01 जून 2020

शिक्षा विभाग की रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया विरोध शुरु, 4 जून से गरजेंगे शिक्षक


सर्व कर्मचारी संघ के साथ प्रदर्शनों में भाग लेगा हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
जेबीटी तथा टीजीटी शिक्षकों के लिए छात्र संख्या अनुपात के निर्धारण को गलत ठहराया

डबवाली(लहू की लौ)शिक्षा विभाग हरियाणा ने जेबीटी, सी एंड वी व मास्टर केडर
(टीजीटी) अध्यापकों की रेशनलाइजेशन प्रक्रिया के लिए आदेश जारी किए गए हैं जोकि स्कूली शिक्षा व विद्यार्थी हित में नहीं हैं। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने आदेशों को तुगलकी करार देते हुए आंदोलन की घोषणा कर दी है। संघ का आरोप है कि यह सब सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था फैलाने, सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को नष्ट करके तीव्रता से निजीकरण की तरफ ले जाने की कुचालें है। विभाग हर बार अव्यवहारिक प्रयोग करके सार्वजनिक शिक्षा की जड़ें खोखली कर रहा है। पिछले वर्ष लगभग सभी स्कूलों में एक पोस्ट तक पहला पद हिंदी विषय को मानकर संस्कृत विषय के पदों को समाप्त कर दिया गया और अब पहला पद संस्कृत मानकर हिंदी के पदों को समाप्त करने की कवायद की जा रही है। अध्यापक संघ आगामी 4 जून को सर्व कर्मचारी संघ के साथ मिलकर खंड  तथा जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन करेगा।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ब्लॉक डबवाली के प्रधान कृष्ण कायत ने बताया कि विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार जेबीटी शिक्षकों की रेशनेलाइजेशन के लिए शिक्षक छात्र अनुपात 1 : 30 रखा गया है जबकि 2017 व 2018 में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती 25 विद्यार्थी प्रति अध्यापक के आधार पर की गई थी । इस प्रकार अब छात्र संख्या का अनुपात 1: 30 कर देने से बहुत अधिक संख्या में जेबीटी शिक्षकों की पोस्टें सरप्लस हो जाएंगी और इससे बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा।
वहीं टीजीटी शिक्षकों के लिए छात्र संख्या अनुपात एक 1: 40 के आधार पर वैज्ञानिकीकरण करने की बात कही गई है और उनका वर्क लोड भी 6 से 8 तक गिना जा रहा है। जबकि वास्तविक हालात यह हैं कि अधिकतर उच्च विद्यालयों में पीजीटी के पद खाली हैं और टीजीटी ही कक्षा 9 व 10 कक्षा को पढ़ा रहे हैं। टीजीटी पदों के वैज्ञानिकीकरण के लिए सिर्फ कक्षा 6 से 8 का वर्क लोड गणना करने पर टीजीटी शिक्षकों व उच्च विद्यालयों के विद्यार्थियों को ही नुकसान होगा। जहां एक तरफ टीजीटी शिक्षकों का विद्यालय जबरन बदला जाएगा वहीं उन स्कूलों में कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होगी क्योंकि उन स्कूलों में पीजीटी अध्यापकों के विभिन्न विषयों के पद पहले से ही खाली हैं।

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