डबवाली (लहू की लौ) उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा के दिशा-निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने मंगलवार को यहां के बठिण्डा चौक में स्थित दो कैमिस्ट शॉप पर छापामारी करके भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां बरामद की।
प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा सरकार के ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि डबवाली के बठिण्डा चौक में स्थित दो दुकानदार भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां रखे हुए हैं और यहां से पंजाब और आस-पास के क्षेत्र से आने वाले नशेड़ी अक्सर नशे की दवाईयां खरीदते हैं। इसी शिकायत के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, डॉ. संजीव कम्बोज, एसआई भागीरथ, एएसआई सत्यनारायण के नेतृत्व में एक टीम बठिण्डा चौक में पहुंची और इस टीम ने अशोका मेडीकल स्टोर, श्री गणपति मेडीकोज में पड़ी दवाईयों की चैकिंग की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि चैकिंग के दौरान इन दोनों ही दुकानों पर अधिकांश दवाईयां नशे में प्रयोग होने वाली मिली। उनके अनुसार इन दुकानों पर बैठने वाले लोग भी फार्मासिस्ट नहीं है। उनके अनुसार दोनों के पास 12-12 प्रकार की नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां मिली हैं। जिनकी कीमत हजारों रूपये है। बरामद की गई दवाईयों में बायोरेक्स, रेकोडेक्स, मोमोलिट, समासमो प्रोक्सीवोन आदि दवाईयां हैं। जो नशे में प्रयुक्त हो सकती हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों दुकानदारों को शो काज नोटिस दिया जा रहा है। ये अपनी दुकानें नहीं खोल पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्यवाही के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को सम्बन्धित कैमिस्टों के लाईसेंस रद्द करने की अनुशंसा वे करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अशोका मेडीकल स्टोर का नाम पहले अशोका मेडीकल हाल था और इसका मालिक अशोक गोयल की मौत हो गई थी। अब यह लाईसेंस राजकुमारी के नाम पर है और अब अशोका मेडीकल स्टोर के नाम पर चलाया जा रहा है। इसमें फार्मासिस्ट हंसराज को दिखाया हुआ है। लेकिन इस पर निर्मला देवी तथा जगदीप सिंह कार्य करते हुए पाये गये हैं।
धानीवाल ने श्री गणपति मेडीकोज के बारे में बताया कि इसका मालिक लाईसेंस में अनिता रानी पत्नी नीरज मोंगा को दिखाया गया है और इस पर नीरज बैठता है। इससे पूर्व इसी मेडीकल शॉप का नाम शुभम मेडीकोज था, जोकि देसराज मोंगा के नाम पर चल रहा था। बाद में शुभम मेडीकल हाल कर दिया गया। इसके बाद अब श्री गणपति मेडीकोज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व शुभम के नाम पर चल रहे मेडीकल शॉप का लाईसेंस अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया गया था। लेकिन नीरज की पत्नी ने शपथ पत्र देकर कहा था कि अब वह स्वयं काम करेगी और दुकान पर कभी भी नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां नहीं बेची जाएंगी। लेकिन इसके बावजूद लाईसेंस का दुरूपयोग किया गया और अब भी इसको नीरज ही चला रहा था।
लेकिन यहां उल्लेखनीय है कि इन कैमिस्टों को रात को ही पता चल गया था कि उनके रेड होने वाली है। एक केमिस्ट ने तो काफी दवाईयां इसी रेड की सूचना पर आग के हवाले कर दी थी। लेकिन तथ्य तो यह है कि लाईसेंस कैंसल होने के बाद भी बार-बार ड्रग विभाग उन्हीं को लाईसेंस क्यों देता है। जबकि यह लोग कई बार अनियमितताओं में पकड़े जा चुके होते हैं।
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Lahoo Ki Lau
16 दिसंबर 2009
रेलवे ओवरब्रिज का हिस्सा गिरा
सिरसा। सिर मुंडाते ही ओले पड़े तो सुना था, लेकिन सिर मुंडाते-मुंडाते ओले गिर जाएं यह आज देखने को मिला। शहर में तीस वर्ष पुरानी मांग को पूरा करने के लिए बनाए जा रहे रेलवे ओवरब्रिज का एक हिस्सा आज अचानक जमीन पर आ गिरा। हादसे में दो स्कूटर और एक जनरेटर चकनाचूर हो गए। ये तीनों चीजें यहां के आसपास के दुकानदारों की बताई गई हैं। बताया जा रहा है कि आज प्रात: डा. कर्ण सिंह अस्पताल के सामने पिल्लरों पर रखी गई सड़कनुमा स्लैब अचानक नीचे आ गिरी। इसकी लम्बाई 23 मीटर यानी 75 फुट के करीब बताई गई है। घटना के समय सौभाग्यवश पुल के नीचे कोई व्यक्ति नहीं था अन्यथा यहां से लोगों ने आवागमन के रास्ते भी बना रखे हैं और दुपहिया वाहन निकलते रहते हैं। घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन व नैशनल हाई-वे अथोरिटी को दी गई है। हाई-वे के कार्यकारी अभियंता ए.के.गोयल अपनी टीम सहित मौके पर पहुंच गए और घटना की जांच शुरू की है।
साल बीत गया
इस पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने 5 अक्तूबर 2008 को शिलान्यास किया था, लेकिन इस का निर्माण शुरू होने में इसके बाद भी दो माह का समय लग गया था। अब तक इसे शुरू हुए एक साल हो चुका है। गाजियाबाद की एन.के.जी. नामक कम्पनी द्वारा बनाए जा रहे इस पुल की निर्माण अवधि आगामी 30 जून को समाप्त हो रही है। पहले से ही धीमी गति से चल रहे इस पुल के निर्माण में अब और देरी होना स्वाभाविक है।
अधिकारी कहते हैं
आज की घटना पर टिप्पणी करते हुए कार्यकारी अभियंता ए.के. गोयल का कहना है कि इस स्लैब को या तो पूरी स्पोट नहीं दी गई या फिर पेस्टिंग मेें कहीं कमी रह सकती है, लेकिन मामले की जांच जारी है। यहां पाठकों को बता दें कि केवल जमीन में रोपने वाले पिल्लर ही मौके पर तैयार होते हैं और सड़क के रूप में प्रयोग होने वाले स्लैबें निर्माण कम्पनी कहीं अन्यत्र तैयार करके इन पिल्लरों पर बिछाती है। बहरहाल जांच जारी है।
साल बीत गया
इस पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने 5 अक्तूबर 2008 को शिलान्यास किया था, लेकिन इस का निर्माण शुरू होने में इसके बाद भी दो माह का समय लग गया था। अब तक इसे शुरू हुए एक साल हो चुका है। गाजियाबाद की एन.के.जी. नामक कम्पनी द्वारा बनाए जा रहे इस पुल की निर्माण अवधि आगामी 30 जून को समाप्त हो रही है। पहले से ही धीमी गति से चल रहे इस पुल के निर्माण में अब और देरी होना स्वाभाविक है।
अधिकारी कहते हैं
आज की घटना पर टिप्पणी करते हुए कार्यकारी अभियंता ए.के. गोयल का कहना है कि इस स्लैब को या तो पूरी स्पोट नहीं दी गई या फिर पेस्टिंग मेें कहीं कमी रह सकती है, लेकिन मामले की जांच जारी है। यहां पाठकों को बता दें कि केवल जमीन में रोपने वाले पिल्लर ही मौके पर तैयार होते हैं और सड़क के रूप में प्रयोग होने वाले स्लैबें निर्माण कम्पनी कहीं अन्यत्र तैयार करके इन पिल्लरों पर बिछाती है। बहरहाल जांच जारी है।
गेहूं की फसल पर सूत्र कृमि का हमला
औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) औढ़ां क्षेत्र के कई गांवों में गेहूं की फसल में सूत्र कृमि (निमेटोड) नामक कीट का प्रकोप देखने में आया है। किसान रूपेंद्र कुंडर, गुरजंट सिंह, बलदेव सिंह व गुरमेल सिंह आदि ने बताया कि इस कीट के कारण गेहूं की फसल पीली पडऩे लगी है तथा उसकी बढ़वार रूक गई है। उन्होंने बताया कि पौधे की जड़ को उखाड़कर देखने पर निचली जड़ झाड़ीनुमा दिखाई देती है जिस कारण गेहूं की फसल को नुकसान हो रहा है और पैदावार कम होने की संभावना है। इस विषय में कृषि विकास अधिकारी सुभाष गोदारा से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि जिन किसानों के खेत में गेहूं की फसल में निमेटोड का प्रकोप शुरू हो गया है वे तुरंत कार्बोफ्यूरॉन 3 जी नामक दवाई 13 किलोग्राम प्रति एकड़ सिंचाई के साथ दें तो इस बीमारी का प्रकोप रूक जाएगा।
मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
डबवाली (लहू की लौ) यहां के लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के प्रांगण में हरियाणा कर्मचारी महासंघ तहसील डबवाली की चुनावी सभा जीत सिंह जिला सचिव की अध्यक्षता में हुई। सभा में विभिन्न विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
सभा को सम्बोधित करते हुए हरियाणा कर्मचारी महासंघ के उपप्रधान मनोज कुमार ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मांग की कि नये ग्रेड का 60 प्रतिशत बकाया तुरन्त दिया जाये। विभिन्न विभागों के अस्थाई कर्मचारी पक्के किये जायें। खाली रिक्त पद पक्की भर्ती से भरे जायें तथा मृतक कर्मचारियों के सदस्य को 1995 से पूर्व की तरह नौकरी दी जाये।
सभा में कर्मचारी महासंघ की तहसील कमेटी का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। जिसमें ओपी शर्मा प्रधान, जसविन्द्र सिंह बराड़, पाल सिंह उपप्रधान, राजकुमार वरिष्ठ उपप्रधान, जयवीर शर्मा सचिव, राम अवतार कोषाध्यक्ष, सुरेश कडवासरा संगठन सचिव, जीत सिंह, हरपाल सिंह प्रचार सचिव, जोगिन्द्र सिंह, सुभाष चन्द्र पीएच संयुक्त सचिव, प्रेम कुमार मुख्य सलाहकार चुने गये।
सभा को सम्बोधित करते हुए हरियाणा कर्मचारी महासंघ के उपप्रधान मनोज कुमार ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मांग की कि नये ग्रेड का 60 प्रतिशत बकाया तुरन्त दिया जाये। विभिन्न विभागों के अस्थाई कर्मचारी पक्के किये जायें। खाली रिक्त पद पक्की भर्ती से भरे जायें तथा मृतक कर्मचारियों के सदस्य को 1995 से पूर्व की तरह नौकरी दी जाये।
सभा में कर्मचारी महासंघ की तहसील कमेटी का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। जिसमें ओपी शर्मा प्रधान, जसविन्द्र सिंह बराड़, पाल सिंह उपप्रधान, राजकुमार वरिष्ठ उपप्रधान, जयवीर शर्मा सचिव, राम अवतार कोषाध्यक्ष, सुरेश कडवासरा संगठन सचिव, जीत सिंह, हरपाल सिंह प्रचार सचिव, जोगिन्द्र सिंह, सुभाष चन्द्र पीएच संयुक्त सचिव, प्रेम कुमार मुख्य सलाहकार चुने गये।
15 दिसंबर 2009
मुंह बन्द रख, वरना चोरी का केस बनवा दूंगा!
