डबवाली (लहू की लौ) आर्य समाज मंदिर में 23 दिसंबर, मंगलवार को स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस व डबवाली अग्निकांड के शहीदों की स्मृति में हवन यज्ञ का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। यज्ञब्रह्मा का दायित्व भारत मित्र आर्य ने निभाया जबकि डॉ. रामफल आर्य ने मुख्य यजमान के तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। तदोपरांत अध्यक्ष एसके दुआ, विजय कुमार शास्त्री व डॉ. रामफल आर्य ने स्वामी श्रद्धानंद के जीवन पर प्रकाश डाला।
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Lahoo Ki Lau
24 दिसंबर 2014
विभिन्न बैंकों में 508 ऋण आवेदन पत्र लम्बित
सिरसा (लहू की लौ) हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, सिरसा का वर्ष 2014-15 का वार्षिक लक्ष्य पूरा करवाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ की अध्यक्षता में बैंक अधिकारियों की मीटिंग ली गई। मीटिंग में निगम के लक्ष्य की प्रगति व लम्बित आवेदन पत्रों की ब्रांच वाईज समीक्षा की गई।
समीक्षा करने उपरांत पाया कि जिले में कार्यरत विभिन्न बैंकों में अनुसूचित जाति के लगभग 508 ऋण आवेदन पत्र लम्बित हैं। उन्होंने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियम अनुसार निगम द्वारा प्रायोजित आवेदन पत्रों का निपटान 15 दिन में किया जाना अति आवश्यक है, ब्रांच मैनेजरों द्वारा लम्बे समय तक आवेदन पत्रों को लम्बित रखना नियम के विरूद्ध है।
बराड़ द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि पंजाब नैशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, हरियाणा ग्रामीण बैंक, ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, यूनियन बैंक, सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, बैंक ऑफ बड़ौदा, दि सिरसा सैन्ट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक, बैंको में लम्बे समय से आवेदन पत्र लम्बित हैं। अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा सख्त आदेश दिये गए कि शाखा प्रबंधक अनुसूचित जाति के व्यक्ति का आवेदन पत्र रद्द करने के लिए सक्षम नहीं है। आवेदन पत्र रद्द करवाने के लिए रीजनल मैनेजर की स्वीकृति आवश्यक है।
उन्होंने महाप्रबंधक दि सिरसा को-आप्रेटिव बैंक को आदेश दिये कि उनके बैंक में सबसे अधिक 160 ऋण आवेदन पत्र लम्बित हैं। सभी ऋण आवेदन पत्रों की स्वीकृति 31 जनवरी 2015 तक करवाए व निगम का वार्षिक लक्ष्य पूरा करे। अन्य सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी बैंक अपने लक्ष्य अनुसार स्वीकृति पत्र जारी करें।
उन्होंने कहा कि अगली मीटिंग तक कोई भी आवेदन पत्र लम्बित मत रखें व सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ समय पर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को पहुंचाने में सहयोग करें।
समीक्षा करने उपरांत पाया कि जिले में कार्यरत विभिन्न बैंकों में अनुसूचित जाति के लगभग 508 ऋण आवेदन पत्र लम्बित हैं। उन्होंने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियम अनुसार निगम द्वारा प्रायोजित आवेदन पत्रों का निपटान 15 दिन में किया जाना अति आवश्यक है, ब्रांच मैनेजरों द्वारा लम्बे समय तक आवेदन पत्रों को लम्बित रखना नियम के विरूद्ध है।
बराड़ द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि पंजाब नैशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, हरियाणा ग्रामीण बैंक, ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, यूनियन बैंक, सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, बैंक ऑफ बड़ौदा, दि सिरसा सैन्ट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक, बैंको में लम्बे समय से आवेदन पत्र लम्बित हैं। अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा सख्त आदेश दिये गए कि शाखा प्रबंधक अनुसूचित जाति के व्यक्ति का आवेदन पत्र रद्द करने के लिए सक्षम नहीं है। आवेदन पत्र रद्द करवाने के लिए रीजनल मैनेजर की स्वीकृति आवश्यक है।
उन्होंने महाप्रबंधक दि सिरसा को-आप्रेटिव बैंक को आदेश दिये कि उनके बैंक में सबसे अधिक 160 ऋण आवेदन पत्र लम्बित हैं। सभी ऋण आवेदन पत्रों की स्वीकृति 31 जनवरी 2015 तक करवाए व निगम का वार्षिक लक्ष्य पूरा करे। अन्य सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी बैंक अपने लक्ष्य अनुसार स्वीकृति पत्र जारी करें।
उन्होंने कहा कि अगली मीटिंग तक कोई भी आवेदन पत्र लम्बित मत रखें व सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ समय पर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को पहुंचाने में सहयोग करें।
महाशांति यज्ञ के साथ एनएसएस कैम्प की शुरूआत
डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार को सीएमडीएवी स्कूल के प्रांगण में महाशांति यज्ञ के साथ एनएसएस कैम्प की शुरूआत की गई। जिसमें स्कूल प्राचार्या सरिता गोयल ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाते हुए पूर्णाहुति दी और अग्निकांड में शहीद हुई दिवंगत आत्माओं को शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। शास्त्री महेन्द्र कुमार ने पूर्ण विधिविधान से मंत्रोच्चारण करते हुए यज्ञ पूर्ण किया।
कैम्प प्रभारी शकुंतला चुघ ने बताया कि स्वयंसेवियों ने अध्यापक अजय ग्रोवर और कुलदीप सिंह की देख रेख में स्कूल प्रांगण की सफाई की और अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंच कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
प्रधानाचार्या ने इससे पूर्व स्वयंसेवियों को सच्चे देश भक्त और समाज सेवी बनने का प्रण करवाया। उन्होंने कहा कि 23 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक विद्यालय बंद रहेगा। लेकिन एनएसएस के स्वयंसेवी अपनीे सेवाएं प्रदान करते हुए स्कूल पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि ग्यारहवीं से बारहवीं कक्षा का पेपर 26 तारीख को लिया जायेगा।
कैम्प प्रभारी शकुंतला चुघ ने बताया कि स्वयंसेवियों ने अध्यापक अजय ग्रोवर और कुलदीप सिंह की देख रेख में स्कूल प्रांगण की सफाई की और अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंच कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
प्रधानाचार्या ने इससे पूर्व स्वयंसेवियों को सच्चे देश भक्त और समाज सेवी बनने का प्रण करवाया। उन्होंने कहा कि 23 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक विद्यालय बंद रहेगा। लेकिन एनएसएस के स्वयंसेवी अपनीे सेवाएं प्रदान करते हुए स्कूल पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि ग्यारहवीं से बारहवीं कक्षा का पेपर 26 तारीख को लिया जायेगा।
180 रक्तदानियों ने रक्तदान करके शहीदों को दी श्रद्धांजलि
डबवाली(लहू की लौ) युवा रक्तदान सोसायटी ने अग्रवाल धर्मशाला में अग्निकांड के शहीदों की स्मृति में लगाये गये रक्तदान शिविर में सर्वप्रथम संदीप चौधरी ने रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य देव कुमार शर्मा ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि 23 दिसंबर 1995 को जो अग्निकांड डबवाली में हुआ उसकी पीड़ा आज भी कम नहीं हुई है लेकिन फिर भी हमें मिलजुल कर उस पीड़ा को भुलाकर जीवन में आगे बढऩा चाहिए।
