31 जनवरी 2017

जाट आंदोलन

सरकारी कार्यालय के चौकीदार को पता हो पुलिस थाना, चौकी के नंबर
-एसडीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक करके दिए आदेश
-गांव में हिंसा होने पर प्रतिनिधि के खिलाफ होगी कार्रवाई
डबवाली (लहू की लौ) आप घर चले जाते हो, पीछे कार्यालय में चौकीदार अकेला रह जाता है। कई बार ऐसी परिस्थिति आती है, जब कोई सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने पहुंच जाता है। डर के मारे चौकीदार भाग जाता है। उसे समझ नहीं आता, वह क्या करे। उस समय चौकीदार के पास संबंधित पुलिस थाना या चौकी के नंबर नहीं होते। इसलिए आपका फर्ज है, चौकीदार के पास पुलिस अधिकारियों के नंबर हो।
जाट आंदोलन के चलते ऐसे निर्देश एसडीएम डॉ. संगीता तेत्रवाल ने बैठक के दौरान अधिकारियों, नंबरदारों, पटवारियों तथा कानूनगो को दिए। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि जाट आंदोलन के दौरान अगर किसी गांव में हिंसा होती है तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित नंबरदार, पटवारी तथा कानूनगो की होगी। समय रहते सूचना न देने की स्थिति में प्रशासन कार्रवाई अमल में लाएगा।
उन्होंने कहा कि गांव में कोई झगड़ा होता है तो उसे मौजिज लोगों की सहायता से गांव में ही निपटाने का प्रयास करें। गांव में किसी तरह की अफवाह न फैलने दें। पूरी तरह से नजर रखें। बिना अनुमति किसी को धरना, प्रदर्शन न करने दें। अगर कोई नियमों के खिलाफ चलता है तो प्रशासन को बताएं। एसडीएम ने अदालत द्वारा जारी की गई गाईडलाईंस के बारे में बताते हुए कहा कि ग्रामीणों को साफ समझाएं की अगर कोई सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाता है तो पूरा मुआवजा संबंधित से वसूल किया जाएगा।

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