डबवाली (लहू की लौ) स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन डबवाली में तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर गेहूं भिगोने के मामले में जांच कर रहे सैन्टर कमाण्डर शीघ्र ही इस मामले की रिपोर्ट होमगार्ड कमाण्डर जनरल चण्डीगढ़ को सौंपने वाले हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार स्टेट वेयर हाऊस डबवाली के डीएवी स्कूल के सामने स्थित गोदाम में तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर बेहोश करके विभाग के चौकीदारों द्वारा गेहूं भिगोने और इस मामले को उठाने के बाद होमगार्ड जवानों द्वारा अपने ब्यानों से पलटने के रहस्य से सोमवार को पर्दा उठ गया। होमगार्ड जवान इन्द्राज ने एक धमकी के चलते अपने ब्यान पलटे थे। इस बात की पुष्टि उस समय हुई जब उक्त होमगार्ड जवान ने अपनी आप-बीती अपने सैन्टर कमाण्डर के समक्ष की और अपने ब्यान कलमबद्ध करवाये कि उसे दबाव के तहत ब्यान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जब इस संदर्भ में जिला सैन्टर कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई से बातचीत की गई तो उन्होंने होमगार्ड जवान इन्द्राज के ब्यानों की पुष्टि करते हुए बताया कि जवान ने उन्हें ब्यान दिये हैं कि ब्यान बदलने के लिए स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम कीपर सत्यनारायण ने उसे धमकाया था। गोदाम कीपर ने उसे अपना मुंह बन्द रखने की भी धमकी दी थी और मुंह खोलने पर उस पर गोदाम में चोरी का मामला बनाये जाने की बात कही थी। गंगाजल बिश्नोई ने बताया कि होमगार्ड जवान के ब्यान के मद्देनजर वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और जिला कमाण्डर ओमप्रकाश से भी इस मामले में राय-मश्विरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही रिपोर्ट तैयार हो जाएगी और रिपोर्ट को कमाण्डेंट जनरल, चण्डीगढ़ को फैक्स द्वारा प्रेषित कर दिया जाएगा।
इधर वेयर हाऊस कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा साहब आज कुछ भिन्न ही अंदाज में दिखाई दिये। जब उनसे गेहूं भिगोने सम्बन्धी जांच के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि मैं अभी बाहर हूं। लेकिन जांच चल रही है। उनसे पूछा गया कि जांच कहां तक पहुंची है तो वे बोले मैं गेहूं के सैम्पल ले आया था और सैम्पल जांच में सैम्पल सही पाये गये हैं, उनमें नमी सही पाई गई है। लेकिन जांच चल रही है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि गत दिवस जब स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के इस जिला प्रबन्धक से बातचीत की गई थी तो उन्होंने कहा था कि उन्होंने भिगोई गई गेहूं का कोई सैम्पल नहीं लिया है। फिर जिन गेहूं के सैम्पलों की जांच की गई वे कहां से आये और अब जिला प्रबन्धक सैम्पल लेने और उनके सही भी पाये जाने की बात कर रहे हैं। जिला प्रबन्धक की जुबान बार-बार फिसल रही है। जोकि संदेह को जन्म देती है।
इधर जब डीएसपी डबवाली बलवीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वे अभी आऊट ऑफ स्टेशन चल रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार स्टेट वेयर हाऊस डबवाली के डीएवी स्कूल के सामने स्थित गोदाम में तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर बेहोश करके विभाग के चौकीदारों द्वारा गेहूं भिगोने और इस मामले को उठाने के बाद होमगार्ड जवानों द्वारा अपने ब्यानों से पलटने के रहस्य से सोमवार को पर्दा उठ गया। होमगार्ड जवान इन्द्राज ने एक धमकी के चलते अपने ब्यान पलटे थे। इस बात की पुष्टि उस समय हुई जब उक्त होमगार्ड जवान ने अपनी आप-बीती अपने सैन्टर कमाण्डर के समक्ष की और अपने ब्यान कलमबद्ध करवाये कि उसे दबाव के तहत ब्यान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जब इस संदर्भ में जिला सैन्टर कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई से बातचीत की गई तो उन्होंने होमगार्ड जवान इन्द्राज के ब्यानों की पुष्टि करते हुए बताया कि जवान ने उन्हें ब्यान दिये हैं कि ब्यान बदलने के लिए स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम कीपर सत्यनारायण ने उसे धमकाया था। गोदाम कीपर ने उसे अपना मुंह बन्द रखने की भी धमकी दी थी और मुंह खोलने पर उस पर गोदाम में चोरी का मामला बनाये जाने की बात कही थी। गंगाजल बिश्नोई ने बताया कि होमगार्ड जवान के ब्यान के मद्देनजर वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और जिला कमाण्डर ओमप्रकाश से भी इस मामले में राय-मश्विरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही रिपोर्ट तैयार हो जाएगी और रिपोर्ट को कमाण्डेंट जनरल, चण्डीगढ़ को फैक्स द्वारा प्रेषित कर दिया जाएगा।
इधर वेयर हाऊस कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा साहब आज कुछ भिन्न ही अंदाज में दिखाई दिये। जब उनसे गेहूं भिगोने सम्बन्धी जांच के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि मैं अभी बाहर हूं। लेकिन जांच चल रही है। उनसे पूछा गया कि जांच कहां तक पहुंची है तो वे बोले मैं गेहूं के सैम्पल ले आया था और सैम्पल जांच में सैम्पल सही पाये गये हैं, उनमें नमी सही पाई गई है। लेकिन जांच चल रही है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि गत दिवस जब स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के इस जिला प्रबन्धक से बातचीत की गई थी तो उन्होंने कहा था कि उन्होंने भिगोई गई गेहूं का कोई सैम्पल नहीं लिया है। फिर जिन गेहूं के सैम्पलों की जांच की गई वे कहां से आये और अब जिला प्रबन्धक सैम्पल लेने और उनके सही भी पाये जाने की बात कर रहे हैं। जिला प्रबन्धक की जुबान बार-बार फिसल रही है। जोकि संदेह को जन्म देती है।
इधर जब डीएसपी डबवाली बलवीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वे अभी आऊट ऑफ स्टेशन चल रहे हैं।
सरकारी गेहूं भिगोने के दोषियों को मिले सजा-गर्ग
डबवाली (लहू की लौ) भिवानी और डबवाली में सरकारी गेहूं को भिगोने के मामले को लेकर उठे बवाल पर व्यापार मण्डल ने भी भृगुटी तानते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच करने और दोषियों को सजा देने की मांग की है।
हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल जिला सिरसा के उपाध्यक्ष तथा शहर कांग्रेस डबवाली के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन गर्ग ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से अनुरोध किया है कि जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी गेहूं भिगोकर बोरियों का वजन बढ़ाकर डिपुओं पर माल की आपूर्ति करके सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं, उन पर शीघ्र ही शिकंजा कसा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से यह मामला अखबारों की सुर्खियां बना हुआ है। लेकिन राज्य सरकार इस मामले को लेकर मौन धारण किये हुए है, जो प्रजातंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यापारी अनजाने में ही गलती से एक बोरी में 100 ग्राम गेहूं भी अधिक तोल ले तो सरकार और अधिकारी उसके खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करने पर आमदा हो जाते हैं। लेकिन जो लोग एक से तीन किलो तक बैगों का वजन भिगोकर बढ़ाते हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। आखिर क्यों? उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अवश्य ही इन मामलों में बड़े अधिकारी शामिल हो सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह अपनी भ्रष्टाचार उन्मूलन की छवि को बरकरार रखते हुए दोषियों का पता लगाये और जो भी दोषी पाया जाये उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करे।
हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल जिला सिरसा के उपाध्यक्ष तथा शहर कांग्रेस डबवाली के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन गर्ग ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से अनुरोध किया है कि जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी गेहूं भिगोकर बोरियों का वजन बढ़ाकर डिपुओं पर माल की आपूर्ति करके सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं, उन पर शीघ्र ही शिकंजा कसा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से यह मामला अखबारों की सुर्खियां बना हुआ है। लेकिन राज्य सरकार इस मामले को लेकर मौन धारण किये हुए है, जो प्रजातंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यापारी अनजाने में ही गलती से एक बोरी में 100 ग्राम गेहूं भी अधिक तोल ले तो सरकार और अधिकारी उसके खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करने पर आमदा हो जाते हैं। लेकिन जो लोग एक से तीन किलो तक बैगों का वजन भिगोकर बढ़ाते हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। आखिर क्यों? उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अवश्य ही इन मामलों में बड़े अधिकारी शामिल हो सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह अपनी भ्रष्टाचार उन्मूलन की छवि को बरकरार रखते हुए दोषियों का पता लगाये और जो भी दोषी पाया जाये उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करे।
सरकार भ्रष्टाचारियों से मिली हुई है-सीता राम
डबवाली (लहू की लौ) हल्का डबवाली के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ इनेलो नेता डॉ. सीता राम ने कहा कि गेहूं भिगोकर बोरियों का वजन बढ़ाने का गड़बड़झाला लम्बे समय से होता आ रहा है। लेकिन अब इसकी कलई खुल गई है, तो सरकार को चाहिए कि वह ऐसे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्यवाही करे और दोषी अधिकारियों को दण्डित करे। वे सोमवार को इस संवाददाता से डबवाली और भिवानी के सरकारी गोदामों में गेहूं पर पानी की स्प्रे करके उसका वजन बढ़ाये जाने के प्रकरणों पर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद एजेंसियों के ये अधिकारी अनाज मण्डी में पहले गेहूं खरीदते समय शॉर्टेज के नाम पर किसान को चूना लगाते हैं और साथ में ही व्यापारी को भी नहीं बख्शते और बाद में सरकार को चूना लगाते हैं। इस प्रकार से ये अधिकारी सरकार और जनता को चूना लगाकर अपनी जेबें भरते हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही न किये जाने का मामला इनेलो के विधायक विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वयं को भ्रष्टाचार विरोधी तो कहती है, वास्तव में भ्रष्टाचारियों के साथ मिली हुई है। यही कारण है कि भिवानी और डबवाली में गेहूं भिगोने के प्रकरण में फंसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया।