संस्था के संस्थापक सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि संस्था द्वारा आयोजित 96वें विशाल रक्तदान शिविर में स्वेच्छा से 180 पुरूष महिलाओं ने रक्तदान कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर पंजाब नैशनल बैंक के शाखा प्रबंधक परमजीत कोचर, अरोड़वंश धर्मशाला सभा के अध्यक्ष प्रेम सिंह सेठी, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के शाखाध्यक्ष प्रीतम बांसल, उद्योगपति वरूण सिंगला, युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा व डॉ. जीडी जिंदल सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्तियों में भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज शर्मा, लायंस क्लब सुप्रीम के अध्यक्ष नरेश गुप्ता, सचिव दीपक सिंगला, मनोहर लाल ग्रोवर, गुरदीप कामरा, विपिन अरोड़ा, संजय कटारिया, श्री सनातन धर्म पंजाब महावीर दल के सचिव घनश्याम वेद पाठी बलजीत शर्मा,श्री गौशाला प्रबंधक कमेटी के सचिव जवाहर कामरा, संस्था की सलाहकार समिति के सदस्य दविंद्र मित्तल, राकेश गर्ग भीटीवाला, मदन लाल गुप्ता, हरदेव गोरखी, चरण कमल गोयल, केवल कृष्ण चलाना, सुनीत ग्रोवर, मास्टर नवीन नागपाल, मुरारी लाल शर्मा, राम गोपाल मित्तल, रूपिंद्र गोयल, सतीश बांसल गोगी, हरीश सचदेवा, जितेंद्र गुप्ता लवली उपस्थित थे। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज आग्रोहा के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अजय कोचर के सानिध्य में 16 सदस्यीय टीम ने रक्त प्राप्त करने का कार्य किया।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य देव कुमार शर्मा ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि 23 दिसंबर 1995 को जो अग्निकांड डबवाली में हुआ उसकी पीड़ा आज भी कम नहीं हुई है लेकिन फिर भी हमें मिलजुल कर उस पीड़ा को भुलाकर जीवन में आगे बढऩा चाहिए।
संस्था के संस्थापक सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि संस्था द्वारा आयोजित 96वें विशाल रक्तदान शिविर में स्वेच्छा से 180 पुरूष महिलाओं ने रक्तदान कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर पंजाब नैशनल बैंक के शाखा प्रबंधक परमजीत कोचर, अरोड़वंश धर्मशाला सभा के अध्यक्ष प्रेम सिंह सेठी, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के शाखाध्यक्ष प्रीतम बांसल, उद्योगपति वरूण सिंगला, युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा व डॉ. जीडी जिंदल सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्तियों में भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज शर्मा, लायंस क्लब सुप्रीम के अध्यक्ष नरेश गुप्ता, सचिव दीपक सिंगला, मनोहर लाल ग्रोवर, गुरदीप कामरा, विपिन अरोड़ा, संजय कटारिया, श्री सनातन धर्म पंजाब महावीर दल के सचिव घनश्याम वेद पाठी बलजीत शर्मा,श्री गौशाला प्रबंधक कमेटी के सचिव जवाहर कामरा, संस्था की सलाहकार समिति के सदस्य दविंद्र मित्तल, राकेश गर्ग भीटीवाला, मदन लाल गुप्ता, हरदेव गोरखी, चरण कमल गोयल, केवल कृष्ण चलाना, सुनीत ग्रोवर, मास्टर नवीन नागपाल, मुरारी लाल शर्मा, राम गोपाल मित्तल, रूपिंद्र गोयल, सतीश बांसल गोगी, हरीश सचदेवा, जितेंद्र गुप्ता लवली उपस्थित थे। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज आग्रोहा के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अजय कोचर के सानिध्य में 16 सदस्यीय टीम ने रक्त प्राप्त करने का कार्य किया।
यूरिया पर कृषि विभाग की निगरानी
यूरिया कृषि विभाग की निगरानी में बंट रही है। मंगलवार को तीन निजी खरीद केंद्रों पर यूरिया बंटी। सभी पर एडीओ तैनात रहे। शॉर्टेज के चलते केवल हरियाणा के किसानों को यूरिया देने के लिये आईडी प्रूफ मांगा गया। एक दिन में करीब चार हजार बैग बिके। स्टॉक में मात्र चार हजार बैग हैं। अभी तक पैक्सों तक यूरिया बैग नहीं पहुंचे हैं। जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।
शहीद का दर्जा देने में सरकार को लगे 19 बरस
एचसीएस सोमनाथ कंबोज के ससुर बोले, इस देश में शहीदों का सम्मान नहीं, अपमान होता है
डबवाली (लहू की लौ) एसडीएम सोमनाथ कंबोज मेरे दामाद थे। डबवाली अग्निकांड से ठीक तीन दिन पहले उनका तबादला गुहला चीकां के लिये हो गया था। लेकिन डीएवी स्कूल के कार्यक्रम में आ रहे एक मंत्री के लिये व्यवस्थाएं देखने के लिये वे वहीं रूक गये। कार्यक्रम के बाद उन्होंने नई जगह पदभार ग्रहण करना था। लेकिन अग्निकांड ने मेरी बेटी कमलेश रानी के संग उन्हें भी लील लिया। मेरे दामाद ने कई बच्चों की जिंदगियां बचाई। जिन राजनीतिकों के लिये डयूटी निभाते उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किये, वहीं राजनीतिक उनकी शहीदी भूल गये। अग्निकांड के उन्नीस वर्षों बाद सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया। यह कहना है यमुनानगर निवासी रिटायर्ड प्रिंसीपल यशपाल सिंह का।
23 दिसंबर 1995 को एचसीएस सोमनाथ कंबोज अपनी पत्नी तथा दो बच्चों प्रखर तथा समीर के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे। दोपहर बाद ठीक 1 बजकर 47 मिनट पर आग ने अपना तांडव दिखाया। इससे कुछ समय पूर्व ही दोनों बच्चे ड्रेस बदलने के लिये चालक के साथ गाड़ी में चले गये थे। आग में घिरे इस एचसीएस ने कई बच्चों को दीवार से बाहर फेंका। अपने अंग रक्षक के साथ आग में से निकलकर कई बच्चों को बाहर ले आये। बाद में अपनी पत्नी तथा बच्चों को बचाते हुये वे शहीद हो गये। मां-बाप को खो देने के बाद दोनों बच्चों को उनके नाना यशपाल अपने साथ यमुनानगर ले गये। सरकारी स्कूल से बतौर प्रिंसीपल रिटायरमेंट होने के बाद दोनों की परवरिश की। पेंशन राशि से पढ़ाकर प्रखर को एमबीए करवाई। जो आज करनाल स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत है। जबकि समीर ने होटल मैनेजमेंट में शिक्षा प्राप्त की है।
यशपाल सिंह ने बताया कि अग्निकांड से दो दिन पूर्व वह डबवाली में अपनी बेटी के साथ था। उसके दामाद को तबादले के साथ ही पदोन्नति मिलने वाली थी। जबकि बेटी कमलेश को अध्यापक की सरकारी नौकरी। लेकिन अग्निकांड ने दोनों को एक साथ लील लिया। सोमनाथ बच्चों को बचाते हुये शहीद हुआ। लेकिन सरकार ने उसे शहीद का दर्जा देने में उन्नीस वर्ष लगा दिये। इस देश में शहीदों का सम्मान नहीं अपमान होता है। ऐसा उसे सरकारी स्तर पर पत्र व्यवहार करने पर मालूम हुआ। चूंकि समीर को थर्ड क्लास नौकरी के लिये कई आवेदन किये, लेकिन किसी ने सुनवाई तक नहीं की।
ठंडे बस्ते में आवेदन
डबवाली अग्निकांड से अब तक विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकार आ चुकी है। लेकिन किसी ने पलटकर अग्निकांड पीडि़तों तथा उनके परिवारों की ओर नहीं देखा। भूपिंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार में सोमनाथ को शहीद का दर्जा मिलने पर समीर को थर्ड क्लास श्रेणी में सरकारी नौकरी मिलने की आस बंधी। लेकिन मौजूदा मनोहर लाल खट्टर की भाजपा सरकार ने पुरानी सरकार की कार्यवाही पर अंकुश लगाते हुये समीक्षा करने की बात कही है। जिससे उन्नीस वर्षों बाद फिर से तस्वीर धुंधली हो गई है। चूंकि एक बार फिर फाईल ठंडे बस्ते में चली गई है।
