी के अधिकारियों को शैड्यूल जारी करने के निर्देश दिए हैं। विधवा पेंशन धारकों से जो भेदभाव हुआ है, उसकी भी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
एक्सीस बैंक सिरसा के मैनेजर कवरजीत भारद्वाज ने कहा कि सूची में जो विसंगतियां पाई गई हैं, उसे जल्द दूर किया जाएगा। जिनको पेंशन कम मिली है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। चूंकि उनका बैलेंस उनके खाते में जमा रहेगा। जब आगे पेंशन मिलेगी, तब यह बकाया राशि भी उसे मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नई योजना होने के कारण समस्याएं आ रही हैं। 10 जुलाई तक आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया जाएगा। शीघ्र ही पेंशन वितरण का शैड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा।

रेलगाडिय़ों के समय में परिवर्तन


डबवाली (लहू की लौ) भारत सरकार के रेल विभाग ने एक जुलाई से रेल समय सारिणी को बदलते हुए गाडिय़ों के समय में कुछ परिवर्तन किया है।
यह जानकारी देते हुए डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि हनुमानगढ़-बठिंडा रेलवे लाईन पर आने-जाने वाली गाडिय़ों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। जिसमें गुवहाटी-लालगढ़ एक्सप्रेस 15609 जो डबवाली रेलवे स्टेशन पर 6.12 से 6.14, जम्मूतवी-अहमदाबाद 19224 का समय 19.21 से 19.36, अबोहर बङ्क्षठडा-जोधपुर 54703 का समय 22.36 से 22.41, हरिद्वार-कालका-बाड़़मेर 14881 का समय 5.11 से 5.16, बठिंडा-लालगढ़ 54701 का समय 11.46 से 11.51, बठिंडा-बीकानेर 59711 का समय 15.52 से 15.57 कर दिया गया है। इसी प्रकार लालगढ़-गुवहाटी एक्सप्रेस 15610 का समय रात्रि 0.38 से 0.40, जोधपुर-बठिंडा 54704 का समय 4.10 से 4.15, अहमदाबाद-जम्मूतवी 19223 का समय 6.53 से 6.58, बीकानेर-बठिंडा 59712 का समय 11.17 से 11.22, लालगढ़-बठिंडा 54702 का समय 15.10 से 15.15, बाड़मेर-कालका-हरिद्वार 14888 का समय 22.02 से 22.07 तक कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जन्मभूमि एक्सप्रेस-अहमदाबाद से उद्यमपुर का डबवाली से गुजरने का समय 5.04 से 5.18, जबकि इसी गाड़ी का उद्यमपुर से अहमदाबाद से बिना रूके समय 8.47 का है।

प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ पंचायत का रिकॉर्ड जलकर खाक


डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार शाम को गांव गंगा के पास एक कार सड़क किनारे खड़े वृक्ष से टकरा गई। जिससे कार में आग लग गई। कार में रखा ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड धू-धू कर जल गया। जबकि कार चालक और कार में सवार एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गुरूवार को उसका भतीजा लीलाधर तथा गांव का प्रेम कुमार ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड को फोटो स्टेट करवाने के लिए उसकी गाड़ी पर डबवाली लाए थे। लेकिन रिकॉर्ड फोटो स्टेट करवाने के बाद जब वे वापिस लौट रहे थे तो गांव गंगा रकबा में उनकी गाड़ी के आगे अचानक नील गाय आ गई। अनियंत्रित होकर गाड़ी सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से जा टकराई। जिससे कार में आग लग गई। पंचायत का रिकॉर्ड भी जल गया।
सरपंच के अनुसार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से कार चालक लीलाधर तथा प्रेमकुमार घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया गया। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2005 से लेकर अब तक पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्यों का काफी रिकॉर्ड कार में लगी आग से जल गया।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्हें रात्रि करीब 9 बजे कार दुर्घटना की सूचना मिली थी। वे करीब 10.15 बजे मौका पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह जल गई है। कार गैस पर थी और कार के वृक्ष से टकराने से गैस को आग लग गई। उसमें रखा पंचायत का रिकॉर्ड जल गया। उन्होंने बताया कि लीलाधर के ब्यान पर इसे इत्तेफाकिया माना गया है। उनके अनुसार इस दुर्घटना में कार बिल्कुल जल गई है।

बस-बाईक टक्कर में युवक की दर्दनाक मौत, एक गंभीर


डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे पर सेमनाला के पास एक प्राईवेट बस-बाईक टक्कर में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
गांव हैबूआना निवासी फौजी सिंह पुत्र छिन्द्र सिंह तथा गुरप्रीत सिंह (20) पुत्र पप्पी सिंह गुरूवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे अपने गांव हैबूआना लौट रहे थे। बाईक को फौजी सिंह चला रहा था। सेमनाला के पास उनकी बाईक एक बस से टकरा गई। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को सिरसा रैफर कर दिया गया। जिसमें से गुरप्रीत ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से एमएलआर मिल गई है। जांच जारी है।