गायों से भरे तीन ट्रक पकड़े, छित्तर-परेड
ग़ौरक्षा समिति रक्षक नहीं भक्षक-जैन
डबवाली (लहू की लौ) गौ रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं ने बठिंडा चौक में नाका लगा कर तीन गायों के भरे ट्रकों को पकड़ा और गौशाला ले आये।
प्राप्त जानकारी अनुसार गौ रक्षा समिति के रम्मी, योगित, संदीप, पेट्रोल, कुलविन्द्र मान, दीपक, सुरेश, बलवीर धारणिया ने सोमवार को बठिंडा चौक में नाका लगा कर तीन ट्रकों को काबू किया जिनमें पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए ठुंस-ठुंस कर गाय और बछड़े भरे हुए थे। पकड़े गये ट्रकों में एक ट्रक में वसीक पुत्र नजीर निवासी भनक जिला मुजफ्फरनगर हाल बीकानेर, अहमद हुसैन पुत्र अली हुसैन निवासी मुरादाबाद, शकील अहमद पुत्र मकबूल अहमद निवासी नहटोर जिला बिजनौर, शमशीद पुत्र अब्बदुल अजीज़ निवासी धामपुर जिला बिजनौर, रशीद पुत्र सद्दीक निवासी नहटोर के रूप में करवाई। जबकि इनका एक साथी जामीन पुत्र इजराइल भागने में सफल हो गया।
सूचना पाकर पुलिस भी मौका पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि एक ट्रक में 15 गाय और बछड़े, दूसरे में 16 गाय और बछड़े, तीसरे में 8 भैंसें और एक गाय थी। गाय और भैंसें दुधारू बताई जाती हैं।
इधर युवा कांग्रेसी नेता राजेन्द्र जैन ने गौ रक्षा समिति पर व्यापारियों को परेशान करने तथा बिना किसी कारण के तंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दुधारू पशु ले जाने वाले इन व्यापारियों को समिति के सदस्यों ने बेरहमी से मारा-पीटा। जबकि यह अधिकार तो पुलिस के पास भी नहीं है। उन्होंने गौ रक्षा समिति पर रक्षक नहीं भक्षक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी है। जिस पर पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए।
डबवाली (लहू की लौ) गौ रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं ने बठिंडा चौक में नाका लगा कर तीन गायों के भरे ट्रकों को पकड़ा और गौशाला ले आये।
प्राप्त जानकारी अनुसार गौ रक्षा समिति के रम्मी, योगित, संदीप, पेट्रोल, कुलविन्द्र मान, दीपक, सुरेश, बलवीर धारणिया ने सोमवार को बठिंडा चौक में नाका लगा कर तीन ट्रकों को काबू किया जिनमें पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए ठुंस-ठुंस कर गाय और बछड़े भरे हुए थे। पकड़े गये ट्रकों में एक ट्रक में वसीक पुत्र नजीर निवासी भनक जिला मुजफ्फरनगर हाल बीकानेर, अहमद हुसैन पुत्र अली हुसैन निवासी मुरादाबाद, शकील अहमद पुत्र मकबूल अहमद निवासी नहटोर जिला बिजनौर, शमशीद पुत्र अब्बदुल अजीज़ निवासी धामपुर जिला बिजनौर, रशीद पुत्र सद्दीक निवासी नहटोर के रूप में करवाई। जबकि इनका एक साथी जामीन पुत्र इजराइल भागने में सफल हो गया।
सूचना पाकर पुलिस भी मौका पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि एक ट्रक में 15 गाय और बछड़े, दूसरे में 16 गाय और बछड़े, तीसरे में 8 भैंसें और एक गाय थी। गाय और भैंसें दुधारू बताई जाती हैं।
इधर युवा कांग्रेसी नेता राजेन्द्र जैन ने गौ रक्षा समिति पर व्यापारियों को परेशान करने तथा बिना किसी कारण के तंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दुधारू पशु ले जाने वाले इन व्यापारियों को समिति के सदस्यों ने बेरहमी से मारा-पीटा। जबकि यह अधिकार तो पुलिस के पास भी नहीं है। उन्होंने गौ रक्षा समिति पर रक्षक नहीं भक्षक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी है। जिस पर पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए।
इन्दिरा गांधी आवास योजना की राशि बांटने के नाम पर हजारों रूपये वसूलने का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला मोरिका के बसन्त सिंह, भिन्द्र कौर, हाकम सिंह, बलवीर सिंह उर्फ पप्पी, गोरा सिंह, जगसीर सिंह आदि ने मुख्यमंत्री हरियाणा को एक शिकायत पत्र भेजकर इन्दिरा गांधी आवास योजना की सहायता राशि बांटने के नाम पर पंचायत सचिव पन्नीवाला मोरिकां द्वारा लोगों से हजारों रूपये वसूल करने का आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ताओं में से बसन्त सिंह ने तो अपना हल्फिया ब्यान भी इस संदर्भ में दिया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि वह गरीब, मजदूर, किसान (बीपीएल) दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। सरकार द्वारा इन्दिरा गांधी आवास योजना के तहत उन्हें मकान बनाने के लिए 35 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जानी थी। लेकिन यह सहायता राशि बांटने की एवज में उनके गांव के पंचायत सचिव गुरदेव सिंह ने कई-कई चक्कर लगवाये और 2500-2500 रूपये लेकर उन्हें योजना की आधी राशि 19 हजार रूपये के चैक वितरित किये।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि 19 हजार रूपये की राशि में मकान का निर्माण कर पाना, किसी भी प्रकार से संभव नहीं है। वह बार-बार पंचायत सचिव के पास इसके लिए चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा रहा और उन्हें हर बार यह कहकर टाल दिया जाता है कि ऊपर से अभी तक बाकी राशि नहीं आई है। जिसके चलते उनके मकान अधर में लटके हुए हैं।
इधर इस संदर्भ में पंचायत सचिव गुरदेव सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने शिकायत को झूठी और राजनीति से प्रेरित बताया। उसने कहा कि उसके पास जितनी राशि आई थी। वह बांटी जा चुकी है और यह राशि बीडीपीओ द्वारा तैयार क्रॉस चैक से दी गई है। जोकि सीधे खाता में जमा हुई है। अगली किश्त अभी तक सरकार से नहीं मिली है। सचिव के अनुसार केवल उन्हीं का गांव ही इस राशि से वंचित नहीं है। बल्कि अन्य 16 गांवों में भी स्थिति ऐसे ही है। वहां भी सरकार ने बकाया राशि नहीं भेजी है।
शिकायतकर्ताओं में से बसन्त सिंह ने तो अपना हल्फिया ब्यान भी इस संदर्भ में दिया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि वह गरीब, मजदूर, किसान (बीपीएल) दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। सरकार द्वारा इन्दिरा गांधी आवास योजना के तहत उन्हें मकान बनाने के लिए 35 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जानी थी। लेकिन यह सहायता राशि बांटने की एवज में उनके गांव के पंचायत सचिव गुरदेव सिंह ने कई-कई चक्कर लगवाये और 2500-2500 रूपये लेकर उन्हें योजना की आधी राशि 19 हजार रूपये के चैक वितरित किये।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि 19 हजार रूपये की राशि में मकान का निर्माण कर पाना, किसी भी प्रकार से संभव नहीं है। वह बार-बार पंचायत सचिव के पास इसके लिए चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा रहा और उन्हें हर बार यह कहकर टाल दिया जाता है कि ऊपर से अभी तक बाकी राशि नहीं आई है। जिसके चलते उनके मकान अधर में लटके हुए हैं।
इधर इस संदर्भ में पंचायत सचिव गुरदेव सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने शिकायत को झूठी और राजनीति से प्रेरित बताया। उसने कहा कि उसके पास जितनी राशि आई थी। वह बांटी जा चुकी है और यह राशि बीडीपीओ द्वारा तैयार क्रॉस चैक से दी गई है। जोकि सीधे खाता में जमा हुई है। अगली किश्त अभी तक सरकार से नहीं मिली है। सचिव के अनुसार केवल उन्हीं का गांव ही इस राशि से वंचित नहीं है। बल्कि अन्य 16 गांवों में भी स्थिति ऐसे ही है। वहां भी सरकार ने बकाया राशि नहीं भेजी है।
मांगों को लेकर वामपंथी दलों का जोरदार प्रदर्शन
डबवाली (लहू की लौ) वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया और महंगाई व जन समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली की मार्फत एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सिरसा के सचिव जयचन्द सहारणी ने कहा कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान व मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन राज्य की पुलिस इन आत्महत्याओं को सम्बन्धित किसान या मजदूर का पारिवारिक मामला बताकर अपने कत्र्तव्य से इतिश्री कर रही है। सहारणी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री शरद पवार बार-बार महंगाई बढऩे की बात कहकर गरीब व आम जनता के जख्मों पर नमक लगाने का काम कर रहे हैं। पवार ऐसा ब्यान कालाबाजारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दे रहे हैं। भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि राजस्थान से लगते हरियाणा के क्षेत्र में सूखा पडऩे के कारण किसान की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस सम्बन्ध में हरियाणा सरकार को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन इस पर कोई भी ध्यान न दिये जाने से किसान को भूखे मरने की नौबत आ गई है। इस मौके पर उन्होंने भिवानी और डबवाली में गेहूं भिगोने के मामले को उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सम्पति को नुक्सान पहुंचाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी सम्पति को नुक्सान पहुंचाने का केस दर्ज करके उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये।
वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव जयचन्द सहारणी, भाकियू जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा, भवन निर्माण कामगार यूनियन के ब्लाक डबवाली प्रधान नत्थू राम भारूखेड़ा, भाला राम भारूखेड़ा, मनदीप सिंह, कृष्णा देवी, ओमप्रकाश बिश्नोई, अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा को सौंपा। जिसमें उन्होंने महंगाई पर अंकुश लगाने, जरूरतमंद लोगों को राशन प्रणाली के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने, नरेगा को गांवों व शहरों में प्रभावशाली ढंग से लागू करके दिहाड़ी बढ़ाने के साथ-साथ 100 दिन की बजाये 200 दिन का रोजगार दिये जाने, रिहायशी प्लाट आवंटित किये जाने की योजना लागू करने, सूखे से बर्बाद फसलों का मुआवजा दिये जाने, प्राईवेट शिक्षण संस्थानों, हस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मनमर्जी की फीसों पर रोक लगाये जाने, ट्रेड यूनियन अधिकरों की बहाली और छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किये जाने की मांग की।
वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव जयचन्द सहारणी, भाकियू जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा, भवन निर्माण कामगार यूनियन के ब्लाक डबवाली प्रधान नत्थू राम भारूखेड़ा, भाला राम भारूखेड़ा, मनदीप सिंह, कृष्णा देवी, ओमप्रकाश बिश्नोई, अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा को सौंपा। जिसमें उन्होंने महंगाई पर अंकुश लगाने, जरूरतमंद लोगों को राशन प्रणाली के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने, नरेगा को गांवों व शहरों में प्रभावशाली ढंग से लागू करके दिहाड़ी बढ़ाने के साथ-साथ 100 दिन की बजाये 200 दिन का रोजगार दिये जाने, रिहायशी प्लाट आवंटित किये जाने की योजना लागू करने, सूखे से बर्बाद फसलों का मुआवजा दिये जाने, प्राईवेट शिक्षण संस्थानों, हस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मनमर्जी की फीसों पर रोक लगाये जाने, ट्रेड यूनियन अधिकरों की बहाली और छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किये जाने की मांग की।
14 दिसंबर 2009
2009 में बहुत कुछ हुआ पहली बार
नयी दिल्ली। देखते-देखते एक और साल गुजरने को है और २०१० की हलकी सी दस्तक सुनाई देने लगी है। बीते बरस में चंद्रमा पर पानी की खोज, अमेरिका में अश्वेत राष्ट्रपति का चुनाव और राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की सुखोई में उड़ान जैसी बड़ी और अपने तरह की पहली घटनाओं की सुखिर्यो के बीच कुछ ऐसी अनूठी बातें भी पहली बार हुईं, जो आने वाले वर्ष में एक मिसाल बनकर रहेंगी। आने वाले वर्ष में भी इस तरह की घटनाएं होगी, लेकिन तब भी इस बरस पहली बार हुई इन घटनाओं को याद जरूर किया जाएगा। राष्ट्रपति र्पतिभा पाटिल ने २५ नवंबर को सुखोई-३० एमकेआई लड़ाकू विमान से उड़ान भर कर अपने नाम एक रिकॉर्ड दर्ज करा लिया।
रूस निर्मित सुखोई में ३० मिनट की उड़ान भर कर प्रतिभा ऐसा करने वाली किसी भी देश की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष बन गईं। चौहत्तर वर्षीय प्रतिभा ने किसी भी युद्धक विमान में ३० मिनट की यात्रा करने वाली सबसे उम्रदराज महिला का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। पिछले साल २२ अक्तूबर २००८ चंर्दमा के रहस्य सुलझाने के लिए भारत द्वारा प्रक्षेपित पहले मानवरहित मिशन 'चंर्दयान—१Ó ने पृथ्वी के इकलौते उपग्रह पर इस साल पानी की खोज कर भारत के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज करा दी।
चंर्दयान-१ के साथ भेजे गए नासा के उपकरण 'मून मिनरलोजी मैपर एम-३Ó ने चंर्द्रयान१ द्वारा जुटाए गए विवरण का विश्लेषण कर चंर्दमा पर पानी के अस्तित्व की पुष्टि कर दी। इस खोज ने चार दशक से चले आ रहे इन कयासों पर विराम लगा दिया कि चंर्दमा पर पानी है या नहीं।
अमेरिका के इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए बराक ओबामा ने २० जनवरी को देश के ४४ वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह करिश्माई डेमोक्रेट नेता अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति है। आंध्र र्पदेश में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में भक्तजनों को दिए जाने वाले 'तिरपति लड्डूÓ को भौगोलिक कापीराइट प्रदान किया जाना इस वर्ष की एक अनूठी घटना रही। अब अन्य कोई भी इसी नाम से लड्डू न तो बना सकेगा और न ही इसकी मार्केटिंग कर सकेगा।
तिरमाला पहाड़ी पर वेंकटेश्वर मंदिर की देखरेख करने वाले ट्रस्ट तिरमाला-तिरपति देवस्थानम ने पिछले साल मार्च में चेन्नई स्थित ''जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रीÓÓ में लड्डू के भौगोलिक कापीराइट के लिए आवेदन किया था और सितंबर में उसे यह अधिकार मिल गया।
तिरुपति के लड्डू और दार्जिलिंग की चाय के साथ साथ जीआई तमगा बनारसी साडिय़ों को भी मिल गया। उम्दा गुणवत्ता एवं बुनाई के लिए प्रसिद्ध बनारसी साडिय़ां सितंबर में विशिष्ट भौगोलिक पहचान जीआई दर्जा मिलने के साथ ही कई संरक्षित वस्तुओं की सूची में शामिल हो गईं। कुदरत की सबसे खूबसूरत कलाकृतियों को राष्ट्रीय चिन्ह का दर्जा देकर उनके संरक्षण को बढ़ावा देने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने गंगा की डाल्फिन को इस साल राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर दिया। यह पहला मौका है जब किसी जलचर को राष्ट्रीय जीव घोषित किया गया है। सितंबर माह में र्पधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक में लुप्तप्राय: गंगा डालफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का निर्णय किया गया। दरअसल गंगा नदी के जलस्तर में कमी आने और बढ़ते र्पदूषण के कारण यह खूबसूरत प्राणी अपने अस्तित्व के लिए संघषर्रत है। हालत यह है कि आज २००० से भी कम गंगा डालफिन बची हैं। यह अनूठी डालफिन दृष्टिहीन है और केवल अपने सूंघने की शक्ति से अपना जीवन बसर करती है।
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों के योगदान को जब तब सराहा जाता रहा है। लेकिन राष्ट्रपति ओबामा पर भारत का रंग गहरा चढ़े होने की झलक तब साफ दिखाई दी, जब इस वर्ष व्हाइट हाउस में पहली बार प्रकाश का त्यौहार दीपावली और गुरूनानक देव का जन्मदिन गुरूपर्व के रूप में धूमधाम से बनाया गया। इस मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पाठियों ने मनोहर प्रस्तुति दी और समारोह में पूरे अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने भाग लिया। व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ पब्लिक इंगेजमेंट द्वारा आयोजित यह समारोह राष्ट्रपति ओबामा की खास पहल पर हुआ। दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला द्वारा शांति के क्षेत्र में दिए योगदान का सम्मान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार १८ जुलाई को 'अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवसÓ घोषित कर दिया। विश्व संस्था की १९२ सदस्यीय महासभा में इस संबंध में ११ नवंबर को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके तहत २०१० से हर साल इस दिन को अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के १९९४ से १९९९ तक राष्ट्रपति रहे मंडेला आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और अन्य वैश्विक मुद्दों पर लोगों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
रूस निर्मित सुखोई में ३० मिनट की उड़ान भर कर प्रतिभा ऐसा करने वाली किसी भी देश की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष बन गईं। चौहत्तर वर्षीय प्रतिभा ने किसी भी युद्धक विमान में ३० मिनट की यात्रा करने वाली सबसे उम्रदराज महिला का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। पिछले साल २२ अक्तूबर २००८ चंर्दमा के रहस्य सुलझाने के लिए भारत द्वारा प्रक्षेपित पहले मानवरहित मिशन 'चंर्दयान—१Ó ने पृथ्वी के इकलौते उपग्रह पर इस साल पानी की खोज कर भारत के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज करा दी।
चंर्दयान-१ के साथ भेजे गए नासा के उपकरण 'मून मिनरलोजी मैपर एम-३Ó ने चंर्द्रयान१ द्वारा जुटाए गए विवरण का विश्लेषण कर चंर्दमा पर पानी के अस्तित्व की पुष्टि कर दी। इस खोज ने चार दशक से चले आ रहे इन कयासों पर विराम लगा दिया कि चंर्दमा पर पानी है या नहीं।
अमेरिका के इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए बराक ओबामा ने २० जनवरी को देश के ४४ वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह करिश्माई डेमोक्रेट नेता अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति है। आंध्र र्पदेश में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में भक्तजनों को दिए जाने वाले 'तिरपति लड्डूÓ को भौगोलिक कापीराइट प्रदान किया जाना इस वर्ष की एक अनूठी घटना रही। अब अन्य कोई भी इसी नाम से लड्डू न तो बना सकेगा और न ही इसकी मार्केटिंग कर सकेगा।
तिरमाला पहाड़ी पर वेंकटेश्वर मंदिर की देखरेख करने वाले ट्रस्ट तिरमाला-तिरपति देवस्थानम ने पिछले साल मार्च में चेन्नई स्थित ''जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रीÓÓ में लड्डू के भौगोलिक कापीराइट के लिए आवेदन किया था और सितंबर में उसे यह अधिकार मिल गया।
तिरुपति के लड्डू और दार्जिलिंग की चाय के साथ साथ जीआई तमगा बनारसी साडिय़ों को भी मिल गया। उम्दा गुणवत्ता एवं बुनाई के लिए प्रसिद्ध बनारसी साडिय़ां सितंबर में विशिष्ट भौगोलिक पहचान जीआई दर्जा मिलने के साथ ही कई संरक्षित वस्तुओं की सूची में शामिल हो गईं। कुदरत की सबसे खूबसूरत कलाकृतियों को राष्ट्रीय चिन्ह का दर्जा देकर उनके संरक्षण को बढ़ावा देने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने गंगा की डाल्फिन को इस साल राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर दिया। यह पहला मौका है जब किसी जलचर को राष्ट्रीय जीव घोषित किया गया है। सितंबर माह में र्पधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक में लुप्तप्राय: गंगा डालफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का निर्णय किया गया। दरअसल गंगा नदी के जलस्तर में कमी आने और बढ़ते र्पदूषण के कारण यह खूबसूरत प्राणी अपने अस्तित्व के लिए संघषर्रत है। हालत यह है कि आज २००० से भी कम गंगा डालफिन बची हैं। यह अनूठी डालफिन दृष्टिहीन है और केवल अपने सूंघने की शक्ति से अपना जीवन बसर करती है।