अगर अधिकारियों के साथ ऐसा होता है, तो आम के साथ कैसा होगा
रिटायर्ड प्रिंसीपल ने बताया कि अगर एचसीएस अधिकारी को शहीद का दर्जा मिलने में उन्नीस वर्ष लगते हैं। परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिलती। न्याय मांगने पर राजनीतिकों के आश्वासन मिलते हैं, तो फिर आम व्यक्ति के साथ कैसा होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश तथा केंद्र में भाजपा सरकार है। अग्निकांड पीडि़तों की मदद के लिये सरकार को आगे आना चाहिये।
23 दिसंबर 1995 को डबवाली में हुये भीषण अग्निकांड में कुछ ऐसे अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर नन्हें बच्चों की जान बचाई। एक एचसीएस अधिकारी ऐसा था, जिन्होंने तबादला होने के बावजूद अपना फर्ज निभाया। अपने फर्ज के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। वहीं एक अधिकारी ऐसा भी था, जिसे डबवाली में आये महज तीन दिन हुये थे। अग्निकांड में बेटी को खो देने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल रहते हुये प्रत्येक दिन अग्निकांड पीडि़तों को हौंसला दिया। आज यह अधिकारी हरियाणा पुलिस में एक बहुत बड़े ओहदे पर है। डबवाली अग्निकांड की 19वीं बरसी पर ऐसे अधिकारियों का याद आना स्वाभाविक है। लेकिन उस समय के उपायुक्त एमपी बिदलान से प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त खफा है। जिस तरीके से वे बच्चों को पैरों तले कुचलते हुये भागे थे, वह भी अभी तक अग्निकांड पीडि़तों के जेहन में है।
आईजी अनिल राव के फूलों को नहीं भूले पीडि़त
डबवाली (लहू की लौ) मैं ठीक हो गया हूं, भगवान आपको भी ठीक करेगा। ये विचार हिसार के आईजी अनिल राव के हैं। 1995 में वे बतौर डीएसपी डबवाली में नियुक्त थे। डबवाली अग्निकांड से ठीक तीन दिन पहले ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया था। अपनी बेटी सुरभि को डीएवी स्कूल में दाखिल करवाया था। 23 दिसंबर 1995 को वह अपनी बेटी के साथ कार्यक्रम में शरीक हुये थे। कार्यक्रम में उठे आग के बवंडर ने उनकी बेटी को लील लिया। खुद भी जख्मी होकर पीजीआई चंडीगढ़ में पहुंचे। खुद जख्मी होने के बावजूद उन्होंने पीजीआई में दाखिल अग्निकांड पीडि़तों का हौंसला बढ़ाया। दिन की शुरूआत में यह जाबांज अफसर प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त के कमरे में फूल भेजता। साथ में परिजनों के लिये एक मैसेज। खुद की बैड रेस्ट खत्म होने के बाद अनिल राव पीजीआई में प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त से मिले। अपने हाथों से फूल देकर कहा कि जिंदगी फूलों के सामान है। हमेशा खिलखिलाते रहना चाहिये। मैं ठीक हो गया हूं, भगवान आपको भी ठीक करेगा। ये शब्द आज अग्निकांड पीडि़तों को याद हैं। अनिल राव के हौंसले की बदौलत कई अग्निकांड पीडि़त आत्मनिर्भर बने।
डीएसपी से आईजी तक का सफर
अग्निकांड के बाद उनका तबादला कर दिया गया था। वे प्रदेश में विभिन्न जगहों पर रहते हुये पदोन्नति प्राप्त करते रहे। आग का दरिया लांघकर आया यह जाबांज अधिकारी आज हिसार का आईजी है। वे जब भी डबवाली आते हैं, तो अग्निकांड स्मारक पर जाना नहीं भूलते।
डबवाली (लहू की लौ) एसडीएम सोमनाथ कंबोज मेरे दामाद थे। डबवाली अग्निकांड से ठीक तीन दिन पहले उनका तबादला गुहला चीकां के लिये हो गया था। लेकिन डीएवी स्कूल के कार्यक्रम में आ रहे एक मंत्री के लिये व्यवस्थाएं देखने के लिये वे वहीं रूक गये। कार्यक्रम के बाद उन्होंने नई जगह पदभार ग्रहण करना था। लेकिन अग्निकांड ने मेरी बेटी कमलेश रानी के संग उन्हें भी लील लिया। मेरे दामाद ने कई बच्चों की जिंदगियां बचाई। जिन राजनीतिकों के लिये डयूटी निभाते उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किये, वहीं राजनीतिक उनकी शहीदी भूल गये। अग्निकांड के उन्नीस वर्षों बाद सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया। यह कहना है यमुनानगर निवासी रिटायर्ड प्रिंसीपल यशपाल सिंह का।
23 दिसंबर 1995 को एचसीएस सोमनाथ कंबोज अपनी पत्नी तथा दो बच्चों प्रखर तथा समीर के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे। दोपहर बाद ठीक 1 बजकर 47 मिनट पर आग ने अपना तांडव दिखाया। इससे कुछ समय पूर्व ही दोनों बच्चे ड्रेस बदलने के लिये चालक के साथ गाड़ी में चले गये थे। आग में घिरे इस एचसीएस ने कई बच्चों को दीवार से बाहर फेंका। अपने अंग रक्षक के साथ आग में से निकलकर कई बच्चों को बाहर ले आये। बाद में अपनी पत्नी तथा बच्चों को बचाते हुये वे शहीद हो गये। मां-बाप को खो देने के बाद दोनों बच्चों को उनके नाना यशपाल अपने साथ यमुनानगर ले गये। सरकारी स्कूल से बतौर प्रिंसीपल रिटायरमेंट होने के बाद दोनों की परवरिश की। पेंशन राशि से पढ़ाकर प्रखर को एमबीए करवाई। जो आज करनाल स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत है। जबकि समीर ने होटल मैनेजमेंट में शिक्षा प्राप्त की है।
यशपाल सिंह ने बताया कि अग्निकांड से दो दिन पूर्व वह डबवाली में अपनी बेटी के साथ था। उसके दामाद को तबादले के साथ ही पदोन्नति मिलने वाली थी। जबकि बेटी कमलेश को अध्यापक की सरकारी नौकरी। लेकिन अग्निकांड ने दोनों को एक साथ लील लिया। सोमनाथ बच्चों को बचाते हुये शहीद हुआ। लेकिन सरकार ने उसे शहीद का दर्जा देने में उन्नीस वर्ष लगा दिये। इस देश में शहीदों का सम्मान नहीं अपमान होता है। ऐसा उसे सरकारी स्तर पर पत्र व्यवहार करने पर मालूम हुआ। चूंकि समीर को थर्ड क्लास नौकरी के लिये कई आवेदन किये, लेकिन किसी ने सुनवाई तक नहीं की।
ठंडे बस्ते में आवेदन
डबवाली अग्निकांड से अब तक विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकार आ चुकी है। लेकिन किसी ने पलटकर अग्निकांड पीडि़तों तथा उनके परिवारों की ओर नहीं देखा। भूपिंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार में सोमनाथ को शहीद का दर्जा मिलने पर समीर को थर्ड क्लास श्रेणी में सरकारी नौकरी मिलने की आस बंधी। लेकिन मौजूदा मनोहर लाल खट्टर की भाजपा सरकार ने पुरानी सरकार की कार्यवाही पर अंकुश लगाते हुये समीक्षा करने की बात कही है। जिससे उन्नीस वर्षों बाद फिर से तस्वीर धुंधली हो गई है। चूंकि एक बार फिर फाईल ठंडे बस्ते में चली गई है।
अगर अधिकारियों के साथ ऐसा होता है, तो आम के साथ कैसा होगा
रिटायर्ड प्रिंसीपल ने बताया कि अगर एचसीएस अधिकारी को शहीद का दर्जा मिलने में उन्नीस वर्ष लगते हैं। परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिलती। न्याय मांगने पर राजनीतिकों के आश्वासन मिलते हैं, तो फिर आम व्यक्ति के साथ कैसा होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश तथा केंद्र में भाजपा सरकार है। अग्निकांड पीडि़तों की मदद के लिये सरकार को आगे आना चाहिये।