नहीं निकलने दिया शहर का पानी


डबवाली (लहू की लौ) मानसून की पहली बरसात राहत के साथ आफत लेकर आई। गुरूवार सुबह सवेरे आई रिमझिम बूंदों से मौसम खुशनुमा हो उठा। लोगों ने गर्मी से राहत पाई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी न होने से यह बरसात आफत भी बन गई। जगह-जगह पानी का ठहराव हो गया। पंजाब के किसानों ने एकबारगी फिर हरियाणा के पानी को उनके खेतों में छोडऩे पर जनस्वास्थ्य विभाग को खबरदार किया।
यहां ठहरा पानी
बरसात लगभग घंटा भर चली। लेकिन जीटी  रोड़, बस स्टैण्ड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, सब्जी मण्डी क्षेत्र, मेन बाजार, कलोनी रोड़, चौटाला रोड़, न्यू बस स्टैण्ड रोड़, कबीर चौक, नई अनाज मण्डी रोड़, लहर बाजार, पब्लिक क्लब क्षेत्र, जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय क्षेत्र बरसाती पानी से जलमग्न हो गया। देर शाम तक भी इस पानी की निकासी नहीं हो पाई।
मानसून की पहली दस्तक के साथ ही शहर में जमा हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने पंजाब क्षेत्र में पड़ते अपने डिस्पोजल को चलाया। यह पानी पंजाब के किसानों के खेतों में अक्सर जनस्वास्थ्य विभाग छोड़ता है। आज भी विभाग ने कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया। लेकिन पंजाब के किसान विभाग की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनके खेतों में पानी छोड़ा गया तो वे मामले को पुलिस के पास ले जाएंगे। पिछले वर्ष भी पंजाब के किसान लामबंद होकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ पुलिस में पहुंच गए थे।
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे तक किसानों तथा जनस्वास्थ्य विभाग के बीच पानी निकासी को लेकर कशमकश चलती रही। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। आखिर जनस्वास्थ्य विभाग ने रामबाग के पास पड़ी भूमि पर एक एकड़ में 12 फुट गहरा खड्डा खोदकर पानी की निकासी की।जनस्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि इस बार मानसून 31 जुलाई को आएगा। इसलिए विभाग ने शहर में बने सीवरेज के 5300 मेन होल की सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। लेकिन अनुमान के विपरीत मानसून पहले आ जाने से विभाग की योजना पर पानी फिर गया। सीवरेज हौज की सफाई के दौरान जो गाद निकाली गई थी, वह फिर से बरसात आने से पानी के साथ ही सीवरेज हौज में चली गई।
बरसाती पानी से निबटने के लिए विभाग ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से 215 स्क्रिनिंग चैम्बर, 50 लाख रूपए की लागत से 20 बोर का निर्माण शहर के विभिन्न कोनों में करना था। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए स्वीकृति हेतू सरकार के पास भेजा गया था।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने स्वीकार किया कि बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उपरोक्त योजना सरकार के पास भेजी गई थी। लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह योजना भी चल रही है कि पंजाब के डिस्पोजल पर भार कम करने के लिए नई अनाज मण्डी रोड़ क्षेत्र को चौटाला रोड़ पर बने डिस्पोजल से जोड़ दिया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल रामबाग के पास बनाए गए बड़े खड्डे ही बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विकल्प हैं।

कनेक्शन योजना में फिक्सिंग


बीपीएल परिवारों के लिए आई लाखों रूपए कीमत की बिजली कनेक्शन किटें गायब
डबवाली। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को सरकार ने सस्ती दर पर कनेक्शन देकर बिजली का सपना दिखाया। लेकिन यह सपना जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों तक पहुंचते-पहुंचते क्रिकेट मैच की तरह 'फिक्सÓ हो गया। फिक्सिंग के चलते गरीब परिवारों के घरों के लिए आई लाखों रूपए की किटें गायब कर दी गई। निगम के उच्च अधिकारी भी दबी जुबान से इस योजना में 'फिक्सिंगÓ होने की बात कबूलते हैं।
योजना इस प्रकार
हरियाणा सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए एक योजना तैयार की थी। जिसके तहत मात्र 10 रूपए में उनके घरों पर मीटर लगाकर बिजली का कनेक्शन देना था। जिला सिरसा में उस समय बीपीएल परिवारों की संख्या 47 हजार 600 थी। जिनमें से योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने के लिए 19 हजार 247 परिवारों को चुना गया था। चयनित बीपीएल परिवारों के घरों तक बिजली पहुंचाने और मीटर लगाने का ठेका बिजली निगम ने दिल्ली की फर्म अरावली इंफरा पॉवर लि. को दिया था। इस निजी फर्म ने अपना काम शुरू करते हुए जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों के घरों में मीटर लगाने शुरू कर दिए और जिन घरों में मीटर लगाए गए उनकी रिपोर्ट निगम को प्रेषित कर दी।
शिकायत से खुला राज
प्राईवेट फर्म का कार्य पूरा होने की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद निगम ने बीपीएल परिवारों से निर्धारित बिल लेने के लिए अपनी कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत बिल भी संबंधित परिवारों को भेज दिए गए। लेकिन बिल पहुंचते ही जिन बीपीएल परिवारों को यह सुविधा नहीं मिली थी, उन परिवारों ने लम्बे-चौड़े बिल देखकर इस मामले को निगम के अधिकारियों के समक्ष उठाया। शिकायत मिलने पर निगम के उच्च अधिकारियों की आंख खुली। शिकायतों की फेहरिस्त लम्बी होती देख निगम ने सर्वे करानी की ठानी। सर्वे में जो रिपोर्ट मिली, उसने उच्च अधिकारियों को चौंका दिया। सर्वे में पाया कि करीब 450 बीपीएल परिवारों तक यह योजना पहुंची ही नहीं।
क्या रहा कारण
सरकार की योजना को अमलीजामा पहनाने और गरीब परिवारों तक शीघ्र इस सुविधा को पहुंचाने के लिए बिजली निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में ठेकेदार फर्म की मार्फत इसके लिए बिचौलिए तैयार किए। इन बिचौलियों के माध्यम से ही गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन की किटें वितरित की गई।  जिला सिरसा के 19 हजार 247 बीपीएल परिवारों के लिए आई किटों में से 450 गरीब परिवारों तक ये पहुंची ही नहीं। बल्कि बिल जरूर पहुंच गए।
सर्वे से खुलासा, जांच जारी
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के एसई (निर्माण) आरके सोढ़ा ने स्वीकार किया बीपीएल परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन के आई करीब 450 किटें गायब मिली हैं। निगम को शिकायत मिली थी कि बिना कनेक्शन के ही बीपीएल परिवारों को बिल भेजे जा रहे हैं। इस पर सर्वे करवाया गया। सर्वे में किटें गायब होने का खुलासा हुआ। उनके अनुसार किटें बिचौलियों के जरिए जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई गई थी। फिलहाल जांच की जा रही है ये किटें मार्ग में कहां गायब हुई हैं। उनके अनुसार कनेक्शन के लिए एक किट करीब 2500 रूपए की है। उन्होंने कहा कि अगर किटें नहीं मिलती तो संबंधित ठेकेदार फर्म से इसकी राशि वसूली जाएगी।

