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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

25 जून 2011

सर्विस स्टेशनों पर लगाम कसने की तैयारी


डबवाली (लहू की लौ) शहर में पेयजल को लेकर बवाल मच रहा है। वहीं दूसरी ओर सर्विस स्टेशनों पर पानी व्यर्थ में बहाया जा रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर उपमण्डलाधीश ने जनस्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश देते हुए व्यर्थ बहा रहे पानी को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीई को एक आदेश देकर कहा है कि शहर में इस समय गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। लोग पानी के लिए मारामारी कर रहे हैं। इसके विपरीत सर्विस स्टेशनों पर पानी फिजूल में बह रहा है। आदेश में कहा गया है कि विभाग अपनी ओर से शहर में चल रहे सर्विस स्टेशनों को नोटिस जारी करे। नोटिस के जरिए सर्विस स्टेशन संचालक को सचेत किया जाए कि वह पंद्रह दिन के भीतर अपने स्टेशन पर वाटर रिचार्जर लगवाए। साथ में पांच फुट चौड़ा, तीन फुट लम्बा तथा 5 फुट गहरा मेन होल बनाकर विभाग की अनुमति से सीवरेज कनेक्शन प्राप्त करने का भी आदेश दिया गया है। अगर तय समयावधि के भीतर उपरोक्त निर्देशों की पालना नहीं की जाती तो विभाग को सर्विस स्टेशन का पेयजल और सीवरेज कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नगर में बढ़ रही पेयजल किल्लत को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा उपरोक्त आदेश दिए गए हैं। अगर पंद्रह दिनों के भीतर सर्विस स्टेशन का संचालक प्रशासन के निर्देशों की पालना नहीं करता तो उसका पेयजल तथा सीवरेज का कनेक्शन जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा काट दिया जाएगा। ऐसा पानी की बचत करने के उद्देश्य से किया गया है।

मारपीट, अपहरण, पुलिस सुरक्षा के बीच रजिस्टरी के बाद किसान लापता


डबवाली (लहू की लौ) गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो किसान मोहन लाल व बिहारी उर्फ भैरा राम के अपनी जमीन की रजिस्टरी करवाने के बाद अचानक गांव से गायब हो जाने का मामला गहरा गया है। हालांकि रजिस्टरी पुलिस सुरक्षा में करवाई गई थी।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के नंबरदार मोहन लाल ने 13 कैनाल 7 मरले और बिहारी उर्फ भैरा ने अपनी 3 एकड़ जमीन कमल सैनी निवासी माधोसिंघाना को 37 लाख रूपए में बेच दी थी। लेकिन 17 जून को तहसील परिसर में इन जमीनों की रजिस्टरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग एक गाड़ी में मोहन लाल को जबरन उठा ले गए थे। इसके बाद 21 जून को पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों ने कमल सैनी के नाम तहसील में रजिस्टरी करवा दी। उसी दिन से मोहन लाल तथा बिहारी लाल उर्फ भैरा राम रहस्यमय ढंग से गायब से गायब हैं। बताया जाता है कि भैरा राम भी इसी दिन से अपने पत्नी गोमती, दो बच्चों मांगी तथा नेत्रहीन अमर के साथ गांव चला गया है।
17 जून को मोहन लाल तथा भैरा राम के साथ रजिस्टरी करवाने के लिए आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के साधु राम ने बताया कि पूर्व सरपंच सोहन लाल तथा उसके साथी उन्हें रजिस्टरी होने के बाद से धमकियां दे रहे हैं। इन धमकियों के चलते ही मोहन लाल तथा भैरा राम गांव छोड़कर चले गए हैं।
मोहन लाल के भाई मक्खन लाल निवासी रामपुरा बिश्नोईयां ने बताया कि उसका भाई उसके साथ रहता था। लेकिन अब वह गांव से गायब है। उसके भाई मोहन लाल ने उसके सामने गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल के भतीजे पिरथी सिंह से अपनी जमीन का इकरारनामा 10 लाख रूपए में किया था। मौके पर ही उन्होंने 9 लाख रूपए मोहन को दे दिए थे। लेकिन अब उनके गांव के साधु राम ने उसके भाई पर दबाव डालकर रजिस्टरी किसी ओर के नाम करवा दी। तभी से उसका भाई गायब है। मक्खन सिंह ने बताया कि वे अपने भाई से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा।
पूर्व सरपंच सोहन लाल ने बताया कि उस पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। पूर्व सरपंच के अनुसार मोहन लाल नंबरदार ने अपनी जमीन उसके भतीजे पिरथी सिंह को बेच दी थी। जिसकी एवज में उसने 9 लाख रूपए लिए थे। एक लाख रूपए की राशि रजिस्टरी के समय देनी तय थी। लेकिन गांव के साधु राम बगैरा के बहकावे में आकर मोहन लाल ने इकरारनामा के विपरीत किसी ओर के नाम रजिस्टरी करवा दी। उसके अनुसार इकरारनामा उसके पास है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि रामपुरा बिश्नोईयां से उपरोक्त दोनों के गायब होने संबंधी पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। न ही किसी ने इस संदर्भ में पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि एएसपी के माध्यम से एक शिकायत उनके पास आई है। जिसमें मोहन लाल बगैरा ने जिक्र किया है कि रजिस्टरी के समय तहसील परिसर में कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और बाद में उसका अपहरण करके ले गए। उनके अनुसार इसकी जांच चल रही है।