23 दिसंबर 1995 को डबवाली में हुये भीषण अग्निकांड में कुछ ऐसे अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर नन्हें बच्चों की जान बचाई। एक एचसीएस अधिकारी ऐसा था, जिन्होंने तबादला होने के बावजूद अपना फर्ज निभाया। अपने फर्ज के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। वहीं एक अधिकारी ऐसा भी था, जिसे डबवाली में आये महज तीन दिन हुये थे। अग्निकांड में बेटी को खो देने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल रहते हुये प्रत्येक दिन अग्निकांड पीडि़तों को हौंसला दिया। आज यह अधिकारी हरियाणा पुलिस में एक बहुत बड़े ओहदे पर है। डबवाली अग्निकांड की 19वीं बरसी पर ऐसे अधिकारियों का याद आना स्वाभाविक है। लेकिन उस समय के उपायुक्त एमपी बिदलान से प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त खफा है। जिस तरीके से वे बच्चों को पैरों तले कुचलते हुये भागे थे, वह भी अभी तक अग्निकांड पीडि़तों के जेहन में है।
आईजी अनिल राव के फूलों को नहीं भूले पीडि़त
डबवाली (लहू की लौ) मैं ठीक हो गया हूं, भगवान आपको भी ठीक करेगा। ये विचार हिसार के आईजी अनिल राव के हैं। 1995 में वे बतौर डीएसपी डबवाली में नियुक्त थे। डबवाली अग्निकांड से ठीक तीन दिन पहले ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया था। अपनी बेटी सुरभि को डीएवी स्कूल में दाखिल करवाया था। 23 दिसंबर 1995 को वह अपनी बेटी के साथ कार्यक्रम में शरीक हुये थे। कार्यक्रम में उठे आग के बवंडर ने उनकी बेटी को लील लिया। खुद भी जख्मी होकर पीजीआई चंडीगढ़ में पहुंचे। खुद जख्मी होने के बावजूद उन्होंने पीजीआई में दाखिल अग्निकांड पीडि़तों का हौंसला बढ़ाया। दिन की शुरूआत में यह जाबांज अफसर प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त के कमरे में फूल भेजता। साथ में परिजनों के लिये एक मैसेज। खुद की बैड रेस्ट खत्म होने के बाद अनिल राव पीजीआई में प्रत्येक अग्निकांड पीडि़त से मिले। अपने हाथों से फूल देकर कहा कि जिंदगी फूलों के सामान है। हमेशा खिलखिलाते रहना चाहिये। मैं ठीक हो गया हूं, भगवान आपको भी ठीक करेगा। ये शब्द आज अग्निकांड पीडि़तों को याद हैं। अनिल राव के हौंसले की बदौलत कई अग्निकांड पीडि़त आत्मनिर्भर बने।
डीएसपी से आईजी तक का सफर
अग्निकांड के बाद उनका तबादला कर दिया गया था। वे प्रदेश में विभिन्न जगहों पर रहते हुये पदोन्नति प्राप्त करते रहे। आग का दरिया लांघकर आया यह जाबांज अधिकारी आज हिसार का आईजी है। वे जब भी डबवाली आते हैं, तो अग्निकांड स्मारक पर जाना नहीं भूलते।
मुफ्त कनेक्शन के बाद बिल पर बवाल, लोगों का जोरदार प्रदर्शन
डबवाली (लहू की लौ) इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत मुफ्त में पेयजल कनेक्शन पाने वाले अनुसूचित वर्ग के लोग चार साल बाद बिल आने पर विरोध में उतर आये हैं। सोमवार को लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय के समक्ष हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके प्रदर्शन किया।
प्रेम कनवाडिय़ा, फकीर चंद भुराडिय़ा, कृष्ण खटनावलिया, विनोद भुराडिय़ा, मोहन लाल, रामू राम, सुभाष, मंगल, राधेश्याम के नेतृत्व में लोग जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में एकत्रित हुये। एसडीई संकेत शर्मा से सवाल करते हुये लोगों ने कहा कि करीब चार साल पहले उन्हें बगैर कनेक्शन मुफ्त में 200 लीटर पेयजल की टंकी दी गई थी। अब 18 माह का बिल भेज दिया गया है, जोकि अनुचित है। उन्होंने एसडीई से पूछा कि ग्रामीण इलाके में भी इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत कनेक्शन वितरित किये गये थे। फिर उन्हीं पर ही ये बिल क्यों थोपे जा रहे हैं। लोगों को समझाते हुये एसडीई ने कहा कि सरकार की योजना के अनुसार ही बिल बांटे जा रहे हैं। जिसका भुगतान करना होगा। जिससे लोग तैश में आ गये। बिलों का भुगतान न करने की चेतावनी देते हुये कार्यालय का घेराव कर लिया। लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
बात न मानी तो एसडीएम कार्यालय घेरेंगे
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उपरोक्त योजना के तहत घपला हुआ है। चूंकि उन्हें मात्र पेयजल टंकियां वितरित की गई थी। कनेक्शन के नाम पर एक पाईप दी गई थी। बाद में पेयजल टंकी के पास खड़ा करके फोटो खींच ली गई। अब मुफ्त वाली योजना के बिल भेजे गये हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि मुफ्त कनेक्शन के नाम पर भेजे गये बिलों को वापिस नहीं लिया गया तो वे एसडीएम कार्यालय घेरने पर विवश होंगे।
यह है मामला
इंदिरा गांधी पेयजल योजना वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। योजना के अनुरूप कार्य करते हुये विभाग ने वर्ष 2010 में उपमंडल डबवाली में कनेक्शन करके पेयजल टंकियों का वितरण किया था। पूर्व जनस्वास्थ्य विभाग की मंत्री किरण चौधरी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के बिल माफ कर दिये थे। अब जनस्वास्थ्य विभाग वर्ष 2012 में बनी वाटर पॉलिसी का हवाला देते हुये शहरी क्षेत्र में 18-18 माह के बिल जारी कर रहा है। जिसके विरोध में अनुसूचित वर्ग प्रदर्शन करने पर विवश हो गया है।
उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे बात
वाटर पॉलिसी के तहत ही बिलों का वितरण किया जा रहा है। लोग बिलों का विरोध कर रहे हैं। जोकि उनके हाथ में नहीं। विरोध करने वाले लोग लिखकर दें, जिसे विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा जायेगा। लोग योजना के तहत केवल पेयजल टंकिया मिलने की बात कह रहे हैं, जोकि जांच का विषय है। लेकिन चार साल तक किसी ने आपत्ति दाखिल नहीं की। शिकायत मिलने पर मामले की जांच करवाई जायेगी। जो भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-संकेत शर्मा, एसडीई, जनस्वास्थ्य विभाग, डबवाली
प्रेम कनवाडिय़ा, फकीर चंद भुराडिय़ा, कृष्ण खटनावलिया, विनोद भुराडिय़ा, मोहन लाल, रामू राम, सुभाष, मंगल, राधेश्याम के नेतृत्व में लोग जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में एकत्रित हुये। एसडीई संकेत शर्मा से सवाल करते हुये लोगों ने कहा कि करीब चार साल पहले उन्हें बगैर कनेक्शन मुफ्त में 200 लीटर पेयजल की टंकी दी गई थी। अब 18 माह का बिल भेज दिया गया है, जोकि अनुचित है। उन्होंने एसडीई से पूछा कि ग्रामीण इलाके में भी इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत कनेक्शन वितरित किये गये थे। फिर उन्हीं पर ही ये बिल क्यों थोपे जा रहे हैं। लोगों को समझाते हुये एसडीई ने कहा कि सरकार की योजना के अनुसार ही बिल बांटे जा रहे हैं। जिसका भुगतान करना होगा। जिससे लोग तैश में आ गये। बिलों का भुगतान न करने की चेतावनी देते हुये कार्यालय का घेराव कर लिया। लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
बात न मानी तो एसडीएम कार्यालय घेरेंगे
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उपरोक्त योजना के तहत घपला हुआ है। चूंकि उन्हें मात्र पेयजल टंकियां वितरित की गई थी। कनेक्शन के नाम पर एक पाईप दी गई थी। बाद में पेयजल टंकी के पास खड़ा करके फोटो खींच ली गई। अब मुफ्त वाली योजना के बिल भेजे गये हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि मुफ्त कनेक्शन के नाम पर भेजे गये बिलों को वापिस नहीं लिया गया तो वे एसडीएम कार्यालय घेरने पर विवश होंगे।
यह है मामला
