29 मई 2020

दामाद ने किया खुलासा : अस्पताल में जाने से पहले आारएमपी के पास दवा लेने गई थी सास

18 हेल्थ वर्करों ने 118 घरों में पहुंचकर 605 लोगों का स्वास्थ्य जांचा, किसी में नहीं मिले कोरोना के लक्षण
डबवाली(लहू की लौ)कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद कंटेनमेंट जोन बनाए गए डबवाली के रविदास नगर की गली नं. 1,2,3,4 तथा प्रेमनगर की गली कंदूखेड़ा वाली में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की छह टीमों ने डोर-टू-डोर जाकर सर्वे किया। बताया जाता है कि 118 घरों में 605 लोगों की जांच की गई। प्रत्येक टीम में 1 एएनएम, एक आशा तथा एक आंगनवाड़ी वर्कर शामिल थी। बताया गया है कि जांच के दायरे में आने वाले लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं। चिंताजनक बात यह है कि पॉजिटिव मिली महिला में भी लक्षण नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एतिहात के तौर पर 56 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त बफर जोन घोषित गूगामेडी तथा राजीव नगर में जागरुकता अभियान चलाया गया। सात टीमों में शामिल 14 आशा तथा आंगनवाड़ी वर्कर ने घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक किया।
प्रेमनगर में आरएमपी के पास गई थी महिला
इधर कोरोना पॉजिटिव मिली महिला के दामाद ने स्वास्थ्य विभाग को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उसके अनुसार वह बाइक पर अपनी सास को लेकर अस्पताल गया था। चिकित्सकों ने उसकी सास को एंबुलेंस में बैठते हुए कहा कि छोटा सा टेस्ट है। उसके बाद परिवार को जांच के लिए सिरसा ले गए। मुझे यह नहीं बताया गया कि कोरोना पॉजिटिव है। करीब दो माह में सास को कुछ नहीं हुआ था, तो फिर अस्पताल में इलाज के लिए जाते ही क्या हो गया? उसकी सास प्रेमनगर में एक आरएमपी के पास भी दवा लेने गई थी। स्वास्थ्य विभाग उसे ढूंढऩे के नाम पर नंबर बना रहा है। जबकि उसकी सास पढ़ी-लिखी नहीं है। वह मोबाइल नंबर नहीं लिखवा सकती।
साबुन तक नहीं मिली, पर खाना अच्छा है
आइसोलेशन वार्ड से मोबाइल पर बात कर रहे डबवाली निवासी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कहता है कि कुछ देर बार साबुन से हाथ धोने चाहिए। लेकिन यहां ह
में रखा गया है, वहां साबुन नहीं थी। वे जब से आए हैं, तब से साबुन मांग रहे थे। बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे एक साबुन मिली है। हालांकि अस्पताल में खाना अच्छा मिल रहा है। उन्हें बताया गया है कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आज शाम या फिर शुक्रवार को आएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने दावा झूठलाया
इधर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में आते ही कोरोना होने के दावे को झूठलाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के 3 से 5 दिन के बाद यह गले में उतरता है। कफ होने लगती है। महिला जिस दिन दवा लेने आई, उसी दिन उसके सैंपल लिए गए थे। ऐसे मरीजों की कनेक्ट हिस्ट्री जानना बहुत मुश्किल होता है। चूंकि उन्हें ही पता नहीं होता कि वे किसके संपर्क में कब आ गए।

कोई टिप्पणी नहीं: