सिरसा। आगामी 25 दिसंबर को सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का नाम बढ़ते कदम रखा गया है। रैली को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा संबोधित करेंगे। यह खुलासा सिरसा के सांसद डा. अशोक तंवर ने कांगे्रस भवन में कांगे्रस नेताओं की उपस्थिति में पत्रकारों के समक्ष किया।
उन्होंने कहा कि भीड़ के हिसाब से सिरसा की यह रैली नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सरकार के एक वर्ष का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखेंगे और जिला में अरबों रुपए की लागत से पूरी हुई कई विकास परियोजनाओं को जनाता को समर्पित करेंगे। इन विकास परियोजनाओं में सिरसा में बना रेलवे ओवर ब्रिज भी शामिल है जो 25 दिसंबर को जनता के लिए खुल जाएगा। इसके अलावा कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी जाएगी।
तवंर ने कहा कि बढ़ते कदम रैली में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा जिलावासियों के लिए अरबों रुपए की योजनाओं की घोषणाएं भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं स्थानीय पार्टी नेताओं द्वारा जिला में होने वाले कार्यों की सूची तैयार की जा रही है। प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाने वाले कार्यों का मांगपत्र मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इन कार्यों में घग्घर विस्तारीकरण परियोजना, सिरसा में महिला महाविद्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्र के विकास से जूड़े कई कार्य शामिल होंगे। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सभी कार्यों की घोषणा जनता के समक्ष करेंगे। जिससे यह सिरसा के विकास के लिए वरदान साबित होगी।
एक प्रश्र के जवाब में डा. तंवर ने कहा कि सड़कों, भवनों व अन्य विकास कार्यों के लिए प्रदेश के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने माना कि खनन कार्य का मामला अदालत में होने की वजह से बजरी व पत्थर इत्यादी के मिलने में रुकावट आई है जिससे सड़कों के निर्माण पर असर पड़ा है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बजरी-पत्थर इत्यादी दूसरे प्रदेशों से खरीदें चाहे उसके लिए अधिक दाम भी क्यों न देने पड़े।
तंवर ने एक अन्य प्रश्र के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री की रैलियां प्रदेश के लोगों को लिए लाभदायक सिद्ध हुई हैं। इन रैलियों में मुख्यमंत्री विकास की घोषणाएं कर रहे हैं। फतेहाबाद में आयोजित रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फतेहाबाद की रैली लोगों के लिए विकास लेकर आई। इसी प्रकार से राई में हुई चक दे हरियाणा चक दे इंडिया नामक रैली में मंख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों के लिए वोनांजा घोषणाएं की। पूर्व में हुई रैलियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिरसा में भी प्रगति के द्वार खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में हुई रैलियों से सिरसा को भी फायदा हुआ है। राई की रैली में खेल जगत से संबधित कई कार्यक्रमों व योजनाओं की घोषणाएं हुई थी जिनमें सिरसा जिला को पुरुष हॉकी अकेडमी का तोहफा मिला। उन्होंने बिजली के मामले में बोलते हुए कहा कि हरियाणा फतेहाबाद जिला की ढाणियों सहित पूरे प्रदेश की ढाणियों में बिजली सुविधा मुहैया करवाने का कार्यक्रम शुरु किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए पहले से रखी गई 118 करोड़ रुपए की राशि को और अधिक बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर बोलते हुए कहा कि यह घोटाला नही है, घोटाला होने न होने की बात तो पुरी जांच के बाद ही सामने आएगी। केंद्र सरकार इस मामले की जांच के लिए तैयार है। पीएसी से इस मामले की जांच करवाई जा सकती है।
डा. तंवर ने कहा कि रैली में स्थानीय स्तर की छोटी मोटी समस्याओं के समाधान के लिए भी मांग रखी जाएगी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री चौ. रणजीत सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह, जिला कांगे्रस अध्यक्ष मलकीत सिंह खोसा, हरियाणा प्रदेश कांगे्रस के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा, होशियारी लाल शर्मा व अन्य पार्टी के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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Lahoo Ki Lau
08 दिसंबर 2010
05 दिसंबर 2010
यहां तो एमबीए पास भी अनपढ़!
डबवाली (लहू की लौ) देश में शिक्षण संस्थान कुकरमुत्ते की तरह खुल रहे हैं। एक-दूसरे से आगे बढऩे की होड़ में बच्चों को नए-नवेले ढंग से प्रशिक्षण देने का नाटक भी करते हैं। किताबी कीड़ा बनाने की अपेक्षा इनके पास कुछ भी नहीं है। इन संस्थानों से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद कागज के सर्टिफिकेट के सिवाए कुछ हासिल नहीं होता। लेकिन जिन्दगी में सबसे जरूरी सामान्य ज्ञान से छात्र वंचित रह जाता है। ऐसा ही कुछ डबवाली में देखने को मिला।
डबवाली प्रशासन ने नगरपालिका तथा फायर ब्रिगेड में खाली चले आ रहे पदों को भरने के लिए डेली वेज पर कर्मचारी नियुक्त करने के लिए गुरूवार शाम को इंटरव्यू रखा हुआ था। इंटरव्यू नगरपालिका फायर ब्रिगेड में ड्राईवर के तीन पदों, फायर मैन के चार पदों, नगरपालिका कार्यालय डबवाली में क्लर्क के दो पदों, कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के दो पदों के लिए था। इन पदों के लिए इंटरव्यू देने के लिए करीब 70 जनों ने आवेदन किया। जिसमें ड्राईवर पद के लिए चार, फायर मैन के लिए 7, क्लर्क के लिए 45, कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए 10 तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के लिए पांच उम्मीदवार शामिल थे। उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास निर्धारित की गई थी।
सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा है कि इंटरव्यू में 10वीं पास से लेकर एमबीए किए हुए युवाओं ने भाग लिया। कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वाले बीसीए, पीजीडीसीए अथवा डिग्री धारकों ने भी हिस्सा लिया। इंटरव्यू पर उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खास नजर रखी। वे खुद मौका पर आए। इस दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया गया। ड्राईवर और फायर मैन पद के आवेदकों का इंटरव्यू फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास लिया गया। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने संबंधित कार्यालय के स्टाफ के अतिरिक्त हरियाणा रोड़वेज उपडिपू डबवाली के कर्मचारी बलवान सिंह को भी बुलाया। मौका पर तैनात कर्मचारियों ने उपमण्डलाधीश की देखरेख में प्रत्येक आवेदनकर्ता को बारीकी से जांचा-परखा।
इसके उपरांत क्लर्क तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर की इंटरव्यू का जिम्मा उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खुद संभाला। लेकिन वे उस समय हैरान रह गए, जब उनके द्वारा पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का उत्तर नौकरी पाने आए एमबीए पास युवक भी नहीं दे पाए। 10वीं, 12वीं, बीए, बीएससी, एमए, एमएससी, एमबीए पास इन छात्रों के पास केवल कागज का सर्टिफिकेट जरूर था।
पूछा गया था कि हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन है, जवाब मिला गोपाल काण्डा। पूछा गया भारत देश का राष्ट्रपति कौन है, जवाब आया मनमोहन सिंह। पूछा गया श्रीलकां की राजधानी कौन सी है, जवाब मिला भोपाल। पूछा गया डबवाली में अग्निकांड कब हुआ, किसी भी आवेदनकर्ता के पास कोई जवाब नहीं। पूछा गया हरियाणा प्रदेश में जिले कितने हैं, कोई बोला 10, तो कोई 12। पूछा गया भूटान क्या है, जवाब मिला नेपाल की राजधानी। इस तरह के अनगिनत सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल पूछे गए लेकिन रिजल्ट शून्य ही रहा।
यहां तक की बीसीए या फिर पीजीडीसीए की डिग्री अपने हाथ में लिए युवकों को भी कम्प्यूटर पर डाटा एंट्री करना तक नहीं आया। यह सब देख रहे उपमण्डलाधीश एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के होश फख्ता हो गए। चूंकि किताबी ज्ञान से भरे युवकों के दिमाग प्रेक्टिल तथा सामान्य ज्ञान में फेल हो गए। उल्लेखनीय है कि डबवाली प्रशासन ने रिक्त पदों को भरने के लिए जिला सिरसा के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी थी।
गौरतलब है कि जिला में दे दनादन शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। छात्र-छात्राएं इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करके कागजी सर्टिफिकेट तो प्राप्त कर रहे हैं। साथ में अपने भविष्य की नींव भी खोखली कर रहे हैं। चूंकि बिना किसी विशेष तजुर्बे के चलने वाले इन संस्थाओं में केवल किताबी ज्ञान ही दिया जाता है।
डबवाली प्रशासन ने नगरपालिका तथा फायर ब्रिगेड में खाली चले आ रहे पदों को भरने के लिए डेली वेज पर कर्मचारी नियुक्त करने के लिए गुरूवार शाम को इंटरव्यू रखा हुआ था। इंटरव्यू नगरपालिका फायर ब्रिगेड में ड्राईवर के तीन पदों, फायर मैन के चार पदों, नगरपालिका कार्यालय डबवाली में क्लर्क के दो पदों, कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के दो पदों के लिए था। इन पदों के लिए इंटरव्यू देने के लिए करीब 70 जनों ने आवेदन किया। जिसमें ड्राईवर पद के लिए चार, फायर मैन के लिए 7, क्लर्क के लिए 45, कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए 10 तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के लिए पांच उम्मीदवार शामिल थे। उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास निर्धारित की गई थी।
सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा है कि इंटरव्यू में 10वीं पास से लेकर एमबीए किए हुए युवाओं ने भाग लिया। कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वाले बीसीए, पीजीडीसीए अथवा डिग्री धारकों ने भी हिस्सा लिया। इंटरव्यू पर उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खास नजर रखी। वे खुद मौका पर आए। इस दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया गया। ड्राईवर और फायर मैन पद के आवेदकों का इंटरव्यू फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास लिया गया। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने संबंधित कार्यालय के स्टाफ के अतिरिक्त हरियाणा रोड़वेज उपडिपू डबवाली के कर्मचारी बलवान सिंह को भी बुलाया। मौका पर तैनात कर्मचारियों ने उपमण्डलाधीश की देखरेख में प्रत्येक आवेदनकर्ता को बारीकी से जांचा-परखा।
