15 दिसंबर 2009

मांगों को लेकर वामपंथी दलों का जोरदार प्रदर्शन

डबवाली (लहू की लौ) वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया और महंगाई व जन समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली की मार्फत एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सिरसा के सचिव जयचन्द सहारणी ने कहा कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान व मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन राज्य की पुलिस इन आत्महत्याओं को सम्बन्धित किसान या मजदूर का पारिवारिक मामला बताकर अपने कत्र्तव्य से इतिश्री कर रही है। सहारणी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री शरद पवार बार-बार महंगाई बढऩे की बात कहकर गरीब व आम जनता के जख्मों पर नमक लगाने का काम कर रहे हैं। पवार ऐसा ब्यान कालाबाजारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दे रहे हैं। भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि राजस्थान से लगते हरियाणा के क्षेत्र में सूखा पडऩे के कारण किसान की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस सम्बन्ध में हरियाणा सरकार को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन इस पर कोई भी ध्यान न दिये जाने से किसान को भूखे मरने की नौबत आ गई है। इस मौके पर उन्होंने भिवानी और डबवाली में गेहूं भिगोने के मामले को उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सम्पति को नुक्सान पहुंचाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी सम्पति को नुक्सान पहुंचाने का केस दर्ज करके उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये।
वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव जयचन्द सहारणी, भाकियू जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा, भवन निर्माण कामगार यूनियन के ब्लाक डबवाली प्रधान नत्थू राम भारूखेड़ा, भाला राम भारूखेड़ा, मनदीप सिंह, कृष्णा देवी, ओमप्रकाश बिश्नोई, अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा को सौंपा। जिसमें उन्होंने महंगाई पर अंकुश लगाने, जरूरतमंद लोगों को राशन प्रणाली के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने, नरेगा को गांवों व शहरों में प्रभावशाली ढंग से लागू करके दिहाड़ी बढ़ाने के साथ-साथ 100 दिन की बजाये 200 दिन का रोजगार दिये जाने, रिहायशी प्लाट आवंटित किये जाने की योजना लागू करने, सूखे से बर्बाद फसलों का मुआवजा दिये जाने, प्राईवेट शिक्षण संस्थानों, हस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मनमर्जी की फीसों पर रोक लगाये जाने, ट्रेड यूनियन अधिकरों की बहाली और छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किये जाने की मांग की।

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