23 जून 2011

बस चालकों का होगा 'टैस्टÓ


डबवाली। बढ़ते क्राईम पर रोक लगाने के साथ-साथ अब जिला सिरसा पुलिस सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बसों के चालकों को चैक करेगी। विशेषत: स्कूल तथा राज्य परिवहन की बसों के चालकों को फोकस करेगी। इस संबंध में एसपी सतिंद्र गुप्ता ने जिला के सभी थानों तथा पुलिस चौकियों को आदेश जारी किया है। ये आदेश अप्रैल 2011 में प्रदेश के जिला यमुनानगर में हुए एक भयानक सड़क हादसे को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। एसपी ने जिला के सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों को एक माह तक अपने क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर शिक्षण संस्थान, राज्य परिवहन की बसों के चालकों के साथ-साथ अन्य बसों के चालकों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निमित कुमार मामलों में दी गई हिदायतों की पालना कराने के लिए कहा है। साथ में राज्य परिवहन की बस का चालक नियमों पर खरा न उतरने की स्थिति में रोड़वेज के संबंधित महाप्रबंधक को जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। जिला पुलिस 15 जुलाई 2011 तक बस चालकों का टैस्ट लेगी।
बस चालक और परिचालक के वर्दी पहनी है। वर्दी पर उनकी नेम प्लेट लगी है। बस चालक के पास पांच वर्ष का अनुभव है। चालक निर्धारित लाईसेंस ऑथोरिटी से मान्यता प्राप्त है। परिचालक के पास नियम 29एमवी एक्ट के तहत लाईसेंस है। चालक ने निर्धारित दो वर्षीय रिफ्रेशर कोर्स किया है।
इसकी पुष्टि करते हुए जिला के कार्यकारी पुलिस कप्तान प्रवीण मैहता (एडीशनल एसपी) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत बस चालकों को चैक करने के आदेश सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों के नाम जारी किए गए हैं। यह विशेष अभियान एक माह तक जारी रहेगा। सभी थाना तथा चौकी प्रभारियों को 15 जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
यमुनानगर हादसे के बाद हरकत में पुलिस
28 अप्रैल 2011 को प्रदेश के जिला यमुनानगर में एक बड़ा सड़क हादसा घटित हुआ था। जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर जा रही एक बस ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पाया गया था कि बस चालक सामने आ रहे ट्रक की स्पीड का सही आंकलन नहीं कर पाया। बस को ओवरटेक कराने के प्रयास में हादसा घटित हुआ था। पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि बस का चालक दो माह पहले ही नियुक्त हुआ था। इससे पूर्व वह इलेक्ट्रीशियन का कार्य करता था। वह मूल रूप से यमुनानगर के गांव रादौर का रहने वाला था। लेकिन उसका ड्राईविंग लाईसेंस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बना हुआ था। इसी मामले से हरियाणा पुलिस को यह भी पता चला कि प्रदेश में काफी चालकों ने दूसरे राज्यों से लाईसेंस प्राप्त किया हुआ है। चूंकि हरियाणा के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से यह आसानी से प्राप्त हो जाता है।
क्या है नियम : एमवी एक्ट 1988 की उप धारा (1) दफा-9 के तहत लाईसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस इलाके का रहने वाला होना चाहिए। वहां अपना कारोबार चलाता हो या उसने किसी ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लिया होना जरूरी है।

22 जून 2011

ससुराल आए व्यक्ति की मौत पर बवाल


डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में ससुराल आए एक नाथ की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सिरसा निवासी सुखदेव नाथ ने बताया कि उसका चचेरा भाई बलदेव नाथ पुत्र लेखनाथ सोमवार रात को अपने ससुराल गांव डबवाली में आया हुआ था। लेकिन मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे किसी ने उन्हें सूचना दी कि बलदेव नाथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि उसका भाई नाथों के डेरा के नजदीक कीकर के वृक्ष के पास पड़ा हुआ है। उसने शंका प्रकट की कि उसके भाई की हत्या की गई है। उसके सिर, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, नाक आदि पर चोट के निशान हैं।
मृतक के भाई बन्ना नाथ निवासी सिरसा ने बताया कि उसके भाई के सिर पर गंदाली के निशान हैं और उसकी खोपड़ी भी बाहर को निकली हुई थी। उसके भी संदेह है कि उसके भाई की उसकी भाभी सुरती, सास टरिया बाई, साले बाजार नाथ और अंग्रेज नाथ ने हत्या की है। उसने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि उसका भाई अपनी पत्नी सुरती को अक्सर बुरे काम करने से रोकता था। उसने आरोप लगाया कि सुरती देवी अक्सर मायके में ही रहती थी।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक की बहन तथा बाजार नाथ की पत्नी शिमला बाई के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट, अपहरण के बाद मंगलवार को हुई रजिस्टरी


डबवाली (लहू की लौ) तहसील परिसर में जमीन की रजिस्टरी करवाने आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो लोगों से कुछ व्यक्तियों ने मारपीट की। मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर मारपीट करने वाले फरार हो गए। बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच जमीन की रजिस्टरी हुई।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के मोहन सिंह नंबरदार और भेरू राम ने गांव माधोसिंघाना के कमल सैनी को अपनी 24 कैनाल जमीन बेचने का इकरारनामा किया था। इसी के तहत 17 जून को रजिस्टरी करवाने के लिए खरीददार और विक्रेता तहसील में आए हुए थे। लेकिन गांव के कुछ लोग इस रजिस्टरी को लेकर खफा थे। उन्होंने जमीन बेचने वालों पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें भैरू राम मौका से भागने में सफल हो गया। जबकि मोहन सिंह उनके हाथ आ गया।
मोहन लाल ने बताया कि उस दिन आरोपी उसका अपहरण करके उसे पहले चौटाला ले गए और फिर चौटाला से तीन किलोमीटर दूर अपनी ढाणी में ले गए और बाद में उसे छोड़ दिया। इसी के बाद उसका साथी भेरू राम, कमल सैनी और भेरू राम का साला पृथ्वी राम एसपी सिरसा को मिले। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुनवाई होगी। इसी आधार पर मंगलवार को वे लोग रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए। लेकिन आज भी गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल बगैरा ने उनसे मारपीट की। लेकिन इसकी सूचना पुलिस को दिए जाने पर मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर आरोपी फरार हो गए।
मौका पर उपस्थित थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि वे सूचना पाकर तहसील कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने भेरू राम और मोहन लाल को सुरक्षा प्रदान की। पुलिस सुरक्षा में रजिस्टरी का काम पूरा हो गया।
इधर तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने रजिस्टरी होने की पुष्टि की है।

रूठों को मनाने का चांस



कालांवाली (नरेश सिंगला) पालिका प्रधान व उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए रखी गई बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई। प्रशासन का कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए अभी एक माह का समय बाकी है। इस अवधि में रूठों को मनाने के लिए प्रधान को एक माह का गोल्डन चांस मिला है। हालंाकि पालिका प्रधान राजीव गर्ग ने 20 जून क ो ही अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। पालिका प्रधान से असंतुष्ट चल रहे 11 नगर पार्षदों नेे पालिका प्रधान की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उपायुक्त सिरसा को शपथ पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उपायुक्त ने इसके लिए उपमण्डलाधीश रोशन लाल की डयूटी लगाते हुए  21 जून की तिथि निर्धारित की थी। मंगलवार को इस मामले को लेकर पालिका कार्यालय में प्रात: से ही गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। इस अवसर पर थाना प्रभारी विक्रम नेहरा के नेतृत्व मे भारी पुलिस बल तैनात था। प्रशासन द्वारा रखी गई इस बैठक में इनेलो समर्थित पार्षदो ने बहिष्कार किया। वहीं कंाग्रेसी पार्षदो में भाग लेने वालों में वार्ड 2 की पार्षद रानी देवी, पांच के कालू लुहानी, छह के वेद प्रकाश, 12 के जगसीर सिंह, 13 के भूरा सिंह सहित इनेलो समर्थित वार्ड नं. 11 के राजेश कुमार शामिल थे। बैठक मे पहुंचे उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बैठक मे उपस्थित पार्षदों से बातचीत कर बैठक को समाप्त घोषित किया व अविश्वास प्रस्तावके लिए नियमानुसार एक वर्ष का समय पूरा न होने की बात कही।
बाद में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बताया की नियमानुसार पद ग्रहण के बाद एक साल से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता। जबकि प्रधान के कार्यकाल को एक साल पूरा होने मे लगभग एक महीना बाकी है।
नियमानुसार पालिका प्रधान राजीव गर्ग को अपने पद पर रहने के लिए एक सुनहरी मौका मिला है। एक सप्ताह के भीतर इस्तीफा वापिस लेते है या नहीं यह देखने वाली बात है।
लोगो मे आज दिन भर यह चर्चा बनी रही की जब एक वर्ष से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता है, तो उपायुक्त सिरसा ने असंतुष्ट पार्षदों के शपथ पत्र लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि क्यों निर्धारित की

उन्होंने पार्टी हाईकमान के आदेश पर अपने पद से इस्तीफा दिया था, आगे भी हाईकमान जो आदेश देगी वह उसे मंजूर होगा। -राजीव गर्ग, अध्यक्ष नपा कालांवाली

प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे अत्याचारों के विरोध में दलितों ने निकाला मौन रोष मार्च


डबवाली (लहू की लौ) हिसार में वाल्मीकियों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को डबवाली के दलितों ने भारतीय वाल्मीकि समाज बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में मंगलवार को मौन जुलूस निकाला। तहसीलदार को राज्यपाल हरियाणा के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
इससे पूर्व दलित न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित वाल्मीकि मंदिर में इक्ट्ठे हुए। बैठक के बाद हाथों में दलित समाज पर अत्याचार के संदर्भ में सलोगन लिखित तख्तियां उठाए ये लोग बस स्टैण्ड, चौटाला रोड़, बिश्नोई मंदिर मार्किट से होते हुए उपमण्डलाधीश कार्यालय पर पहुंचे। इस दौरान समाज के लोगों ने मौन धारण किया हुआ था। मौन रखकर इन लोगों ने सरकार का विरोध जताया।
प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल वाल्मीकि समाज न्याय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश गोगा, संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहब राम, राजकुमार, गोपाल बिट्टू, शिव कुमार खाराखेड़ा, जसवंत, श्योपत आदि कर रहे थे। सुरेश गोगा ने कहा कि हरियाणा में दलित समाज पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। कभी दुलीना काण्ड, कभी गोहाना अग्निकांड, गोहाना में लारा हत्याकांड, मिर्चपुर में आगजनी एवं हत्याकांड, बणी में मुखराम हत्याकांड, कर्म सिंह एवं चमेल सिंह हत्याकांड इसके मुख्य उदाहरण हैं। गोगा के अनुसार हिसार में मिर्चपुर काण्ड के पीडि़त परिवारों पर लाठीचार्ज व सिरसा में दलित समाज के लोगों पर झूठे मुकद्दमें बनाकर सरकार और हरियाणा पुलिस उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। जिसे दलित समाज कभी सहन नहीं करेगा।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल की अनुपस्थिति में दलित समाज ने अपनी मांगों के समर्थन में तहसीलदार राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा।
पुलिस रही चौकस
दलित समाज के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन चौकस रहा। वाल्मीकि मंदिर से प्रारंभ हुए प्रदर्शन के साथ-साथ पुलिस पीसीआर चल रही थीं। किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए उपमण्डलाधीश कार्यालय में थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह, थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह अपने दलबल सहित मोर्चा संभाले हुए थे।

......मैं तो साहब बन गया


शराबी बीपीएल सर्वेयर पार्षद के घर में घुसा, छित्तर-परेड़
डबवाली (लहू की लौ) साला, मैं तो साहब बन गया। ये बूट मेरा देखो, ये सूट मेरा देखो। जैसे छोरा कोई लंदन का। लालपरी की धुन में कुछ यही गुनगुनाता एक बीपीएल कार्ड सर्वेयर मंगलवार को वार्ड नं. 14 के पार्षद के निवास स्थान में घुस गया और आराम से सोफे पर जा लेटा। मौका पर पहुंचे पार्षद ने सर्वेयर की छित्तर-परेड़ करते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया।
नगरपालिका डबवाली क्षेत्र में सिरसा साक्षरता मिशन की ओर से बीपीएल कार्डों की जांच का कार्य 17 जून से शुरू किया गया है। यह कार्य 24 जून तक चलना है। यह कार्य वार्डों में डिपू होल्डर की सहायता से किया जा रहा है। मंगलवार को वार्ड नं. 11 से लेकर 15 में सर्वे का कार्य आरंभ हुआ। वार्ड नं. 14 में फोटोग्राफी (सर्वे) के लिए दारा सिंह नामक युवक की डयूटी थी। उसके साथ इसी वार्ड से संबंधित डिपू होल्डर जसवंत सिंह भी था। वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि उसके पास डिपू होल्डर का फोन आया कि फोटोग्राफी कर रहे युवक ने शराब पी हुई है और सर्वे के दौरान उसका रवैया ठीक नहीं है। इसकी जानकारी पाकर वह अपने घर आया। जसवंत घर के बाहर खड़ा था। लेकिन दारा उसके घर के सदस्यों से बिना पूछे घर के अंदर घुस गया और आराम से सोफे पर जाकर सोया हुआ था। बिना अनुमति के घर में घुसने के बारे में पूछने पर शराब के नशे में धुत्त दारा दुव्र्यवहार पर उतर आया। इसी दौरान गली के लोग भी इक्ट्ठे हो गए और फोटोग्राफर की धुनाई कर डाली।
छित्तर परेड़ के बाद गली के लोग शराबी बीपीएल कार्ड सर्वेयर को पकड़कर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में ले आए और कार्रवाई की मांग की। लेकिन विभाग के इंस्पेक्टर अरविंद पूनियां ने कहा कि वे इसके खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम हैं। चूंकि सर्वे साक्षरता मिशन के तहत हो रहा है और मिशन ने ही इसे रखा है।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जिला साक्षरता मिशन के सचिव सुखविंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए इस सर्वेयर को तुरंत सर्वे से हटा दिया। वार्ड पार्षद ने शराबी सर्वेयर को मौका पर पहुंचे थाना शहर पुलिस के एएसआई हंसराज को सौंप दिया।