इसके उपरांत क्लर्क तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर की इंटरव्यू का जिम्मा उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खुद संभाला। लेकिन वे उस समय हैरान रह गए, जब उनके द्वारा पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का उत्तर नौकरी पाने आए एमबीए पास युवक भी नहीं दे पाए। 10वीं, 12वीं, बीए, बीएससी, एमए, एमएससी, एमबीए पास इन छात्रों के पास केवल कागज का सर्टिफिकेट जरूर था।
पूछा गया था कि हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन है, जवाब मिला गोपाल काण्डा। पूछा गया भारत देश का राष्ट्रपति कौन है, जवाब आया मनमोहन सिंह। पूछा गया श्रीलकां की राजधानी कौन सी है, जवाब मिला भोपाल। पूछा गया डबवाली में अग्निकांड कब हुआ, किसी भी आवेदनकर्ता के पास कोई जवाब नहीं। पूछा गया हरियाणा प्रदेश में जिले कितने हैं, कोई बोला 10, तो कोई 12। पूछा गया भूटान क्या है, जवाब मिला नेपाल की राजधानी। इस तरह के अनगिनत सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल पूछे गए लेकिन रिजल्ट शून्य ही रहा।
यहां तक की बीसीए या फिर पीजीडीसीए की डिग्री अपने हाथ में लिए युवकों को भी कम्प्यूटर पर डाटा एंट्री करना तक नहीं आया। यह सब देख रहे उपमण्डलाधीश एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के होश फख्ता हो गए। चूंकि किताबी ज्ञान से भरे युवकों के दिमाग प्रेक्टिल तथा सामान्य ज्ञान में फेल हो गए। उल्लेखनीय है कि डबवाली प्रशासन ने रिक्त पदों को भरने के लिए जिला सिरसा के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी थी।
गौरतलब है कि जिला में दे दनादन शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। छात्र-छात्राएं इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करके कागजी सर्टिफिकेट तो प्राप्त कर रहे हैं। साथ में अपने भविष्य की नींव भी खोखली कर रहे हैं। चूंकि बिना किसी विशेष तजुर्बे के चलने वाले इन संस्थाओं में केवल किताबी ज्ञान ही दिया जाता है।
पूर्व सरपंच को पीटा, बंधक बनाया
डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच को शुक्रवार अल सुबह रंजिशन कुछ लोगों ने बंधक बना लिया और मारपीट की।
डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच हरबंस सिंह (60) ने बताया कि वह गांव के निकट स्थित ढाणी में रहता है। शुक्रवार सुबह करीब एक बजे वह लघुशंका के लिए उठा था। अचानक प्रेमी उर्फ चिडिय़ा, निन्द्र सिंह पुत्र प्रेमी, चरणजीत पुत्र दर्शन सिंह, मक्खन सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासीगण पन्नीवाला मोरिकां ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया और चोटें मारी। बाद में उसे उसके घर में बांध दिया। वह जैसे-तैसे बंधन से मुक्त होकर अस्पताल में पहुंचा।
अकेला था पूर्व सरपंच
हरबंस सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह वह अपनी मां गुरदेव कौर (90) के साथ घर पर अकेला था। उसकी धर्मपत्नी मनजीत कौर, बेटा नेमपाल सिंह और पुत्रवधू अमरजीत कौर पंजाब के गांव बरगाड़ी (कोटकपूरा) में एक शोकसभा में भाग लेने के लिए गए हुए थे। घर पर उसे अकेला पाकर आरोपियों ने उस पर हमला बोला।
अहसान का बदला चुकाया
पूर्व सरपंच हरबंस के अनुसार प्रेमी उर्फ चिडिय़ा उसकी पुत्रवधू का दूर का रिश्तेदार है। प्रेमी गांव खुईयांमलकाना में रहता था। गांव खुईयांमलकाना में रहते हुए उसने अपनी 20 एकड़ जमीन बेच दी और स्वयं घर पर रहने लगा। चार साल पूर्व प्रेमी ने गांव पन्नीवाला मोरिकां में रहने की इच्छा जाहिर की। पूर्व सरपंच के अनुसार उसने अपनी जमीन के नजदीक सात एकड़ जमीन प्रेमी को दिलाई। जिसके प्रेमी ने तीस लाख रूपए चुकाए। इसके अतिरिक्त अपनी जमीन में से एक कैनाल भूमि उसे रहने के लिए दी। लेकिन प्रेमी ने एक कैनाल जमीन के साथ-साथ उसकी ढाई मरले भूमि भी हथिया ली।
यूं पैदा हुई रंजिश
हरबंस सिंह के मुताबिक इस भूमि के बदले प्रेमी उर्फ चिडिया ने उसे केवल 65 हजार रूपए दिए। जब वह उससे ढ़ाई मरले भूमि खाली करने के लिए कहता, वह उसे आंखे दिखाता। पिछले करीब एक साल से इसी मामले को लेकर उनमें तकरार चली आ रही है। इसी रंजिश के चलते शुक्रवार को आरोपियों ने उस पर हमला करके मारपीट की तथा उसे बंधक बनाए रखा।
डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच हरबंस सिंह (60) ने बताया कि वह गांव के निकट स्थित ढाणी में रहता है। शुक्रवार सुबह करीब एक बजे वह लघुशंका के लिए उठा था। अचानक प्रेमी उर्फ चिडिय़ा, निन्द्र सिंह पुत्र प्रेमी, चरणजीत पुत्र दर्शन सिंह, मक्खन सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासीगण पन्नीवाला मोरिकां ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया और चोटें मारी। बाद में उसे उसके घर में बांध दिया। वह जैसे-तैसे बंधन से मुक्त होकर अस्पताल में पहुंचा।
अकेला था पूर्व सरपंच
हरबंस सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह वह अपनी मां गुरदेव कौर (90) के साथ घर पर अकेला था। उसकी धर्मपत्नी मनजीत कौर, बेटा नेमपाल सिंह और पुत्रवधू अमरजीत कौर पंजाब के गांव बरगाड़ी (कोटकपूरा) में एक शोकसभा में भाग लेने के लिए गए हुए थे। घर पर उसे अकेला पाकर आरोपियों ने उस पर हमला बोला।
अहसान का बदला चुकाया
पूर्व सरपंच हरबंस के अनुसार प्रेमी उर्फ चिडिय़ा उसकी पुत्रवधू का दूर का रिश्तेदार है। प्रेमी गांव खुईयांमलकाना में रहता था। गांव खुईयांमलकाना में रहते हुए उसने अपनी 20 एकड़ जमीन बेच दी और स्वयं घर पर रहने लगा। चार साल पूर्व प्रेमी ने गांव पन्नीवाला मोरिकां में रहने की इच्छा जाहिर की। पूर्व सरपंच के अनुसार उसने अपनी जमीन के नजदीक सात एकड़ जमीन प्रेमी को दिलाई। जिसके प्रेमी ने तीस लाख रूपए चुकाए। इसके अतिरिक्त अपनी जमीन में से एक कैनाल भूमि उसे रहने के लिए दी। लेकिन प्रेमी ने एक कैनाल जमीन के साथ-साथ उसकी ढाई मरले भूमि भी हथिया ली।
यूं पैदा हुई रंजिश
हरबंस सिंह के मुताबिक इस भूमि के बदले प्रेमी उर्फ चिडिया ने उसे केवल 65 हजार रूपए दिए। जब वह उससे ढ़ाई मरले भूमि खाली करने के लिए कहता, वह उसे आंखे दिखाता। पिछले करीब एक साल से इसी मामले को लेकर उनमें तकरार चली आ रही है। इसी रंजिश के चलते शुक्रवार को आरोपियों ने उस पर हमला करके मारपीट की तथा उसे बंधक बनाए रखा।
रोल माडल की भूमिका में आएं एडवोकेट-जस्टिस
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक सिंह शुक्रवार को डबवाली कोर्ट परिसर में पहुंचे। यहां उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी (प्रथम श्रेणी) अमरजीत सिंह, उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल, थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत जस्सू, बार एसोसिएशन डबवाली के अध्यक्ष एसके गर्ग तथा बार सदस्यों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
जस्टिस आलोक सिंह जिला सिरसा के अपने भ्रमण के दूसरे दिन सेशन जज सिरसा डॉ. शिवा वर्मा के साथ डबवाली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने पौधारोपण भी किया। बाद में बार रूम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जस्टिस आलोक सिंह ने कहा कि जस्टिस को बार जन्म देती है। बार जस्टिस की मां और जननी है। अधिवक्ताओं को रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। चूंकि समाज बड़ी उम्मीद लेकर उनके पास आता है। जस्टिस ने चेताया कि वकील की उन्नति में शॉर्ट कट कोई जरिया नहीं है, इसलिए हार्ड वर्क करके आगे बढऩा चाहिए।
इस मौके पर बार एसोसिएशन ने जस्टिस आलोक सिंह से डबवाली कोर्ट परिसर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सब जेल बनाए जाने तथा कोर्ट परिसर में एसबीआई की ब्रांच खोले जाने की मांग की। मांगों के संबंध में जस्टिस आलोक ने कहा कि वे बार की मांगों को कमेटी के समक्ष रखेंगे और इसे हर हाल में पूरा करवाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर एडवोकेट सुभाष चन्द्र गुप्ता, एससी शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बार के सभी सदस्य उपस्थित थे। मंच का संचालन एडवोकेट कुलवंत सिंह सिधू ने किया।
जस्टिस आलोक सिंह जिला सिरसा के अपने भ्रमण के दूसरे दिन सेशन जज सिरसा डॉ. शिवा वर्मा के साथ डबवाली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने पौधारोपण भी किया। बाद में बार रूम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जस्टिस आलोक सिंह ने कहा कि जस्टिस को बार जन्म देती है। बार जस्टिस की मां और जननी है। अधिवक्ताओं को रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। चूंकि समाज बड़ी उम्मीद लेकर उनके पास आता है। जस्टिस ने चेताया कि वकील की उन्नति में शॉर्ट कट कोई जरिया नहीं है, इसलिए हार्ड वर्क करके आगे बढऩा चाहिए।
इस मौके पर बार एसोसिएशन ने जस्टिस आलोक सिंह से डबवाली कोर्ट परिसर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सब जेल बनाए जाने तथा कोर्ट परिसर में एसबीआई की ब्रांच खोले जाने की मांग की। मांगों के संबंध में जस्टिस आलोक ने कहा कि वे बार की मांगों को कमेटी के समक्ष रखेंगे और इसे हर हाल में पूरा करवाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर एडवोकेट सुभाष चन्द्र गुप्ता, एससी शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बार के सभी सदस्य उपस्थित थे। मंच का संचालन एडवोकेट कुलवंत सिंह सिधू ने किया।
02 दिसंबर 2010
लिव इन रिलेशनशिप में जहर पीने से महिला की मौत
डबवाली | लिव इन रिलेशनशिप में हमउम्र युवक दलीप सिंह के साथ रहने वाली एक महिला राधा की जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत हो गई। घटना खुइयांमलकाना गांव में हुई। पुलिस ने महिला की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए पोस्टमार्टम कराकर लाश युवक के हवाले कर दी।
फोन पर हुई थी दोस्ती
महिला की युवक से फोन पर दोस्ती हुई जिसके बाद वह उसके साथ रहने लगी। मगर वह कौन थी, कहां की थी और उसका क्या अतीत था, इन सवालों के जवाब दलीप ने पुलिस को नहीं दिए हैं। दलीप सिंह (30) पुत्र कृष्ण कुमार बिश्नोई नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और खेती करता है। करीब पांच माह पहले हमउम्र महिला उसके संपर्क में आई। महिला ने खुद का नाम राधा बताया और दलीप के साथ रहने लगी।
दोनों की जान-पहचान मोबाइल फोन की मिस कॉल से हुई। दलीप के अनुसार करीब पांच महीने पहले उसके मोबाइल पर एक अन्य मोबाइल से मिस कॉल आई। उसने जवाब में फोन लगाया तो फोन महिला ने रिसीव किया और खुद का नाम राधा बताया। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों में दोस्ती हो गई। कुछ दिन बाद महिला गांव खुइयांमलकाना में उसके पास आ गई और साथ पत्नी के रूप में रहने लगी। दलीप के अनुसार महिला ने अपने अतीत के बारे में कभी कुछ भी नहीं बताया। यह भी नहीं कि वह किसी जाति की है। उसने यह पूछने की जरूरत भी नहीं समझी।
पुलिस को दिए बयान में दलीप ने बताया कि राधा पिछले कुछ दिनों से खांसी से पीड़ित थी और वह दवा भी ले रही थी। मंगलवार को खांसी की दवा के भ्रम में वह कीटनाशक दवा पी गई जिससे उसकी मौत हो गई। दलीप के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सात बजे वह खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने के लिए गया था। कुछ देर बाद ही उसके भतीजे नवीन कुमार (11) का फोन आया कि चाची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। घर पहुंच कर उसने देखा कि राधा उल्टियां कर रही थी। उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे लुधियाना रेफर कर दिया। बठिंडा से लुधियाना ले जाते समय रास्ते में राधा ने दम तोड़ दिया।
खेत में रहता है दलीप
दलीप सिंह की मां का करीब तीन साल पहले निधन हो गया था। उसके पिता कृष्ण कुमार साधु बने हैं। उसका भाई गांव में रहता है और वह खेत में ढाणी में रहता है। इसी ढाणी में राधा उसके साथ रह रही थी। मामले की जांच कर रहे थाना सदर के एएसआई धर्मपाल ने बताया कि पुलिस ने दलीप के बयान पर राधा की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए कार्रवाई की है।
फोन पर हुई थी दोस्ती
महिला की युवक से फोन पर दोस्ती हुई जिसके बाद वह उसके साथ रहने लगी। मगर वह कौन थी, कहां की थी और उसका क्या अतीत था, इन सवालों के जवाब दलीप ने पुलिस को नहीं दिए हैं। दलीप सिंह (30) पुत्र कृष्ण कुमार बिश्नोई नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और खेती करता है। करीब पांच माह पहले हमउम्र महिला उसके संपर्क में आई। महिला ने खुद का नाम राधा बताया और दलीप के साथ रहने लगी।
दोनों की जान-पहचान मोबाइल फोन की मिस कॉल से हुई। दलीप के अनुसार करीब पांच महीने पहले उसके मोबाइल पर एक अन्य मोबाइल से मिस कॉल आई। उसने जवाब में फोन लगाया तो फोन महिला ने रिसीव किया और खुद का नाम राधा बताया। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों में दोस्ती हो गई। कुछ दिन बाद महिला गांव खुइयांमलकाना में उसके पास आ गई और साथ पत्नी के रूप में रहने लगी। दलीप के अनुसार महिला ने अपने अतीत के बारे में कभी कुछ भी नहीं बताया। यह भी नहीं कि वह किसी जाति की है। उसने यह पूछने की जरूरत भी नहीं समझी।
पुलिस को दिए बयान में दलीप ने बताया कि राधा पिछले कुछ दिनों से खांसी से पीड़ित थी और वह दवा भी ले रही थी। मंगलवार को खांसी की दवा के भ्रम में वह कीटनाशक दवा पी गई जिससे उसकी मौत हो गई। दलीप के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सात बजे वह खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने के लिए गया था। कुछ देर बाद ही उसके भतीजे नवीन कुमार (11) का फोन आया कि चाची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। घर पहुंच कर उसने देखा कि राधा उल्टियां कर रही थी। उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे लुधियाना रेफर कर दिया। बठिंडा से लुधियाना ले जाते समय रास्ते में राधा ने दम तोड़ दिया।
खेत में रहता है दलीप
दलीप सिंह की मां का करीब तीन साल पहले निधन हो गया था। उसके पिता कृष्ण कुमार साधु बने हैं। उसका भाई गांव में रहता है और वह खेत में ढाणी में रहता है। इसी ढाणी में राधा उसके साथ रह रही थी। मामले की जांच कर रहे थाना सदर के एएसआई धर्मपाल ने बताया कि पुलिस ने दलीप के बयान पर राधा की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए कार्रवाई की है।
01 दिसंबर 2010
यूं तो रोगों से लडऩे की शक्ति खो देंगे डबवाली वासी
डबवाली (लहू की लौ) विश्व के वैज्ञानिक धरती से मानव जीवन समाप्त होने की हर रोज नई-नई तारीख घोषित कर देते हैं। यह महज एक भविष्यवाणी होती है। लेकिन हम कोई भविष्यवाणी नहीं कर रहे, बल्कि आपको एक ऐसे 'खतरेÓ से परिचित करवाने जा रहे हैं, जो तीन प्रदेशों की त्रिवेणी कहे जाने वाले नगर डबवाली के लोगों के लिए सबसे ज्यादा नुक्सानदायक साबित हो सकता है।
एक ऐसा 'खतराÓ जिसका प्रभाव केवल एक व्यक्ति पर नहीं, लगभग एक लाख आबादी वाले नगर डबवाली पर पड़ेगा। 'खतराÓ किसी व्यक्ति या प्रलय से नहीं है। बल्कि लोगों द्वारा ही सीवरेजों में बहाए जाने वाले गंदे पानी से है। यही गंदा पानी अब लोगों के गले की फांस बनेगा। चूंकि सीवरेज के गंदे पानी को निकालने का स्थान लगभग खत्म हो चुका है। इसी के कारण नगर के विभिन्न हिस्सों में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। अब के बरस हुई बारिश के दिनों में नगर में फैला डायरिया रोग इस बात का जीता-जागता सबूत है। खैर इस 'खतरेÓ से प्रशासन भी अनजान नहीं है। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वह मसौदा तैयार करने में जुट गया है।
हरियाणा राज्य बनने से पूर्व डबवाली के रामबाग के पीछे गंदे पानी को निकालने के लिए डिस्पोजल स्थापित किया गया था। लेकिन साल 1965 में हरियाणा राज्य पंजाब से अलग हो गया। लेकिन जिस भूमि पर डिस्पोजल निर्मित है, वह जगह पंजाब की है। इसी के साथ हरियाणा क्षेत्र में पड़ती 11 एकड़ भूमि में गंदा पानी छोड़ा जाता था। डिस्पोजल का पूरा खर्च हरियाणा सरकार व्यय करती है। इस डिस्पोजल से शहर डबवाली का 70 फीसदी गंदा पानी निकलता है। लेकिन अब 11 एकड़ भूमि में से करीब आठ एकड़ भूमि पर नगरपालिका द्वारा गिराए गए शहर के कूड़े कचरे का कब्जा हो गया है। इसके अतिरिक्त एक अन्य डिस्पोजल चौटाला रोड़ पर बना हुआ है, जो शहर का 30 फीसदी गंदा पानी बाहर निकालता है।
यह है स्थिति
रामबाग के पीछे बने डिस्पोजल का गंदा पानी इन दिनों पंजाब के किसान प्रयोग में ला रहे हैं। सीवरेज के गंदे पानी से पंजाब के किसानों की करीब चार सौ एकड़ जमीन को फायदा पहुंच रहा है। लेकिन वे भी अपनी जरूरत तक ही पानी लगाएंगे। गौरतलब है कि बारिश के दिनों में पंजाब के किसानों ने गंदा पानी अपनी खेतों में निकालने पर रोक लगा दी थी। निकासी का कोई प्रबंध न होने के कारण और किसानों द्वारा अपने खेतों में गंदे पानी के प्रवेश को बंद करते ही यह गंदा पानी डबवाली नगर में लोगों के घरों में ही जाएगा। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि अब भी नगर के अधिकतर भाग में गंदा पानी घरों में आ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस बात से जनस्वास्थ्य विभाग भली भांति परिचित है। इस समस्या के हल के लिए गंदे पानी को पंजाब से होते हुए शेरगढ़ तक पहुंचाने की योजना तैयार कर रहा है। योजना के मुताबिक करीब तीन किलोमीटर लम्बी नाली या पाईप बिछाकर गंदे पानी को गांव शेरगढ़ तक पहुंचाया जाएगा। सूत्रों की माने तो योजना लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। जिसे जल्द ही स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव हरियाणा के पास भेजा जाएगा। लेकिन यह योजना सिरे चढऩे की उम्मीद कम है। चूंकि योजना को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार की भी मोहर लगानी होगी।
योजना तैयार
डिस्पोजल व्यवस्था देख रहे जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सुभाष चन्द्र ने समस्या को स्वीकार करते हुए बताया कि इसे दूर करने के लिए योजना बनाई गई है। जिसे जल्द मुख्य सचिव हरियाणा के पास भेजा जाएगा
सीवरेज का गंदा पानी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके प्रयोग से ये रोग हो सकते हैं :-
1. डायरिया
2. हैजा
3. टाईफाईड
4. पीलिया
5. कैंसर
6. चमड़ी रोग
7. अनीमिया
8. हड्डी रोग
डबवाली के सरकारी अस्पताल के डॉ. बलेश बांसल ने बताया कि सीवरेज युक्त पानी को उबालने के बावजूद भी पानी के कीटाणु नहीं मरते। इसे शुद्ध पानी नहीं कहा जा सकता। सीवरेज युक्त पानी पीने से कैंसल तथा हड्डी रोग हो सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि व्यक्ति बीमारियों से लडऩे की भी शक्ति खो सकता है। चिकित्सक के अनुसार ऐसेी परिस्थिति में आरओ कारगार साबित हो सकते हैं। लेकिन कुछ समय के लिए। आरओ के पानी को भी इक्ट्ठा करके प्रयोग करने में ध्यान रखना आवश्यक होता है।
एक ऐसा 'खतराÓ जिसका प्रभाव केवल एक व्यक्ति पर नहीं, लगभग एक लाख आबादी वाले नगर डबवाली पर पड़ेगा। 'खतराÓ किसी व्यक्ति या प्रलय से नहीं है। बल्कि लोगों द्वारा ही सीवरेजों में बहाए जाने वाले गंदे पानी से है। यही गंदा पानी अब लोगों के गले की फांस बनेगा। चूंकि सीवरेज के गंदे पानी को निकालने का स्थान लगभग खत्म हो चुका है। इसी के कारण नगर के विभिन्न हिस्सों में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। अब के बरस हुई बारिश के दिनों में नगर में फैला डायरिया रोग इस बात का जीता-जागता सबूत है। खैर इस 'खतरेÓ से प्रशासन भी अनजान नहीं है। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वह मसौदा तैयार करने में जुट गया है।
हरियाणा राज्य बनने से पूर्व डबवाली के रामबाग के पीछे गंदे पानी को निकालने के लिए डिस्पोजल स्थापित किया गया था। लेकिन साल 1965 में हरियाणा राज्य पंजाब से अलग हो गया। लेकिन जिस भूमि पर डिस्पोजल निर्मित है, वह जगह पंजाब की है। इसी के साथ हरियाणा क्षेत्र में पड़ती 11 एकड़ भूमि में गंदा पानी छोड़ा जाता था। डिस्पोजल का पूरा खर्च हरियाणा सरकार व्यय करती है। इस डिस्पोजल से शहर डबवाली का 70 फीसदी गंदा पानी निकलता है। लेकिन अब 11 एकड़ भूमि में से करीब आठ एकड़ भूमि पर नगरपालिका द्वारा गिराए गए शहर के कूड़े कचरे का कब्जा हो गया है। इसके अतिरिक्त एक अन्य डिस्पोजल चौटाला रोड़ पर बना हुआ है, जो शहर का 30 फीसदी गंदा पानी बाहर निकालता है।
यह है स्थिति
रामबाग के पीछे बने डिस्पोजल का गंदा पानी इन दिनों पंजाब के किसान प्रयोग में ला रहे हैं। सीवरेज के गंदे पानी से पंजाब के किसानों की करीब चार सौ एकड़ जमीन को फायदा पहुंच रहा है। लेकिन वे भी अपनी जरूरत तक ही पानी लगाएंगे। गौरतलब है कि बारिश के दिनों में पंजाब के किसानों ने गंदा पानी अपनी खेतों में निकालने पर रोक लगा दी थी। निकासी का कोई प्रबंध न होने के कारण और किसानों द्वारा अपने खेतों में गंदे पानी के प्रवेश को बंद करते ही यह गंदा पानी डबवाली नगर में लोगों के घरों में ही जाएगा। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि अब भी नगर के अधिकतर भाग में गंदा पानी घरों में आ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस बात से जनस्वास्थ्य विभाग भली भांति परिचित है। इस समस्या के हल के लिए गंदे पानी को पंजाब से होते हुए शेरगढ़ तक पहुंचाने की योजना तैयार कर रहा है। योजना के मुताबिक करीब तीन किलोमीटर लम्बी नाली या पाईप बिछाकर गंदे पानी को गांव शेरगढ़ तक पहुंचाया जाएगा। सूत्रों की माने तो योजना लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। जिसे जल्द ही स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव हरियाणा के पास भेजा जाएगा। लेकिन यह योजना सिरे चढऩे की उम्मीद कम है। चूंकि योजना को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार की भी मोहर लगानी होगी।
योजना तैयार
