27 मई 2020

ये कैसा कानून....सामान अपराध पर बैंक मैनेजर को 200, रेहड़ी वाले को 500 रुपये जुर्माना



रेहड़ी वालों पर फिर चला नगरपरिषद का डंडा, सीएम को लिखी शिकायत- हमें प्रताडि़त किया जा रहा, एसडीएम समेत नप अधिकारियों से हो नुकसान की भरपाई 

डबवाली(लहू की लौ)मंगलवार को नगरपरिषद का डंडा खूब चला। निशाना बने फल-सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले। दनादन 22 रेहडिय़ां जब्त कर ली गई। कम्युनिटी हाल में लेजाया गया। उनमें से छह लोग 500-500 रुपये जुर्माना भरकर रेहड़ी वापिस ले गए। बचे 16 लोगों ने नगरपरिषद के एसआइ संदीप बुंदेला को गुहार लगाई तो उन्होंने एसडीएम कार्यालय भेज दिया। एसडीएम कार्यालय ने दो टूक कहा फाइन भरो, रेहड़ी लेजाओ। दोपहर बाद तक रेहड़ी वाले एक से दूसरे कार्यालय के चक्कर काटते रहे। शाम को कम्युनिटी हाल में रेहड़ी वालों के समर्थन में पार्षद पहुंचे तो बवाल खड़ा हो गया। रेहड़ी चालकों ने सीधा सवाल किया कि सब्जी-फल खराब हो रहे हैं, इसका जिम्मेवार कौन है? एसआइ ने जवाब दिए बगैर असमर्थता जता दी कि एसडीएम के आदेश 500-500 रुपये जुर्माना वसूलने के हैं। अगर जुर्माना देंगे तो रेहड़ी लेजाने दूंगा। रेहड़ी वाले यह कहकर बाहर आ गए कि एक रेहड़ी पर दो लोग काम करते हैं। दोनों को प्रतिदिन 400-400 रुपये दिहाड़ी दे दो, वे रेहड़ी लगाएंगे ही नहीं।
रेहड़ी संचालक काना राम, अरुण, अजय कुमार, जीवन शर्मा, पंकज, काली, सत्यवान, जोनी कुमार, अखिलेश कुमार, रवि, राजू, मदन लाल, बसंत कुमार, राजकुमार, सुरेंद्र पाल, पवन, काला नारंग आदि ने एसडीएम तथा नगरपरिषद अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी है। शिकायत में उन्होंने अधिकारियों पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। रेहड़ी चालकों ने नुकसान की भरपाई उपरोक्त अधिकारियों से करवाने की मांग की है।

अपराध सामान, फिर कार्रवाई क्यों जुदा
नगरपरिषद का कहना है कि रेहड़ी वालों के कारण भीड़ जमा होती है, इससे डिस्टेंस टूटता है। इसलिए उन पर 25000 रुपये तक जुर्माना ठोका जा सकता है। वहीं नगरपरिषद ने मंगलवार को ही एचडीएफसी, पीएनबी तथा एसबीआइ मैनेजर के चालान किए। जानकर ताज्जुब होगा कि उन्हें 200-200 रुपये जुर्माना किया गया है। क्योंकि वहां भीड़ थी। डिस्टेंस का नियम टूट रहा था। सवाल उठता है कि जब अपराध सामान था, तो फिर कार्रवाई क्यों जुदा।

एसडीएम 11.30 बजे मुख्य बाजार तथा चौटाला हाईवे पर राऊंड पर निकले थे। उन्होंने रेहडिय़ां लगी देखी तो जब्त करने के आदेश दिए। उनके आदेशों की पालना करते हुए मैंने रेहडिय़ां जब्त की हैं। सामान लेजाने के लिए कहा था, लेकिन लोग लेकर नहीं गए। जब तक 500-500 जुर्माना नहीं भरते, तब तक रेहडिय़ां नहीं छोड़ी जाएंगी। आज बैंकों के चालान किए हैं, उन्हें 200-200 जुर्माना किया गया है।
-एसआइ संदीप बुंदेला, नगरपरिषद डबवाली

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