--दोस्त ने पीला दी माफ कर दो

--आज ही किसी दोस्त  ने पीला दी। गलती हो गई, माफी मांग रहा हूं। मुझे माफ कर दो। आईंदा से शराब पीकर डयूटी नहीं करूंगा। -दारा फोटोग्राफर (सर्वेयर), गांव आनंदगढ़

--साक्षरता मिशन में शराबियों का कोई काम नहीं। दारा को केवल फोटोग्राफी सर्वे से ही नहीं। बल्कि मिशन से ही निकाल दिया गया है।
-सुखविंद्र सिंह, सचिव सिरसा साक्षरता मिशन

--लिखित रूप में शराब के नशे में धुत्त दारा ने माफी मांग ली और मुद्दई ने उसे माफ कर दिया। दोनों पक्षों में राजीनामा होने के बाद यह मामला थाना में निबट गया।
-एसआई महावीर सिंह, थाना शहर प्रभारी

चौबीस घंटे में एक घंटा मिलेगी बिजली!


डबवाली (लहू की लौ) म्हारा हरियाणा गांवों का प्रदेश है। राज्य की एक तिहाई आबादी गांवों में बसती है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण आंचल में बसे लोग ही मूलभूत सुविधाओं से मोहताज चले आ रहे हैं। सुविधाओं में से एक है बिजली। कुछ गांवों में बिजली पहुंची है, तो कुछ में नहीं। लेकिन जिन गांवों में बिजली पहुंची है, उनकी हालत आज भी दयनीय है। चूंकि चौबीस घंटे के भीतर ग्रामीणों को कुछ देर ही बिजली मिलती है। इधर बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने के लिए बिजली निगम के मण्डल अभियंता द्वारा लिखे गए एक पत्र को दरकिनार करते हुए निगम के उच्च अधिकारियों ने जवाब भेजा है कि ग्रामीण आंचल में जैसे बिजली दी जा रही है, वैसे ही बिजली की आपूर्ति होती रहे, शैड्यूल से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले गांवों को मुश्किल से एक-आध घंटा बिजली मिल रही है। ग्रामीण आंचल में बसे लोगों को बिजली न मिलने के कारण पानी की भारी दिक्कत आ रही है। ग्रामीण घने अंधेरे में खाना खाने को मजबूर हैं। बच्चे दीए की रोशनी में पढऩे को बाध्य हैं। बार-बार बिजली निगम के अधिकारियों का कुंडा खटखटाने के बावजूद ग्रामीणों को कहीं भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही। निगम के डबवाली मण्डल में पडऩे वाले गांवों में चार घंटे बिजली मुहैया करवाने के लिए ग्रामीणों की मांग पर मण्डल अभियंता ने एक पत्र भी निगम के उच्च अधिकारियों को लिखा था। मण्डल अभियंता के पत्र से ग्रामीण आंचल के लोगों को कुछ उम्मीद अवश्य बंधी थी। लेकिन यह उम्मीद पत्र के बदले आए उच्च अधिकारियों के साफ इंकार से धराशाई हो गई।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने बताया कि मण्डल डबवाली के अंतर्गत पडऩे वाले गांवों के लोगों की प्रतिदिन चार घंटे बिजली देने की मांग पर उन्होंने एसई (सिस्टम ऑपरेशन) को एक पत्र लिखा था। लेकिन बिजली की कमी के कारण उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया। अब वे दोबारा फिर पत्र लिखकर उनसे गांवों में बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने की मांग करेंगे।

'साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओÓ


डबवाली (लहू की लौ) बिजली निगम ने साड़े नाल धोखा किता है। साड़े पासे बिजलीघर बनना सी। ऐस नाल साड़े पिंडा दी बिजली च वादा हो जांदा। बिजली आलेयां ने ऐह बिजलीघर होर किते बनोन दा फैसला लिता है। हुण साड़े पिंडा विच निगम दे शैड्यूल मुताबिक भी बिजली नी मिलदी। जे तुसीं सानूं बंदे नी समझदे तां साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओ।
ये शब्द हैं मसीतां, अलीकां, मौजगढ़ तथा गोबिंदगढ़ गांव के लोगों के। उपरोक्त गांवों के लोगों ने सोमवार को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मण्डल अभियंता बीके रंजन से मिलकर उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। गांव मसीतां के सरपंच शिवराज सिंह, पूर्व सरपंच मनजीत सिंह दलेह, सर्वजीत सिंह, दर्शन सिंह, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह, भिन्द्र सिंह, हैप्पी सिंह, गांव अलीकां के बलकौर सिंह, जसविंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, नैब सिंह, राजेंद्र सिंह, गोबिंदगढ़ के धर्म सिंह, पप्पू सिंह, नरेश कुमार, बनवारी लाल, गांव मौजगढ़ के देवीलाल, जसवंत सिंह, राईट सिंह, पवन कुमार आदि ने मण्डल अभियंता को बताया कि करीब चार साल पूर्व गांव मसीतां की पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित करके गांव में 33केवी बिजलीघर के लिए बिजली निगम को जमीन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था। इस जमीन पर बिजलीघर स्थापित होने से आस-पास के गांवों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होती। इन लोगों ने बताया कि गांव गंगा स्थित बिजली घर को जाने वाली केबल गांव मसीतां से होकर गुजरती है। ऐसी हालत में अगर गांव मसीतां में बिजलीघर बनता है तो निगम को कम खर्चा उठाना पड़ेगा। लेकिन निगम अधिकारियों ने इस बात को दरकिनार करते हुए यह बिजलीघर कहीं ओर ट्रांसफर कर दिया। उनकी तीन साल की मेहनत पर पानी फेर दिया। यहां तक की वर्तमान समय में उनके गांवों तथा टयूब्बैलों को होने वाली बिजली आपूर्ति भी शैड्यूल अनुसार नहीं की जा रही।
ग्रामीणों ने बताया कि घरों में मात्र एक घंटा तथा टयूब्बैलों को मात्र चार घंटे बिजली दी जा रही है। लेकिन इस आपूर्ति में कई दफा कट लगाए जा रहे हैं। गर्मी अत्याधिक होने की वजह से खेतों में लगी फसल भी जल रही है। बिजली न होने की वजह से गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। ट्रालियों तथा कैंटरों की मदद से अपने घरों पानी लाकर ग्रामीण सूखे गले तर कर रहे हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने मण्डल अभियंता को चेतावनी दे डाली कि अगर बिजली निगम नारेबाजी और प्रदर्शन से जागता है, तो गांवों के सैंकड़ों लोग बिजली निगम कार्यालय में जमा होकर बिजली निगम अधिकारियों का विरोध जताएंगे।
आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने कहा कि गांव मसीतां में 33केवी बिजलीघर का निर्माण हो इसके लिए उनकी ओर से प्रक्रिया जारी है। यहां तक शैड्यूल अनुसार बिजली आपूर्ति का सवाल है, उनके गांवों में पड़ते टयूब्बैल कनेक्शनों को प्रतिदिन छह घंटे बिजली दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त कराया कि 132केवी बिजलीघर डबवाली पर ओवर लोड़ कम करने के उद्देश्य से गांव मांगेआना को 33केवी देसूजोधा से जोड़ा जा रहा है। ऐसा होने के बाद बिजली आपूर्ति में सुधार होना संभव है।