29 जून 2011

कच्चे मार्ग से संगरिया से लाया गया चूरा पोस्त पकड़ा


डबवाली (लहू की लौ) रोड़ी क्षेत्र में सप्लाई करने के लिए लेजाए जा रहे 24 किलो 200 ग्राम चूरा पोस्त सहित थाना सदर पुलिस ने एक व्यक्ति को काबू किया है। जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब रहे। ये लोग चूरा पोस्त को राजस्थान के संगरिया से खरीदकर कच्चे रास्ते के जरिए गांव अबूबशहर पहुंचे थे। यहां बस पकडऩे के लिए नहर की पटरी के किनारे बैठ गए।
सोमवार शाम को थाना सदर पुलिस के एएसआई आत्मा राम, एएसआई बलवंत सिंह, सिपाही रणजीत सिंह, चालक भूप सिंह गश्त पर थे। इस दल की नजर गांव अबूबशहर क्षेत्र में राजस्थान कैनाल की पटरी पर प्लास्टिक के गट्टे के ऊपर बैठे तीन लोगों पर पड़ी। इन लोगों पर संदेह होने के कारण पुलिस ने गाड़ी उनकी ओर कर ली। पुलिस को अपनी ओर आता देख तीनों गट्टे को वहीं छोड़कर भागने लगे। पीछा करते हुए पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया। जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब रहे। एएसआई आत्मा राम ने बताया कि तालाशी लेने पर पुलिस को गट्टे चूरा पोस्त बरामद हुआ। जोकि तोल करने पर 24 किलो 200 ग्राम था। पकड़े गए आरोपी ने अपनी पहचान बंदरपत्ती रोड़ी निवासी पप्पू (40) पुत्र राम लाल के रूप में करवाई।
एएसआई आत्मा राम के अनुसार पूछताछ करने पर आरोपी पप्पू ने पुलिस को बताया कि वह पिछले दस सालों से एरिया में चूरा पोस्त तस्करी का धंधा करता है और इसे खाता भी है। सोमवार को वह गांव के ही पृथ्वी सिंह तथा गुरनाम सिंह के साथ संगरिया से 800 रूपए प्रति किलोग्राम चूरा पोस्त खरीदकर वापिस रोड़ी जा रहा था। संगरिया से अबूबशहर तक वे लोग कच्चे रास्ते होते हुए पैदल पहुंचे। उसने यह भी बताया कि उन्होंने इसे 1000 से लेकर 1200 रूपए तक आगे सप्लाई करना था।
जांच अधिकारी एएसआई आत्मा राम ने यह भी बताया कि पड़ौसी राज्य पंजाब में नशा तस्करी के आरोप में पप्पू पर कई मामले दर्ज हैं। उनके अनुसार पप्पू, फरार हुए पृथ्वी सिंह तथा गुरनाम सिंह पर मामला दर्ज कर लिया गया है। फरार हुए आरोपियों को शीघ्र काबू कर लिया जाएगा। चूरा पोस्त तस्करी में पकड़े गए पप्पू को मंगलवार को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा एनके सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

बेटे के लिए मां बनी मजदूर


कुदरत से संघर्षरत पिता ने इलाज के लिए सबकुछ लुटाया
डबवाली (लहू की लौ) अपने कलेजे के टुकड़े को बचाने के लिए माता-पिता कुदरत से लड़ रहा है। इस लड़ाई में विजय पाने के लिए मां ने मजदूर बनना स्वीकार किया और पिता ने इलाज पर अपना सबकुछ लूटा दिया।
गांव अलीकां का रहने वाला जसप्रीत उर्फ जसकरण सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे संदीप (15), कुलदीप (13) तथा एक बेटी (11) है। करीब पांच साल पूर्व वह अपने बड़े बेटे संदीप के साथ ट्रेक्टर पर गांव लौट रहा था। रास्ते में अचानक ट्रेक्टर पलट गया। जिससे संदीप बुरी तरह से घायल हो गया। पांच साल बीतने के बावजूद आज भी संदीप बिस्तर पर पड़ा है। उसके मूत्रमार्ग वाली नली सिकुड़ गई थी। मूत्र करने के लिए वह नली का सहारा ले रहा है। यह नली हर पंद्रह दिनों बाद बदली जाती है, जिस पर करीब 500 रूपए की लागत आती है। यही नहीं इन पांच सालों के दौरान जसप्रीत अपने बेटे को इलाज के लिए डबवाली के साथ-साथ पड़ौसी राज्य राजस्थान के शहर बीकानेर के निजी अस्पतालों में ले जा चुका है। लेकिन संदीप की हालत में कोई सुधार नहीं है।
बिस्तर पर पड़े बेटे की चिंता मजदूरी करके पेट पालने वाले जसप्रीत को खाई जा रही है। रिश्तेदारों, गांव वालों से इक्ट्ठी हुई राशि को वह खर्च कर चुका है। यही नहीं अपने बेटे के लिए वह एक भैंस तथा चार बकरी भी बेच चुका है। बीकानेर से डॉक्टर ने जवाब दे दिया। लेकिन जसप्रीत हार मानने वालों में से नहीं। उसे उम्मीद है कि उसका बेटा संदीप अच्छा-भला होगा। इसी उम्मीद के साथ वह कुदरत से लड़ रहा है।
उम्मीद को जिंदा रखे हुए गांव अलीकां का जसप्रीत उर्फ जसकरण मंगलवार को सरकारी अस्पताल में पहुंचा तथा चिकित्सकों से अपने बेटे के जीवन की गुहार लगाई। कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने सहायता के आवेदन को उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के पास भेज दिया। उपमण्डलाधीश ने इस संदर्भ में डॉ. एमके भादू को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए।
अपने घायल बेटे की तस्वीर सीने से लगाए जसप्रीत ने बताया कि वह अपने बेटे के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। हालांकि इलाज करवाने में आए खर्च के बाद उसकी धर्मपत्नी सुखजीत कौर मजदूरी करने के लिए मजबूर होगी गई है। लेकिन उसने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। उसका मन और दिल कहता है कि मेरा संदीप जरूर ठीक होगा।
कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि उन्होंने संदीप की बीमारी से संबंधित रिपोर्टों का अध्ययन किया है। अध्ययन के दौरान उन्हें मालूम हुआ है कि संदीप की मूत्र नाली सिकुड़ गई है। जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज स्तर के अस्पताल में सर्जरी से संभव है। यह सुविधा डबवाली अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, इसलिए उन्होंने राय दी है कि संदीप का इलाज रोहतक मेडिकल कॉलेज से करवाया जाए।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि प्रशासन द्वारा 15 वर्षीय संदीप की जिन्दगी बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने उपायुक्त सिरसा से अनुमति भी मांगी है। अनुमति मिलते ही संदीप को इलाज के लिए अच्छे अस्पताल में लेजाया जाएगा। अस्पताल तक लेजाने के लिए एम्बुलैंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