इंदिरा गांधी पेयजल योजना वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। योजना के अनुरूप कार्य करते हुये विभाग ने वर्ष 2010 में उपमंडल डबवाली में कनेक्शन करके पेयजल टंकियों का वितरण किया था। पूर्व जनस्वास्थ्य विभाग की मंत्री किरण चौधरी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के बिल माफ कर दिये थे। अब जनस्वास्थ्य विभाग वर्ष 2012 में बनी वाटर पॉलिसी का हवाला देते हुये शहरी क्षेत्र में 18-18 माह के बिल जारी कर रहा है। जिसके विरोध में अनुसूचित वर्ग प्रदर्शन करने पर विवश हो गया है।
उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे बात
वाटर पॉलिसी के तहत ही बिलों का वितरण किया जा रहा है। लोग बिलों का विरोध कर रहे हैं। जोकि उनके हाथ में नहीं। विरोध करने वाले लोग लिखकर दें, जिसे विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा जायेगा। लोग योजना के तहत केवल पेयजल टंकिया मिलने की बात कह रहे हैं, जोकि जांच का विषय है। लेकिन चार साल तक किसी ने आपत्ति दाखिल नहीं की। शिकायत मिलने पर मामले की जांच करवाई जायेगी। जो भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-संकेत शर्मा, एसडीई, जनस्वास्थ्य विभाग, डबवाली
हड़ताल पर रहे फल, सब्जी विक्रेता
डबवाली (लहू की लौ) सब्जी मंडी में रेहडिय़ां लगने के विरोध में गौशाला के नजदीक फल-सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले लोग सोमवार को हड़ताल पर रहे। हड़ताल की सूचना मिलते ही नगर परिषद हरकत में आ गया। परिषद की टीम ने आनन-फानन में सब्जी मंडी पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। टीम को देखते ही रेहड़ी मालिक भाग खड़े हुये। अपनी कार्रवाई के दौरान टीम ने दो लोगों के चालान किये।
एक जगह रेहड़ी लगें
रेहड़ी मालिक अभिमन्यु, विनोद कुमार, नारायण, संजू, विशंबर, नरेश कुमार, सत्यप्रकाश, रिंकू, दशरथ, सोनू, अजय, राजेश कुमार, चरणजीत, संदीप कुमार, सुभाष चंद्र, कमल वर्मा ने नगर परिषद सचिव ऋषिकेश चौधरी को दिये ज्ञापन में कहा है कि प्रशासन के कहने पर वे लोग मुख्य बाजार से हटकर गौशाला के नजदीक आये हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पुन: सब्जी मंडी के भीतर तथा मुख्य बाजार में रेहडिय़ों का लगना शुरू हो गया है। सब्जी मंडी में कुछ प्रभावशाली लोग तथा राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग उन्हें संरक्षण दे रहे है। ऐसे में उनकी रोजी-रोटी छिन रही है। रेहड़ी मालिकोंं ने नगर परिषद को सात दिन का समय देते हुये सब्जी मंडी तथा आस-पास के क्षेत्र से रेहडिय़ां /फड़ी हटवाकर गौशाला के नजदीक निर्धारित जगह पर लगाने की मांग की है।
गौशाला के पास निर्धारित की गई जमीन पर ही रेहड़ी लगेगी। अन्य किसी जगह पर रेहड़ी नहीं लगाने दी जायेगी। सोमवार को दो रहड़ी मालिकों के चालान किये गये हैं। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। गौशाला के नजदीक रेहड़ी लगाने वाले लोगों के साथ ज्याददती नहीं होने दी जायेगी।
-जयवीर डुडी, एमई नगर परिषद, डबवाली
जरूरतमंदों को दिये गर्म बस्त्र
डबवाली (लहू की लौ) लॉयन कल्ब मंडी डबवाली सुप्रीम द्वारा गत दिवस गरीब लोगों को गर्म वस्त्र वितरित किए गए। क्लब प्रधान नरेश गुप्ता की अध्यक्षता में तीन ईंट भट्ठों गोपाल दास एंड सन्ज़ मसीतां, बलदेव राय एंड सन्ज़ अलीकां तथा वेदप्रकाश एड सन्ज़ पर जाकर गरीब मजदूरों को कल्ब द्वारा 120 कान पट्टी, 110 जुराबें तथा टोपियां वितरित की गई। इसके अतिरिक्त क्लॉथ बैंक में एकत्रित गर्म वस्त्र बच्चों, महिलाओं व पुरूषों को देकर लगभग 150 व्यक्तियों को सर्दी से बचाने में सहायता की।
इस अवसर पर पूर्व जोन चेयरमैन गुरदीप कामरा, लॉयन दीपक सिंगला, सचिव लॉयन मनोहर लाल ग्रोवर, संजीव गर्ग, भूपिन्दर पाहूजा, लायन गुरदीप कामरा, लॉयन राज कुमार मिढ़ा, आशू लूना, योगेश मिढ़ा, अमरजीत अनेजा, लोकेश्वर वधवा उपस्थित थे।
कर्मचारी बोले सरकार के खिलाफ
डबवाली (लहू की लौ) सोमवार को आल हरियाणा पी.डब्लयू.डी. (पीएच) मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन रजि. 681 की एक बैठक सिविल हस्पताल के बुस्टिंग स्टेशन में चेयरमैन राजकुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें हरियाणा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की निंदा की गई और कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में टाल मटोल का रवैया अपना रही है।
कर्मचारियों ने बैठक में बताया कि किसी भी वॉटर वक्र्स पर सामान नहीं दिया जा रहा है। डेलीवेज कर्मचारियों को 1500,2000,3000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। उनके अनुसार एक ही विभाग में एक ही कैडर के डेलीवेजिज कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है। जो न्यौचित नहीं है। उन्होंने भेदभाव समाप्त करके सभी को सरकारी नियमानुसार वेतन दिये जाने की मांग की। इस मौके पर पाल सिंह प्रधान वीरचन्द सचिव, राजेश, हेमराज, दुलीचन्द, जयराम, शिवप्रताप, आत्माराम, विनोद कुमार, रूप राम शाक्य आदि उपस्थित थे।
कर्मचारियों ने बैठक में बताया कि किसी भी वॉटर वक्र्स पर सामान नहीं दिया जा रहा है। डेलीवेज कर्मचारियों को 1500,2000,3000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। उनके अनुसार एक ही विभाग में एक ही कैडर के डेलीवेजिज कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है। जो न्यौचित नहीं है। उन्होंने भेदभाव समाप्त करके सभी को सरकारी नियमानुसार वेतन दिये जाने की मांग की। इस मौके पर पाल सिंह प्रधान वीरचन्द सचिव, राजेश, हेमराज, दुलीचन्द, जयराम, शिवप्रताप, आत्माराम, विनोद कुमार, रूप राम शाक्य आदि उपस्थित थे।
बिश्नोई समाज का सदस्यता अभियान दो चरणों में
डबवाली (लहू की लौ) अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के ग्राम सभा से लेकर अध्यक्ष पद तक के चुनावों को लेकर ग्राम प्रभारियों की एक बैठक सोमवार को बिश्नोई धर्मशाला में कृष्ण लाल जादूदा व डबवाली ब्लॉक के चुनाव प्रभारी राजेंद्र कड़वासरा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में राज्य चुनाव प्रभारी रामरख जाखड़ जोधपुर, जिला चुनाव प्रभारी कृष्ण देव पंवार हिसार व राम स्वरूप सिहाग फतेहाबाद विशेष तौर पर पहुंचे। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस मौके पर स्थानीय चुनाव प्रभारी राजेंद्र कड़वासरा ने कहा कि बिश्नोई समाज के उत्थान के लिए संगठन का मजबूत होना जरूरी है। यह तभी संभव है जब समाज के अधिक से अधिक लोग संगठन से जुड़ें। उपस्थित ग्राम प्रभारियों को आवेदन फार्म उपलब्ध करवाते हुए उन्होंने बताया कि सदस्य बनने हेतू पांच साल के मात्र 10 रुपए व आजीवन सदस्यता के लिए केवल 100 रुपए फीस रखी गई है। बिश्नोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि सदस्यता अभियान के प्रथम चरण में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक व दूसरे चरण में 26 जनवरी से 10 फरवरी तक स्थानीय सभा के सदस्य बनाए जाएंगे।
इस मौके पर गांव सकताखेड़ा से अजय धारणिया, जूतांवाली से कमलेश खीचड़, अबूबशहर से सुशील धायल, आसाखेड़ा से सुनील खीचड़, चौटाला से विनोद भांभू, जंडवाला से भूप सिंह सीगड़, गंगा से रामजी लाल गोदारा, रामपुरा बिश्नोईया से पटेल गोदारा, मौजगढ़ से राजेंद्र सीगड़, विनोद पटवारी, डॉ. एसएन पूनिया, विजय सीगड़, सुरेश धारणिया, मिट्ठू राम सरपंच, जीव रक्षा समिति अध्यक्ष सुरेंद्र गोदारा, ओम प्रकाश रोहज, विजय कुमार नंबरदार, गिदडख़ेड़ा से विनोद तरड़ व अन्य उपस्थित थे।