19 जून 2011

नशे के खिलाफ महिलाएं एकजुट, शराब ठेका न खुलने देने पर अडिग

 डबवाली (लहू की लौ) पति को शराब से दूर रखने के लिए गांव सावंतखेड़ा में महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को महिलाओं ने एक धार्मिक स्थल में बैठक की। बैठक के बाद महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर गांव में ठेका नहीं खुलने देंगी।
आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा गांव की पंचायत के विरोध के बावजूद भी गांव में शराब का प्रस्तावित ठेका खोले जाने से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। इस संदर्भ में गांव की महिलाएं तीन दिन पूर्व शराब ठेकेदार के करिंदों के साथ भिड़ चुकी हैं। महिलाओं ने उस समय एक मोबाइल शराब ठेका पर हमला करके शराब की बोतलें तोड़ दी थी। आरोप है कि इस कार्रवाई के बावजूद भी आबकारी एवं कराधान विभाग के सहयोग से ठेकेदार गांव में ठेका खोलने के लिए अड़ा हुआ है। गांव के प्रभावशाली लोगों को नियंत्रण में करके शराब ठेकेदार ठेका खोलने के प्रयास में जुटे होने की सूचना पाकर शनिवार को गांव के बाबा रामदेव मंदिर में सैंकड़ों महिलाएं जमा हो गई। इस संदर्भ में बैठक से पूर्व मंदिर से महिलाओं को एकत्रित होने की सूचना भी दी गई। बैठक में आबाकारी एवं कराधान विभाग पर ठेकेदार की मदद करने का आरोप लगाया गया। महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार गांव में कभी कहीं और कभी कहीं मोबाइल शराब ठेका खोलकर शराब के ठेके का विरोध करने वाली महिलाओं को उत्तेजित कर रहा है। गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों पर दबाव भी बना रहा है कि उसे गांव में ठेका खोलने की अनुमति किसी प्रकार मिल जाए। महिलाओं ने हैरानी प्रकट की कि जब गांव की पंचायत ने प्रस्ताव पारित करके शराब का ठेका न खोले जाने की मांग की है, तो इसके बावजूद भी प्रशासन उनके गांव में शराब का ठेका क्यों खोलना चाहता है? बैठक में भारी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मौखिक तौर पर गांव में ठेका न खुलने देने का प्रस्ताव पारित किया। प्रशासन के एकतरफा रवैये को देखते हुए महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
गांव सावंतखेड़ा निवासी पार्वती देवी, राज रानी, सुलोचना देवी, माया देवी, अमरजीत कौर, सरोज रानी, छिन्द्रपाल कौर, गोमती देवी, मोहनी देवी, बिमला देवी, कैलाश रानी, शकुंतला देवी, सीता देवी, शांति देवी, कमला देवी, कमलेश्वरी, कुलवंत कौर, वीरपाल कौर ने कहा कि अधिकांश अपराधों के पीछे नशा ही है। अगर गांव में शराब का ठेका खुलता है तो गांव के मर्द शराब पीकर एक-दूसरे से झगड़ा तो करेंगे ही और दूसरा बहू-बेटियों से भी झगड़ेंगे। जिसके परिणाम गंभीर होंगे। गांव का पैसा बिना किसी वजह के अदालतों में पैरवियों पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि अपराध की जड़ को अगर पहले ही समाप्त कर दिया जाए, तो इससे गांव का पैसा बचेगा और गांव में रहने वाले परिवार भी शांति से रहकर खुशहाल होंगे। गांव के सरपंच रणजीत सिंह सावंतखेड़ा ने कहा कि पंचायत ने पंचायत ने गांव में शराब का ठेका होने से पूर्व भी गांव में ठेका न खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव पारित करके उपायुक्त को भेजा था। गांव के लोग अगर शराब का ठेका नहीं चाहेंगे तो पंचायत भी किसी भी कीमत पर गांव में ठेका नहीं खोलने देगी। महिलाओं ने कहा कि अगर उनकी मांग को प्रशासन ने नजरअंदाज किया तो वे नेशनल हाईवे जाम करने को बाध्य होंगी।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि डीईटीसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव के माहौल को देखे और संबंधित शराब ठेकेदार को वहां शराब बेचने से रोके। लोगों को शराब के ठेके से किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

मोबाइल चुराकर भागता काबू


डबवाली (लहू की लौ) यहां के न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित एक कपड़ा की दुकान से मोबाइल फोन चुराकर भागते एक युवक को दुकान मालिक ने काबू करके पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
बठला क्लॉथ हाऊस के मालिक दयानंद बठला ने बताया कि शनिवार को वह अपनी दुकान पर अपनी बेटी मनीषा को बैठाकर स्वयं लघुशंका के लिए गया हुआ था। पीछे से कपड़ा देखने के बहाने दो युवक उसकी दुकान में आए। कुर्ता-पजयामा का कपड़ा देखने के बाद कपड़े को महंगा बताकर चलते बने। लेकिन जाते हुए लड़की को चकमा देकर उसका मोबाइल उठाकर फरार हो गए।
कपड़ा विक्रेता के अनुसार संयोग से वह भी उसी समय दुकान पर आ गया। मोबाइल के बारे में पूछने पर लड़की ने उपरोक्त बात बताई। वह तुरंत उन युवकों के पीछे हो लिया। जिस पर एक युवक तो काबू आ गया। जबकि उसका दूसरा साथी फरार हो गया। पूछताछ के दौरान युवक ने स्वयं को पक्काकलां निवासी बताया और अपने साथी को भी इसी गांव का बताते हुए कहा कि मोबाइल उन्होंने चुराया है। लेकिन मोबाइल उसके साथी के पास है।
इस घटना की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर के एएसआई रामसरूप पहुंचे। दुकानदार ने पकड़े गए युवक को पुलिस के हवाले कर दिया।