26 जून 2011

हत्यारोपी मां के साथ दूधमुंही बच्ची भी गई जेल


बलदेव नाथ हत्याकांड : हत्यारोपी बाजार नाथ एक दिन के रिमांड पर
डबवाली (लहू की लौ) रूठी बीवी को मनाने के लिए ससुराल आए दामाद की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने मृतक की पत्नी, सास तथा साले को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को शनिवार को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा नरेश कुमार सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने महिलाओं को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जबकि मृतक के साले को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि हत्यारोपी महिला के साथ उसकी तीन माह की दूधमुंही बेटी भी जेल में गई है।
सिरसा की जेजे कलोनी का रहने वाला बलदेव नाथ (30) 20-21 जून को गांव डबवाली में अपने ससुराल में अपनी पत्नी सुरती बाई (28) को लेने के लिए आया हुआ था। 21 जून की सुबह उसका शव एक कीकर के नीचे पड़ा मिला। उस समय बलदेव नाथ के परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की। पीजीआई रोहतक के चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या किए जाने का खुलासा किया। रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई (40) निवासी बरनाला रोड़, सिरसा के ब्यान पर मृतक की पत्नी सुरती बाई, सास ठरिया बाई तथा दो सालों बाजार नाथ तथा अंग्रेज नाथ के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी। शुक्रवार रात को पुलिस ने सुरती बाई, ठरिया बाई तथा बाजार नाथ को गिरफ्तार कर लिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक बलदेव नाथ समुदाय से था। समुदाय की परंपरा अनुसार उसकी शादी गांव पन्नीवाला मोटा हाल गांव डबवाली निवासी सुरती बाई के साथ हुई थी। परंपरा के मुताबिक ही उसकी बहन शिमला बाई की शादी सुरती के भाई बाजार नाथ से कर दी गई। शिमला बाई तथा बाजार नाथ के सात बच्चे हुए। लेकिन पिछले तीन साल से शिमला बाई बाजार नाथ को छोड़कर अपने देवर लोहार नाथ के साथ सिरसा के बरनाला रोड़ पर रहने लगी। बाजार नाथ बगैरा ने भरसक प्रयास किए लेकिन शिमला बाई वापिस नहीं आई। बाजार नाथ बगैरा सुरती बाई को अपनी ननद तथा उसके घरवालों को समझाने के लिए कहने लगे। लेकिन सुरती बाई के प्रयास भी नाकाफी रहे।
एसआई महावीर ने बताया कि इसी बात को लेकर दोनों परिवारों में मनमुटाव चला आ रहा था। बलदेव नाथ शराब पीने का आदि था। सुरती बाई अपने पति की शराब की लत तथा उपरोक्त विवाद के चलते गांव डबवाली में मायके आकर रहने लगी। घटना से कुछ दिन पूर्व बलदेव नाथ अपनी पत्नी को मनाने के लिए ससुराल आया हुआ था। 20 जून की रात को उपरोक्त विवाद को लेकर बाजार नाथ, सुरती बाई, ठरिया बाई तथा अंग्रेज नाथ का बलदेव नाथ से गाली-गलौज हो गया। मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। आरोपियों ने बलदेव नाथ की पिटाई शुरू कर दी। बाजार नाथ ने कंधाली (तेजधार हथियार) से बलदेव के सिर पर वार किया। जिससे वह वहीं ढ़ेर हो गया। हत्या के बाद आरोपियों ने बलदेव नाथ को कीकर के वृक्ष के पास लेटा दिया और मामला आत्महत्या का दिखाने की कोशिश की। 21 जून की सुबह बलदेव की आत्महत्या की खबर उसके परिजनों को दे दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार रात को सुरती बाई, ठरिया बाई तथा बाजार नाथ को गिरफ्तार कर लिया गया था। शनिवार को हत्यारोपियों को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा नरेश कुमार सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी महिलाओं को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जबकि बाजार नाथ को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। इस दौरान पुलिस हत्या में प्रयुक्त किए गए तेजधार हथियार तथा फरार आरोपी अंग्रेज नाथ का पता लगाएगी।
मां के साथ दूधमुंही बच्ची भी गई बोस्टल जेल
बलदेव नाथ की हत्या के आरोप में पकड़ी गई सुरती बाई को पुलिस ने शनिवार को सिरसा कोर्ट में पेश किया। उस समय उसके साथ उसकी दूधमुंही बेटी रेखा (तीन माह) भी थी। जो बिलख रही थी। अदालत ने सुरती बाई को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जिसके चलते तीन माह की मासूम रेखा भी अपनी मां के साथ जेल काटने के लिए हिसार रवाना हो गई। इधर घटनाक्रम से अंजान सुरती के तीन बेटे संदीप नाथ (6), मनदीप नाथ (4) तथा मनप्रीत नाथ (2) अपनी चाची किलपा बाई के पास रह गए।

25 जून 2011

नशा मुक्ति केंद्र का संचालक टोंटी चोर!


डबवाली (लहू की लौ) मलोट रोड़ पर चौ. देवीलाल पार्क क्षेत्र में सार्वजनिक जगह पर लगी टोंटी चोरी करते हुए लोगों ने एक नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को रंगे हाथों काबू कर लिया। नशा छुड़ाने वाला नशा मुक्ति केंद्र का यह संचालक नशे में था।
चौ. देवीलाल पार्क क्षेत्र में करीब एक माह से सार्वजनिक स्थलों पर लगी टोंटियां चोरी होने का सिलसिला बददस्तूर जारी था। पार्क के पास खड़े जीप चालक रोजाना अपनी जेब से पैसे खर्च करके टोंटी लगाते। अगली सुबह टोंटी गायब मिलती। रोज-रोज की चोरी से तंग आए जीप चालकों ने टोंटी चोर का पता लगाने की ठानी। इसके लिए गुरूनानक जीप यूनियन के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह फौजी तथा शेर ए पंजाब जीप यूनियन के अध्यक्ष सोहनी लाल ने अन्य जीप चालकों के साथ मिलकर एक चार सदस्यीय टीम का गठन किया। इस टीम में जीप चालक मंदर सिंह घुमियारा, शिवराज सिंह, दलजीत सिंह तथा पुलिस कर्मी शिवराज सिंह शामिल थे। इस टीम ने गुरूवार की पूरी रात जागकर बिताई।
टीम के सदस्य मंदर सिंह, शिवराज सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह करीब पौने चार बजे एक व्यक्ति पार्क के पास लगे प्याऊ पर आया और उस पर लगी टोंटी उतार ली। जब उन लोगों ने उसे फटकार लगाई तो उसने टोंटी वहीं एक स्थान पर रख दी और आराम से पार्क के पास पड़े एक मेज पर बैठ गया। पूछताछ करने पर उसने अपने आपको पशु मण्डी के नजदीक स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र का संचालक बताया। जीप चालकों ने बताया कि उन लोगों ने उपरोक्त चोर के परिजनों से संपर्क साधा। परिजनों ने बताया कि वह मानसिक तौर पर परेशान है। मानसिक परेशानी में इस प्रकार की ऊल-जलूल हरकतें करता रहता है। इससे पहले की जीप चालक मामले को पुलिस में लेजाते, परिजनों के खेद जताने पर मामला ठंडा पड़ गया।