डिस्पोजल व्यवस्था देख रहे जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सुभाष चन्द्र ने समस्या को स्वीकार करते हुए बताया कि इसे दूर करने के लिए योजना बनाई गई है। जिसे जल्द मुख्य सचिव हरियाणा के पास भेजा जाएगा
सीवरेज का गंदा पानी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके प्रयोग से ये रोग हो सकते हैं :-
1. डायरिया
2. हैजा
3. टाईफाईड
4. पीलिया
5. कैंसर
6. चमड़ी रोग
7. अनीमिया
8. हड्डी रोग
डबवाली के सरकारी अस्पताल के डॉ. बलेश बांसल ने बताया कि सीवरेज युक्त पानी को उबालने के बावजूद भी पानी के कीटाणु नहीं मरते। इसे शुद्ध पानी नहीं कहा जा सकता। सीवरेज युक्त पानी पीने से कैंसल तथा हड्डी रोग हो सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि व्यक्ति बीमारियों से लडऩे की भी शक्ति खो सकता है। चिकित्सक के अनुसार ऐसेी परिस्थिति में आरओ कारगार साबित हो सकते हैं। लेकिन कुछ समय के लिए। आरओ के पानी को भी इक्ट्ठा करके प्रयोग करने में ध्यान रखना आवश्यक होता है।
7 साल के बाद फौजी विधवा को मिला इंसाफ
मलोट (लहू की लौ) अपने ही गांव के एक स्वर्ण जाति से संबंधित व्यक्ति के हाथों मानसिक और शारीरिक छेड़छाड़ का शिकार हुई फौजी की दलित विधवा की पुलिस द्वारा सुनवाई न किये जाने के बाद पीडि़ता ने अदालत में गुहार लगाई और उसे 7 साल के बाद इंसाफ मिल गया।
गांव किलियांवाली की एक दलित महिला रछपिन्द्र कौर उर्फ माया पत्नी पिरथी सिंह फौजी ने 6 अक्तूबर 2003 को मलोट के उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में धारा 354/380/382/323/506/452 आईपीसी और एससी व एसटी एक्ट के तहत इस्तगासा दायर करके इंसाफ की मांग की थी। अपनी शिकायत में पीडि़ता ने कहा था कि उनके ही गांव किलियांवाली के राजवीर सिंह उर्फ मक्खन ने 26 अगस्त 2003 को खेत जाते समय रास्ते में घेर लिया और बुरी नीयत से शारीरिक छेड़छाड़ की और उसे गांव के ही लोगों ने आकर बचाया। उसने इस संबंध में चौकी किलियांवाली में शिकायत की लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला।
उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी मलोट कृष्णकांत की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी करार देते हुए आरोपी राजवीर सिंह को एक साल की कैद की सजा सुनाई।
गांव किलियांवाली की एक दलित महिला रछपिन्द्र कौर उर्फ माया पत्नी पिरथी सिंह फौजी ने 6 अक्तूबर 2003 को मलोट के उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में धारा 354/380/382/323/506/452 आईपीसी और एससी व एसटी एक्ट के तहत इस्तगासा दायर करके इंसाफ की मांग की थी। अपनी शिकायत में पीडि़ता ने कहा था कि उनके ही गांव किलियांवाली के राजवीर सिंह उर्फ मक्खन ने 26 अगस्त 2003 को खेत जाते समय रास्ते में घेर लिया और बुरी नीयत से शारीरिक छेड़छाड़ की और उसे गांव के ही लोगों ने आकर बचाया। उसने इस संबंध में चौकी किलियांवाली में शिकायत की लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला।
उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी मलोट कृष्णकांत की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी करार देते हुए आरोपी राजवीर सिंह को एक साल की कैद की सजा सुनाई।
विवादित प्लाट के मामले ने तूल पकड़ा
डबवाली (लहू की लौ) कबीर बस्ती में विवादित प्लाट को लेकर मामला तूल पकड़ गया है। प्लाट मालिक मंगत राए पुत्र हुक्म चन्द ने एक शिकायत पत्र नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई तथा डीएसपी बाबू लाल को देकर न्याय की गुहार लगाई है।
नायब तहसीलदार तथा डीएसपी को दी शिकायत में मंगत राए निवासी डबवाली ने कहा है कि उसके पास कबीर बस्ती में 18 मरले का प्लाट है। जोकि उसकी पत्नी उषा रानी व अन्य आशा रानी पत्नी प्रवीण कुमार, हरभजन कौर पत्नी नन्द लाल के बराबर हिस्से हैं। जिसे उन्होंने 1 सितंबर 2010 को विजय कुमार पुत्र वेदप्रकाश से खरीदा। जिसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है और प्लाट खरीदने के बाद तीन-तीन फुट की चारदीवारी भी उन्होंने की हुई है।
शिकायतकर्ता के अनुसार कबीर बस्ती निवासी देवीलाल, विक्की चोरा, ओमप्रकाश, किशोर चन्द व अन्य 15-20 नामालूम लोगों ने उनके प्लाट पर कब्जा करने की नियत से 29 नवंबर 2010 को धर्मशाला का रकबा दिखाते हुए उपमंडलाधीश को ज्ञापन दिया है। जबकि सच्चाई यह है कि प्लाट उनका है, दावा करने वालों के पास किसी प्रकार की कोई रजिस्टरी बगैरा नहीं है। धर्मशाला की आड़ में आरोपी उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
शिकायतकर्ता ने आरोपियों पर आरोप लगाया कि ये लोग कबीर बस्ती में पहले भी एक विधवा औरत के प्लाट को धर्मशाला का रकबा बताकर उस पर कब्जा कर चुके हैं और बाद में उस प्लाट को बेच भी चुके हैं।
नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई तथा डीएसपी बाबू लाल ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिलाया कि इस प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जो भी कोई दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मौके पर शिकायतकर्ता मंगत राए बगैरा के साथ काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
नायब तहसीलदार तथा डीएसपी को दी शिकायत में मंगत राए निवासी डबवाली ने कहा है कि उसके पास कबीर बस्ती में 18 मरले का प्लाट है। जोकि उसकी पत्नी उषा रानी व अन्य आशा रानी पत्नी प्रवीण कुमार, हरभजन कौर पत्नी नन्द लाल के बराबर हिस्से हैं। जिसे उन्होंने 1 सितंबर 2010 को विजय कुमार पुत्र वेदप्रकाश से खरीदा। जिसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है और प्लाट खरीदने के बाद तीन-तीन फुट की चारदीवारी भी उन्होंने की हुई है।
शिकायतकर्ता के अनुसार कबीर बस्ती निवासी देवीलाल, विक्की चोरा, ओमप्रकाश, किशोर चन्द व अन्य 15-20 नामालूम लोगों ने उनके प्लाट पर कब्जा करने की नियत से 29 नवंबर 2010 को धर्मशाला का रकबा दिखाते हुए उपमंडलाधीश को ज्ञापन दिया है। जबकि सच्चाई यह है कि प्लाट उनका है, दावा करने वालों के पास किसी प्रकार की कोई रजिस्टरी बगैरा नहीं है। धर्मशाला की आड़ में आरोपी उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
शिकायतकर्ता ने आरोपियों पर आरोप लगाया कि ये लोग कबीर बस्ती में पहले भी एक विधवा औरत के प्लाट को धर्मशाला का रकबा बताकर उस पर कब्जा कर चुके हैं और बाद में उस प्लाट को बेच भी चुके हैं।
नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई तथा डीएसपी बाबू लाल ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिलाया कि इस प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जो भी कोई दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मौके पर शिकायतकर्ता मंगत राए बगैरा के साथ काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
महिला पंचों ने कहा गांव में भी लगें प्रशिक्षण शिविर
डबवाली (लहू की लौ) यहां के खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय में पंचायती राज संस्थाओं का प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को समाप्त हो गया। शिविर हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा आयोजित आयोजित किया गया था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मैनपाल सिहाग ने बताया कि खण्ड डबवाली में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 नवम्बर 2010 को शुरू किया गया था। जिसकी शुरूआत खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी रामसिंह ने की थी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तापूर्वक बताते हुए मैनपाल सिहाग ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से खण्ड डबवाली की सभी 48 ग्राम पंचायतों के नव निर्वाचित पंच व सरपंचों को पंचायती राज के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंच सरपंचों को पंचायती राज की अवधारणा, ग्राम सभा, ग्राम पंचायत की शक्तियों, कार्यों, पंच व सरपंचों की शक्तियों व कत्र्तव्यों तथा ग्राम सचिव की भूमिका के बारे में बताया गया। इसके साथ-साथ पंच सरपंचों को सुचना के अधिकार 2005, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन, शामलात भूमि के प्रबंधन तथा अनेक सामाजिक मुद्दो के बारे में जानकारी दी गई। सिरसा जिला में पंच सरपंचों के प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 अगस्त 2010 को बड़ागुढ़ा खण्ड से शुरु होकर आज खण्ड डबवाली में सम्पन्न हुए हैं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिहाग ने बताया कि पंच सरपंचों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल रहे और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में खण्ड तथा जिला स्तर पर सभी कर्मचारियों ने अह्म भूमिका निभाई। उन्होंने यह बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि नव निर्वाचित महिला पंच सरपंचों ने घर की चार दीवारी से बाहर निकलकर ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा अपने अधिकार व कत्र्तव्यों के बारे में जानने के लिए जागरुकता दिखाई। पत्रकारों द्वारा महिला पंच सरपंचों से पूछे गये सवाल के जवाब में महिला पंच मनजीत कौर नीलियांवाली, सुखजीत कौर पाना, जसपाल कौर, परमिन्द्र कौर, सुखदीप कौर खुईयांमलकाना ने सुझाव दिया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम खण्ड स्तर की बजाय गांव स्तर पर करवाए जाने चाहिए ताकि गांव से शहर न पहुंचने वाली महिला पंचायत सदस्यों को उनके अधिकारों की पूर्ण जानकारी मिल सकें।
मंगलवार के अंतिम प्रशिक्षण कार्यक्रम में खुईयां मलकाना, सांवतखेड़ा, नीलांवाली, दीवानखेड़ा, हैबूआना तथा पाना गांव की पंचायतों के पंच सरपंचों को प्रशिक्षण दिया गया। खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने प्रशिक्षण के समापन समारोह पर नीलोखेड़ी से आए प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मैनपाल सिहाग, प्रशिक्षक वजीर सिंह को प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चलाने के लिए बधाई दी व आशा की कि वह आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे और ग्राम पंचायतों को उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। इस मौके पर समाज शिक्षा अधिकारी राम प्रकाश, खण्ड लेखाकार रामकिशन, सहायक सामान्य संदीप शर्मा सहित खण्ड के अन्य कर्मचारी व अधिकारी भी उपस्थित थे।