एएनएम फिर थाने पहुंची


28 मई 2011 को डॉक्टर पर लगाया था छेड़छाड़ का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) देसूजोधा के गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर पर तैनात एएनएम से डॉक्टर द्वारा कथित छेड़छाड़ का मामला गंभीर होता जा रहा है। एएनएम ने थाना सदर पुलिस में एक शिकायत देकर डॉक्टर तथा गांव मांगेआना के एक व्यक्ति पर धमकी देने का आरोप लगाया है।
थाना सदर पुलिस में दी अपनी शिकायत में एएनएम सत्या देवी ने कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह ने 30 मई को डीएसपी बाबू लाल, मेडिकल ऑफिसर एमके भादू तथा एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन हरियाणा के पदाधिकारियों के सामने माफी मांग ली थी। साथ में लिखित तौर पर भविष्य में ऐसी गलती नहीं करूंगा...भी लिख दिया था, जिसके बाद समझौता हो गया। लेकिन इसके बावजूद भी उसे धमकी देकर परेशान किए जाने का सिलसिला जारी है।
7 जून 2011 को आशा वर्कर छिन्द्रपाल उर्फ चरणजीत कौर गांव मांगेआना में मेरे पास सैन्टर पर लगभग ढाई बजे आई। उसके साथ दो लड़के ओर भी थे। जिन्होंने अपने मुंह ढांपे हुए थे। उनमें से एक लड़का आशा वर्कर के साथ अंदर आया और दूसरा गेट के बाहर खड़ा हो गया। जिसमें हाथ में डंडानुमा चीज थी। आशा वर्कर ने आते ही धमकी भरे लहजे से उससे वैक्सीयन कैरियर की मांग की। जो उसने उसे दे दी। बाद में वह बड़बड़ाते हुए वहां से चली गई। इसकी शिकायत उसने 8 जून को एसएमओ डबवाली को की। 12 जून 2011 को प्रात: 8.30 बजे उसके मोबाइल नं. पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसे धमकी दी कि उसने डॉ. गुरजीत सिंह से लिखित माफी मंगवाकर गलत कार्य किया है, अब तुम्हें इसकी सजा भुगतनी होगी। फिर करीब 10/10.30 बजे दो आदमी जिनमें से एक ने अपना नाम गुरपाल बताया और अपना मोबाइल नं. भी दिया। उसके घर में उसके माता-पिता व अन्य परिवार के सदस्यों के सामने धमकियां देने लगा कि उसकी पहुंच बहुत ऊंची है। वह डॉ. गुरजीत सिंह का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। वह उनके साथ गांव मांगेआना में उनके रिश्तेदारों के घर चले। वहां बैठकर जैसा डॉ. साहब लिखवाएं और जिनके खिलाफ लिखवाएं लिखकर दो। लेकिन उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसकी सूचना उसने मोबाइल से एसएचओ डबवाली को दी।
इस संबंध में गुरपाल सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला डॉक्टर और एएनएम के बीच है। इस मामले में उसे बेवजह घसीटा जा रहा है। उसने सत्या देवी को कोई धमकी नहीं दी।
थाना सदर पुलिस के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर वे मामले की जांच कर रहे हैं।28 मई 2011 : पीएचसी देसूजोधा के अंतर्गत आने वाले गांव मांगेआना सबसैंटर में तैनात एएनएम सत्या देवी ने थाना सदर पुलिस में एक शिकायत देकर आरोप लगाया था कि 25 मई को पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह ने सैंटर का निरीक्षण करने के बहाने उससे छेड़छाड़ की है।

छेड़छाड़ प्रकरण पर नजर
28 मई 2011 : इसी दिन शाम को सिविल अस्पताल डबवाली में एसएमओ के रूम में दोनों पक्षों की बैठक हुई। गर्मा-सर्दी के बीच बैठक बेनतीजा रही।

30 मई 2011 : एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन हरियाणा की प्रदेशाध्यक्षा एसोसिएशन के अन्य नेताओं के साथ डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंची। कई बैठकें हुई। इस दौरान एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर की पिटाई कर डाली। बाद में डॉक्टर ने हाथ जोड़कर माफी मांग ली। मामला ठंडा पड़ गया।

30 मई 2011 : एएनएम की मांग पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर 14 दिनों के लिए दड़बाकलां भेज दिया।

17 जून 2011 : चौदह दिनों की डेपूटेशन समाप्त होने के बाद डॉक्टर ने 17 जून 2011 को पीएचसी देसूजोधा में ज्वाईंन किया। लेकिन देसूजोधा के ग्रामीणों ने उनके तबादले की मांग करते हुए पीएचसी पर ताला जड़ दिया।

17 जून 2011

बिजली किल्लत पर हैबूआना के ग्रामीणों ने दिया धरना

डबवाली (लहू की लौ) बिजली किल्लत से गुस्साए गांव हैबूआना के ग्रामीणों ने गुरूवार को गांव डबवाली स्थित दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम कार्यालय पर धरना दिया। ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार तथा बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करके प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व गांव हैबूआना के सरपंच दलबीर सिंह, जगसीर सिंह, डॉ. नरोत्तम सिंह, जगतार सिंह, पूर्व सरपंच जगदेव सिंह, गुरनाम सिंह, सुखविंद्र सिंह, भारू सिंह, सुखदेव सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमेल सिंह, गुरां सिंह, जग्गा सिंह कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली निगम की ओर से उनके गांव को बिजली देने का शैड्यूल निर्धारित किया गया है। लेकिन उस अनुसार बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही। 24 घंटों के भीतर मुश्किल से एक घंटा बिजली नसीब होती है। इस एक घंटे के भीतर भी बिजली कई दफा गुल होती है। ग्रामीणों के अनुसार बिजली न रहने के कारण उन्हें पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। छह किलोमीटर दूर स्थित गांव पाना के पास गुजरती भाखड़ा नहर से उन्हें ट्रालियों में पानी भरकर प्रयोग करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 25 जून तक शैड्यूल के अनुसार उन्हें बिजली नहीं दी जाती तो वे उनके गांव से होकर जाने वाली बिजली की आपूर्ति ठप्प कर दी जाएगी।
मौका पर किसी बिजली अधिकारी के न होने पर ग्रामीण बिफर पड़े। उन्होंने प्रदर्शन के बाद धरना दे दिया। धरने की सूचना पाकर बिजली निगम के मण्डल अभियंता वीके रंजन मौका पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत सुनी और समस्या का जल्द समाधान करवाने का आश्वासन दिया। आश्वासन पाने के बाद ग्रामीण शांत हुए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता वीके रंजन ने बताया कि ग्रामीणों की मांग के अनुसार तय शैड्यूल के अनुसार ही बिजली की आपूर्ति करवाने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीणों ने उनसे यह भी शिकायत की कि निगम का कोई कर्मचारी उनके गांव की बिजली को जानबूझकर काट देता है। उनके अनुसार इस मामले की जांच कराई जाएगी।