ससुराल में दामाद की हुई थी हत्या



पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा : बलदेव नाथ के सिर पर तेजधार हथियार मारकर की गई थी हत्या

डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में अपने ससुराल आए दामाद ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसकी हत्या की गई थी। इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। थाना शहर पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर चार जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
परिजनों को था हत्या का संदेह
21 जून को सिरसा निवासी बलदेव नाथ अपनी पत्नी सुरती देवी को लेने के लिए अपने ससुराल गांव डबवाली आया हुआ था। यहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ससुराल पक्ष का कहना था कि बलदेव ने फांसी खाई है। जबकि सूचना पाकर डबवाली आए बलदेव के भाई बन्ना नाथ, चचेरे भाई सुखदेव नाथ ने उसके शरीर पर चोटों के निशान देखकर हत्या की आशंका जताई थी। उस समय पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई निवासी सिरसा के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की।
पीजीआई रोहतक में हुआ पोस्टमार्टम
मृतक के परिजनों द्वारा हत्या की आशंका व्यक्त किए जाने पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करने के लिए यहां के सरकारी अस्पताल के एसएमओ से बोर्ड गठित करने का अनुरोध किया। पुलिस के अनुरोध पर सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने डॉ. बलेश तथा डॉ. पंकज गुप्ता पर आधारित दो सदस्यीय बोर्ड गठित कर दिया। लेकिन मामला हत्या और आत्महत्या के बीच उलझा होने के कारण बोर्ड ने शव को सिरसा रैफर कर दिया। पोस्टमार्टम के लिए सिरसा में भी डॉ. मुनीष, डॉ. अमित नारंग तथा डॉ. नीलू पर आधारित तीन सदस्यीय बोर्ड गठित किया गया। लेकिन केस पेचीदा होने की वजह से शव को यहां से भी पीजीआई रोहतक रैफर कर दिया गया।
गुरूवार को पीजीआई रोहतक के चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम किया। अपनी रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बलदेव की मौत का कारण सिर पर तेजधार हथियार की चोट बताया। रिपोर्ट से बलदेव की मौत पर सस्पेंस खत्म हो गया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बलदेव ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि उसकी हत्या की गई है। हत्या सिर पर भारी तेजधार हथियार मारकर की गई है। पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई (40) निवासी बरनाला रोड़, सिरसा के ब्यान पर बलदेव नाथ की पत्नी सुरती बाई, साले बाजार नाथ, अंग्रेज नाथ, सास ठरिया बाई निवासी पन्नीवाला मोटा हाल गांव डबवाली के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी है। पुलिस को दिए ब्यान में शिमला बाई ने कहा है कि उसका भाई बलदेव नाथ शराब पीने का आदि था। इसी वजह से उसकी भाभी सुरती देवी तथा बलदेव नाथ में अक्सर कहासुनी होती रहती थी। कुछ समय पूर्व उसकी भाभी गांव डबवाली आकर रहने लगे। अपनी पत्नी को मनाने के लिए उसका भाई अपने ससुराल आया हुआ था
चिकित्सकों की रिपोर्ट 
हमारी राय में इस मामले में मौत का कारण भारी तेजधार वाली वस्तु से सिर पर चोट है। सामान्य स्थिति में ऐसे मामले मौत के लिए पर्याप्त है। लेकिन रासायन का पता लगाने के लिए विसरा लिया गया है, जिसकी जांच रासायनिक विश्लेषक करेगा।

शुक्रवार को अघोषित कटों में बिजली निगम ने बनाया रिकॉर्ड


डबवाली (लहू की लौ) झुलसाती गर्मी के बीच बिजली के अघोषित कटों में लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को निगम ने अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कटों का पहाड़ खड़ा कर दिया। जिससे लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यहां एक ओर आसमान से आग बरस रही है। वहीं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम कट पे कट लगाकर जले पर नमक छिड़क रहा है। गर्मी की छुट्टिया बिताने आए बच्चे अपने घरों को वापिस जाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं आम व्यक्ति से लेकर बड़ा व्यापारी तक परेशान हैं। प्रत्येक वर्ग सरकार तथा उसके बिजली विभाग को कोस रहा है।
गांव चौटाला में अपने नाना सुभाष के घर गर्मियों की छुट्टियां बिताने आए राजस्थान के नगर हनमानगढ़ निवासी मोहित ने बताया कि वह 8वीं का छात्र है। वह अपने नाना के यहां छुट्टिया बिताने आया था। लेकिन यहां लाईट आती ही नहीं, ये उसे मालूम ना था। जबकि उनके यहां एक दफा भी लाईट गुल नहीं होती। मोहित के अनुसार बिजली से तंग आकर वह 25 जून को वापिस अपने घर हनुमानगढ़ लौट रहा है। गांव मौजगढ़ निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि अलीकां, मसीतां, मौजगढ़ लाईन पर निगम की ओर से मात्र दो घंटे ही बिजली दी जा रही है। उन दो घंटों में बिजली कई बार गुल होती है। बिजली न मिलने के कारण ग्रामीणों का जीवन नरक से कम नहीं है। इधर शहर की बिजली व्यवस्था गड़बड़ा गई है। शुक्रवार को अघोषित बिजली कटों के साथ-साथ ट्रिपिंग भी हुई। जिसकी वजह से कई रेफ्रीजरेटर के कंप्रेशरों को नुक्सान पहुंचा।

