23 जून 2020

सरकारी कार्यालयों में पीने को मिलेगा ''हरियाणा फ्रेशÓÓ मिनरल पेयजल

हर जिलें में शुरू होगी लैब, पानी से लेकर खाद्य पदार्थो की होगी जांच
गर्मियों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में ना आये पेयजल की समस्या-मुख्यमंत्री


चंडीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने जन-स्वास्थ्य अभियंात्रिकी विभाग के माध्यम से ब्रांड नाम  ''हरियाणा फ्रेशÓÓ के तहत बोतलबंद मिनरल पेयजल के विनिर्माण हेतू एक मिनरल वाटर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, महाग्राम योजना के तहत पहली ग्रामीण सीवरेज प्रणाली का उद्घाटन आगामी 15 अगस्त, 2020 को फरीदाबाद के ग्राम सोताई में किया जाएगा। ये निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड की 53वीं बैठक में लिए गए।
मनोहर लाल ने विभाग के अधिकारियों को इस संयंत्र की स्थापना के लिए तौर-तरीकों व साधनों के बारे में जानकारी देने के भी निर्देश दिए। प्रारंभ में, इस संयंत्र से बोतलबंद मिनरल वाटर सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में, छात्रों को स्वच्छ और ताजा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में मिनरल वाटर रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पीने के पानी के अलावा राज्य के सभी जिलों में एक व्यापक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जहां पर न केवल पीने के पानी की जांच होगी बल्कि अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जाँच की जाएगी।
मनोहर लाल ने कहा कि लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतू विभाग द्वारा बनाई गई विस्तृत योजना की भी जानकारी ली।
 बैठक में यह भी बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रत्येक कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति, टेंडर फ्लोटिंग, टेंडर अलॉटमेंट, कार्य की शुरुआत, कार्य पूरा होने और वित्तीय बंद होने की छह महत्वपूर्ण तिथियां के साथ सौंपा गया हैं। तदनुसार, नलकूप, नहर आधारित जल कार्य, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), बूस्टर चालू करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
 बैठक में बताया गया कि महाग्राम योजना के तहत, 129 गांवों का चयन सीवरेज प्रणाली बिछाने के लिए किया गया है। दस हजार से कम आबादी वाले गांवों में, सीवरेज प्रणाली बिछाने और पानी की आपूर्ति के उन्नयन के लिए गांव की ओर से खर्च वहन करने हेतू राज्य सरकार द्वारा सहमति दी गई है और ऐसे गांवों की व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर विचार किया जा रहा है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजेश खुल्लर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  टीवीएसएन प्रसाद, जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव  सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव, आशिमा बराड़ और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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