18 नवंबर 2009

आरएसएस के शहीद स्वयंसेवकों को दी श्रद्धांजलि

डबवाली(लहू की लौ) देश धर्म के लिए शहीद होने को ही बलिदान होना कहा जाता है। इसी बलिदान के कारण मानवता बचती है। देश अखंड होता है। इसी प्रकार का बलिदान मंडी किलियांवाली में डबवाली के वाटरवक्र्स में 17 नवम्बर 1990 को हुआ था जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 11 स्वयं सेवी पंजाब के आतंकवादियों ने गोलियों से शहीद कर दिये थे। उनका 19वां शहीदी दिवस संघ के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मनाया।
यह जानकारी देते गोभक्त रामलाल बागड़ी ने बताया कि इसी बलिदान को नमन करने के लिए यहां के स्थानीय वाटर वक्र्स में संघ के स्वयंसेवकों ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर प्रारंभ में एक घंटे की वहीं शाखा का दृश्य दिखाया जिस शाखा पर आतंकियों ने हमला किया। बाद में देशभक्ति गीत हुए। कविता के माध्यम से उन शहीदों को एवं घायलों को याद किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में सिरसा से पधारे डॉ. सुरेन्द्र मल्होत्रा जिल संघ चालक ने श्रद्धा सुमन चढ़ाए एवं घटना का पूरा वृतांत दोहराया। उपस्थित स्वयंसेवकों ने पुष्पांजली दी। स्थानीय कार्यकर्ताओं में प्रमुख रूप से संतोष दुआ, राजेन्द्र कुमार, हर्षक एवं अन्य लोग उपस्थित हुए।

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