एसएस मास्टर की संदिग्ध मौत

डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल के समाज शास्त्र अध्यापक गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में मिला। वे पिछले आठ सालों से शहर के वार्ड नं. 7 के प्रेमनगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
गुरमीत सिंह की शादी दस साल पूर्व अबूबशहर हाल डबवाली निवासी बलवीर सिंह की पुत्री राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। जोकि गांव अबूबशहर के सरकारी स्कूल में बतौर हिन्दी अध्यापिका कार्यरत है। शादी के कुछ समय बाद ही गुरमीत डबवाली अपने ससुराल में आकर रहने लग गया था। मृतक गुरमीत सिंह के भाई हरदीप सिंह निवासी गांव कालझराणी ने बताया कि बुधवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसके पास राजेंद्र कौर का फोन आया कि उसका भाई गुरमीत सिंह घर से कहीं चला गया है। सूचना पाकर वह तुरन्त डबवाली पहुंचा। उन्होंने उसकी खोज शुरू की। लेकिन उसका भाई कहीं नहीं मिला। देर शाम को गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए वे थाने में गए। वहां पुलिस ने उन्हें बताया कि अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में एक शव पड़ा है। वह पुलिस के साथ मौका पर पहुंचे। शव उसके भाई गुरमीत सिंह का था। हरदीप ने आरोप लगाया कि उसके भाई की हत्या की गई है। राजेंद्र कौर उसके भाई गुरमीत सिंह को माता-पिता तथा अन्य लोगों से भी नहीं मिलने देती थी। यहां तक उसके भाई की तनख्वाह भी खुद हजम करना चाहती थी। इसी विवाद के कारण उसका भाई काफी परेशानी में रहता था। उसे शक है कि उसके भाई की हत्या राजेंद्र कौर ने अपनी माता जसपाल कौर, पिता बलवीर सिंह तथा भाई बेअंत सिंह के साथ मिलकर की है।
इधर बलवीर सिंह ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। गुरमीत सिंह अपनी तनख्वाह अपने माता-पिता को दे देता था। इस पर भी उन्हें कोई एतराज नहीं था। साल 2003 में डबवाली में उन्होंने उसे घर बनाकर दिया था। उनके साथ गुरमीत सिंह को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी।
गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर ने बताया वह गांव अबूबशहर में हिन्दी अध्यापक के पद पर नियुक्त है। बुधवार दोपहर को वे दोनों घर के आंगन में सोए हुए थे। करीब 12.40 पर गुरमीत सिंह के पास गांव कालझराणी से किसी का फोन आया। फोन सुनने के बाद उन्होंने पीने के लिए उससे एक गिलास पानी मांगा। उसने पानी दे दिया और वापिस बैड पर लेट गई। कुछ देर बाद उठी तो गुरमीत सिंह को गायब पाया। जबकि उसका मोबाइल और बाईक घर पर ही था। उसने तत्काल इसकी जानकारी अपने पिता बलवीर सिंह, भाई बेअंत सिंह तथा गुरमीत सिंह के रिश्तेदारों को दी। उसने यह भी कहा कि उसका अपने पति गुरमीत सिंह के साथ कोई मनमुटाव नहीं था। आज तक उसने अपनी तनख्वाह में से एक पैसा भी उसे नहीं दिया। घर का गुजारा उसकी तनख्वाह से चलता। उस पर तथा उसके माता-पिता पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई हरदीप सिंह के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए गुरूवार को शव का पोस्टमार्टम डबवाली के सरकारी अस्पताल से करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
शव का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम ने किया। जिसमें डॉ. बलेश बांसल तथा डॉ. सुखवंत सिंह शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद टीम ने बताया कि विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। विसरे की जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
मृतक गुरमीत सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी जसप्रीत (10) 5वीं में पढ़ती है। जबकि बेटा नवरोज (5) पहली कक्षा का में पढ़ता है।

बिजली निगम के थ्री टायर ने तोड़ी किसानों की कमर

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर हरियाणा में थ्री टायर योजना लागू करके किसानों की कमर तोड़ दी और साथ में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का पेट भी इतना भारी कर दिया कि वह थ्री टायर बन गया।
इसकी पोल खोलते हुए गांव खुइयांमलकाना के किसान तथा रिटायर्ड बिजली कर्मचारी बीएस भुल्लर ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा स्वयं को किसान हितैषी बताते हैं, लेकिन वास्तव में वह किसानों के कितने हितैषी है इसका उदाहरण दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में किसानों के लिए टयूब्बैल कनैक्शन की थ्री टायर योजना से लग जाता है। उनके अनुसार इस योजना को दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के चीफ इंजीनियर (कर्मिशियल) हिसार के सेल्ज सर्कुलर नं. 12/2011 दिनांक 16/5/2011 तथा सेल्ज इंस्ट्रक्शन नं. 10/2011 दिनांक 19/5/2011 के अनुसार अगर किसान एक टयूब्बैल कनैक्शन लेता है तो उसे ट्रांस्फार्मर की पूरी कीमत अदा करनी होगी जो लगभग 45 हजार रूपये है। जबकि पहले किसान को इसी कनैक्शन के लिए केवल 20 हजार रूपये निगम को अदा करने होते थे। जबकि एलटी गु्रप कनैक्शन के लिए किसान को तीन कनैक्शन लेने पर 90 हजार रूपये अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन कर्ज के तले दबते और महंगी खेती का शिकार हो रहे किसान को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने राहत देने की अपेक्षा उसे और बोझ तले लाद दिया है। उनके अनुसार सरकार जानबूझ कर ऐसी नीति तैयार कर रही है कि किसान अपने आप जमीन जोतना ही छोड़ जाये और वह मजबूर होकर औने-पौने भाव पर अपनी जमीन को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के पास गिरवी रख दे।