इस मौके पर स्थानीय चुनाव प्रभारी राजेंद्र कड़वासरा ने कहा कि बिश्नोई समाज के उत्थान के लिए संगठन का मजबूत होना जरूरी है। यह तभी संभव है जब समाज के अधिक से अधिक लोग संगठन से जुड़ें। उपस्थित ग्राम प्रभारियों को आवेदन फार्म उपलब्ध करवाते हुए उन्होंने बताया कि सदस्य बनने हेतू पांच साल के मात्र 10 रुपए व आजीवन सदस्यता के लिए केवल 100 रुपए फीस रखी गई है। बिश्नोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि सदस्यता अभियान के प्रथम चरण में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक व दूसरे चरण में 26 जनवरी से 10 फरवरी तक स्थानीय सभा के सदस्य बनाए जाएंगे।
इस मौके पर गांव सकताखेड़ा से अजय धारणिया, जूतांवाली से कमलेश खीचड़, अबूबशहर से सुशील धायल, आसाखेड़ा से सुनील खीचड़, चौटाला से विनोद भांभू, जंडवाला से भूप सिंह सीगड़, गंगा से रामजी लाल गोदारा, रामपुरा बिश्नोईया से पटेल गोदारा, मौजगढ़ से राजेंद्र सीगड़, विनोद पटवारी, डॉ. एसएन पूनिया, विजय सीगड़, सुरेश धारणिया, मिट्ठू राम सरपंच, जीव रक्षा समिति अध्यक्ष सुरेंद्र गोदारा, ओम प्रकाश रोहज, विजय कुमार नंबरदार, गिदडख़ेड़ा से विनोद तरड़ व अन्य उपस्थित थे।
जरूरतमंद बच्चों को जर्सियां वितरित
डबवाली (लहू की लौ)लायंस क्लब मंडी डबवाली आस्था ने सोमवार सुबह शहर के स्लम एरिया सुंदर नगर में स्थित नव ज्योति पब्लिक स्कूल में 50 जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर व जर्सियां वितरित की। वितरण कार्य आस्ट्रेलिया से आई नन्हीं बच्ची प्रिशा व क्लब सदस्यों ने किया। इस मौके पर क्लब प्रधान मुकेश कामरा,सुधा कामरा,प्रकल्प अधिकारी मदन गर्ग ने क्लब द्वारा लगाए जा रहे सामाजिक प्रकल्पों के बारे जानकारी दी। कार्यक्रम में बीएस अरोड़ा, प्रेम गोयल, विजय गर्ग, राजेंद्र छाबड़ा, विक्की जिंदल,चंद्रमोहन जग्गा व नव ज्योति स्कूल के रिपन कुमार व स्वीटी उपस्थित थे।
22 दिसंबर 2014
राजनीतिकों तथा भ्रष्ट अफसरशाही के जुल्मों का शिकार हुई उमा
उन्नीस वर्षों से इंसाफ के लिये जंग लड़ रही अग्निकांड पीडि़ता

डबवाली (लहू की लौ) इस अग्निकांड पीडि़ता की कहानी सबसे जुदा है। जिसे सुनकर आंखें खुद-ब-खुद रो पड़ती हैं। बच्चों को बचाते हुये पति अग्निकांड में शहीद हो गया। पति की मौत के बाद इस पीडि़ता ने राजनीतिकों तथा भ्रष्ट अफसरशाही के इतने जुल्म सहे कि उसे अदालत की शरण लेनी पड़ी। अदालत से आये फैसले ने इस पीडि़ता की जिंदगी में नई रोशनी दी। लेकिन संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है, अभी भी पीडि़ता राजनीतिकों के साथ अपने हक की लड़ाई लड़ रही है। हम बात कर रहे हैं अग्निकांड में शहीद हुये भागीरथ की पत्नी उमा की। 23 दिसंबर 1995 को भागीरथ बतौर गनमैन एसडीएम सोमनाथ कंबोज के साथ डीएवी स्कूल के कार्यक्रम में मौजूद था।
आग भड़कने पर वह तीन बार एसडीएम को बाहर लेकर आया। अपनी पत्नी तथा बच्चों को आग से बचाने के लिये गये एसडीएम के पीछे चला गया। लेकिन इस बार वापिस नहीं लौटा। हालांकि हर बार आग से बचाते हुये उसने बच्चों को दीवार से बाहर फेंका। आग में खुद झुलसते हुये इस पुलिस कर्मी ने पंद्रह बच्चों को बचाया। हादसे के एक दिन बाद भागीरथ ने जख्मों का ताप न सहते हुये दम तोड़ दिया। मरणोपरांत भागीरथ की इस बहादुरी के लिये 1999 में लखनऊ में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सम्मानित किया। पति की बहादुरी का मैडल भागीरथ की पत्नी उमा ने प्राप्त किया। लेकिन राजनीतिकों तथा अफसरशाही के जुल्मों में यह मैडल दबकर रह गया है।
गर्भवती होने पर क्वार्टर से निकाला
उमा पर जुल्मों का सिलसिला 24 दिसंबर 1995 को पति की मौत के साथ ही शुरू हो गया था। उमा के दो बेटे हैं। हादसे के दौरान बड़ा बेटा बलदेव पांच साल का था। जबकि छोटा बेटा सुनील गर्भ में था। पति की मौत होते ही तीन माह से गर्भवती उमा से उसका सरकारी क्वार्टर खाली करवा लिया गया। इस हालत में सड़कों पर आई उमा को उसके परिजनों ने सहारा दिया। सरकार ने एक ओर जुल्म ढहाया। शहीद की पेंशन के रूप में उमा को महज 1045 रूपये प्रतिमाह देने शुरू कर दिये। जिसमें मेडिकल अलाऊंस, बेसिक पे शामिल थी। 1997 में यह पेंशन 1272 रूपये हो गई। दूसरी तरफ एसडीएम सोमनाथ कंबोज के आश्रितों को उनकी पूरी तनख्वाह पेंशन के रूप में मिलने लगी। इसे मुद्दा बनाते हुये वर्ष 2001-02 में उमा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चली गई। मात्र दो हफ्तों की कार्रवाई में हाईकोर्ट ने उसके पक्ष में निर्णय सुना दिया।
खुद के विभाग ने लगा दिया एक साल
बेशक हाईकोर्ट के निर्णय ने उमा को नई ऊर्जा देने का काम किया। लेकिन भागीरथ के खुद के विभाग ने हाईकोर्ट के नियमों को मानने के लिये एक वर्ष लगा दिया। भागीरथ के परिजन इसके लिये ऊंचे ओहदे पर बैठे एक आईएएस अधिकारी से मिले। अधिकारी ने काम के बदले पचास हजार रूपये की रिश्वत मांगी। यह न देने पर उमा को मिलने वाली रकम में से 25 प्रतिशत हिस्सा मांगा। पेंशन न लेने की बात कहते हुये उमा का परिवार वापिस लौट आया। बाद में लड़-झगड़ते वर्ष 2003 में विभाग से पेंशन बढ़ौतरी वाला पत्र जारी करवाया। जिसके बाद 2004 में उमा को 1996 से बकाया चल रही पेंशन के रूप में डेढ़ लाख रूपये मिले।
2007-08 में मिलने लगा हक : विभाग से पत्र जारी होने के बावजूद उमा ने काफी लंबा संघर्ष किया। 2004 से 2008 तक उमा बैंक अधिकारियों के पास इस पत्र को लिये घूमती रही। लेकिन किसी ने एक न सुनी। संघर्ष करते-करते थक चुकी उमा का साथ उसके देवर विनोद कुमार ने दिया। विनोद ने बैंक प्रबंधकों से जवाब तलबी की तो एकाएक पेंशन शुरू हो गई। अब उमा को प्रति माह करीब 16 हजार रूपये पेंशन के रूप में मिल रहे हैं।
यूं पढ़ाया बच्चों को
उमा के अनुसार क्वार्टर से निकाले जाने के बाद उसके परिजनों ने उसकी डिलीवरी करवाई। वह पुन: डबवाली में आ गई। पेंशन राशि से किराये के मकान में रहकर अपने दोनों बच्चों को पढ़ाया। उसके दोनों बच्चे डीएवी संस्थान में पढ़े, जिसमें अग्निकांड पीडि़त परिवारों के लिये मुफ्त शिक्षा मिलती थी। घर का खर्च चलाने के लिये उसने उपमंडलाधीश कार्यालय में नौकरी की। कुछ देर बाद उससे नौकरी छीन ली गई। बाद में विवाह के समय दहेज में मिले दो पशु काम आये। उनका दूध बेचकर बच्चों की परवरिश की। इस वर्ष बड़ा बेटा बी-टेक कर गया है, जबकि छोटा बेटा बीए में दाखिल हुआ है। अदालत में हुये फैसले के बाद जो पैसा मिला, उससे घर बना लिया है।
नौकरी का वायदा पूरा करे सरकार : उमा के अनुसार मदद करने की बजाये गिरगिट की तरह राजनीतिक अपना रंग बदलते रहे हैं। वर्ष 1999 में उसे पुलिस महानिदेशक का एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसके अनुसार पति की मौत के बाद उसके बड़े बेटे को नौकरी देने का वायदा करते हुये एक नंबर जारी करके बालिग होने पर नौकरी के लिये अप्लाई करने के लिये कहा। वर्ष 2000 में फिर एक पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें सरकार के नियमों के फेरबदल का हवाला देते हुये पुलिस विभाग के अधिकारियों ने नौकरी देने से मना कर दिया।
