16 दिसंबर 2009

रेलवे ओवरब्रिज का हिस्सा गिरा

सिरसा। सिर मुंडाते ही ओले पड़े तो सुना था, लेकिन सिर मुंडाते-मुंडाते ओले गिर जाएं यह आज देखने को मिला। शहर में तीस वर्ष पुरानी मांग को पूरा करने के लिए बनाए जा रहे रेलवे ओवरब्रिज का एक हिस्सा आज अचानक जमीन पर आ गिरा। हादसे में दो स्कूटर और एक जनरेटर चकनाचूर हो गए। ये तीनों चीजें यहां के आसपास के दुकानदारों की बताई गई हैं। बताया जा रहा है कि आज प्रात: डा. कर्ण सिंह अस्पताल के सामने पिल्लरों पर रखी गई सड़कनुमा स्लैब अचानक नीचे आ गिरी। इसकी लम्बाई 23 मीटर यानी 75 फुट के करीब बताई गई है। घटना के समय सौभाग्यवश पुल के नीचे कोई व्यक्ति नहीं था अन्यथा यहां से लोगों ने आवागमन के रास्ते भी बना रखे हैं और दुपहिया वाहन निकलते रहते हैं। घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन व नैशनल हाई-वे अथोरिटी को दी गई है। हाई-वे के कार्यकारी अभियंता ए.के.गोयल अपनी टीम सहित मौके पर पहुंच गए और घटना की जांच शुरू की है।

साल बीत गया
इस पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने 5 अक्तूबर 2008 को शिलान्यास किया था, लेकिन इस का निर्माण शुरू होने में इसके बाद भी दो माह का समय लग गया था। अब तक इसे शुरू हुए एक साल हो चुका है। गाजियाबाद की एन.के.जी. नामक कम्पनी द्वारा बनाए जा रहे इस पुल की निर्माण अवधि आगामी 30 जून को समाप्त हो रही है। पहले से ही धीमी गति से चल रहे इस पुल के निर्माण में अब और देरी होना स्वाभाविक है।
अधिकारी कहते हैं
आज की घटना पर टिप्पणी करते हुए कार्यकारी अभियंता ए.के. गोयल का कहना है कि इस स्लैब को या तो पूरी स्पोट नहीं दी गई या फिर पेस्टिंग मेें कहीं कमी रह सकती है, लेकिन मामले की जांच जारी है। यहां पाठकों को बता दें कि केवल जमीन में रोपने वाले पिल्लर ही मौके पर तैयार होते हैं और सड़क के रूप में प्रयोग होने वाले स्लैबें निर्माण कम्पनी कहीं अन्यत्र तैयार करके इन पिल्लरों पर बिछाती है। बहरहाल जांच जारी है।

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