अलविदा अंग्रेजी सिस्टम


डबवाली रेलवे प्लेटफार्म पर अब नहीं जलाया जाएगा अंग्रेजों का दीया, कलर लाईट सिस्टम होगा शुरू
डबवाली। भारत से अंग्रेजों को गए करीब 64 साल बीत गए हैं। इतना लम्बा समय बीतने के बाद आज भी देश उनकी दी हुई व्यवस्था पर निर्भर होकर आगे बढ़ता रहा है। लेकिन अब भारतीय रेल ने रेलवे में 'ब्रिटिश साम्राज्यÓ के प्रतीकों को खत्म करने की 'क्रांतिÓ छेड़ी हुई है। भारतीय रेल में अंग्रेजी सिस्टम को खत्म कर भारतीय और आधुनिक सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।
देश में रेल व्यवस्था अंग्रेजों ने स्थापित की। अभी तक यही व्यवस्था चल रही है। प्लेटफार्म पर आ रही गाड़ी को रेड या ग्रीन सिग्नल देने के लिए केरोसीन का दीया जलाया जाता था। गाड़ी क्रॉस कराने के लिए लाईन क्लीरेंस जानना जरूरी था। इसके लिए टोकन सिस्टम भी लागू किया गया। जिससे कर्मचारियों को गाड़ी को प्लेटफार्म से निकालते-निकालते करीब 15 मिनट बेकार हो जाते थे। इतनी देर तक फाटक डाऊन रहता। यहीं नहीं गाड़ी मात्र 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती। लेकिन अब भारतीय रेल महकमे ने दीये के सिग्नल से छुटकारा पाने के लिए कलर लाईट सिस्टम शुरू किया है। यह सिस्टम बठिंडा केबिन ए, बी से लेकर डबवाली, गांव बडिंगखेड़ा प्लेटफार्म तक स्थापित किया जा रहा है।
क्या होगा फायदा
स्टेशन मास्टर महेश सरीन ने बताया कि कलर लाईट सिस्टम से पूर्व लैम्प (दीया) सिस्टम लागू था और यह कार्य भी मैनूअल था। लेकिन अब यह सिस्टम हो जाने से स्टेशन मास्टर को उनके कार्यक्षेत्र में गाड़ी के प्रवेश करते ही जानकारी मिल जाएगी। स्टेशन मास्टर तुरंत गाड़ी को सुरक्षित लाईन पर डाल देगा। इस व्यवस्था से गाड़ी 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। लाईन क्लीरिंग में यहां करीब पंद्रह मिनट का समय लगता, वहीं अब मात्र तीन मिनट में प्लेटफार्म पर आई गाडिय़ों को उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि कलर लाईट सिस्टम में रेलवे फाटक बंद होते एक तेज ध्वनि करेगा, ताकि लोगों को मालूम पड़ सके कि फाटक बंद हो रहा है।
सिस्टम को स्थापित कर रही एचबीएल पॉवर सिस्टमस लि. कंपनी के साईट मैनेजर जगजीत सिंह ने बताया कि रेलवे ने तीन करोड़ रूपए में कंपनी को बठिंडा-बीकानेर लाईन पर पड़ते रेलवे स्टेशन पर कलर लाईट सिस्टम स्थापित करने का ठेका दिया है। उनके अनुसार बठिंडा कैबिन ए, बी, गुरूसर सेहनेवाला, संगत, बगवाली, डबवाली तथा बडिंगखेड़ा में यह सिस्टम स्थापित होने में करीब छह माह लग जाएंगे।

मृत रवि जीवित हो उठा!


डबवाली (लहू की लौ) मृत घोषित कोई इंसान कभी घर लौट आए, ऐसा न कभी देखा है और न कभी सुना है। लेकिन गुरूवार को किलियांवाली का मृत घोषित रवि अचानक घर लौट आया। जबकि उसका शव मलोट के सरकारी अस्पताल में पड़ा था।
किलियांवाली पुलिस को गुरूवार सुबह मालवा बाईपास रोड़ पर एक 22 वर्षीय युवक का शव मिला। शव की पहचान के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर संपर्क साधा। लेकिन अचानक किलियांवाली की कबीर बस्ती में रहने वाला वाला 75 साल का बृजलाल मौका पर पहुंचा और शव को अपने सीने से लगाकर फूट-फूटकर रो पड़ा और रोते-रोते उसने कहा कि यह उसका छोटा बेटा रवि है। बृजलाल ने रवि की मौत की सूचना अपने घर पर दी। जिस पर रवि का ताऊ टेकचंद, भाई राजू, विक्की, सोनू, चचेरा भाई शाम लाल उर्फ शामा के साथ गली के अन्य लोग भी मालवा बाईपास पर पहुंच गये और शव को देख कर रोने-चिल्लाने लगे।
रवि की मौत पर उसके घर पर सन्नाटा छा गया, दरियां बिछ गईं, गली के लोग संवेदनाएं प्रकट करने के लिए आने शुरू हो गए। गली के लोग रोते-बिलखते परिवार के लोगों को सांत्वना देने लगे। इधर रवि के पिता बृजलाल, ताऊ टेकचंद तथा भाई सोनू ने पुलिस को ब्यान दिया कि करीब दस साल पूर्व रवि के सिर में चोट आने के कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। अब वह हलवाईयों के साथ समारोहों में जाकर तंदूर पर रोटी बनाने का काम कर रहा था। साथ में उसका इलाज भी चल रहा था। बुधवार शाम को करीब 6 बजे खाना खाने के बाद रवि घर से निकला था। लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटा। किलियांवाली पुलिस ने उपरोक्त तीनों के ब्यान पर कागजी कार्रवाई पूरी करके संदेह प्रकट किया कि लू लगने के कारण रवि की मौत हुई होगी और शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया।
शव को अस्पताल के डैड हाऊस में पहुंचे तीन घंटे ही बीते होंगे कि रवि के भाई सोनू के मोबाइल की घंटी बज उठी। रवि की आवाज सुनकर सोनू सकपका गया। रवि ने बताया कि वह जीवित है, इस पर वहां उपस्थित परिजन कभी शव को देखते और कभी मोबाइल पर आई आवाज का आभास करते। बाद में शव के साथ गए रवि के परिजन पुलिस को यह कहकर लौट आए कि उनका बेटा तो जीवित है। वह घर लौट आया है।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतक युवक की पहचान रवि के रूप में उसके परिजनों ने की थी। परिजनों की पहचान पर ही उन्होंने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए इस शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया था। लेकिन अब परिजन मृत युवक को अपना बताने से इंकार कर रहे हैं और अपने बेटे के घर आने का दावा जता रहे हैं।
मुझे मरा समझ लिया
मैं तो गुरूवार को अग्रवाल धर्मशाला में भोग समारोह में तंदूर पर रोटियां बना रहा था। मंगू हलवाई ने बताया कि वह जीवित यहां है और उसके परिजन घर पर उसकी मौत का मातम मना रहे हैं। वह तुरंत घर पहुंचा और उसने बताया कि वह जीवित है।
-रवि कुमार
फिर यह शव किसका
किलियांवाली चौकी प्रभारी जीत सिंह के अनुसार डॉक्टर की व्यस्तता के चलते उक्त शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। इससे पहले ही उसकी पहचान से पर्दा उठ गया। फिलहाल शव को मलोट के सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में पहचान के लिए रखा गया है। मृतक युवक का कद करीब 5 फुट 6 ईंच है, उम्र करीब 21-22 साल है। युवक ने डार्क ग्रे कलर की जींस पेंट, फरोजी कलर की शर्ट पहनी हुई है। उसके मुंह पर हल्की दाढ़ी है। दाईं बाजू पर अनिता लिखा हुआ है। पुलिस शव की पहचान के लिए प्रयासरत है।