अब गृह मंत्रालय में अटकी है फाईल : उमा ने बताया कि जुलाई 2014 में पुलिस विभाग ने नियमों का हवाला देते हुये उसके बेटे को पुन: मेडिकल परीक्षण देने के लिये कहा। उसके छोटे बेटे सुनील ने मेडिकल परीक्षण दिया। जिसकी फाइल अभी तक गृह मंत्रालय में अटकी हुई है। हालांकि हरियाणा की मौजूदा खट्टर सरकार ने तत्कालीन हुड्डा सरकार के निर्णयों की समीक्षा करने की बात कही है। जिससे एक बार फिर उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों को बचाता शहीद हुआ भाई
मेरा भाई अस्पताल में था। वह बुरी तरह से झुलसा हुआ था। मैं उसे पहचान नहीं पाया। लेकिन उसने मुझे आवाज लगाई। वह कह रहा था कि मैंने बच्चों को बचाकर अपना फर्ज अदा किया है। मैं नहीं बचूंगा। मेरी मौत की खबर मेरी उमा को न देना, वह गर्भवती है। मेरे भाई की शहादत पर बेशक सरकार ने बहादुरी का मैडल देकर सम्मानित किया। लेकिन राजनीतिकों तथा भ्रष्ट अफसरशाही ने हमेशा जुल्म किये। जो अभी तक जारी हैं।
-विनोद कुमार (भागीरथ का भाई)
युवक पर हमला हालत गंभीर
डबवाली (लहू की लौ) गांव फुल्लो में इलेक्ट्रिशियन की दुकान करने वाले सन्नी निवासी हैबूआना पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उपचार के लिये उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया।
ट्रेन से कटकर मरा
डबवाली (लहू की लौ) रविवार शाम को रामबाग के नजदीक डबवाली से संगरिया की ओर जा रही मालगाड़ी के नीचे आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। करीब दो घंटे तक शव पटरी के बीच पड़ा रहा। सूचना पाकर मौका पर पहुंची जीआरपी बठिंडा पुलिस ने शव को कब्जे में करके पोस्टमार्टम हेतू बठिंडा के सिविल अस्पताल में पहुंचाया। फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। मृतक के गले में काले धागे में चांदी का लॉकेट डाला हुआ हे। आसमानी रंग की पेंट, सफेद नीली शर्ट, काले रंग की जर्सी पहनी हुई है। मृतक की आयु करीब 35-40 वर्ष बताई जा रही है।
एक ओर सफलता की सीढ़ी चढऩे को तैयार चकजालू
डबवाली (लहू की लौ) शिक्षा में पूर्ण साक्षर गांव अब पेयजल संरक्षण में सौ फीसदी साक्षर होने जा रहा है। गांव की पंचायत ने जनस्वास्थ्य विभाग के पास आवेदन कर 26 जनवरी 2015 से पूर्व गांव में सभी पेयजल कनेक्शन नियमित करने का दावा जताया है। अगर ऐसा हो गया तो गांव को जिला स्तर पर नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा।
जनस्वास्थ्य विभाग अपनी योजना के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र में 85 फीसदी से ज्यादा नियमित कनेक्शन होने पर संबंधित ग्राम पंचायत को आबादी के अनुसार सम्मानित करता है। इस बार नकद इनाम के लिये गांव चकजालू की पंचायत ने दावा ठोका है। इससे पहले भी इस गांव को पूर्ण साक्षर होने का पुरस्कार मिल चुका है। हरियाणा का यह एकमात्र ऐसा गांव है जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी पढ़े-लिखे हैं। यहीं नहीं आज तक ग्रामीणों पर पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। न ही कोई बैंक का कर्जदार है। सौ फीसदी ग्रामीण बिजली बिल भरते हैं। गांव में कोई कच्चा घर नहीं, प्रत्येक गली पक्की है। ग्रामीण नशा नहीं करते, इसलिये शराब का ठेका भी नहीं है। यह गांव चकजालू डबवाली-ऐलनाबाद रोड़ पर स्थित है। शहर डबवाली से इसकी दूरी करीब 28 किलोमीटर है। अब जल संरक्षण की शिक्षा में अपना झंडा बुलंद करने जा रहा है। इस गांव की एक विशेषता यह भी है कि गांव के प्रत्येक घर में पेड़ है।
आवेदन पर होगा सर्वे
पंचायत के आवेदन पर एडीसी कार्यालय, बीडीपीओ कार्यालय तथा जनस्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम जल्द गांव का सर्वे करेगी। अगर 85 फीसदी से ज्यादा रेगुलर पेयजल कनेक्शन मिलेंगे तो गांव को सम्मानित किया जायेगा। गांव चकजालू खंड स्तर पर सम्मानित होने वाली पहली पंचायत होगी। हालांकि उपमंडल स्तर पर मलिकपुरा तथा टप्पी की पंचायत सम्मानित हो चुकी है।
गांव को तोहफा देने के लिये विभाग तैयार : जनस्वास्थ्य विभाग गांव चकजालू की पंचायत को तोहफा देने के मूड में है। विभाग 87 लाख रूपये की लागत से विस्तारीकरण करने के लिये तैयार है। इसके तहत गांव के जलघर में नया वाटर टैंक बनाया जायेगा। इसके साथ-साथ नई मशीनरी स्थापित की जायेगी। गांव रामगढ़ में नया बुस्टिंग बनाने की योजना है।
आबादी मुताबिक
मिलता है पुरस्कार
आबादी पुरस्कार
1000 10,000
2000 20,000
3000 30,000
4000 40,000
5000 50,000
5000 से ज्यादा 50,000
सर्वे के बाद पुरस्कार: अगर गांव चकजालू में 85 फीसदी नियमित पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य पूरा हो गया तो पंचायत को सम्मानित किया जायेगा। पंचायत का आवेदन आया है। विभागीय टीम जांच करेगी, अगर सर्वे में पंचायत का दावा सही पाया जाता है तो पंचायत नकद पुरस्कार की हकदार होगी।
-संकेत शर्मा, एसडीई,
जनस्वास्थ्य विभाग, डबवाली
26 जनवरी से पहले हो जायेगा लक्ष्य पूरा
गांव की आबादी करीब साढ़े 900 है। 550 वोटर हैं। पेयजल कनेक्शनों को नियमित करने के लिये फार्म भरे जा रहे हैं। ग्रामीण सवाल पूछ रहे हैं कि कहीं बिल न आ जाये। अगर पेयजल का बिल न भरना पड़े तो 100 फीसदी लक्ष्य पूरा हो जायेगा। फिलहाल विभाग ने जो फार्म उपलब्ध करवाये हैं, उन्हें बांटा जा रहा है। फार्म भरवाये जा रहे हैं। 26 जनवरी से विभाग का 85 फीसदी नियमित पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य अवश्य पूरा कर लिया जायेगा।
-देवीलाल, सरपंच
गांव चकजालू
जनस्वास्थ्य विभाग अपनी योजना के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र में 85 फीसदी से ज्यादा नियमित कनेक्शन होने पर संबंधित ग्राम पंचायत को आबादी के अनुसार सम्मानित करता है। इस बार नकद इनाम के लिये गांव चकजालू की पंचायत ने दावा ठोका है। इससे पहले भी इस गांव को पूर्ण साक्षर होने का पुरस्कार मिल चुका है। हरियाणा का यह एकमात्र ऐसा गांव है जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी पढ़े-लिखे हैं। यहीं नहीं आज तक ग्रामीणों पर पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। न ही कोई बैंक का कर्जदार है। सौ फीसदी ग्रामीण बिजली बिल भरते हैं। गांव में कोई कच्चा घर नहीं, प्रत्येक गली पक्की है। ग्रामीण नशा नहीं करते, इसलिये शराब का ठेका भी नहीं है। यह गांव चकजालू डबवाली-ऐलनाबाद रोड़ पर स्थित है। शहर डबवाली से इसकी दूरी करीब 28 किलोमीटर है। अब जल संरक्षण की शिक्षा में अपना झंडा बुलंद करने जा रहा है। इस गांव की एक विशेषता यह भी है कि गांव के प्रत्येक घर में पेड़ है।
आवेदन पर होगा सर्वे
पंचायत के आवेदन पर एडीसी कार्यालय, बीडीपीओ कार्यालय तथा जनस्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम जल्द गांव का सर्वे करेगी। अगर 85 फीसदी से ज्यादा रेगुलर पेयजल कनेक्शन मिलेंगे तो गांव को सम्मानित किया जायेगा। गांव चकजालू खंड स्तर पर सम्मानित होने वाली पहली पंचायत होगी। हालांकि उपमंडल स्तर पर मलिकपुरा तथा टप्पी की पंचायत सम्मानित हो चुकी है।
गांव को तोहफा देने के लिये विभाग तैयार : जनस्वास्थ्य विभाग गांव चकजालू की पंचायत को तोहफा देने के मूड में है। विभाग 87 लाख रूपये की लागत से विस्तारीकरण करने के लिये तैयार है। इसके तहत गांव के जलघर में नया वाटर टैंक बनाया जायेगा। इसके साथ-साथ नई मशीनरी स्थापित की जायेगी। गांव रामगढ़ में नया बुस्टिंग बनाने की योजना है।
