16 दिसंबर 2009

नशीली दवाईयां पकड़ी


डबवाली (लहू की लौ) उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा के दिशा-निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने मंगलवार को यहां के बठिण्डा चौक में स्थित दो कैमिस्ट शॉप पर छापामारी करके भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां बरामद की।

प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा सरकार के ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि डबवाली के बठिण्डा चौक में स्थित दो दुकानदार भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां रखे हुए हैं और यहां से पंजाब और आस-पास के क्षेत्र से आने वाले नशेड़ी अक्सर नशे की दवाईयां खरीदते हैं। इसी शिकायत के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, डॉ. संजीव कम्बोज, एसआई भागीरथ, एएसआई सत्यनारायण के नेतृत्व में एक टीम बठिण्डा चौक में पहुंची और इस टीम ने अशोका मेडीकल स्टोर, श्री गणपति मेडीकोज में पड़ी दवाईयों की चैकिंग की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि चैकिंग के दौरान इन दोनों ही दुकानों पर अधिकांश दवाईयां नशे में प्रयोग होने वाली मिली। उनके अनुसार इन दुकानों पर बैठने वाले लोग भी फार्मासिस्ट नहीं है। उनके अनुसार दोनों के पास 12-12 प्रकार की नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां मिली हैं। जिनकी कीमत हजारों रूपये है। बरामद की गई दवाईयों में बायोरेक्स, रेकोडेक्स, मोमोलिट, समासमो प्रोक्सीवोन आदि दवाईयां हैं। जो नशे में प्रयुक्त हो सकती हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों दुकानदारों को शो काज नोटिस दिया जा रहा है। ये अपनी दुकानें नहीं खोल पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्यवाही के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को सम्बन्धित कैमिस्टों के लाईसेंस रद्द करने की अनुशंसा वे करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अशोका मेडीकल स्टोर का नाम पहले अशोका मेडीकल हाल था और इसका मालिक अशोक गोयल की मौत हो गई थी। अब यह लाईसेंस राजकुमारी के नाम पर है और अब अशोका मेडीकल स्टोर के नाम पर चलाया जा रहा है। इसमें फार्मासिस्ट हंसराज को दिखाया हुआ है। लेकिन इस पर निर्मला देवी तथा जगदीप सिंह कार्य करते हुए पाये गये हैं।
धानीवाल ने श्री गणपति मेडीकोज के बारे में बताया कि इसका मालिक लाईसेंस में अनिता रानी पत्नी नीरज मोंगा को दिखाया गया है और इस पर नीरज बैठता है। इससे पूर्व इसी मेडीकल शॉप का नाम शुभम मेडीकोज था, जोकि देसराज मोंगा के नाम पर चल रहा था। बाद में शुभम मेडीकल हाल कर दिया गया। इसके बाद अब श्री गणपति मेडीकोज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व शुभम के नाम पर चल रहे मेडीकल शॉप का लाईसेंस अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया गया था। लेकिन नीरज की पत्नी ने शपथ पत्र देकर कहा था कि अब वह स्वयं काम करेगी और दुकान पर कभी भी नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां नहीं बेची जाएंगी। लेकिन इसके बावजूद लाईसेंस का दुरूपयोग किया गया और अब भी इसको नीरज ही चला रहा था।
लेकिन यहां उल्लेखनीय है कि इन कैमिस्टों को रात को ही पता चल गया था कि उनके रेड होने वाली है। एक केमिस्ट ने तो काफी दवाईयां इसी रेड की सूचना पर आग के हवाले कर दी थी। लेकिन तथ्य तो यह है कि लाईसेंस कैंसल होने के बाद भी बार-बार ड्रग विभाग उन्हीं को लाईसेंस क्यों देता है। जबकि यह लोग कई बार अनियमितताओं में पकड़े जा चुके होते हैं।

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