2 नवंबर से खण्ड डबवाली में चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में खण्ड डबवाली की 48 गांव पंचायतों के 691 सदस्यों ने भाग लिया तथा अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मैनपाल सिहाग ने बताया कि खण्ड डबवाली में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 नवम्बर 2010 को शुरू किया गया था। जिसकी शुरूआत खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी रामसिंह ने की थी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तापूर्वक बताते हुए मैनपाल सिहाग ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से खण्ड डबवाली की सभी 48 ग्राम पंचायतों के नव निर्वाचित पंच व सरपंचों को पंचायती राज के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंच सरपंचों को पंचायती राज की अवधारणा, ग्राम सभा, ग्राम पंचायत की शक्तियों, कार्यों, पंच व सरपंचों की शक्तियों व कत्र्तव्यों तथा ग्राम सचिव की भूमिका के बारे में बताया गया। इसके साथ-साथ पंच सरपंचों को सुचना के अधिकार 2005, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन, शामलात भूमि के प्रबंधन तथा अनेक सामाजिक मुद्दो के बारे में जानकारी दी गई। सिरसा जिला में पंच सरपंचों के प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 अगस्त 2010 को बड़ागुढ़ा खण्ड से शुरु होकर आज खण्ड डबवाली में सम्पन्न हुए हैं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिहाग ने बताया कि पंच सरपंचों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल रहे और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में खण्ड तथा जिला स्तर पर सभी कर्मचारियों ने अह्म भूमिका निभाई। उन्होंने यह बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि नव निर्वाचित महिला पंच सरपंचों ने घर की चार दीवारी से बाहर निकलकर ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा अपने अधिकार व कत्र्तव्यों के बारे में जानने के लिए जागरुकता दिखाई। पत्रकारों द्वारा महिला पंच सरपंचों से पूछे गये सवाल के जवाब में महिला पंच मनजीत कौर नीलियांवाली, सुखजीत कौर पाना, जसपाल कौर, परमिन्द्र कौर, सुखदीप कौर खुईयांमलकाना ने सुझाव दिया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम खण्ड स्तर की बजाय गांव स्तर पर करवाए जाने चाहिए ताकि गांव से शहर न पहुंचने वाली महिला पंचायत सदस्यों को उनके अधिकारों की पूर्ण जानकारी मिल सकें।
मंगलवार के अंतिम प्रशिक्षण कार्यक्रम में खुईयां मलकाना, सांवतखेड़ा, नीलांवाली, दीवानखेड़ा, हैबूआना तथा पाना गांव की पंचायतों के पंच सरपंचों को प्रशिक्षण दिया गया। खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने प्रशिक्षण के समापन समारोह पर नीलोखेड़ी से आए प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मैनपाल सिहाग, प्रशिक्षक वजीर सिंह को प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चलाने के लिए बधाई दी व आशा की कि वह आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे और ग्राम पंचायतों को उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। इस मौके पर समाज शिक्षा अधिकारी राम प्रकाश, खण्ड लेखाकार रामकिशन, सहायक सामान्य संदीप शर्मा सहित खण्ड के अन्य कर्मचारी व अधिकारी भी उपस्थित थे।
2 नवंबर से खण्ड डबवाली में चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में खण्ड डबवाली की 48 गांव पंचायतों के 691 सदस्यों ने भाग लिया तथा अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
माशूका की जलती चिता में कूद गया आशिक
सिरसा। प्यार की कोई उम्र नहीं होती। जात -पात भी नहीं देखता प्रेमी और जब प्यार परवान नहीं चढ़ता तो दिल टूट जाता है। ऐसे में प्रेमी कुछ भी कर गुजरते हैं। ऐसा ही एक मामला रोड़ी में सामने आया है। यहां एक प्रेमी युगल ने आत्मदाह कर दिया। आत्मदाह करने वाला प्रेमी युगल नाबालिग है। हालांकि दोनों ही पक्षों ने इस सिलसिल में पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन गांव में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रोड़ी निवासी तेजराम की 14 वर्षीय पुत्री वीरपाल कौर उर्फ लाली रोड़ी में ही 8वीं कक्षा की छात्रा थी। लाली का मलसिंहवाला (पंजाब) निवासी बिट्टू से विगत दो वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक विगत 27 नवम्बर को लाली के भाई को दोनों के प्रेम-प्रसंग का पता चल गया। लाली को परिजनों ने समझाया लेकिन उसके सिर से बिट्टू के इश्क का भूत नहीं उतरा। परिजनों ने इस पर लाली को पीट भी डाला था। प्यार परवान न चढ़ते देखकर लाली ने स्वयं पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। लाली द्वारा उठाए गए इस कदम से परिजन सक्ते में आ गए। झुलसी अवस्था में लाली को सिरसा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। तीन दिनों तक लाली मौत से जूझती रही। सोमवार शाम उसकी मौत हो गई। परिजनों ने लोकलाज के चलते पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। बिना पोस्टमार्टम के परिजन शव अपने साथ ले गए और आनन-फानन मं अंतिम संस्कार कर देना चाहा। इसी बीच लाली की मौत की खबर उसके प्रेमी बिट्टू को लग गई। बिट्टू भी शमशान घाट जा पहुंचा। वहां लाली के शव को आग की लपटों में देख बिट्टू ने आपा खो दिया। बिट्टू ने भी लाली की चिता में छलांग लगा दी। बुरी तरह झुलसे बिट्टू का मौके पर ही दम टूट गया। बिट्टू और लाली की इस प्रेम कथा के दुखद अंत से परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी सक्ते में हैं।
दूसरी ओर पुलिस पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ रही है। रोड़ी थाना के कार्यकारी प्रभारी उपनिरीक्षक बचन सिंह का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी तो मिली है लेकिन किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं आई। ऐसे में वे कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार रोड़ी निवासी तेजराम की 14 वर्षीय पुत्री वीरपाल कौर उर्फ लाली रोड़ी में ही 8वीं कक्षा की छात्रा थी। लाली का मलसिंहवाला (पंजाब) निवासी बिट्टू से विगत दो वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक विगत 27 नवम्बर को लाली के भाई को दोनों के प्रेम-प्रसंग का पता चल गया। लाली को परिजनों ने समझाया लेकिन उसके सिर से बिट्टू के इश्क का भूत नहीं उतरा। परिजनों ने इस पर लाली को पीट भी डाला था। प्यार परवान न चढ़ते देखकर लाली ने स्वयं पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। लाली द्वारा उठाए गए इस कदम से परिजन सक्ते में आ गए। झुलसी अवस्था में लाली को सिरसा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। तीन दिनों तक लाली मौत से जूझती रही। सोमवार शाम उसकी मौत हो गई। परिजनों ने लोकलाज के चलते पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। बिना पोस्टमार्टम के परिजन शव अपने साथ ले गए और आनन-फानन मं अंतिम संस्कार कर देना चाहा। इसी बीच लाली की मौत की खबर उसके प्रेमी बिट्टू को लग गई। बिट्टू भी शमशान घाट जा पहुंचा। वहां लाली के शव को आग की लपटों में देख बिट्टू ने आपा खो दिया। बिट्टू ने भी लाली की चिता में छलांग लगा दी। बुरी तरह झुलसे बिट्टू का मौके पर ही दम टूट गया। बिट्टू और लाली की इस प्रेम कथा के दुखद अंत से परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी सक्ते में हैं।
दूसरी ओर पुलिस पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ रही है। रोड़ी थाना के कार्यकारी प्रभारी उपनिरीक्षक बचन सिंह का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी तो मिली है लेकिन किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं आई। ऐसे में वे कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है।
दुर्घटना में माली की मौत
डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर पुलिस ने गांव सांवतखेड़ा के पास मोटरसाईकिल दुर्घटना में घायल हुए एक व्यक्ति की बाद में मौत हो जाने पर अज्ञात मोटरसाईकिल चालक के खिलाफ लापरवाही से मोटरसाईकिल चलाकर दुर्घटना को अंजाम देने के आरोप में मामला दर्ज करके आरोपी की तालाश शुरू कर दी है।
गांव सांवतखेड़ा निवासी जय राम (45) सोमवार रात को रिक्शा पर डबवाली से अपने घर लौट रहा था। मार्ग में रिक्शा चालक रिक्शा को रोड़ पर खड़ा करके स्वयं लघुशंका के लिए चला गया। जबकि जयराम उस पर बैठा रहा। अचानक डबवाली साईड से आए एक तेजगति मोटरसाईकिल ने रिक्शा में टक्कर मारी। रिक्शा पर बैठा जयराम नीचे गिर गया। उसे घायल अवस्था में पुलिस एम्बूलैंस के चालक हरपाल तथा जयप्रकाश ने डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद जयराम को उपचार के लिए सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन वहां से भी उसे रोहतक के लिए रैफर कर दिया गया। रोहतक लेजाते समय मार्ग में ही उसने दम तोड़ दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए डबवाली लाया गया। जयराम गांव सांवतखेड़ा में किसान जय सिंह दंदीवाल के खेत में सब्जी की बुआई करता था।
पता चला है कि मोटरसाईकिल पर सवार एक व्यक्ति भी घायल हुआ है। जिसकी पहचान स्वर्ण सिंह (45) पुत्र लाभ सिंह निवासी नीलियांवाली के रूप में हुई है।
मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई सुभाष ने बताया कि मृतक के भांजे दिनेश कुमार (25) पुत्र जसराम के ब्यान पर अज्ञात आरोपी मोटरसाईकिल चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके मोटरसाईकिल को कब्जे में ले लिया है।
गांव सांवतखेड़ा निवासी जय राम (45) सोमवार रात को रिक्शा पर डबवाली से अपने घर लौट रहा था। मार्ग में रिक्शा चालक रिक्शा को रोड़ पर खड़ा करके स्वयं लघुशंका के लिए चला गया। जबकि जयराम उस पर बैठा रहा। अचानक डबवाली साईड से आए एक तेजगति मोटरसाईकिल ने रिक्शा में टक्कर मारी। रिक्शा पर बैठा जयराम नीचे गिर गया। उसे घायल अवस्था में पुलिस एम्बूलैंस के चालक हरपाल तथा जयप्रकाश ने डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद जयराम को उपचार के लिए सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन वहां से भी उसे रोहतक के लिए रैफर कर दिया गया। रोहतक लेजाते समय मार्ग में ही उसने दम तोड़ दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए डबवाली लाया गया। जयराम गांव सांवतखेड़ा में किसान जय सिंह दंदीवाल के खेत में सब्जी की बुआई करता था।
पता चला है कि मोटरसाईकिल पर सवार एक व्यक्ति भी घायल हुआ है। जिसकी पहचान स्वर्ण सिंह (45) पुत्र लाभ सिंह निवासी नीलियांवाली के रूप में हुई है।
मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई सुभाष ने बताया कि मृतक के भांजे दिनेश कुमार (25) पुत्र जसराम के ब्यान पर अज्ञात आरोपी मोटरसाईकिल चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके मोटरसाईकिल को कब्जे में ले लिया है।
29 नवंबर 2010
गुंडों का निशाना बना व्यापारी
किडनैप करके 1 लाख 10 हजार रूपए की राशि लूटी, लूट के बाद नहर में फेंकने का प्रयास
डबवाली (लहू की लौ) एक गाड़ी पर सवार होकर आए चार गुंडों ने चौटाला रोड़ से एक व्यापारी को उसकी गाड़ी सहित किडनैप कर लिया। गांव अबूबशहर के पास 1 लाख 10 हजार रूपए लूटने के बाद व्यापारी को नहर में फेंकने की कोशिश की। घटना शनिवार रात करीब 12 बजे की बताई जाती है।