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों के योगदान को जब तब सराहा जाता रहा है। लेकिन राष्ट्रपति ओबामा पर भारत का रंग गहरा चढ़े होने की झलक तब साफ दिखाई दी, जब इस वर्ष व्हाइट हाउस में पहली बार प्रकाश का त्यौहार दीपावली और गुरूनानक देव का जन्मदिन गुरूपर्व के रूप में धूमधाम से बनाया गया। इस मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पाठियों ने मनोहर प्रस्तुति दी और समारोह में पूरे अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने भाग लिया। व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ पब्लिक इंगेजमेंट द्वारा आयोजित यह समारोह राष्ट्रपति ओबामा की खास पहल पर हुआ। दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला द्वारा शांति के क्षेत्र में दिए योगदान का सम्मान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार १८ जुलाई को 'अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवसÓ घोषित कर दिया। विश्व संस्था की १९२ सदस्यीय महासभा में इस संबंध में ११ नवंबर को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके तहत २०१० से हर साल इस दिन को अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के १९९४ से १९९९ तक राष्ट्रपति रहे मंडेला आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और अन्य वैश्विक मुद्दों पर लोगों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
पुरुषों को भी होता है जुदाई का गम
मुम्बई । अगर आप सोचते हैं कि जुदाई का गम सिर्फ लड़कियों को ही होता है तो यह विचार बदलने की जरूरत है। दरअसल लड़कियों से भी ज्यादा दुख लड़कों को होता है। उनके लिए भी रिश्ते से बाहर आने और पुराने प्यार को भुला पाना बहुत आसान नहीं होता है। डेट डॉट कॉम नाम की वेबसाइट द्वारा कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। यहां तक कि बुरे लड़के यानी बैड बॉयज भी इस दुख को झेलते हैं। हालांकि लड़कियों को यह दुख कम होता है। रिश्ते से बाहर निकलने के बाद वो जल्द ही नई डेट पर चली जाती हैं। वेबसाइट के मुताबिक ८५ प्रतिशत पुरुषों ने स्वीकार किया है कि ब्रेकअप के बाद वो अवसाद में चले गए थे। वहीं महिलाओं के मामले में यह संख्या सिर्फ ८ प्रतिशत रही।
12 दिसंबर 2009
स्कूलों का ओचक्क निरीक्षण
बनवाला (जसवन्त जाखड़) जिला शिक्षा अधिकारी आशा किरण ग्रोवर ने शुक्रवार को कई स्कूलों का ओचक्क निरीक्षण किया।
ओचक्क निरीक्षण के दौरान उन्होंने गांव पंजुआना में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के दो अध्यापकों की अनुपस्थिति लगाते हुए उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए। पंजुआना के अलावा उन्होंने आज सहुवाला, बनवाला, रत्ताखेड़ा, रिसालियाखेड़ा व बिज्जूवाली आदि विद्यालयों का निरीक्षण किया।
आशा किरण ग्रोवर ने पंजुआना के हाई स्कूल में सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंची और दो घंटे तक रूकी। इस दौरान स्कूल के ज्यादातर अध्यापक व स्टाफ आठ बजे के बाद ही पहुंचे जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उनसे जवाब तलबी की। इसी दौरान एक शिक्षक रजिस्टर में हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब हो गया। इस पर उन्होंने सख्त रूख अपनाते हुए दो शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने व अनुशासन में रहते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों का निरीक्षण करने के दौरान स्कूली शिक्षकों व अन्य स्टाफ में हडकंप मचा रहा। जिला शिक्षा अधिकारी ने विभिन्न स्कूलों में बच्चों के दोपहर के भोजन की जानकारी ली और स्कूलों के हाजिरी रजिस्टर व रिकार्ड जांचा।
ओचक्क निरीक्षण के दौरान उन्होंने गांव पंजुआना में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के दो अध्यापकों की अनुपस्थिति लगाते हुए उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए। पंजुआना के अलावा उन्होंने आज सहुवाला, बनवाला, रत्ताखेड़ा, रिसालियाखेड़ा व बिज्जूवाली आदि विद्यालयों का निरीक्षण किया।
आशा किरण ग्रोवर ने पंजुआना के हाई स्कूल में सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंची और दो घंटे तक रूकी। इस दौरान स्कूल के ज्यादातर अध्यापक व स्टाफ आठ बजे के बाद ही पहुंचे जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उनसे जवाब तलबी की। इसी दौरान एक शिक्षक रजिस्टर में हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब हो गया। इस पर उन्होंने सख्त रूख अपनाते हुए दो शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने व अनुशासन में रहते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों का निरीक्षण करने के दौरान स्कूली शिक्षकों व अन्य स्टाफ में हडकंप मचा रहा। जिला शिक्षा अधिकारी ने विभिन्न स्कूलों में बच्चों के दोपहर के भोजन की जानकारी ली और स्कूलों के हाजिरी रजिस्टर व रिकार्ड जांचा।
पुलिस संदेह के घेरे में
डबवाली (लहू की लौ) स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ी हजारों बोरी गेहूं पर पानी की स्प्रे करने का मामला जैसे-जैसे कार्पोरेशन के अधिकारी और पुलिस दबाने का प्रयास कर रहे हैं, वैसे ही वे उलझते जा रहे हैं और इसको लेकर नये-नये सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले का होमगार्ड विभाग ने भी संज्ञान लेते हुए अपने होमगार्ड जवानों के पक्ष में उतरने का फैसला लिया है। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सकें।
पता चला है कि जिला सिरसा होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई ने वीरवार देर शाम को डबवाली का दौरा किया और स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में डयूटी पर तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर बेहोश करने और बाद में कार्पोरेशन के दो चौकीदारों द्वारा गेहूं की बोरियों पर पानी का स्प्रे करने और होमगार्ड जवानों द्वारा इस मामले को पुलिस तथा विभाग के पास उठाये जाने के बाद इसे दबाने के सम्बन्ध में होमगार्ड जवानों से जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर होमगार्ड जवान इन्द्राज तथा अशोक ने आप बीती सुनाई और इस बात की पुष्टि की कि गेहूं पर पानी की स्प्रे की गई। लेकिन बाद में उन पर दबाव डालकर पुलिस ने यह लिखवा लिया कि यह शिकायत गलत-फहमी में हुई और वे इस पर कार्यवाही नहीं करवाना चाहते।
जांच अधिकारी होमगार्ड कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई से इस संवाददाता ने शुक्रवार को जब मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि होमगार्ड जवानों ने जो देखा था उसकी शिकायत पुलिस को की और बाद में उन पर दबाव डालकर कार्यवाही न किये जाने की बात लिखवा ली। अब वे अपने तौर पर इसकी रिपोर्ट बनाकर होमगार्ड के उच्च अधिकारियों तथा हरियाणा सरकार के पास भेजेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि होमगार्ड के जवान सच्चाई पर डटे हुए हैं। बातचीत में बिश्नोई ने आगे बताया कि उन्होंने पुलिस के जांच अधिकारी एसआई कृष्ण लाल परदेसी से बात की और मामले की असलीयत जानी। इस बातचीत के दौरान होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर ने पुलिस की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने की घटना सामने आने के बाद उनका डॉक्टरी जांच न करवाकर जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। उनके अनुसार होमगार्ड जवानों की पुलिस को डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए थी।
गेहूं पर पानी की स्प्रे करना राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुक्सान-भारूखेड़ा
गेहूं पर पानी का छिड़काव एजेंसी अधिकारियों की पुरानी आदत-बांसल
स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ी हजारों बोरी गेहूं पर पानी की स्प्रे किये जाने के मामले को किसान यूनियन ने भी गंभीर रूप से लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच करवाकर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि किसान लगन और मेहनत से गेहूं का उत्पादन करके देश के अन्न भण्डार को भरता है। लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी किसान की इस मेहनत पर पानी फेरते हुए अपने स्वार्थ के लिए सरकार और लोगों को चूना लगाने की नियत से इस गेहूं पर पानी का स्प्रे करते हैं। जिसका सीधा नुक्सान देश की गरीब जनता को होता है।
उन्होंने कहा कि सरकारी गेहूं पर पानी की स्प्रे करके उसके वजन को बढ़ाने का प्रयास करना सामाजिक तौर पर ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी दण्डनीय अपराध है। राष्ट्र की सम्पत्ति को इस प्रकार से नुक्सान पहुंचाने की हिमाकत करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश चन्द बांसल ने बताया कि वह सरकारी खरीद एजेंसियों को मण्डी से गेहूं खरीदते समय 50 किलो 700 ग्राम का वजन प्रत्येक बोरी के पीछे देते हैं। अगर ज्यादा गर्मी पडऩे के कारण इसमें नमी कम हो जाती है तो इसकी कटौती भी विभाग उनसे लेते हैं। उनके अनुसार अक्सर मौसम बदलने से गेहूं में फिर से नमी आ जाती है। बरसात के बाद तो अक्सर ऐसा होता रहा है। लेकिन इस बार बरसात नहीं हुई, जिसके चलते वजन में बढ़ौतरी स्वाभाविक तौर पर नहीं होनी थी और इसकी पूर्ति के लिए विभाग पानी की स्प्रे कर रहे हैं। यह बढ़ौतरी भ्रष्ट अधिकारी आपस में बांटकर चांदी कूटते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के इस पानी के स्प्रे प्रकरण की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए और दोषी दण्डित होने चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनर्रावृत्ति न हो।
