13 नवंबर 2009

सफाई और स्ट्रीट लाईट व्यवस्था को लेकर फिर गरजे पार्षद

डबवाली (लहू की लौ) स्थानीय नगरपालिका की मासिक बैठक वीरवार को पालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये।
यह जानकारी देते हुए पालिका सचिव कृष्ण नागपाल ने बताया कि बैठक में 40 लाख रूपये की स्टेट फाईनेंस ग्रांट और डेढ़ करोड़ रूपये की लोकल एरिया डेवल्पमेंट स्कीम के तहत प्राप्त हुई राशि को तकनीकी आधार पर मंजूरी मिलने के बाद नगर की विभिन्न गलियों के विकास पर खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
उनके अनुसार बैठक में गांव डबवाली के सरपंच हरचरण सिंह के अनुरोध पर गांव की हड्डा रोड़ी को सांझे तौर पर प्रयोग करने के लिए हड्डा रोड़ी के चारों ओर नगरपालिका द्वारा चारदीवारी करना स्वीकार करते हुए इस पर खर्च होने वाली तीन लाख रूपये की राशि के संबंध में प्रस्ताव पारित करके उपायुक्त के पास भेजा गया। इसके अतिरिक्त चेतक रोड़ और जीटी रोड़ पर लगी स्ट्रीट लाईट के लिए एक सीढ़ी खरीदने हेतू प्रस्ताव पारित किया गया।
नगरपालिका द्वारा गुरूद्वारा, डॉ. अग्निहोत्री तथा प्रवीन कुमार को मोल दी गई भूमि की रजिस्टरी करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। जिसमें पार्षद विनोद बांसल, गुरजीत सिंह तथा एमई रमेश कम्बोज को मनोनित किया गया।
उन्होंने आगे बताया कि कमर्शियल हाऊस टैक्स के लिए नये बने कमर्शियल यूनिटों का सर्वे करवा कर उनसे गृहकर वसूले जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
जानकार सूत्रों के अनुसार नगरपालिका की यह मासिक बैठक भी हंगामेदार रही। जिसमें पार्षदों ने सफाई और स्ट्रीट लाईट व्यवस्था को लेकर खूब शोर-शराबा किया। पार्षद गुरजीत सिंह ने नगर की सफाई व्यवस्था पर चिन्ता प्रकट करते हुए सफाई ठेका तुरन्त रद्द किये जाने और तीनों सफाई दरोगा को निलम्बित किया जाये। इस पर सभी पार्षदों सत्ता और विपक्ष ने समर्थन दिया। लेकिन इसके बावजूद भी पता चला है कि नगरपालिका अध्यक्षा ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। बैठक में 17 पार्षद हाजिर थे। इस मौके पर टेक चन्द छाबड़ा, गुरजीत सिंह, विनोद बांसल, रमेश बागड़ी और जगदीप सूर्या ने आरोप लगाया कि नगरपालिका के सफाई कर्मचारी सुबह वार्डोँ की गलियों की सफाई के लिए वार्ड अनुसार पार्षदों को सौंपे गये चार सफाई कर्मचारी तो गलियों में आते हैं लेकिन शाम को उनको बगार का कह कर गलियों में नहीं भेजा जाता। इन पार्षदों के अनुसार वास्तविकता यह है कि यह सफाई कर्मचारी नगरपालिका का काम न करके रोड़ सफाई ठेकेदार का काम करते हैं। जिससे गलियों की सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है और इसके लिए संबंधित पार्षदों को वार्डवासियों की खरी-खोटी सुननी पड़ती है। बैठक में इसकी जानकारी लेने के लिए सफाई दरोगों को तलब किया गया। वह पार्षदों को इस संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये। इससे भी पार्षदों में रोष बैठक के दौरान छाया रहा। इस मौके पर सफाई ठेकेदार को भी तलब किया गया।

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