डबवाली के वार्ड नं. 11 के निवासी कृष्ण अंगी (38) पुत्र दीवान चन्द अंगी अपने सहायक गुरजंट सिंह (30) पुत्र बनवारी लाल निवासी वाटर वक्र्स एरिया, मण्डी किलियांवाली (पंजाब) के साथ शनिवार सुबह करीब 11 बजे अपनी गाड़ी पर साबुन की 450 पेटी लादकर राजस्थान के पीलीबंगा तथा सूरतगढ़ गया था। वहां इन साबुन की पेटियों को व्यापारियों को बेचकर एक लाख तीन हजार रूपए की राशि लेकर हनुमानगढ़ आ गया। हनुमानगढ़ से उसने मूंगफली भरी और रात को करीब 10.30 बजे डबवाली के लिए रवाना हो गया।
व्यापारी कृष्ण अंगी ने बताया कि वह हनुमानगढ़ से डबवाली के लिए अपने कर्मचारी गुरजंट उर्फ जंटा के साथ रवाना हो गया। उनकी गाड़ी ने जैसे ही संगरिया बैरियर को क्रॉस किया तो वहां पर पहले से खड़ी टाटा सूमो उनके पीछे हो ली। उसने समझा कि टैक्स बैरियर की गाड़ी होगी। लेकिन कुछ समय बाद उसे ज्ञात हुआ कि गाड़ी में सवार लोग संदिग्ध हैं। उसने अपनी गाड़ी को चौटाला में पुलिस चौकी की ओर मोड़ लिया। लेकिन चौकी के दरवाजें बंद होने के कारण वह गाड़ी को डबवाली की ओर ले आया।
कृष्ण के अनुसार उसकी गाड़ी जैसे ही डबवाली में चौटाला रोड़ पर स्थित अग्निकांड स्थल के नजदीक बदमाशों ने टाटा सूमो उनकी गाड़ी के आगे लगा ली और एक बदमाश ने उसके साथ बैठे गुरजंट को नीचे फेंक दिया। गुरजंट मौका से भाग खड़ा हुआ। बदमाशों ने उस पर पत्थर भी बरसाए। इतने में एक बदमाश ने उसकी गाड़ी के शीशे पर हॉकी दे मारी और उससे मारपीट शुरू कर दी। उसे अद्र्धबेहोशी की अवस्था में बदमाशों ने अपनी गाड़ी में डाल लिया और उसकी गाड़ी को भी एक बदमाश ने थाम कर साथ ले लिया।
बदमाश उसे अबूबशहर में नहर के किनारे ले गए। वहां पर बदमाशों ने उससे एक लाख तीन हजार रूपए की नकदी और जेब में पड़ी करीब सात हजार रूपए की नकदी भी निकाल ली। इसके बाद बदमाशों ने उसे नहर में फेंकने की योजना बनाई। इस योजना को लेकर बदमाशों में आपस में विचार नहीं मिले। इतने में मौका पाकर वह उनकी गाड़ी से कूद गया। इसी दौरान वहां पर एक ट्रेक्टर-ट्राली आ गई। जिसे देखकर बदमाश भाग खड़े हुए। वह अपनी गाड़ी में सवार होकर वापिस डबवाली पहुंचा। कृष्ण के अनुसार बदमाश की संख्या चार थी जोकि मुंह पर रूमाल लिए हुए थे। वे हिन्दी में बातचीत कर रहे थे। एक-दूसरे को भईया कहकर पुकार रहे थे।
कृष्ण अंगी ने बताया कि वह पिछले करीब आठ सालों से कमीशन पर राजस्थान और पंजाब में सामान लाने और लेजाने का काम कर रहा है। राजस्थान में वह पंजाब की बनी साबुन और राजस्थान से मूंगफली, दालें आदि लाकर पंजाब में सप्लाई करता आ रहा है। करीब पंद्रह दिन पूर्व उसका हनुमानगढ़ टाऊन में एक व्यापारी के साथ साबुन की चार पेटियों को लेकर मनमुटाव हो गया था। व्यापारी ने उसे देख लेने की धमकी दी थी और कई बार उसका पीछा भी किया। उसने एक बार उसकी गाड़ी को भी टैक्स अधिकारियों को पकड़वा दिया था। उसे संदेह है कि इसके पीछे भी उसी का हाथ होगा। उसके अनुसार बदमाश नकदी के साथ उसका मोबाइल भी छीन ले गए।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी हे।
डबवाली (लहू की लौ) एक गाड़ी पर सवार होकर आए चार गुंडों ने चौटाला रोड़ से एक व्यापारी को उसकी गाड़ी सहित किडनैप कर लिया। गांव अबूबशहर के पास 1 लाख 10 हजार रूपए लूटने के बाद व्यापारी को नहर में फेंकने की कोशिश की। घटना शनिवार रात करीब 12 बजे की बताई जाती है।
डबवाली के वार्ड नं. 11 के निवासी कृष्ण अंगी (38) पुत्र दीवान चन्द अंगी अपने सहायक गुरजंट सिंह (30) पुत्र बनवारी लाल निवासी वाटर वक्र्स एरिया, मण्डी किलियांवाली (पंजाब) के साथ शनिवार सुबह करीब 11 बजे अपनी गाड़ी पर साबुन की 450 पेटी लादकर राजस्थान के पीलीबंगा तथा सूरतगढ़ गया था। वहां इन साबुन की पेटियों को व्यापारियों को बेचकर एक लाख तीन हजार रूपए की राशि लेकर हनुमानगढ़ आ गया। हनुमानगढ़ से उसने मूंगफली भरी और रात को करीब 10.30 बजे डबवाली के लिए रवाना हो गया।
व्यापारी कृष्ण अंगी ने बताया कि वह हनुमानगढ़ से डबवाली के लिए अपने कर्मचारी गुरजंट उर्फ जंटा के साथ रवाना हो गया। उनकी गाड़ी ने जैसे ही संगरिया बैरियर को क्रॉस किया तो वहां पर पहले से खड़ी टाटा सूमो उनके पीछे हो ली। उसने समझा कि टैक्स बैरियर की गाड़ी होगी। लेकिन कुछ समय बाद उसे ज्ञात हुआ कि गाड़ी में सवार लोग संदिग्ध हैं। उसने अपनी गाड़ी को चौटाला में पुलिस चौकी की ओर मोड़ लिया। लेकिन चौकी के दरवाजें बंद होने के कारण वह गाड़ी को डबवाली की ओर ले आया।
कृष्ण के अनुसार उसकी गाड़ी जैसे ही डबवाली में चौटाला रोड़ पर स्थित अग्निकांड स्थल के नजदीक बदमाशों ने टाटा सूमो उनकी गाड़ी के आगे लगा ली और एक बदमाश ने उसके साथ बैठे गुरजंट को नीचे फेंक दिया। गुरजंट मौका से भाग खड़ा हुआ। बदमाशों ने उस पर पत्थर भी बरसाए। इतने में एक बदमाश ने उसकी गाड़ी के शीशे पर हॉकी दे मारी और उससे मारपीट शुरू कर दी। उसे अद्र्धबेहोशी की अवस्था में बदमाशों ने अपनी गाड़ी में डाल लिया और उसकी गाड़ी को भी एक बदमाश ने थाम कर साथ ले लिया।
बदमाश उसे अबूबशहर में नहर के किनारे ले गए। वहां पर बदमाशों ने उससे एक लाख तीन हजार रूपए की नकदी और जेब में पड़ी करीब सात हजार रूपए की नकदी भी निकाल ली। इसके बाद बदमाशों ने उसे नहर में फेंकने की योजना बनाई। इस योजना को लेकर बदमाशों में आपस में विचार नहीं मिले। इतने में मौका पाकर वह उनकी गाड़ी से कूद गया। इसी दौरान वहां पर एक ट्रेक्टर-ट्राली आ गई। जिसे देखकर बदमाश भाग खड़े हुए। वह अपनी गाड़ी में सवार होकर वापिस डबवाली पहुंचा। कृष्ण के अनुसार बदमाश की संख्या चार थी जोकि मुंह पर रूमाल लिए हुए थे। वे हिन्दी में बातचीत कर रहे थे। एक-दूसरे को भईया कहकर पुकार रहे थे।
कृष्ण अंगी ने बताया कि वह पिछले करीब आठ सालों से कमीशन पर राजस्थान और पंजाब में सामान लाने और लेजाने का काम कर रहा है। राजस्थान में वह पंजाब की बनी साबुन और राजस्थान से मूंगफली, दालें आदि लाकर पंजाब में सप्लाई करता आ रहा है। करीब पंद्रह दिन पूर्व उसका हनुमानगढ़ टाऊन में एक व्यापारी के साथ साबुन की चार पेटियों को लेकर मनमुटाव हो गया था। व्यापारी ने उसे देख लेने की धमकी दी थी और कई बार उसका पीछा भी किया। उसने एक बार उसकी गाड़ी को भी टैक्स अधिकारियों को पकड़वा दिया था। उसे संदेह है कि इसके पीछे भी उसी का हाथ होगा। उसके अनुसार बदमाश नकदी के साथ उसका मोबाइल भी छीन ले गए।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी हे।
कार पलटी, मियां-बीबी घायल
डबवाली (लहू की लौ) घायल पिता का पता लेने के लिए दिल्ली से अबोहर जा रहे नेटवर्क इंजीनियर अपनी पत्नी सहित अनियंत्रित हुई कार के रविवार सुबह करीब 7 बजे पलट जाने से घायल हो गये।
घायल अमित सक्सेना (26) ने बताया कि उसे पता चला कि उसका 60 वर्षीय पिता अरूण सक्सेना अबोहर शनिवार को एक दुर्घटना में घायल हो गया है। इस पर वह अपनी पत्नी रूपाली सक्सेना (25) के साथ शनिवार रात को लगभग 11 बजे दिल्ली से अबोहर के लिए अपनी जिन्न कार में रवाना हुआ। वह टाटा कम्युनिकेशन में नेटवर्क इंजीनियर के पद पर कार्यरत है।
घायल के अनुसार उनकी कार जैसे ही डबवाली के नजदीक गांव सांवतखेड़ा के पास पहुंची तो अचानक उसे नींद की झपकी आ जाने से कार अनियंत्रित होकर खेतों में जाकर पलट गई। जिससे उसे तथा उसकी पत्नी को चोटें आयीं। घायलों को डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस के चालक कुलवन्त सिंह ने डबवाली के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद दम्पत्ति अस्पताल से छुट्टी लेकर अबोहर के लिए रवाना हो गये।
घायल अमित सक्सेना (26) ने बताया कि उसे पता चला कि उसका 60 वर्षीय पिता अरूण सक्सेना अबोहर शनिवार को एक दुर्घटना में घायल हो गया है। इस पर वह अपनी पत्नी रूपाली सक्सेना (25) के साथ शनिवार रात को लगभग 11 बजे दिल्ली से अबोहर के लिए अपनी जिन्न कार में रवाना हुआ। वह टाटा कम्युनिकेशन में नेटवर्क इंजीनियर के पद पर कार्यरत है।
घायल के अनुसार उनकी कार जैसे ही डबवाली के नजदीक गांव सांवतखेड़ा के पास पहुंची तो अचानक उसे नींद की झपकी आ जाने से कार अनियंत्रित होकर खेतों में जाकर पलट गई। जिससे उसे तथा उसकी पत्नी को चोटें आयीं। घायलों को डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस के चालक कुलवन्त सिंह ने डबवाली के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद दम्पत्ति अस्पताल से छुट्टी लेकर अबोहर के लिए रवाना हो गये।
चोरों की गतिविधियां जारी, दो दुकानों के ताले चटकाए
डबवाली (लहू की लौ) मलोट रोड़ पर स्थित देवीलाल स्मारक के सामने की मार्किट से शनिवार रात को अज्ञात चोरों ने दो दुकानों में चोरी को अंजाम दिया और स्मारक से भी टूटी चुरा ले गये।
ग्रोवर मेडीकल स्टोर के मालिक रूपिन्द्र ्र्रग्रोवर पुत्र डॉ. अमरजीत ग्रोवर ने बताया कि वह रविवार सुबह सैर के लिए मलोट रोड़ पर जा रहा था उसने देखा कि उसकी दुकान का शैटर उठा हुआ है। उसका माथा ठनका और वह जैसे ही दुकान के पास गया तो देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए हैं और शैटर खुला पड़ा है। दुकान के भीतर काऊंटर में पड़ी 1500 रूपये की नकदी गायब है।
इसी दुकान के साथ स्थित बैल्डिंग वर्कशाप के मालिक देसराज ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति इसी रात को उसके बाहर पड़े लॉक किये बैल्डिंग सैट का हैंडल चुरा ले गये। जिसकी कीमत करीब 300 रूपये है। जबकि अज्ञात चोर देवीलाल स्मारक में लगी पानी की टूटी भी अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गये।
ग्रोवर मेडीकल स्टोर के मालिक रूपिन्द्र ्र्रग्रोवर पुत्र डॉ. अमरजीत ग्रोवर ने बताया कि वह रविवार सुबह सैर के लिए मलोट रोड़ पर जा रहा था उसने देखा कि उसकी दुकान का शैटर उठा हुआ है। उसका माथा ठनका और वह जैसे ही दुकान के पास गया तो देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए हैं और शैटर खुला पड़ा है। दुकान के भीतर काऊंटर में पड़ी 1500 रूपये की नकदी गायब है।
इसी दुकान के साथ स्थित बैल्डिंग वर्कशाप के मालिक देसराज ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति इसी रात को उसके बाहर पड़े लॉक किये बैल्डिंग सैट का हैंडल चुरा ले गये। जिसकी कीमत करीब 300 रूपये है। जबकि अज्ञात चोर देवीलाल स्मारक में लगी पानी की टूटी भी अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गये।
शिविर में 36 यूनिट रक्त एकत्रित