दुर्घटना में पंच की मौत

डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार दोपहर को गांव कुटी के पास बस-बाईक दुर्घटना में बाईक चालक की मौत हो गई। बस चालक बस सहित मौका से फरार हो गया।
डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के प्रधान आरके नीना ने बताया कि गांव कुद्दा का पंच गुरजंट सिंह उर्फ जंटा पुत्र बूटा सिंह अपनी हीरो हांडा बाईक पर गांव से डबवाली आ रहा था। लेकिन गांव कुटी के पास उसकी बाईक सामने से आ रही एक प्राईवेट बस से टकरा गई। जिससे बाईक चालक जंटा सिंह घायल हो गया। उसे तत्काल संस्था की एम्बुलैंस ने संगत के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बठिंडा रैफर कर दिया गया। लेकिन बठिंडा लेजाते समय मार्ग में ही उसकी मौत हो गई।

घरेलू हिंसा के खिलाफ युवती ने उठाई आवाज

डबवाली (लहू की लौ) गांव गोदीकां की एक युवती ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज मांगने का आरोप लगाते हुए एसपी को एक शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।
गांव गोदीकां के जसवंत सिंह की पुत्री बब्बू जिला सिरसा के गांव साहूवाला प्रथम के रामजी लाल के बेटे निरंकार से विवाहिता है। उसेक दो बच्चे हैं। बब्बू करीब दस दिन पूर्व अपने बच्चों के साथ अपने मायके गोदीकां में आई हुई थी। इसी दौरान वह अपनी माता बिमला देवी के साथ रानियां में अपने ननिहाल चली गई। एसपी सिरसा को दी शिकायत में बब्बू ने कहा है कि उसका रानियां जाना उसके पति निरंकार को नागवार गुजरा। उसके पति ने उससे रानियां जाने पर डांटा। जीप पर सवार होकर आया निरंकार उसके बच्चों दो वर्षीय ज्योति तथा 11 माह के बेटे लक्की को गांव गोदीकां से उठा ले गया।
एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए पीडि़तो ने अपने पति पर दहेज मांगने का भी आरोप जड़ दिया है। साथ में पुलिस से कहा है कि उसके बच्चों को भी उसके साथ मिलाया जाए।
थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने एसपी के आदेश पर दोनों पक्षों को थाना में बुलाकर इस मामले को निपटाने के लिए तीन दिन का समय दिया है। अगर दोनों में राजीमंदा हो जाता है तो ठीक है, अन्यथा पुलिस कानूनी कार्रवाई को बाध्य होगी।

महिला ने जहर निगला

डबवाली (लहू की लौ) यहां के वार्ड नं. 5 में एक महिला संदिग्ध परिस्थितियों में जहर निगल गई। हालत गंभीर होने पर उसके परिजन उसे अस्पताल ले आए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
यहां के वार्ड नं. 5 के निवासी केवल कृष्ण ने बताया कि बुधवार शाम को उसकी पत्नी राधा (32) का रक्तचाप अचानक बढ़ गया और उसे चक्कर आने लगे। जिस पर उसने अपनी बेटी तुलसी (7) को गोली लाने के लिए कहा। लेकिन भूलवश तुलसी ने रक्तचाप की अपेक्षा गेहूं में डालने वाली दवा की गोली दे दी। गोली को लेते ही राधा की तबीयत बिगडऩे लगी। उसे तत्काल अस्पताल लाया गया। वहां से प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।

बिना मीटर लगाए थमा दिया हजारों का बिल

कालांवाली (नरेश सिंगला) विद्युत निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बी.पी.एल. परिवारों की प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई राजीव गांधी विद्युत योजना का लाभ मिलने की बजाये परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निगम के अधिकारी लापरवाही की जिम्मेवारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं।
क्षेत्र के गांव खोखर के निवासी जगदेव सिंह, घोघर सिंह,रूपाली राम आदि ने बताया कि उन्होने उक्त योजना के तहत लगभग  एक वर्ष पूर्व दस रूपये की रसीद कटवा कर बिजली का मोटर लगवाने के लिए आवेदन पत्र जमा करवाए थे। उन्होने बताया कि योजना के तहत गावो मे अनेक बीपीएल परिवार घरों मे मीटर लग चुके है परंतु उनके घरो मे आज तक मीटर नही लगा। जबकि विभाग ने उन्हे बिल अवश्य भेज दिया। उन्होंने बताया की जब निगम का कर्मचारी बिल देने आया तो वह हैरान रह गए की मीटर तो लगा नही और विभाग ने बिल कैसे भेज दिया।
उन्होने बताया कि उनके घरो मे मीटर न लगने के कारण उन्हे  भीष्म गर्मी मे भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। वे इस मामले को लेकर निगम के अधिकारियों मे भी मिल चुके है परंतु आज तक कोई समाधान नही हुआ।
गावं के सपंच मिटठू सिंह ने बताया की उक्त मामले को लेकर वह निगम के अधिकारियों से मिल चुके है। परंतु निगम ने इस बारे में कुछ नहीं किया।
इस सवंध मे विद्युत निगम कालांवाली के एसडीओ पंकज गण्डा ने बताया कि उक्त मामला उनके ध्यान मे है। यह गलती ठेकेदार की है कार्य की जांच के लिए उन्होंने कर्मचारियों की डयूटी लगाई है, शीघ्र ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा तथा जिसकी गलती होगी, उससे बिल की भरपाई की जाएगी।
योजना के जिला प्रभारी वरिष्ठ अभियन्ता एमआर सचदेवा ने बताया कि उन्होंने आवेदन पत्रों की जांच कर तैयार की सूची में शामिल परिवारों के घरों में मीटर लगाने के निर्देश दिये थे लेकिन ठेकेदार के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मीटर लगाने में गडबड़ी हो गई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
ज्ञात रह ेकि इससे पूर्व भी निगम की लापरवाही के कारण गांव ख्योवाली व देसू खुर्द मे भी ऐसे मामले प्रकाश में आए थे, लेकिन इसके बावजूद भी निगम के अधिकारी सुध नहीं ले रहे और उपभोक्ताओं की परेशानी का सामना करना पड रहा है।