22 दिसंबर 2014

कार्बन डाईआक्साईड शरीर में कैंसर रोग को जन्म देती है-गोपाल कृष्ण

डबवाली (लहू की लौ) योगाचार्य गोपाल कृष्ण ने कहा कि लोग  श्वास तो लेते हैं लेकिन जब श्वास को बाहर निकालते हैं, श्वास को बीच में ही खा जाते हैं। परिणामस्वरूप कार्बन डाईआक्साइड बाहर निकलने की अपेक्षा भीतर ही रह जाती है। यहीं कार्बन डाईआक्साईड शरीर में कैंसर जैसे कई रोगों को जन्म देती है।
वे शनिवार को लायन क्लब सुप्रीम मंडी डबवाली द्वारा महाराजा पैलेस में आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर के अन्तिम दिन उपस्थित साधकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्वास को गले में खाने के चलते ही, रोगी दवा लेने के बावजूद भी ठीक नहीं हो पाता बल्कि दिन प्रतिदिन और रोगी होता जाता है।
उन्होंने उज्जाई प्राणायाम के संबंध में बताया कि इसमें आवाज शंख की तरह आनी चाहिए। उनके अनुसार इससे शंखनी नाड़ी जागृत होती है। जिससे ज्ञान और विवेक प्राप्त होता है। यहीं नहीं बल्कि थायराईड, टांसल, गले के सभी रोग दूर होते हैं। दिमाग शांत होकर तेज होता है। उन्होंने बताया कि अनुलोम विलोम शरीर का टम्परेचर सम बनाता है। कपालभात्ति से डाईजिस्ट सिस्टम तेज होकर चेहरे पर तेज आता है।
इसके बाद उन्होंने सतलुज पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों और स्टॉफ को भर योग के गुर बताये। दोपहर को उन्होंने बार एसोसिएशन में वकीलों को श्वास लेने की सही विधि की जानकारी दी और विभिन्न प्रकार के प्राणायाम बताये। इस मौके पर उनके  साथ  अनन्द योग अमृत दिल्ली के ट्रस्टी आनन्द जैन तथा कल्ब के प्रधान नरेश गुप्ता, भूपेन्द्र पाहूजा, गुरदीप कामरा, संजीव कुमार, दीपक सिंगला भी थे। महाराज पैलेस में चल रहे योग शिविर में ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश गोयल तथा अजय जैन आईजी ने भी भाग लिया। शाम को महाराज पैलेस में लायन्ज कल्ब ने योगाचार्य गोपाल कृष्ण को सम्मानित किया।

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