डबवाली। वरच्युस क्लब इण्डिया रजि., डबवाली द्वारा नव प्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रांगण में क्लब के उपप्रधान मंगत राय बंसल ठेकेदार के स्व. पिताश्री कौर चंद बंसल की प्रथम पुण्यतिथि पर हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी के सोजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का उद्घाटन क्लब के मुख्य सलाहकार आत्मा अरोड़ा ने किया। इस अवसर पर मंगत राय बंसल के परिवार के सदस्यों, मां जगदम्बा वैल्फेयर क्लब के प्रधान रविंदर छाबड़ा, बाबा टहल दास स्पोर्ट्स क्लब के उपप्रधान मलकीत सिंह मीका, वरच्युस परिवार के सदस्यों ने रक्तदान करके स्व. कौर चंद बंसल को 36 यूनिट रक्तदान करके श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर नरेश बंसल ने 16 वी बार, उनकी धर्मपत्नी सुमन बंसल ने 13वीं बार रक्तदान करके रक्तदान के अभियान को नया आयाम दिया।
इस अवसर पर मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमैन मलकीत सिंह गंगा, डॉ. श्रवण कुमार के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी शर्मा, डॉ. करनैल सिंह, डॉ. अश्विनी बत्तरा, प्रिंसिपल चंद्रकांता भारती, निर्देशक वेद भारती, प्रबंधक समिति के सदस्य परमजीत कोचर, जितेंद्र शर्मा, तरसेम गर्ग, वेद कालड़ा, राजेश हाकू, एडवोकेट जितेंद्र खैरा, सुमित भारती, ज्ञानी ज्ञान सिंह व संस्थापक केशव शर्मा, युवा रक्तदान सोसाइटी के संस्थापक सुरिंद्र सिंगला, शिविर के प्रोजेक्ट चेयरमैन डॉ. मथरा दास चलाना उपस्थित थे। जबकि मंच का संचालन संजीव शाद ने किया।
शिविर का उद्घाटन क्लब के मुख्य सलाहकार आत्मा अरोड़ा ने किया। इस अवसर पर मंगत राय बंसल के परिवार के सदस्यों, मां जगदम्बा वैल्फेयर क्लब के प्रधान रविंदर छाबड़ा, बाबा टहल दास स्पोर्ट्स क्लब के उपप्रधान मलकीत सिंह मीका, वरच्युस परिवार के सदस्यों ने रक्तदान करके स्व. कौर चंद बंसल को 36 यूनिट रक्तदान करके श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर नरेश बंसल ने 16 वी बार, उनकी धर्मपत्नी सुमन बंसल ने 13वीं बार रक्तदान करके रक्तदान के अभियान को नया आयाम दिया।
इस अवसर पर मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमैन मलकीत सिंह गंगा, डॉ. श्रवण कुमार के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी शर्मा, डॉ. करनैल सिंह, डॉ. अश्विनी बत्तरा, प्रिंसिपल चंद्रकांता भारती, निर्देशक वेद भारती, प्रबंधक समिति के सदस्य परमजीत कोचर, जितेंद्र शर्मा, तरसेम गर्ग, वेद कालड़ा, राजेश हाकू, एडवोकेट जितेंद्र खैरा, सुमित भारती, ज्ञानी ज्ञान सिंह व संस्थापक केशव शर्मा, युवा रक्तदान सोसाइटी के संस्थापक सुरिंद्र सिंगला, शिविर के प्रोजेक्ट चेयरमैन डॉ. मथरा दास चलाना उपस्थित थे। जबकि मंच का संचालन संजीव शाद ने किया।
डरा धमका कर राज करने वालों का समय खत्म-केवी सिंह
डबवाली (लहू की लौ) मुख्यमंत्री चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के विकास में कोई कौर कसर नहीं छोड़ी है तथा कांग्रेस पार्टी ने कार्यकत्र्ताओं तथा आम जनता को पूरा मान-सम्मान दिया है।
यह बात शनिवार रात को मुख्यमंत्री हरियाणा के पूर्व विशेष कार्यकारी अधिकारी डा. के.वी. सिंह ने आज वार्ड 16 में मास्टर जगदीश के घर में कायकत्र्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस पार्टी की जन हितेषी नीतियों का ही नतीजा है कि हरियाणा में विकास की हवा चल रही है तथा समाज के हर वर्ग को इन नीतियों का फायदा पहुंच रहा है। अब डरा-धमका कर वोट लेने वाले लोगों को जनता ने सबक सिखाना शुरु कर दिया है तथा लोग जात-पात से ऊपर उठकर विकास व शान्ति को तवज्जो देने लगे हैं। हम सभी को जागरुक होना होगा जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और काम करने वाले लोग ही आगे आ सके।
डा. सिंह ने कहा कि एक मजबूत टीम हर वार्ड में बनानी होगी ताकि हम जनता में इनेलो पार्टी द्वारा बनाये गये डर के माहौल को खत्म कर सके और हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही जनहितेषी नीतियों का प्रचार प्रचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के राज में लोग डर के हालात में जीते थे जबकि कांगे्रस के राज में ऐसे हालात नहीं है। चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा की जनहितेषी नीतियों जैसे गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ वजीफा व कापी, किताबें, वर्दी व दोपहर का खाना देना और बुढ़ापा पैंशन में वृद्धि, गरीबों का निशुल्क इलाज, 100-100 गज के प्लाट, निशुल्क 200 लीटर की पानी की टंकी व निशुल्क कनेक्शन भी दिए गये। मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के कारण ही आज बिजली की समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने नई खेल नीति लागू की जिससे कॉमनवैल्थ खेलों में सबसे ज्यादा पदक देश के लिए हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं और अभी चीन में चल रहे एशियाई खेलों में भी हरियाणा के खिलाडिय़ों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर बलदेव राज शर्मा, केशव शर्मा, शहरी प्रधान पवन गर्ग, विनोद बांसल, सुरेन्द्र सिंह ठेकेदार, संदीप चौधरी, अमरजीत सिंह हवलदार, मास्टर जगदीश शर्मा, मलकीत सिंह मिस्त्री, गुरदयाल मिस्त्री, बलवीर मिस्त्री, सुनील जिन्दल, रविन्द्र बिन्दू, जगजीत सिंह, जसविन्द्र सिंह, मलकीत शर्मा, कमलजीत, शहरी युवा प्रधान अमन भारद्वाज, जितेन्द्र कुमार आदि कांग्रेस कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।
यह बात शनिवार रात को मुख्यमंत्री हरियाणा के पूर्व विशेष कार्यकारी अधिकारी डा. के.वी. सिंह ने आज वार्ड 16 में मास्टर जगदीश के घर में कायकत्र्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस पार्टी की जन हितेषी नीतियों का ही नतीजा है कि हरियाणा में विकास की हवा चल रही है तथा समाज के हर वर्ग को इन नीतियों का फायदा पहुंच रहा है। अब डरा-धमका कर वोट लेने वाले लोगों को जनता ने सबक सिखाना शुरु कर दिया है तथा लोग जात-पात से ऊपर उठकर विकास व शान्ति को तवज्जो देने लगे हैं। हम सभी को जागरुक होना होगा जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और काम करने वाले लोग ही आगे आ सके।
डा. सिंह ने कहा कि एक मजबूत टीम हर वार्ड में बनानी होगी ताकि हम जनता में इनेलो पार्टी द्वारा बनाये गये डर के माहौल को खत्म कर सके और हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही जनहितेषी नीतियों का प्रचार प्रचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के राज में लोग डर के हालात में जीते थे जबकि कांगे्रस के राज में ऐसे हालात नहीं है। चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा की जनहितेषी नीतियों जैसे गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ वजीफा व कापी, किताबें, वर्दी व दोपहर का खाना देना और बुढ़ापा पैंशन में वृद्धि, गरीबों का निशुल्क इलाज, 100-100 गज के प्लाट, निशुल्क 200 लीटर की पानी की टंकी व निशुल्क कनेक्शन भी दिए गये। मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के कारण ही आज बिजली की समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने नई खेल नीति लागू की जिससे कॉमनवैल्थ खेलों में सबसे ज्यादा पदक देश के लिए हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं और अभी चीन में चल रहे एशियाई खेलों में भी हरियाणा के खिलाडिय़ों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर बलदेव राज शर्मा, केशव शर्मा, शहरी प्रधान पवन गर्ग, विनोद बांसल, सुरेन्द्र सिंह ठेकेदार, संदीप चौधरी, अमरजीत सिंह हवलदार, मास्टर जगदीश शर्मा, मलकीत सिंह मिस्त्री, गुरदयाल मिस्त्री, बलवीर मिस्त्री, सुनील जिन्दल, रविन्द्र बिन्दू, जगजीत सिंह, जसविन्द्र सिंह, मलकीत शर्मा, कमलजीत, शहरी युवा प्रधान अमन भारद्वाज, जितेन्द्र कुमार आदि कांग्रेस कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।
बैठक में मृत्यु भोज का किया विरोध
डबवाली (लहू की लौ) मेघवाल महासभा की एक बैठक रविवार को बाबा रामदेव मंदिर धर्मशाला में हुई। जिसकी अध्यक्षता हल्का मलोट के पूर्व एमएलए नत्थू राम ने की।
बैठक को मेघवाल सभा श्री गंगानगर के अध्यक्ष अभय सिंह, पूर्व अध्यक्ष कांशी राम चौहान, मेघवाल महासभा हरियाणा के धन्ना दास ऋषि, लीलू राम मेघवाल सदस्य अखिल भारतीय मेघवाल महासभा, बुध राम जिला परिषद सदस्य, मास्टर किशन चन्द्र गंगा, आत्मा राम सुढा चौटाला, चानन सिंह ब्लाक अध्यक्ष औढ़ां, राजेन्द्र राठी ब्लाक अध्यक्ष डबवाली, इन्द्राज सिंह मेघवाल, बलकौर सिंह, राजा राम आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने संबोधन में मेघवाल समाज के सदस्यों को संगठित होने का आह्वान किया। समाज में फैली कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, नशा खोरी तथा मृत्यु भोज जैसी बुराई को खत्म करने की शपथ दिलाई।
कौन हैं मेघवाल
इन्द्राज सिंह मेघवाल ने मेघवालों के संदर्भ में बताया कि मेघवालों के वंशज मेघ ऋषि हैं। जिन्होंने सर्वप्रथम कपड़ा तैयार किया। कुछ समय पूर्व इन्हें चमार (चमड़ा प्रयोग करने वाले) कहकर पुकारा जाता था। लेकिन मेघवालों का कार्य चमड़े का न होकर कपड़ा बनाना है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी चमार को अपमानित शब्द की संज्ञा दी है। इस प्रकार अब उनके जाति प्रमाण पत्रों में चमार की अपेक्षा मेघवाल शब्द का प्रयोग होने लगा है। मेघवाल अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। पूरे भारत में इनकी संख्या तकरीबन 10 करोड़ है। जिनमें से करीब 15 लाख मेघवाल हरियाणा राज्य में रहते हैं।
बैठक को मेघवाल सभा श्री गंगानगर के अध्यक्ष अभय सिंह, पूर्व अध्यक्ष कांशी राम चौहान, मेघवाल महासभा हरियाणा के धन्ना दास ऋषि, लीलू राम मेघवाल सदस्य अखिल भारतीय मेघवाल महासभा, बुध राम जिला परिषद सदस्य, मास्टर किशन चन्द्र गंगा, आत्मा राम सुढा चौटाला, चानन सिंह ब्लाक अध्यक्ष औढ़ां, राजेन्द्र राठी ब्लाक अध्यक्ष डबवाली, इन्द्राज सिंह मेघवाल, बलकौर सिंह, राजा राम आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने संबोधन में मेघवाल समाज के सदस्यों को संगठित होने का आह्वान किया। समाज में फैली कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, नशा खोरी तथा मृत्यु भोज जैसी बुराई को खत्म करने की शपथ दिलाई।
कौन हैं मेघवाल
इन्द्राज सिंह मेघवाल ने मेघवालों के संदर्भ में बताया कि मेघवालों के वंशज मेघ ऋषि हैं। जिन्होंने सर्वप्रथम कपड़ा तैयार किया। कुछ समय पूर्व इन्हें चमार (चमड़ा प्रयोग करने वाले) कहकर पुकारा जाता था। लेकिन मेघवालों का कार्य चमड़े का न होकर कपड़ा बनाना है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी चमार को अपमानित शब्द की संज्ञा दी है। इस प्रकार अब उनके जाति प्रमाण पत्रों में चमार की अपेक्षा मेघवाल शब्द का प्रयोग होने लगा है। मेघवाल अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। पूरे भारत में इनकी संख्या तकरीबन 10 करोड़ है। जिनमें से करीब 15 लाख मेघवाल हरियाणा राज्य में रहते हैं।
28 नवंबर 2010
रोमिंग फ्री हो सकते हैं बॉर्डर पर पडऩे वाले क्षेत्र!
