11 जून 2020

सेनिटाइजर सवामणी प्रसाद और उसे भोग स्वरूप लगाने पर धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कड़ी निंदा की

सिरसा (लहू की लौ) लॉकडाउन प्रक्रिया के बाद तथाकथित नेता द्वारा अग्रोहा मंदिर के कपाट खोलकर सेनिटाइजर सवामणी प्रसाद और उसे भोग स्वरूप लगाने पर धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कड़ी निंदा की है।
ज्ञात रहे कि पिछले कुछ समय से उक्त नेता द्वारा अपने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर मंदिर के कपाट खोलकर सेनेटाईजर का प्रसाद के रूप भोग व सवामणी लगाई गई थी और उक्त नेता द्वारा ही स्वयंभू प्रचार के लिए सवामणी भोग की फोटो सहित प्रैस विज्ञप्ति भी मीडिया को जारी की गई थी। इस मामले पर अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने खुद सामने आकर कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि कोविड-19 के चलते मंदिर को सैनेटाइज करने की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन सैनिटाइजर को प्रसाद बताकर भगवान का भोग लगाया जाना अत्यंत निंदनीय है। बुवानीवाला ने कहा कि मेरे स्व. पिता भगीरथमल बुवानीवाला जी मंदिर के संस्थापक सदस्य थे जिस कारण न केवल सामाजिक और धार्मिक बल्कि नीजि तौर से भी इस घटना ने मुझे आहत किया है। उन्होंने कहा कि कुछ चापलूस लोगों का गिरोह मंदिर को नीजि संपत्ति समझ बैठा है और अपने प्रचार के लिए ऐसे घृणित कार्य को अंजाम दे रहा है। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बुवानीवाला ने कहा कि पवित्र अग्रोहा धाम देशभर के करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है, जिसे वैश्य समाज का पांचवा धाम तक माना जाता है। बुवानीवाला ने कहा कि कोरी पब्लिसिटी के चक्कर में पिछले तीन दिन से तमाशे के रूप से इस कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है, जो सिर्फ भगवान का अपमान ही नहीं बल्कि भगवान के भक्तों की आस्था का भी अपमान है।
अग्रवाल वैश्य समाज की महिला प्रदेश अध्यक्षा सुशीला सर्राफ ने भी तीखी प्रक्रिया देते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए जिन लोगों ने इस अशुद्ध व अशोभनीय काम को अंजाम दिया है प्रशासन को उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि खुद की राजनीति चमकाने के चक्कर में ये लोग भविष्य में हिंदू धर्म की धार्मिक आस्थाओं को आहत न कर सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाना किसी भी नेता को शोभा नहीं देता। इसलिए उक्त नेता को सार्वजनिक तौर पर लोगों की भावनाएं आहत करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
वहीं नगर परिषद हिसार के पूर्व अध्यक्ष हनुमान ऐरन ने भी अग्रोहा धाम की मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाले स्वयंभू नेता को धाम के सभी पदों से तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अग्रोहा धाम मंदिर में भगवान को अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर का भोग लगाकर व उसके साथ फोटो खिंचवाकर उसका प्रचार करके स्वयंभू नेता ने राजनीतिक चमकाने के चक्कर में भगवान तक को नहीं छोड़ा है। हनुमान ऐरन ने कहा कि पिछले दो माह से अग्रवाल समाज सहित सभी लोगों की आस्था का केंद्र अग्रोहा धाम को उक्त नेता ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब उक्त स्वयंभू नेता ने अग्रवाल समाज की कुलदेवी तक की गरिमा का ख्याल नहीं रखा और अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर की सवामणी लगाकर उसका भोग उन्हें लगावा दिया। उक्त नेता ने ऐसा करके अग्रोहा धाम की मर्यादा और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है।
अग्रवाल सभा सिरसा के उपप्रधान विष्णु सिंगला ने भी अग्रोहा धाम मंदिर में शराब (अल्कोहल) युक्त सैनिटाइजर  से सवामणी बना भगवान को भोग स्वरूप लगाए जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सिंगला ने कहा कि कोविड-19 के चलते मंदिर को सैनेटाइज करने की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन सैनिटाइजर को प्रसाद बताकर भगवान का भोग लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पवित्र अग्रोहा धाम देशभर के न केवल अग्रवाल समाज बल्कि सभी लोगों की आस्था का केन्द्र है,  सिंगला ने कहा कि अग्रवाल समाज हिंदू धर्म की रक्षा में अग्रणी व भगवान में विशेष आस्था रखने वाला समाज है। लेकिन कुछ लोग भगवान को अशुद्ध भोग व सवामणी लगाकर ऐसे अशोभनीय कृत्य को अंजाम दे रहे है जो अत्यंत शर्मनाक है। सिंगला ने कहा कि अग्रवाल समाज इस कृत्य की निंदा करता है व दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की मांग करता है।   

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