आबादी मुताबिक
मिलता है पुरस्कार
आबादी पुरस्कार
1000 10,000
2000 20,000
3000 30,000
4000 40,000
5000 50,000
5000 से ज्यादा 50,000
सर्वे के बाद पुरस्कार: अगर गांव चकजालू में 85 फीसदी नियमित पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य पूरा हो गया तो पंचायत को सम्मानित किया जायेगा। पंचायत का आवेदन आया है। विभागीय टीम जांच करेगी, अगर सर्वे में पंचायत का दावा सही पाया जाता है तो पंचायत नकद पुरस्कार की हकदार होगी।
-संकेत शर्मा, एसडीई,
जनस्वास्थ्य विभाग, डबवाली
26 जनवरी से पहले हो जायेगा लक्ष्य पूरा
गांव की आबादी करीब साढ़े 900 है। 550 वोटर हैं। पेयजल कनेक्शनों को नियमित करने के लिये फार्म भरे जा रहे हैं। ग्रामीण सवाल पूछ रहे हैं कि कहीं बिल न आ जाये। अगर पेयजल का बिल न भरना पड़े तो 100 फीसदी लक्ष्य पूरा हो जायेगा। फिलहाल विभाग ने जो फार्म उपलब्ध करवाये हैं, उन्हें बांटा जा रहा है। फार्म भरवाये जा रहे हैं। 26 जनवरी से विभाग का 85 फीसदी नियमित पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य अवश्य पूरा कर लिया जायेगा।
-देवीलाल, सरपंच
गांव चकजालू
युवक से मारपीट, अपहरण का प्रयास
डबवाली (लहू की लौ) शनिवार रात को कलोनी रोड़ पर कुछ दबंग युवकों ने फर्टीलाईजर विक्रेता के बेटे से मारपीट करके उसका अपहरण करने का प्रयास किया। खुद को छुड़वाकर भाग रहे युवक का ईंट मारकर सिर फोड़ दिया। युवक डबवाली के सिविल अस्पताल में उपचाराधीन है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पहले बाहर बुलाया, फिर पीटा
फर्टीलाईजर विक्रेता अरूण बंसल ने बताया कि वह वार्ड नं. 11 की श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाली गली में रहता है। उसका बेटा दीपक एक निजी विद्यालय में 12वीं कक्षा का छात्र है। शनिवार शाम को ट्यूशन पूरी करके वापिस घर लौटा था। कलोनी रोड़ पर स्नूकर खेल रहा था। इसी दौरान एक युवक उसे बुलाकर रोड़ पर ले आया। वहां पहले से तैयार खड़े पांच-छह युवकों ने उससे मारपीट शुरू कर दी। दीपक से जबरदस्ती करते हुये युवक उसे एक कार के नजदीक ले गये। उसके बेटे को कार में डालकर अपहरण करने का प्रयास किया। खुद को छुड़वाते हुये उसके बेटे ने भागने का प्रयास किया। युवकों ने पीछे से ईंट मारकर उसका सिर फोड़ दिया। आरोपियों में से उसका बेटा एक युवक को पहचानता है। उसके बेटे से मारपीट करके उसका अपहरण करने का प्रयास क्यूं किया गया, वह नहीं जानता। न ही उनकी किसी से दुश्मनी है।
ब्यान दर्ज करने के बाद होगी कार्रवाई-पुलिस
शहर थाना पुलिस के एसआई इंद्राज ने बताया कि दीपक की एमएलआर आई है। उसका ब्यान लेने के लिये वे सिविल अस्पताल में गये थे। अभी दीपक ब्यान देने के काबिल नहीं है। ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
पहले बाहर बुलाया, फिर पीटा
फर्टीलाईजर विक्रेता अरूण बंसल ने बताया कि वह वार्ड नं. 11 की श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाली गली में रहता है। उसका बेटा दीपक एक निजी विद्यालय में 12वीं कक्षा का छात्र है। शनिवार शाम को ट्यूशन पूरी करके वापिस घर लौटा था। कलोनी रोड़ पर स्नूकर खेल रहा था। इसी दौरान एक युवक उसे बुलाकर रोड़ पर ले आया। वहां पहले से तैयार खड़े पांच-छह युवकों ने उससे मारपीट शुरू कर दी। दीपक से जबरदस्ती करते हुये युवक उसे एक कार के नजदीक ले गये। उसके बेटे को कार में डालकर अपहरण करने का प्रयास किया। खुद को छुड़वाते हुये उसके बेटे ने भागने का प्रयास किया। युवकों ने पीछे से ईंट मारकर उसका सिर फोड़ दिया। आरोपियों में से उसका बेटा एक युवक को पहचानता है। उसके बेटे से मारपीट करके उसका अपहरण करने का प्रयास क्यूं किया गया, वह नहीं जानता। न ही उनकी किसी से दुश्मनी है।
ब्यान दर्ज करने के बाद होगी कार्रवाई-पुलिस
शहर थाना पुलिस के एसआई इंद्राज ने बताया कि दीपक की एमएलआर आई है। उसका ब्यान लेने के लिये वे सिविल अस्पताल में गये थे। अभी दीपक ब्यान देने के काबिल नहीं है। ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
अस्पताल में इलाज के लिये आया बच्चा मिला हेपेटाईटिस बी पॉजीटिव
डबवाली (लहू की लौ) दस फीट गहरे गड्ढे में गिरकर उपचार के लिये सरकारी अस्पताल में पहुंचा एक पंद्रह वर्षीय बच्चा हेपेटाईटिस बी पॉजीटिव मिला है। जख्म गहरा होने के कारण फिलहाल बच्चे को सिरसा रैफर किया गया है। डबवाली सिविल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने परिजनों के स्वास्थ्य जांच की बात कही है।
गांव शेरगढ़ में वडिंगखेड़ा रोड़ पर स्थित एक कॉटन फेक्टरी में कार्यरत प्रभु राम का पंद्रह वर्षीय बेटा अली सुबह करीब पांच बजे अपने पिता के लिये चाय लेकर पहुंचा था। मशीन के पट्टे में उलझने से वह दस फीट गहरे गड्ढे में जा गिरा। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे उपचार के लिये डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। चिकित्सक ने उसके खून की जांच करवाने की सलाह दी। खून की जांच में हेपेटाईटिस बी पाया गया। प्रभु राम ने बताया कि उसका बेटा चौथी कक्षा का छात्र है। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। करीब तीन माह पूर्व ही गांव शेरगढ़ स्थित कॉटन फेक्टरी में आये हैं।
पीजीआई रोहतक रैफर होगा
सिविल अस्पताल के एसएमओ एमके भादू ने बताया कि गड्ढे में गिरने के कारण हुये जख्म का इलाज करवाने के लिये उसे सिरसा रैफर किया गया है। ब्लड जांच में हेपेटाईटिस बी पॉजीटिव मिला है। एक अन्य लैब से उसके खून की जांच करवाई जायेगी। साथ में उसके पारिवारिक सदस्यों की भी जांच होगी। हेपेटाईटिस बी का इलाज संभव है लेकिन स्थानीय स्तर पर नहीं। मरीज को हीमोग्लोबिन के इंजेक्शन लगते हैं। इसलिये उसे रोहतक स्थित पीजीआई में भेजा जायेगा।
गांव शेरगढ़ में वडिंगखेड़ा रोड़ पर स्थित एक कॉटन फेक्टरी में कार्यरत प्रभु राम का पंद्रह वर्षीय बेटा अली सुबह करीब पांच बजे अपने पिता के लिये चाय लेकर पहुंचा था। मशीन के पट्टे में उलझने से वह दस फीट गहरे गड्ढे में जा गिरा। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे उपचार के लिये डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। चिकित्सक ने उसके खून की जांच करवाने की सलाह दी। खून की जांच में हेपेटाईटिस बी पाया गया। प्रभु राम ने बताया कि उसका बेटा चौथी कक्षा का छात्र है। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। करीब तीन माह पूर्व ही गांव शेरगढ़ स्थित कॉटन फेक्टरी में आये हैं।
पीजीआई रोहतक रैफर होगा
सिविल अस्पताल के एसएमओ एमके भादू ने बताया कि गड्ढे में गिरने के कारण हुये जख्म का इलाज करवाने के लिये उसे सिरसा रैफर किया गया है। ब्लड जांच में हेपेटाईटिस बी पॉजीटिव मिला है। एक अन्य लैब से उसके खून की जांच करवाई जायेगी। साथ में उसके पारिवारिक सदस्यों की भी जांच होगी। हेपेटाईटिस बी का इलाज संभव है लेकिन स्थानीय स्तर पर नहीं। मरीज को हीमोग्लोबिन के इंजेक्शन लगते हैं। इसलिये उसे रोहतक स्थित पीजीआई में भेजा जायेगा।
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