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29 नवंबर 2024

डबवाली में सीसीटीवी कैमरे बने भ्रष्टाचार का शिकार, सुरक्षा के नाम पर लाखों की लूट


डबवाली (लहू की लौ)नगर परिषद द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं। करीब चार साल पहले नगर परिषद ने शहर में अपराधिक घटनाओं पर काबू पाने के लिए लगभग 128 कैमरे लगाए थे, लेकिन अब इनमें से सिर्फ 5 कैमरे ही चालू हैं। लाखों रुपये खर्च कर लगाए गए इन कैमरों का रखरखाव पुलिस और नगर परिषद के बीच की खींचतान में फंसा हुआ है।

यह मामला तब सामने आया जब शहर में वारदातें बढऩे के कारण तत्कालीन डीएसपी कुलदीप सिंह बैनिबाल ने नगर परिषद को कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर परिषद ने करीब 50 लाख रुपये खर्च कर डबवाली में कैमरे लगाए, ताकि शहर को तीसरी आंख की नजर से सुरक्षित किया जा सके। लेकिन ये कैमरे भी शुरू होने के बाद कुछ ही महीनों में खराब हो गए। अब इस भ्रष्ट व्यवस्था ने शहरवासियों की सुरक्षा को सवालों के घेरे में डाल दिया है।

नगर परिषद और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर कैमरों की मरम्मत की जिम्मेदारी डाल रहे हैं, जबकि जब कोई घटना घटती है, तो पुलिस दुकानों और अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेकर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश करती है। ऐसे में पुलिस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अधिकांश कैमरे बंद पड़े हैं और कई घटनाओं की जांच मुश्किल हो गई है। चाहे वह ठगी हो, मोटरसाइकिल चोरी हो या फिर स्नैचिंग की वारदात हो, इन कैमरों के खराब होने से पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं।


एसपी कैमरों को लेकर गंभीर

पूर्व एसपी सुमेर सिंह भी नगर परिषद को कैमरों की स्थिति को लेकर चेतावनी दे चुके थे, और अब भी वही हालात बने हुए हैं। इस मामले में एसपी सिद्धांत जैन गंभीर नजर आ रहे हैं, और उन्होंने इस कैमरों को सही करवाने के लिए वीरवार को बैठक भी की है।


भ्रष्ट तंत्र का भंडाफोड़ हो सकता है।

सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जब कैमरे लगाए जा रहे थे, तो उस वक्त बड़े पैमाने पर कमीशन की चर्चा थी। अगर इन कैमरों की सही तरीके से जांच की जाए, तो इस भ्रष्ट तंत्र का भंडाफोड़ हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि इस जांच को कौन करेगा।


नगर परिषद का बयान

हमारी और से पुलिस प्रशासन के कहने पर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिनका कंट्रोल रूम शहर थाना में स्थित है। कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है। हम उच्च अधिकारियों से बात कर इसे जल्द सही करने का प्रयास करेंगे।

-राजेंद्र सोनी, ईओ, नगर परिषद, डबवाली


 एसपी सिद्धांत जैनका बयान

सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल शहर थाना में है, लेकिन इनकी मेंटेनेंस और वैधता की जिम्मेदारी नगर परिषद की है। हम खुद इन्हें ठीक करवाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए आज बैठक भी हुई है, और हम जल्द इसे शुरू करने का प्रयास करेंगे।

- सिद्धांत जैन, एसपी, डबवाली


इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश अब समय की बात है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या फिर इस मामले में भी सबकुछ उसी ढर्रे पर चलता रहेगा।

