04 जून 2020

दादी-पोते के लिए बस बनी सहारा

डेढ़ माह पहले खत्म हो गई थी दवा, बाइक पर चल दिए थे दादी-पोता, लेकिन राजस्थान पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया था

हरियाणा रोड़वेज के साथ दौडऩा शुरु हुआ जिंदगी का पहिया, कोई दवा लेने तो कोई घर पहुंचने के लिए सवार हुआ

डबवाली(लहू की लौ)बुधवार से हरियाणा रोड़वेज का पहिया दौडऩा शुरु हो गया। जिससे लोगों को राहत मिली। पहले दिन डबवाली से सिरसा, हनुमानगढ़ तथा श्रीगंगानगर रुट पर चार बसें रवाना हुई। नियमानुसार एक बस में 30 सवारियां बैठ सकती थी, लेकिन उतनी तो बस अड्डा पर पहुंची ही नहीं। इस वजह से बसों की रवानगी तय समानुसार नहीं हो सकी। सुबह 7.15 बजे हनुमानगढ़ के लिए पहली बस जानी थी, महज 10 सवारियां होने के कारण बस 8.20 बजे रवाना हो सकी। इसी प्रकार श्रीगंगानगर के लिए बस रवानगी 10.05 बजे होनी थी, लेकिन सवारियां न होने के कारण बस 10.30 बजे चली।
लाइव रिपोर्ट :
करीब ढाई माह बाद डबवाली बस अड्डा के काऊंटर पर बस नजर आई है। चालक बलकौर सिंह तथा परिचालक अनिल कुमार की डयूटी है। बस में 9 लोग सवार हैं। जो श्रीगंगानगर जाना चाहते हैं। सीट पर बैठे डबवाली निवासी अंकुश का कहना है कि वह गांधी खादी भंडार पर कार्य करता है। दो माह बाद दुकान पर जा रहा है। इससे पहले वहां तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं था। डबवाली निवासी सोनू अपनी दादी हरदेवी को दवा दिलाने के लिए श्रीगंगानगर जा रहा है। युवक के अनुसार उसकी दादी मानसिक रोगी है। लॉक डाऊन से पहले एक माह की दवा लेकर आई थी। एक माह से ज्यादा समय हो गया, दवा खत्म हुए। दादी को बाइक पर बैठाकर श्रीगंगानगर के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में हमें रोक लिया था। इसलिए वापिस आना पड़ा। आज श्रीगंगानगर के दवा लेने जा रहे हैं। इधर हनुमानगढ़ निवासी लक्ष्मण अपनी पत्नी, माता-पिता तथा बहन के साथ वापिस घर लौट रहा है। लक्ष्मण के अनुसार बठिंडा में जमींदार के खेत में कार्य करते थे। 15 दिन पहले कार्य खत्म हो चुका था, हम खुद का कमाया खा रहे थे। हरियाणा रोड़वेज की सेवा हनुमानगढ़ तक शुरु होने का हमें पता चला तो हम बठिंडा से मंडी किलियांवाली पहुंचे। अब डबवाली से होकर अपने घर जा रहे हैं।

किस बस में कितनी सवारी
रुट सवारी
डबवाली-सिरसा 13
डबवाली-सिरसा 20
डबवाली-हनुमानगढ़ 10
डबवाली-श्रीगंगानगर 09

ढाई माह बाद आज चार बसें अलग-अलग रुट पर चलनी शुरु हुई हैं। डिस्टेंस का खास ख्याल रखा गया। साथ ही सवारियों को मास्क पहने बिना बस में नहीं बैठने दिया गया। उम्मीद है कि भविष्य में सवारियों की संख्या बढ़ेगी।
-डीआइ सुच्चा सिंह, सबडिपो डबवाली

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