04 जून 2020

अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया नहीं करा सकेगी स्कूली खेलों का आयोजन

अब निजी स्कूल बच्चों से नहीं ले सकेंगे खेल फंड की राशि, शिक्षा विभाग में निजी स्कूलों को भी नहीं जमा कराना होगा स्पोर्टस फंड
चंडीगढ़ (लहू की लौ) अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया
(एसजीएफआई) स्कूली खेलों का आयोजन नहीं करा सकेगी। देशभर में आयोजित होने वाली स्कूली खेल स्पर्धाओं से लाखों रुपए के हेरफेर होने व खराब संचालन के चलते इसे खेल मंत्रालय ने अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किया है। यही वजह है कि अब देश भर में स्कूली खेलों का आयोजन एसजीएफआई नहीं करा सकेगी।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भारतीय खेल मंत्रालय की तरफ से देशभर में नेशनल खेल फेडरेशनों को विभिन्न खेलों के आयोजन की मान्यता दी जाती है। एसजीएफआई अलग अलग राज्यों में स्कूली शिक्षा विभाग और फिर जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में खेलों का आयोजन कराती है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय साल भर की खेल गतिविधियों का खेल कलेंडर भी जारी करता है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक स्कूलों में प्रत्येक बच्चे लगभग 27 रुपये खेल फंड की राशि भी वसूल की जा रही है। इसी वजह से प्रत्येक निजी स्कूल शिक्षा विभाग में हजारों रुपयों का स्पोर्टस फंड जमा कराता है। प्रत्येक जिले में सैंकड़ों निजी स्कूल हैं और इस लिहाज से लाखों रुपयों का स्पोर्टस फंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इक_ा हो जाता है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय भी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को खेलों के नाम पर लाखों रुपयों की ग्रांट भेजता रहता है। अब खेल मंत्रालय स्कूली खेलों के आयोजन के लिए नई व्यवस्था पर मंथन करने में जुटा है।
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अब से स्कूली खेलों के आयोजन में किसी भी बच्चे को खेल फंड की राशि नहीं देनी होगी वहीं निजी स्कूल भी शिक्षा विभाग को स्पोर्टस फंड के नाम पर कोई शुल्क नहीं देगा।

डीईओ व डीईईओ की खेल शक्तियां छीनी, स्पोर्टस ग्रेडेशन का भी नहीं मिलेगा लाभ
खेल मंत्रालय ने स्कूली खेलों के आयोजन में एसजीएफआई को अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किए जाने के बाद से हजारों खिलाडिय़ों का भविष्य भी दाव पर लग गया। एसजीएफआई द्वारा जारी किए गए खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर नेशनल स्तर के खिलाडिय़ों को स्पोर्टस ग्रेडेशन, सालाना स्कॉलरशीप, खेल कोटा और रेलवे की सुविधाओं के साथ सरकारी नौकरी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। अधिकांश प्रमाण पत्रों पर जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद खेल विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर इन प्रमाण पत्रों पर होते हैं। जिनसे इन प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता पर बहुत बड़ा सवाल उठेगा।

52 नेशनल स्कूली स्पर्धाएं चैम्पियनशीप हुई रदद
एसजीएफआई की वेबसाइट पर खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता रदद करने के आदेशों के कारण 52 नेशनल स्कूली खेल चैम्पियनशिप रदद करने का नोटिस लगा दिया है। इन खेल स्पर्धाओं में कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। जिनकी स्पर्धाआएं जून और जुलाई माह में आयोजित की जानी थी। लेकिन अब इन खेलों को रद्द करने का नोटिस लगाने के बाद खेलों की तैयारियों में जुटे खिलाडिय़ों के भविष्य पर ही दाव पर लग गया है। 

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