15 जून 2020

पैसा मिले तो नशा तस्कर का रिमांड नहीं लेती पुलिस

कालांवाली थाना में सामने आया मामला, आरोपित के भाई ने किया आइओ का स्टिंग
डबवाली(लहू की लौ)पैसा मिल जाए तो पुलिस नशा तस्करी के आरोपित का रिमांड लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाती। ऐसा मामला कालांवाली थाना से सामने आया है। नशा तस्करी में पकड़े गए आरोपित के भाई ने पुलिस का स्टिंग कर डाला। स्टिंग 9 जून 2020 को कालांवाली थाना में किया गया। स्टिंग में मामले के आइओ पूनम चंद उससे पैसे पकड़ते नजर आ रहे हैं। आइओ अधिक पैसों के लिए दबाव बना रहा है। वीडियो में वह साफ कह रहा है कि ऊपर से लट्ठ है, आपके वाले को बचा रहा हूं।
स्टिंग करने वाले गांव सिंघपुरा निवासी सूबा सिंह ने पुलिस के आला अधिकारियों को शिकायत भेजकर पूनम चंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उसने एंटी नारकोटिक सैल सिरसा के तीन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
सूबा सिंह के अनुसार उसके भाई कुलदीप के खिलाफ 8 जून को राजनीतिक साजिश के तहत एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
पुलिस ने परिवार के अन्य सदस्यों पर झूठा मुकद्दमा बनाने की धमकी दी थी। नारकोटिक सैल ने 2 लाख रुपये की मांग की थी। सेटिंग 90 हजार रुपये में हुई थी। आढ़ती से पैसे लेकर उसने सैल को दिए थे। उसके बाद आइओ पूनम चंद ने पैसों की मांग की थी।
9 जून को कालांवाली थाना में पूनम चंद को छह हजार रुपये देते हुए वीडियो बनाई है। वह जांच अधिकारी के समक्ष वीडियो प्रस्तुत करेगा। बता दें, 8 जून को एंटी नारकोटिक सैल सिरसा के एएसआइ अशोक कुमार ने तलवंडी साबो निवासी हरदीप, सिंघपुरा निवासी कुलदीप को नशे में प्रयोग होने वाली 3000 गोलियों समेत काबू किया था। कालांवाली थाना में दर्ज हुई एफआइआर में पुलिस ने जिक्र किया था कि बरामद नशे में उपरोक्त दोनों पार्टनर हैं।

वीडियो में आइओ पूनम चंद तथा शिकायतकर्ता की बातचीत के मुख्य अंश
आइओ : कितने हैं।
शिकायतकर्ता : छह हजार हैं।
आइओ : छह से काम नहीं चलेगा, 10 तो करने पड़ेंगे (जेब में पैसे डालते हुए)। मैंने उसे 10 का कहा है। इतने तो उसे देने पड़ेंगे। मेरी बात सुन ले भाई, साहब कहता है रिमांड लिया दोनों का। मैंने कहा कि छोड़ो एक का ही रिमांड लूंगा। तेरी कसम मैं झूठ नहीं बोलता।
शिकायतकर्ता : परमात्मा की कसम बड़ी मुश्किल से इक्ट्ठे करके लाए हैं।
आइओ : मेरे भाई मुझे शाम तक दे दे, मैंने इनको पेश करना है।
शिकायतकर्ता : शाम तक कर देंगे। ये दोनों के कपड़े हैं। दूसरे का रिमांड भी न लो। उससे भी कुछ दिला देंगे।
आइओ : मेरी मजबूरी है, ऊपर से लट्ठ है। आपके वाले को बचा रहा हूं।



फस्र्ट आइओ से जांच सेकंड आइओ के पास आती है। मेरा काम वेरिफाइ करना होता कि कितना नशा पकड़ा है। आरोपितों ने नहीं बताया कि उससे पैसे मांगे गए थे। किसी तरह के स्टिंग के बारे में जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी।
-राजा राम, प्रभारी, कालांवाली थाना

शिकायतकर्ता क्रीमिनल हैं। कुछ समय पहले मुखबरी के आधार पर मैंने संबंधित के घर छापा मारा था। उस समय गोलियां तो नहीं मिली, लेकिन नजायज शराब बरामद हुई थी। कालांवाली थाना में मुझे आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने आए थे। अन्य जो वार्तालाप हुआ है, वह व्यक्तिगत मैटर है। पुलिस कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया है। मैंने किसी से कोई पैसा नहीं मांगा, न ही किसी से लिया है।
-आइओ पूनम चंद, सिंघपुरा पुलिस चौकी