पता चला है कि जिला सिरसा होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई ने वीरवार देर शाम को डबवाली का दौरा किया और स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में डयूटी पर तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर बेहोश करने और बाद में कार्पोरेशन के दो चौकीदारों द्वारा गेहूं की बोरियों पर पानी का स्प्रे करने और होमगार्ड जवानों द्वारा इस मामले को पुलिस तथा विभाग के पास उठाये जाने के बाद इसे दबाने के सम्बन्ध में होमगार्ड जवानों से जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर होमगार्ड जवान इन्द्राज तथा अशोक ने आप बीती सुनाई और इस बात की पुष्टि की कि गेहूं पर पानी की स्प्रे की गई। लेकिन बाद में उन पर दबाव डालकर पुलिस ने यह लिखवा लिया कि यह शिकायत गलत-फहमी में हुई और वे इस पर कार्यवाही नहीं करवाना चाहते।
जांच अधिकारी होमगार्ड कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई से इस संवाददाता ने शुक्रवार को जब मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि होमगार्ड जवानों ने जो देखा था उसकी शिकायत पुलिस को की और बाद में उन पर दबाव डालकर कार्यवाही न किये जाने की बात लिखवा ली। अब वे अपने तौर पर इसकी रिपोर्ट बनाकर होमगार्ड के उच्च अधिकारियों तथा हरियाणा सरकार के पास भेजेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि होमगार्ड के जवान सच्चाई पर डटे हुए हैं। बातचीत में बिश्नोई ने आगे बताया कि उन्होंने पुलिस के जांच अधिकारी एसआई कृष्ण लाल परदेसी से बात की और मामले की असलीयत जानी। इस बातचीत के दौरान होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर ने पुलिस की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने की घटना सामने आने के बाद उनका डॉक्टरी जांच न करवाकर जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। उनके अनुसार होमगार्ड जवानों की पुलिस को डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए थी।
गेहूं पर पानी की स्प्रे करना राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुक्सान-भारूखेड़ा
गेहूं पर पानी का छिड़काव एजेंसी अधिकारियों की पुरानी आदत-बांसल
स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ी हजारों बोरी गेहूं पर पानी की स्प्रे किये जाने के मामले को किसान यूनियन ने भी गंभीर रूप से लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच करवाकर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि किसान लगन और मेहनत से गेहूं का उत्पादन करके देश के अन्न भण्डार को भरता है। लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी किसान की इस मेहनत पर पानी फेरते हुए अपने स्वार्थ के लिए सरकार और लोगों को चूना लगाने की नियत से इस गेहूं पर पानी का स्प्रे करते हैं। जिसका सीधा नुक्सान देश की गरीब जनता को होता है।
उन्होंने कहा कि सरकारी गेहूं पर पानी की स्प्रे करके उसके वजन को बढ़ाने का प्रयास करना सामाजिक तौर पर ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी दण्डनीय अपराध है। राष्ट्र की सम्पत्ति को इस प्रकार से नुक्सान पहुंचाने की हिमाकत करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश चन्द बांसल ने बताया कि वह सरकारी खरीद एजेंसियों को मण्डी से गेहूं खरीदते समय 50 किलो 700 ग्राम का वजन प्रत्येक बोरी के पीछे देते हैं। अगर ज्यादा गर्मी पडऩे के कारण इसमें नमी कम हो जाती है तो इसकी कटौती भी विभाग उनसे लेते हैं। उनके अनुसार अक्सर मौसम बदलने से गेहूं में फिर से नमी आ जाती है। बरसात के बाद तो अक्सर ऐसा होता रहा है। लेकिन इस बार बरसात नहीं हुई, जिसके चलते वजन में बढ़ौतरी स्वाभाविक तौर पर नहीं होनी थी और इसकी पूर्ति के लिए विभाग पानी की स्प्रे कर रहे हैं। यह बढ़ौतरी भ्रष्ट अधिकारी आपस में बांटकर चांदी कूटते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के इस पानी के स्प्रे प्रकरण की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए और दोषी दण्डित होने चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनर्रावृत्ति न हो।
11 दिसंबर 2009
गेहूं भिगोने के मामले पर कहानियां गढ़ कर की जा रही है लीपापोती
डबवाली (लहू की लौ) स्टेट वेयर हाऊस कार्पाेरेशन की गेहूं की हजारों बोरियों पर पानी स्प्रे करने का मामला अभी तक सुलग रहा है। हालांकि इस मामले से उठी आग पर पानी डालने का प्रयास विभाग के डीएम से लेकर पुलिस के जांच अधिकारी तक कर चुके हैं।
भीगे गेहूं की जांच के मामले को पुलिस यह कहकर दबाने के प्रयास में है कि इसकी शिकायत करने वाले होमगार्ड जवान इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करवाना चाहते। लेकिन कारपोरेशन के अधिकारी इस मामले को केवल ओस की कहानी गढ़ कर लीपापोती करने में लगे हुए हैं। चूंकि इस मामले में केवल चौकीदार ही नहीं बल्कि अधिकारी भी मिले हुए दिखाई देने लगे हैं।
स्टेट वेयर हाऊस कार्पाेरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा से वीरवार को फिर इस संवाददाता ने मोबाइल पर बातचीत की और उनसे सवाल पूछा कि बुधवार शाम को आप जांच पर आये थे, तो क्या आपने संदिग्ध गेहूं के नमूने लिये, तो उन्होंने कहा कि नमूने नहीं लिये। लेकिन गेहूं में नमी को टैस्ट किया था, जो सही पाई गई। उनसे जब यह सवाल किया गया कि ओस से केवल दो स्टेग ही क्यों भीगे साथ वाले स्टेग क्यों नहीं भीगे तो इस पर उन्होंने कहा कि जांच अभी चल रही है। उनसे यह भी सवाल किया गया कि अगर पानी का स्प्रे नहीं किया गया था तो स्टेग पर डाली गई, पोलोथीन की तरपेल पर पानी कहां से आ गया। लेकिन इसका वे जवाब नहीं दे पाये और यह कहते हुए कि जांच चल रही है, जांच चल रही है और मोबाइल काट दिया।
यहां यह प्रश्न भी खड़ा होता है कि होमगार्ड जवानों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्होंने पाईप से चौकीदारों को पानी डालते हुए पकड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जो भुजिया दिया गया, उससे वे बेहोश हो गये। फिर वह गलतफहमी की बात कैसे कह रहे हैं। अगर पुलिस को गलत सूचना दी गई है, तो पुलिस ने उनके खिलाफ 182 क्यों नहीं बनाई। अगर सूचना सही है और उन पर कोई दबाव डाला गया है तो पुलिस निष्पक्षता से जांच क्यों नहीं कर रही। इस प्रकार जांच को प्रभावित करने के लिए जो हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, उससे साफ हो रहा है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। इधर जानकार सूत्रों से पता चला है कि इस मामले को राजनीतिक दबाव के तहत दबाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि एक कांग्रेसी नेता ने होमगार्ड जवानों पर यह कहकर दबाव डाला है कि इसमें गरीब मारे जाएंगे, जो भी है मिल बैठकर सुलझा लो।
इस जांच में यह सवाल भी पैदा होता है कि कार्पोरेशन का जिला अधिकारी जांच पर 34 घण्टों के बाद पहुंचता है। तब तक तो कुछ भी बदला जा सकता है और कुछ भी परिवर्तन किया जा सकता है। दूसरा यह कि जब गेहूं के नमूने ही नहीं लिये गये तो फिर जांच कैसी और जांच रिपोर्ट भी कैसी होगी। इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
भीगे गेहूं की जांच के मामले को पुलिस यह कहकर दबाने के प्रयास में है कि इसकी शिकायत करने वाले होमगार्ड जवान इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करवाना चाहते। लेकिन कारपोरेशन के अधिकारी इस मामले को केवल ओस की कहानी गढ़ कर लीपापोती करने में लगे हुए हैं। चूंकि इस मामले में केवल चौकीदार ही नहीं बल्कि अधिकारी भी मिले हुए दिखाई देने लगे हैं।
स्टेट वेयर हाऊस कार्पाेरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा से वीरवार को फिर इस संवाददाता ने मोबाइल पर बातचीत की और उनसे सवाल पूछा कि बुधवार शाम को आप जांच पर आये थे, तो क्या आपने संदिग्ध गेहूं के नमूने लिये, तो उन्होंने कहा कि नमूने नहीं लिये। लेकिन गेहूं में नमी को टैस्ट किया था, जो सही पाई गई। उनसे जब यह सवाल किया गया कि ओस से केवल दो स्टेग ही क्यों भीगे साथ वाले स्टेग क्यों नहीं भीगे तो इस पर उन्होंने कहा कि जांच अभी चल रही है। उनसे यह भी सवाल किया गया कि अगर पानी का स्प्रे नहीं किया गया था तो स्टेग पर डाली गई, पोलोथीन की तरपेल पर पानी कहां से आ गया। लेकिन इसका वे जवाब नहीं दे पाये और यह कहते हुए कि जांच चल रही है, जांच चल रही है और मोबाइल काट दिया।
यहां यह प्रश्न भी खड़ा होता है कि होमगार्ड जवानों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्होंने पाईप से चौकीदारों को पानी डालते हुए पकड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जो भुजिया दिया गया, उससे वे बेहोश हो गये। फिर वह गलतफहमी की बात कैसे कह रहे हैं। अगर पुलिस को गलत सूचना दी गई है, तो पुलिस ने उनके खिलाफ 182 क्यों नहीं बनाई। अगर सूचना सही है और उन पर कोई दबाव डाला गया है तो पुलिस निष्पक्षता से जांच क्यों नहीं कर रही। इस प्रकार जांच को प्रभावित करने के लिए जो हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, उससे साफ हो रहा है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। इधर जानकार सूत्रों से पता चला है कि इस मामले को राजनीतिक दबाव के तहत दबाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि एक कांग्रेसी नेता ने होमगार्ड जवानों पर यह कहकर दबाव डाला है कि इसमें गरीब मारे जाएंगे, जो भी है मिल बैठकर सुलझा लो।
इस जांच में यह सवाल भी पैदा होता है कि कार्पोरेशन का जिला अधिकारी जांच पर 34 घण्टों के बाद पहुंचता है। तब तक तो कुछ भी बदला जा सकता है और कुछ भी परिवर्तन किया जा सकता है। दूसरा यह कि जब गेहूं के नमूने ही नहीं लिये गये तो फिर जांच कैसी और जांच रिपोर्ट भी कैसी होगी। इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल कर पंजाब सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
डबवाली (लहू की लौ) टेक्निकल सर्विस यूनियन के सर्कल मुक्तसर के अन्तर्गत आने वाली 25 सब यूनिटों में यूनियन के कार्यकर्ताओं ने वीरवार को एक दिवसीय कलम छोड़-औजार छोड़ हड़ताल करके अपनी मांगों के समर्थन में आवाज उठाई तथा पंजाब सरकार की कर्मचारी और मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया।