सर्विस स्टेशनों पर लगाम कसने की तैयारी


डबवाली (लहू की लौ) शहर में पेयजल को लेकर बवाल मच रहा है। वहीं दूसरी ओर सर्विस स्टेशनों पर पानी व्यर्थ में बहाया जा रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर उपमण्डलाधीश ने जनस्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश देते हुए व्यर्थ बहा रहे पानी को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीई को एक आदेश देकर कहा है कि शहर में इस समय गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। लोग पानी के लिए मारामारी कर रहे हैं। इसके विपरीत सर्विस स्टेशनों पर पानी फिजूल में बह रहा है। आदेश में कहा गया है कि विभाग अपनी ओर से शहर में चल रहे सर्विस स्टेशनों को नोटिस जारी करे। नोटिस के जरिए सर्विस स्टेशन संचालक को सचेत किया जाए कि वह पंद्रह दिन के भीतर अपने स्टेशन पर वाटर रिचार्जर लगवाए। साथ में पांच फुट चौड़ा, तीन फुट लम्बा तथा 5 फुट गहरा मेन होल बनाकर विभाग की अनुमति से सीवरेज कनेक्शन प्राप्त करने का भी आदेश दिया गया है। अगर तय समयावधि के भीतर उपरोक्त निर्देशों की पालना नहीं की जाती तो विभाग को सर्विस स्टेशन का पेयजल और सीवरेज कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नगर में बढ़ रही पेयजल किल्लत को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा उपरोक्त आदेश दिए गए हैं। अगर पंद्रह दिनों के भीतर सर्विस स्टेशन का संचालक प्रशासन के निर्देशों की पालना नहीं करता तो उसका पेयजल तथा सीवरेज का कनेक्शन जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा काट दिया जाएगा। ऐसा पानी की बचत करने के उद्देश्य से किया गया है।

मारपीट, अपहरण, पुलिस सुरक्षा के बीच रजिस्टरी के बाद किसान लापता


डबवाली (लहू की लौ) गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो किसान मोहन लाल व बिहारी उर्फ भैरा राम के अपनी जमीन की रजिस्टरी करवाने के बाद अचानक गांव से गायब हो जाने का मामला गहरा गया है। हालांकि रजिस्टरी पुलिस सुरक्षा में करवाई गई थी।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के नंबरदार मोहन लाल ने 13 कैनाल 7 मरले और बिहारी उर्फ भैरा ने अपनी 3 एकड़ जमीन कमल सैनी निवासी माधोसिंघाना को 37 लाख रूपए में बेच दी थी। लेकिन 17 जून को तहसील परिसर में इन जमीनों की रजिस्टरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग एक गाड़ी में मोहन लाल को जबरन उठा ले गए थे। इसके बाद 21 जून को पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों ने कमल सैनी के नाम तहसील में रजिस्टरी करवा दी। उसी दिन से मोहन लाल तथा बिहारी लाल उर्फ भैरा राम रहस्यमय ढंग से गायब से गायब हैं। बताया जाता है कि भैरा राम भी इसी दिन से अपने पत्नी गोमती, दो बच्चों मांगी तथा नेत्रहीन अमर के साथ गांव चला गया है।
17 जून को मोहन लाल तथा भैरा राम के साथ रजिस्टरी करवाने के लिए आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के साधु राम ने बताया कि पूर्व सरपंच सोहन लाल तथा उसके साथी उन्हें रजिस्टरी होने के बाद से धमकियां दे रहे हैं। इन धमकियों के चलते ही मोहन लाल तथा भैरा राम गांव छोड़कर चले गए हैं।
मोहन लाल के भाई मक्खन लाल निवासी रामपुरा बिश्नोईयां ने बताया कि उसका भाई उसके साथ रहता था। लेकिन अब वह गांव से गायब है। उसके भाई मोहन लाल ने उसके सामने गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल के भतीजे पिरथी सिंह से अपनी जमीन का इकरारनामा 10 लाख रूपए में किया था। मौके पर ही उन्होंने 9 लाख रूपए मोहन को दे दिए थे। लेकिन अब उनके गांव के साधु राम ने उसके भाई पर दबाव डालकर रजिस्टरी किसी ओर के नाम करवा दी। तभी से उसका भाई गायब है। मक्खन सिंह ने बताया कि वे अपने भाई से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा।
पूर्व सरपंच सोहन लाल ने बताया कि उस पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। पूर्व सरपंच के अनुसार मोहन लाल नंबरदार ने अपनी जमीन उसके भतीजे पिरथी सिंह को बेच दी थी। जिसकी एवज में उसने 9 लाख रूपए लिए थे। एक लाख रूपए की राशि रजिस्टरी के समय देनी तय थी। लेकिन गांव के साधु राम बगैरा के बहकावे में आकर मोहन लाल ने इकरारनामा के विपरीत किसी ओर के नाम रजिस्टरी करवा दी। उसके अनुसार इकरारनामा उसके पास है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि रामपुरा बिश्नोईयां से उपरोक्त दोनों के गायब होने संबंधी पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। न ही किसी ने इस संदर्भ में पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि एएसपी के माध्यम से एक शिकायत उनके पास आई है। जिसमें मोहन लाल बगैरा ने जिक्र किया है कि रजिस्टरी के समय तहसील परिसर में कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और बाद में उसका अपहरण करके ले गए। उनके अनुसार इसकी जांच चल रही है।