डबवाली (लहू की लौ) बीएसएनल हिसार मण्डल महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री ने कहा कि बीएसएनएल की मोबाइल सेवा को ओर लोकप्रिय बनाने के लिए हिसार मण्डल में पंजाब तथा राजस्थान के साथ पडऩे वाले क्षेत्रों को रोमिंग फ्री करने की योजना तैयार की जा रही है। जो शीघ्र ही कार्यरूप लेने की आशा है।
वे डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में आयोजित खुला दरबार के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार निगम का डाकघर से बिल वितरण के लिए हुआ टाईअप सफल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते दूरसंचार निगम शीघ्र ही अपने स्तर पर बिल वितरण करेगा। कुछ क्षेत्रों में यह सेवा शुरू भी हो चुकी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि डाकघरों में उपभोक्ताओं को बिल अदा करते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए निगम अपने स्तर पर ही बिल भरवाने के साथ-साथ बिल भरने का समय भी तीन बजे तक रखने पर विचार कर रही है। उन्होंने डबवाली में बिल भरवाने वाले कार्यालय का समय तीन बजे करने के आदेश भी जारी कर दिए।
उनसे यह पूछने पर की बीएसएनएल से सरकारी विभागों का मोहभंग हो रहा है और ये विभाग मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली प्राईवेट कम्पनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बिजली निगम ने टैण्डर इनवाईट किए थे। लेकिन बीएसएनएल का रेट अन्य प्राईवेट कंपनियों से ज्यादा होने के कारण उन्हें यह टैण्डर नहीं मिल पाया। भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा बीएसएनएल के मोबाइल फोन छोड़कर एयरटेल के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिना आईडी के बाजार में जो बीएनएलएल के मोबाइल कनेक्शन मिल रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। साथ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निगम के कानून इसके संबंध में काफी ढीले होने के कारण इन पर नकेल कसने में मुश्किल आ रही है।
वे डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में आयोजित खुला दरबार के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार निगम का डाकघर से बिल वितरण के लिए हुआ टाईअप सफल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते दूरसंचार निगम शीघ्र ही अपने स्तर पर बिल वितरण करेगा। कुछ क्षेत्रों में यह सेवा शुरू भी हो चुकी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि डाकघरों में उपभोक्ताओं को बिल अदा करते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए निगम अपने स्तर पर ही बिल भरवाने के साथ-साथ बिल भरने का समय भी तीन बजे तक रखने पर विचार कर रही है। उन्होंने डबवाली में बिल भरवाने वाले कार्यालय का समय तीन बजे करने के आदेश भी जारी कर दिए।
उनसे यह पूछने पर की बीएसएनएल से सरकारी विभागों का मोहभंग हो रहा है और ये विभाग मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली प्राईवेट कम्पनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बिजली निगम ने टैण्डर इनवाईट किए थे। लेकिन बीएसएनएल का रेट अन्य प्राईवेट कंपनियों से ज्यादा होने के कारण उन्हें यह टैण्डर नहीं मिल पाया। भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा बीएसएनएल के मोबाइल फोन छोड़कर एयरटेल के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिना आईडी के बाजार में जो बीएनएलएल के मोबाइल कनेक्शन मिल रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। साथ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निगम के कानून इसके संबंध में काफी ढीले होने के कारण इन पर नकेल कसने में मुश्किल आ रही है।
रोमिंग फ्री हो सकते हैं बॉर्डर पर पडऩे वाले क्षेत्र!
डबवाली (लहू की लौ) बीएसएनल हिसार मण्डल महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री ने कहा कि बीएसएनएल की मोबाइल सेवा को ओर लोकप्रिय बनाने के लिए हिसार मण्डल में पंजाब तथा राजस्थान के साथ पडऩे वाले क्षेत्रों को रोमिंग फ्री करने की योजना तैयार की जा रही है। जो शीघ्र ही कार्यरूप लेने की आशा है।
वे डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में आयोजित खुला दरबार के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार निगम का डाकघर से बिल वितरण के लिए हुआ टाईअप सफल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते दूरसंचार निगम शीघ्र ही अपने स्तर पर बिल वितरण करेगा। कुछ क्षेत्रों में यह सेवा शुरू भी हो चुकी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि डाकघरों में उपभोक्ताओं को बिल अदा करते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए निगम अपने स्तर पर ही बिल भरवाने के साथ-साथ बिल भरने का समय भी तीन बजे तक रखने पर विचार कर रही है। उन्होंने डबवाली में बिल भरवाने वाले कार्यालय का समय तीन बजे करने के आदेश भी जारी कर दिए।
उनसे यह पूछने पर की बीएसएनएल से सरकारी विभागों का मोहभंग हो रहा है और ये विभाग मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली प्राईवेट कम्पनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बिजली निगम ने टैण्डर इनवाईट किए थे। लेकिन बीएसएनएल का रेट अन्य प्राईवेट कंपनियों से ज्यादा होने के कारण उन्हें यह टैण्डर नहीं मिल पाया। भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा बीएसएनएल के मोबाइल फोन छोड़कर एयरटेल के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिना आईडी के बाजार में जो बीएनएलएल के मोबाइल कनेक्शन मिल रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। साथ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निगम के कानून इसके संबंध में काफी ढीले होने के कारण इन पर नकेल कसने में मुश्किल आ रही है।
वे डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में आयोजित खुला दरबार के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार निगम का डाकघर से बिल वितरण के लिए हुआ टाईअप सफल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते दूरसंचार निगम शीघ्र ही अपने स्तर पर बिल वितरण करेगा। कुछ क्षेत्रों में यह सेवा शुरू भी हो चुकी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि डाकघरों में उपभोक्ताओं को बिल अदा करते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए निगम अपने स्तर पर ही बिल भरवाने के साथ-साथ बिल भरने का समय भी तीन बजे तक रखने पर विचार कर रही है। उन्होंने डबवाली में बिल भरवाने वाले कार्यालय का समय तीन बजे करने के आदेश भी जारी कर दिए।
उनसे यह पूछने पर की बीएसएनएल से सरकारी विभागों का मोहभंग हो रहा है और ये विभाग मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली प्राईवेट कम्पनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बिजली निगम ने टैण्डर इनवाईट किए थे। लेकिन बीएसएनएल का रेट अन्य प्राईवेट कंपनियों से ज्यादा होने के कारण उन्हें यह टैण्डर नहीं मिल पाया। भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा बीएसएनएल के मोबाइल फोन छोड़कर एयरटेल के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिना आईडी के बाजार में जो बीएनएलएल के मोबाइल कनेक्शन मिल रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। साथ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निगम के कानून इसके संबंध में काफी ढीले होने के कारण इन पर नकेल कसने में मुश्किल आ रही है।
लोगों की समस्याओं के आगे महाप्रबंधक मजबूर
डबवाली (लहू की लौ) भारत संचार निगम लि. द्वारा दूरभाष केन्द्र डबवाली में शनिवार को खुला दरबार आयोजित किया गया। शिकायतें सुनाने आए उपभोक्ताओं ने दरबार को 'निगम का खेलÓ करार देते हुए निगम के महाप्रबंधक को खूब खरी-खोटी सुनाई। बाद में निगम के महाप्रबंधक ने इसे अपनी 'मजबूरीÓ करार दिया।
शनिवार को बीएसएनएल की ओर से डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए खुला दरबार सजाया गया। लेकिन दरबार में शिकायती कम और दरबारी ज्यादा पहुंचे। लोगों की अधिकतर शिकायत बिल, एक्सचैंज के टेलीफोन कनेक्शन, मोबाईल सेवा, लैंडलाईन सेवा से संबंधित थी। आचार्य रमेश सचदेवा ने शिकायत की कि निगम द्वारा जब भी खुला दरबार आयोजित किया जाता है, वे अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं। लेकिन आज तक उनकी एक भी शिकायत का निपटान 'निगम के इस खेलÓ में नहीं हुआ। सचदेवा ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि स्थानीय टेलीफोन एक्सचैंज में न तो कम्प्यूटर टेक्निकल है और न ही चैक के जरिए बिल पेमेंट करने का कोई प्रोसिजर बताया जाता। बीएसएनएल की कस्टमर केयर से फोन पर करीब पांच मिनट तक माथापच्ची करने के बाद बात होती है, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध करवाए जा रहे कम्प्यूटरों की कंफिरगेशन तक नहीं बताई जाती। यहां तक की निगम योजनाएं बनाता है, लेकिन डबवाली एक्सचैंज के अधिकारियों की इसकी जानकारी योजनाओं की समयावधि खत्म होने के बाद ही मिलती है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।
कोच दीदार सिंह, मनीष कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने लैंडलाईन फोन के लिए अप्लाई किया हुआ है। लेकिन निगम के कर्मचारी बार-बार उन्हें टरका रहे हैं। इसी प्रकार मुकन्द लाल सेठी ने भी बिल की शिकायत दर्ज करवाई। गुरमेल सिंह लखेसर ने हरियाणा में रहते हुए रोमिंग पडऩे की शिकायत महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री से की।
उपभोक्ताओं की शिकायतें और खरी-खोटी सुनने के बाद महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री ने कहा कि बीएसएनएल सरकारी डिपार्टमेंट है। निगम में स्टॉफ की कमी चल रही है। हिसार मण्डल की काफी प्रोपजलें उन्होंने उच्च अधिकारियों को मंजूरी के लिए भेजी हुई हैं। लेकिन पिछले तीन सालों से एक भी टैण्डर क्लीयर नहीं हुआ है। 15-20 टावर लगाए जा चुके हैं और सरकार पर उनका किराया भी पड़ गया है। लेकिन मंजूरी आज तक नहीं मिली। उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट द्वारा उन पर टारगेट थोपा जाता है, इस टारगेट को पूरा करना उनके लिए आवश्यक होता है। जीएम अग्निहोत्री ने मजबूरी बताते हुए कहा कि बीएसएनएल वन मैन शो नहीं है। हर कार्य एक सिस्टम के तहत होता है। फाईलें कई टेबलों पर पहुंचकर पास की जाती हैं। हर कार्य उनकी खुद की पावर में नहीं है, ऑल इंडिया लेवल पर योजनाएं बनती हैं और लागू होती हैं। उन्होंने अपने स्तर की हर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक हिसार ओपी जांगिड़, एलसी सहारण एजीएम मार्केटिंग हिसार, मण्डल अभियंता सिरसा अमर सिंह, एसडीई मनमोहन सिंह, एसडीई भारत भूषण वधवा, जेई राकेश बांसल, पवन कुमार आदि उपस्थित थे।
शनिवार को बीएसएनएल की ओर से डबवाली टेलीफोन एक्सचैंज में उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए खुला दरबार सजाया गया। लेकिन दरबार में शिकायती कम और दरबारी ज्यादा पहुंचे। लोगों की अधिकतर शिकायत बिल, एक्सचैंज के टेलीफोन कनेक्शन, मोबाईल सेवा, लैंडलाईन सेवा से संबंधित थी। आचार्य रमेश सचदेवा ने शिकायत की कि निगम द्वारा जब भी खुला दरबार आयोजित किया जाता है, वे अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं। लेकिन आज तक उनकी एक भी शिकायत का निपटान 'निगम के इस खेलÓ में नहीं हुआ। सचदेवा ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि स्थानीय टेलीफोन एक्सचैंज में न तो कम्प्यूटर टेक्निकल है और न ही चैक के जरिए बिल पेमेंट करने का कोई प्रोसिजर बताया जाता। बीएसएनएल की कस्टमर केयर से फोन पर करीब पांच मिनट तक माथापच्ची करने के बाद बात होती है, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध करवाए जा रहे कम्प्यूटरों की कंफिरगेशन तक नहीं बताई जाती। यहां तक की निगम योजनाएं बनाता है, लेकिन डबवाली एक्सचैंज के अधिकारियों की इसकी जानकारी योजनाओं की समयावधि खत्म होने के बाद ही मिलती है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।
कोच दीदार सिंह, मनीष कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने लैंडलाईन फोन के लिए अप्लाई किया हुआ है। लेकिन निगम के कर्मचारी बार-बार उन्हें टरका रहे हैं। इसी प्रकार मुकन्द लाल सेठी ने भी बिल की शिकायत दर्ज करवाई। गुरमेल सिंह लखेसर ने हरियाणा में रहते हुए रोमिंग पडऩे की शिकायत महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री से की।
उपभोक्ताओं की शिकायतें और खरी-खोटी सुनने के बाद महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री ने कहा कि बीएसएनएल सरकारी डिपार्टमेंट है। निगम में स्टॉफ की कमी चल रही है। हिसार मण्डल की काफी प्रोपजलें उन्होंने उच्च अधिकारियों को मंजूरी के लिए भेजी हुई हैं। लेकिन पिछले तीन सालों से एक भी टैण्डर क्लीयर नहीं हुआ है। 15-20 टावर लगाए जा चुके हैं और सरकार पर उनका किराया भी पड़ गया है। लेकिन मंजूरी आज तक नहीं मिली। उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट द्वारा उन पर टारगेट थोपा जाता है, इस टारगेट को पूरा करना उनके लिए आवश्यक होता है। जीएम अग्निहोत्री ने मजबूरी बताते हुए कहा कि बीएसएनएल वन मैन शो नहीं है। हर कार्य एक सिस्टम के तहत होता है। फाईलें कई टेबलों पर पहुंचकर पास की जाती हैं। हर कार्य उनकी खुद की पावर में नहीं है, ऑल इंडिया लेवल पर योजनाएं बनती हैं और लागू होती हैं। उन्होंने अपने स्तर की हर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक हिसार ओपी जांगिड़, एलसी सहारण एजीएम मार्केटिंग हिसार, मण्डल अभियंता सिरसा अमर सिंह, एसडीई मनमोहन सिंह, एसडीई भारत भूषण वधवा, जेई राकेश बांसल, पवन कुमार आदि उपस्थित थे।
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