किलियांवाली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूनियन के सर्कल मुक्तसर प्रधान हेमराज ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांग पंजाब सरकार द्वारा लागू किये जा रहे 2003 बिजली एक्ट को रद्द करवाना है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार अपने निजी फायदे के लिए एक्ट को लागू करके बिजली बोर्ड को निजी कम्पनियों के हाथों में सौंपना चाहती है। जबकि इस एक्ट के लागू होने से इसका प्रभाव केवल बिजली कर्मचारियों पर ही नहीं बल्कि पंजाब प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली बोर्ड का निजीकरण होने से निजी कम्पनियां मनमाने ढंग से बिजली के बिल वसूल करेंगी।
सर्कल प्रधान नेे पंजाब सरकार पर मजदूर और कर्मचारी हितैषी होने का ढोंग रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1991 में सूबे में बिजली बोर्ड में करीब 1 लाख 50 हजार कर्मचारी कार्यरत थे। लेकिन वर्तमान समय में बिजली कर्मचारियों की संख्या केवल 58 हजार है। 1991 से ही बिजली बोर्ड में भर्ती न होने के कारण एक-एक कर्मचारी तीन-तीन कार्य करने को मजबूर है।
हेमराज ने सरकार पर कर्मचारियों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 1930 से चले आ रहे पे-स्केल के नियमों का ताक पर रखते हुए गत माह नया पे-स्केल जारी कर दिया। जिसके तहत कर्मचारी का पे-स्केल महंगाई के अनुसान न बढ़ाकर घोषित पे-स्केल भी कम कर दिया गया।
सर्कल प्रधान ने कहा कि पंजाब सरकार 9 बार बिजली बोर्ड को भंग करने के अपने आदेश को आगे डाल चुकी है। अब समय आ गया है कि सरकार इसे एक्ट को वापिस ले। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने वर्तमान विधानसभा सैशन के दौरान इस एक्ट को वापिस नहीं लिया तो कर्मचारी अन्य जन संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ संघर्ष चलाने को बाध्य होंगे।
इस मौके पर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के रूलदू सिंह, सुक्खा सिंह, नानक चन्द, आरएमपी डॉक्टर यूनियन के अमरिन्द्र पप्पी, सुखदर्शन सिंह, कांती आदि उपस्थित थे।
इधर उक्त मांगों के समर्थन में पीएसईबी इम्पलाईज यूनियन ने भी यूनिट प्रधान जंगीर सिंह के नेतृत्व में एक दिवसीय हड़ताल रखी और किलियांवाली स्थित बोर्ड के कार्यालय के समक्ष गेट मीटिंग करके पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस अवसर पर हरदेव सिंह सचिव, खजाना राम, नरपाल सिंह, गुरसेवक सिंह, सुखदेव सिंह आदि उपस्थित थे।
किलियांवाली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूनियन के सर्कल मुक्तसर प्रधान हेमराज ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांग पंजाब सरकार द्वारा लागू किये जा रहे 2003 बिजली एक्ट को रद्द करवाना है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार अपने निजी फायदे के लिए एक्ट को लागू करके बिजली बोर्ड को निजी कम्पनियों के हाथों में सौंपना चाहती है। जबकि इस एक्ट के लागू होने से इसका प्रभाव केवल बिजली कर्मचारियों पर ही नहीं बल्कि पंजाब प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली बोर्ड का निजीकरण होने से निजी कम्पनियां मनमाने ढंग से बिजली के बिल वसूल करेंगी।
सर्कल प्रधान नेे पंजाब सरकार पर मजदूर और कर्मचारी हितैषी होने का ढोंग रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1991 में सूबे में बिजली बोर्ड में करीब 1 लाख 50 हजार कर्मचारी कार्यरत थे। लेकिन वर्तमान समय में बिजली कर्मचारियों की संख्या केवल 58 हजार है। 1991 से ही बिजली बोर्ड में भर्ती न होने के कारण एक-एक कर्मचारी तीन-तीन कार्य करने को मजबूर है।
हेमराज ने सरकार पर कर्मचारियों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 1930 से चले आ रहे पे-स्केल के नियमों का ताक पर रखते हुए गत माह नया पे-स्केल जारी कर दिया। जिसके तहत कर्मचारी का पे-स्केल महंगाई के अनुसान न बढ़ाकर घोषित पे-स्केल भी कम कर दिया गया।
सर्कल प्रधान ने कहा कि पंजाब सरकार 9 बार बिजली बोर्ड को भंग करने के अपने आदेश को आगे डाल चुकी है। अब समय आ गया है कि सरकार इसे एक्ट को वापिस ले। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने वर्तमान विधानसभा सैशन के दौरान इस एक्ट को वापिस नहीं लिया तो कर्मचारी अन्य जन संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ संघर्ष चलाने को बाध्य होंगे।
इस मौके पर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के रूलदू सिंह, सुक्खा सिंह, नानक चन्द, आरएमपी डॉक्टर यूनियन के अमरिन्द्र पप्पी, सुखदर्शन सिंह, कांती आदि उपस्थित थे।
इधर उक्त मांगों के समर्थन में पीएसईबी इम्पलाईज यूनियन ने भी यूनिट प्रधान जंगीर सिंह के नेतृत्व में एक दिवसीय हड़ताल रखी और किलियांवाली स्थित बोर्ड के कार्यालय के समक्ष गेट मीटिंग करके पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस अवसर पर हरदेव सिंह सचिव, खजाना राम, नरपाल सिंह, गुरसेवक सिंह, सुखदेव सिंह आदि उपस्थित थे।
10 दिसंबर 2009
वित्तीय संकट के लिए हुड्डा सरकार जिम्मेवार-अजय
डबवाली। इनेलो ने हुड्डा सरकार को प्रदेश में गंभीर वित्तिय संकट व खराब आर्थिक हालत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार से इस मामले में तुरन्त श्वेतपत्र जारी किए जाने की मांग की है। इनेलो ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन व भत्तों का बकाया राशि का सरकार द्वारा भुगतान करने में की जा रही आनाकानी की भी कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए सरकार से अपने वायदे अनुसार कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किए जाने की मांग की है। इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा सरकार की गलत नीतियों व सरकारी भ्रष्टाचार के कारण आज प्रदेश की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है और सरकार रोजमर्रा का कामकाज चलाने के लिए भी कर्जा ले रही है।
अजय चौटाला ने कहा कि 2005 में जब इनेलो ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी उस समय प्रदेश के खजाने में 1750 करोड़ रुपए सरप्लस राशि थी। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश पर 13 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्जा हो गया है। सरकार ने अभी एक दिन पहले ही एक हजार करोड़ का कर्जा लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते समय सरकार ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों की वेतन व भत्तों की बकाया 60 फीसदी राशि 2009-10 के दौरान एकमुश्त अदा कर दी जाएगी। इनेलो नेता ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अब एक तरफ जहां कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि एकमुश्त देने की बजाय अगले दो सालों के दौरान दो किस्तों में दिए जाने की बात कही जा रही है वहीं सरकार का कामकाज चलाने के लिए बैंकों से कर्जा लेने के अलावा सरकारी स पत्तियों को बेचने की भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों को बकाया राशि की तीस फीसदी रकम फरवरी 2010 और बाकी 30 फीसदी रकम फरवरी 2011 में दिए जाने की बात कही जा रही है।
अजय चौटाला ने कहा कि 2005 में जब इनेलो ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी उस समय प्रदेश के खजाने में 1750 करोड़ रुपए सरप्लस राशि थी। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश पर 13 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्जा हो गया है। सरकार ने अभी एक दिन पहले ही एक हजार करोड़ का कर्जा लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते समय सरकार ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों की वेतन व भत्तों की बकाया 60 फीसदी राशि 2009-10 के दौरान एकमुश्त अदा कर दी जाएगी। इनेलो नेता ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अब एक तरफ जहां कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि एकमुश्त देने की बजाय अगले दो सालों के दौरान दो किस्तों में दिए जाने की बात कही जा रही है वहीं सरकार का कामकाज चलाने के लिए बैंकों से कर्जा लेने के अलावा सरकारी स पत्तियों को बेचने की भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों को बकाया राशि की तीस फीसदी रकम फरवरी 2010 और बाकी 30 फीसदी रकम फरवरी 2011 में दिए जाने की बात कही जा रही है।
साईबर कैफे पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश
पंचकूला। जिला पंचकूला के मजिस्ट्रेट पंकज यादव ने अपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिला के सभी साईबर कैफे पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तुरंत प्रभाव से आदेश जारी किए है, जो आगामी 4 फरवरी 2010 तक लागू रहेगें।
जिला में विभिन्न व्यवसायिक स्थलों और दुकानों पर बडी मात्रा में साईबर कैफे हैं जिन्हें प्रयोग में लाने के लिए लोग बडी संख्या में आते हैं और इन पर नैटवर्क सेवाएं प्राप्त करते हैं जिन में ई-मेल सुविधा भी होती है। उन्होंने कहा कि इन साईबर कैफे पर असामाजिक तत्वों, अपराधियों और आतंकवादियों के आने की सम्भावना बनी रहती है और वे यहां आकर इन संस्थानों के माध्यम से कानून व्यवस्था को बिगाड सकते हैं, जिससे लोगों में भय, आतंक और असुरक्षा का माहौल पैदा होने की सम्भावना है।
उन्होंने कहा कि इन आदेशों के तहत साईबर कैफे मालिकों को कहा गया है कि वे किसी भी अपरिचित व्यक्ति जिसे वे जानते पहचानते नहीं हैं को अपने संस्थान से सेवाएं उपलब्ध न कराएं। उन्होंने कहा कि साईबर कैफे मालिक को अपने संस्थान में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान के लिए रजिस्टर लगाना होगा, जिसमेंं आगंतुक का नाम, पता, टेलीफोन इत्यादि तो लिखेंगें ही साथ-साथ उनके परिचय पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसैंस, पासपोर्ट, फोटो क्रेडिट कार्ड इत्यादि की प्रति भी पहचान के लिए रिकार्ड में कम से कम 6 महीने के लिए रखने होंगे। साईबर कैफे पर यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति आता है तो साईबर कैफे का मालिक उसके आगमन की सूचना तत्काल अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा पुलिस चौकी में देगा। उन्होंने कहा कि आगंतुक द्वारा प्रयोग में लाए गए विशेष कम्पयूटर पर किए गए काम का रिकार्ड रखना होगा। इन आदेशों का पालन न करने वाले साईबर कैफे मालिकों के विरूद्घ कानूनी कार्यवाही की जाए।