23 जून 2011

बस चालकों का होगा 'टैस्टÓ


डबवाली। बढ़ते क्राईम पर रोक लगाने के साथ-साथ अब जिला सिरसा पुलिस सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बसों के चालकों को चैक करेगी। विशेषत: स्कूल तथा राज्य परिवहन की बसों के चालकों को फोकस करेगी। इस संबंध में एसपी सतिंद्र गुप्ता ने जिला के सभी थानों तथा पुलिस चौकियों को आदेश जारी किया है। ये आदेश अप्रैल 2011 में प्रदेश के जिला यमुनानगर में हुए एक भयानक सड़क हादसे को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। एसपी ने जिला के सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों को एक माह तक अपने क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर शिक्षण संस्थान, राज्य परिवहन की बसों के चालकों के साथ-साथ अन्य बसों के चालकों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निमित कुमार मामलों में दी गई हिदायतों की पालना कराने के लिए कहा है। साथ में राज्य परिवहन की बस का चालक नियमों पर खरा न उतरने की स्थिति में रोड़वेज के संबंधित महाप्रबंधक को जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। जिला पुलिस 15 जुलाई 2011 तक बस चालकों का टैस्ट लेगी।
बस चालक और परिचालक के वर्दी पहनी है। वर्दी पर उनकी नेम प्लेट लगी है। बस चालक के पास पांच वर्ष का अनुभव है। चालक निर्धारित लाईसेंस ऑथोरिटी से मान्यता प्राप्त है। परिचालक के पास नियम 29एमवी एक्ट के तहत लाईसेंस है। चालक ने निर्धारित दो वर्षीय रिफ्रेशर कोर्स किया है।
इसकी पुष्टि करते हुए जिला के कार्यकारी पुलिस कप्तान प्रवीण मैहता (एडीशनल एसपी) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत बस चालकों को चैक करने के आदेश सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों के नाम जारी किए गए हैं। यह विशेष अभियान एक माह तक जारी रहेगा। सभी थाना तथा चौकी प्रभारियों को 15 जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
यमुनानगर हादसे के बाद हरकत में पुलिस
28 अप्रैल 2011 को प्रदेश के जिला यमुनानगर में एक बड़ा सड़क हादसा घटित हुआ था। जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर जा रही एक बस ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पाया गया था कि बस चालक सामने आ रहे ट्रक की स्पीड का सही आंकलन नहीं कर पाया। बस को ओवरटेक कराने के प्रयास में हादसा घटित हुआ था। पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि बस का चालक दो माह पहले ही नियुक्त हुआ था। इससे पूर्व वह इलेक्ट्रीशियन का कार्य करता था। वह मूल रूप से यमुनानगर के गांव रादौर का रहने वाला था। लेकिन उसका ड्राईविंग लाईसेंस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बना हुआ था। इसी मामले से हरियाणा पुलिस को यह भी पता चला कि प्रदेश में काफी चालकों ने दूसरे राज्यों से लाईसेंस प्राप्त किया हुआ है। चूंकि हरियाणा के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से यह आसानी से प्राप्त हो जाता है।
क्या है नियम : एमवी एक्ट 1988 की उप धारा (1) दफा-9 के तहत लाईसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस इलाके का रहने वाला होना चाहिए। वहां अपना कारोबार चलाता हो या उसने किसी ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लिया होना जरूरी है।

22 जून 2011

ससुराल आए व्यक्ति की मौत पर बवाल


डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में ससुराल आए एक नाथ की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सिरसा निवासी सुखदेव नाथ ने बताया कि उसका चचेरा भाई बलदेव नाथ पुत्र लेखनाथ सोमवार रात को अपने ससुराल गांव डबवाली में आया हुआ था। लेकिन मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे किसी ने उन्हें सूचना दी कि बलदेव नाथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि उसका भाई नाथों के डेरा के नजदीक कीकर के वृक्ष के पास पड़ा हुआ है। उसने शंका प्रकट की कि उसके भाई की हत्या की गई है। उसके सिर, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, नाक आदि पर चोट के निशान हैं।
मृतक के भाई बन्ना नाथ निवासी सिरसा ने बताया कि उसके भाई के सिर पर गंदाली के निशान हैं और उसकी खोपड़ी भी बाहर को निकली हुई थी। उसके भी संदेह है कि उसके भाई की उसकी भाभी सुरती, सास टरिया बाई, साले बाजार नाथ और अंग्रेज नाथ ने हत्या की है। उसने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि उसका भाई अपनी पत्नी सुरती को अक्सर बुरे काम करने से रोकता था। उसने आरोप लगाया कि सुरती देवी अक्सर मायके में ही रहती थी।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक की बहन तथा बाजार नाथ की पत्नी शिमला बाई के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट, अपहरण के बाद मंगलवार को हुई रजिस्टरी


डबवाली (लहू की लौ) तहसील परिसर में जमीन की रजिस्टरी करवाने आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो लोगों से कुछ व्यक्तियों ने मारपीट की। मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर मारपीट करने वाले फरार हो गए। बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच जमीन की रजिस्टरी हुई।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के मोहन सिंह नंबरदार और भेरू राम ने गांव माधोसिंघाना के कमल सैनी को अपनी 24 कैनाल जमीन बेचने का इकरारनामा किया था। इसी के तहत 17 जून को रजिस्टरी करवाने के लिए खरीददार और विक्रेता तहसील में आए हुए थे। लेकिन गांव के कुछ लोग इस रजिस्टरी को लेकर खफा थे। उन्होंने जमीन बेचने वालों पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें भैरू राम मौका से भागने में सफल हो गया। जबकि मोहन सिंह उनके हाथ आ गया।
मोहन लाल ने बताया कि उस दिन आरोपी उसका अपहरण करके उसे पहले चौटाला ले गए और फिर चौटाला से तीन किलोमीटर दूर अपनी ढाणी में ले गए और बाद में उसे छोड़ दिया। इसी के बाद उसका साथी भेरू राम, कमल सैनी और भेरू राम का साला पृथ्वी राम एसपी सिरसा को मिले। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुनवाई होगी। इसी आधार पर मंगलवार को वे लोग रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए। लेकिन आज भी गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल बगैरा ने उनसे मारपीट की। लेकिन इसकी सूचना पुलिस को दिए जाने पर मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर आरोपी फरार हो गए।
मौका पर उपस्थित थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि वे सूचना पाकर तहसील कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने भेरू राम और मोहन लाल को सुरक्षा प्रदान की। पुलिस सुरक्षा में रजिस्टरी का काम पूरा हो गया।
इधर तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने रजिस्टरी होने की पुष्टि की है।