जिला में विभिन्न व्यवसायिक स्थलों और दुकानों पर बडी मात्रा में साईबर कैफे हैं जिन्हें प्रयोग में लाने के लिए लोग बडी संख्या में आते हैं और इन पर नैटवर्क सेवाएं प्राप्त करते हैं जिन में ई-मेल सुविधा भी होती है। उन्होंने कहा कि इन साईबर कैफे पर असामाजिक तत्वों, अपराधियों और आतंकवादियों के आने की सम्भावना बनी रहती है और वे यहां आकर इन संस्थानों के माध्यम से कानून व्यवस्था को बिगाड सकते हैं, जिससे लोगों में भय, आतंक और असुरक्षा का माहौल पैदा होने की सम्भावना है।
उन्होंने कहा कि इन आदेशों के तहत साईबर कैफे मालिकों को कहा गया है कि वे किसी भी अपरिचित व्यक्ति जिसे वे जानते पहचानते नहीं हैं को अपने संस्थान से सेवाएं उपलब्ध न कराएं। उन्होंने कहा कि साईबर कैफे मालिक को अपने संस्थान में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान के लिए रजिस्टर लगाना होगा, जिसमेंं आगंतुक का नाम, पता, टेलीफोन इत्यादि तो लिखेंगें ही साथ-साथ उनके परिचय पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसैंस, पासपोर्ट, फोटो क्रेडिट कार्ड इत्यादि की प्रति भी पहचान के लिए रिकार्ड में कम से कम 6 महीने के लिए रखने होंगे। साईबर कैफे पर यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति आता है तो साईबर कैफे का मालिक उसके आगमन की सूचना तत्काल अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा पुलिस चौकी में देगा। उन्होंने कहा कि आगंतुक द्वारा प्रयोग में लाए गए विशेष कम्पयूटर पर किए गए काम का रिकार्ड रखना होगा। इन आदेशों का पालन न करने वाले साईबर कैफे मालिकों के विरूद्घ कानूनी कार्यवाही की जाए।
30 साल बाद हरियाणा रोड़वेज के ड्राईवरों को मिलेगा पदोन्नति का तोहफा
डबवाली (लहू की लौ) प्रदेश सरकार 30 साल के बाद रोडवेज के ड्राइवरों को पदोन्नति का तोहफा देने जा रही है। प्रदेश के विभिन्न डिपुओं में कार्यरत्त 35 ड्राइवरों को यह लाभ मिलेगा। वरिष्ठता के आधार पर दी जाने वाली इस सुविधा के लिए परिवहन के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय द्वारा डिपुओं से ड्राइवरों की सूचि मंगवा ली गई है। ड्राइवरों की शैक्षणिक योग्यता को भी ध्यान में रखा जाएगा।
परिवहन विभाग के मुख्यालय में कार्यरत्त अधिकारी रेणू गोयल ने बताया कि वर्ष 1980 के बाद ड्राइवरों को कोई पदोन्नति नहीं दी गई है, लेकिन अब जल्द ही 35 ड्राइवरों को यार्ड मास्टर के पद पर पदोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ड्राइवरों की वरिष्ठता सूचि बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसी के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी। गोयल ने बताया कि पदोन्नति का लाभ पाने वाले ड्राइवरों को विभिन्न डिपुओं में रिक्त पड़े यार्ड मास्टरों के पद पर समायोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की ओर से विभाग में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पड़े पदों को भी इसी प्रक्रिया द्वारा भरने के आदेश दे दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि रिक्त पदों पर नियुक्ति होने से रोडवेज का कार्य अधिक सुचारू हो पाएगा, वहीं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
सिरसा डिपो में 4 पद खाली
सिरसा डिपो में यार्ड मास्टर में 5 पद स्वीकृत है। सब डिपो डबवाली में केवल एक पद पर नियुक्ति है। शेष 4 पद अरसे से खाली पड़े हैं। यार्ड मास्टर न होने से डिपो का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा था। पदोन्नति के बाद यह पद भर जाएंगे और कामकाज को गति मिलेगी।
डिपो ने सूची भेजी
सिरसा डिपो की ओर से पदोन्नति प्रक्रिया के तहत ड्राइवरों की सूचि मुख्यालय भेज दी गई है। डिपो के पास कुल 214 ड्राइवर हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि डिपो में रिक्त पड़ी यार्ड मास्टरों की 4 पोस्टें भरने के लिए इसी सूचि में से ड्राइवरों का चयन किया जाएगा। पदोन्नति वरिष्ठता के अनुसार होगी। यह मुख्यालय तय करेगा कि कौन-सा ड्राइवर कितना सीनियर है और किसकी शैक्षणिक योग्यता निर्धारित मापदंडों को पूरा करती है। ऐसे 35 ड्राइवरों की छंटाई के बाद उन्हें पदोन्नति दी जाएगी।
परिवहन विभाग के मुख्यालय में कार्यरत्त अधिकारी रेणू गोयल ने बताया कि वर्ष 1980 के बाद ड्राइवरों को कोई पदोन्नति नहीं दी गई है, लेकिन अब जल्द ही 35 ड्राइवरों को यार्ड मास्टर के पद पर पदोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ड्राइवरों की वरिष्ठता सूचि बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसी के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी। गोयल ने बताया कि पदोन्नति का लाभ पाने वाले ड्राइवरों को विभिन्न डिपुओं में रिक्त पड़े यार्ड मास्टरों के पद पर समायोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की ओर से विभाग में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पड़े पदों को भी इसी प्रक्रिया द्वारा भरने के आदेश दे दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि रिक्त पदों पर नियुक्ति होने से रोडवेज का कार्य अधिक सुचारू हो पाएगा, वहीं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
सिरसा डिपो में 4 पद खाली
सिरसा डिपो में यार्ड मास्टर में 5 पद स्वीकृत है। सब डिपो डबवाली में केवल एक पद पर नियुक्ति है। शेष 4 पद अरसे से खाली पड़े हैं। यार्ड मास्टर न होने से डिपो का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा था। पदोन्नति के बाद यह पद भर जाएंगे और कामकाज को गति मिलेगी।
डिपो ने सूची भेजी
सिरसा डिपो की ओर से पदोन्नति प्रक्रिया के तहत ड्राइवरों की सूचि मुख्यालय भेज दी गई है। डिपो के पास कुल 214 ड्राइवर हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि डिपो में रिक्त पड़ी यार्ड मास्टरों की 4 पोस्टें भरने के लिए इसी सूचि में से ड्राइवरों का चयन किया जाएगा। पदोन्नति वरिष्ठता के अनुसार होगी। यह मुख्यालय तय करेगा कि कौन-सा ड्राइवर कितना सीनियर है और किसकी शैक्षणिक योग्यता निर्धारित मापदंडों को पूरा करती है। ऐसे 35 ड्राइवरों की छंटाई के बाद उन्हें पदोन्नति दी जाएगी।
05 दिसंबर 2009
वेश्यावृति से जुड़ी लड़कियों का डेरा से क्या सम्बन्ध-अकाली दल
डबवाली (लहू की लौ) शिरोमणि अकाली दल (अ) धार्मिक विंग पंचप्रधानी जिला सिरसा, खालसा एक्शन कमेटी हरियाणा सिरसा ने उपमण्डलाधीश की मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा और उपायुक्त सिरसा को एक ज्ञापन भेजकर डेरा में आने वाली वेश्या लड़कियों की जांच करवाने का अनुरोध किया है।
ज्ञापन देने के बाद उपरोक्त संगठनों के बलजीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, बलवीर सिंह, विचित्र सिंह, सुरजीत सिंह, गुरमेल सिंह, दविन्द्र सिंह, अमरजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्ञापन की प्रति सौंपी और साथ में कहा कि वेश्यावृति से जुड़ी हुई लड़कियों का डेरा से क्या सम्बन्ध है और इतने बड़े स्तर पर डेरा के पास वेश्याएं कहां से आई। आम लोगों नजर डेरा पर शक प्रकट करती है। चूंकि डेरा प्रमुख पर पहले ही बलात्कार का केस अम्बाला कोर्ट में विचाराधीन है। शिष्टमंडल ने अपने ज्ञापन में यह भी मांग की है कि वेश्याओं के करवाये जा रहे विवाह कानूनी तौर पर कोर्ट में करवाये जायें और डॉक्टरी जांच के बाद ही इन विवाहों को मान्यता दी जाये। डेरा में होने वाले हर विवाह की रिपोर्ट जिला प्रशासन के दफ्तर में लाजिमी दर्ज की जाये। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग की कि जिला प्रशासन व सरकार इस बात की भी जांच करे कि 2 नवम्बर को सरकारी स्कूलों की बच्चियों को तारा बाबा कुटिया के दर्शन करवाने के नाम पर डेरा क्यों लेजाया गया और इसके लिए जो भी जिम्मेवार है, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाये। उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा ने ज्ञापन लेने के बाद शिष्टमंडल को आश्वासन दिलाया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्व विचार किया जायेगा।
ज्ञापन देने के बाद उपरोक्त संगठनों के बलजीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, बलवीर सिंह, विचित्र सिंह, सुरजीत सिंह, गुरमेल सिंह, दविन्द्र सिंह, अमरजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्ञापन की प्रति सौंपी और साथ में कहा कि वेश्यावृति से जुड़ी हुई लड़कियों का डेरा से क्या सम्बन्ध है और इतने बड़े स्तर पर डेरा के पास वेश्याएं कहां से आई। आम लोगों नजर डेरा पर शक प्रकट करती है। चूंकि डेरा प्रमुख पर पहले ही बलात्कार का केस अम्बाला कोर्ट में विचाराधीन है। शिष्टमंडल ने अपने ज्ञापन में यह भी मांग की है कि वेश्याओं के करवाये जा रहे विवाह कानूनी तौर पर कोर्ट में करवाये जायें और डॉक्टरी जांच के बाद ही इन विवाहों को मान्यता दी जाये। डेरा में होने वाले हर विवाह की रिपोर्ट जिला प्रशासन के दफ्तर में लाजिमी दर्ज की जाये। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग की कि जिला प्रशासन व सरकार इस बात की भी जांच करे कि 2 नवम्बर को सरकारी स्कूलों की बच्चियों को तारा बाबा कुटिया के दर्शन करवाने के नाम पर डेरा क्यों लेजाया गया और इसके लिए जो भी जिम्मेवार है, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाये। उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा ने ज्ञापन लेने के बाद शिष्टमंडल को आश्वासन दिलाया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्व विचार किया जायेगा।
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