22 नवंबर 2014

गांव डूमवाली में कब्जा कार्रवाई पर बुरे फंसे संगत के बीडीपीओ, एसडीएम ने मांगा जवाब




जेसीबी पर पथराव, आगे लेटी महिलाएं

डबवाली (लहू की लौ) पंचायती भूमि से कब्जा हटाने का बहाना करके भारी पुलिस बल के साथ गांव डूमवाली पहुंचे संगत (बठिंडा) के बीडीपीओ को ग्रामीणों के विरोध के साथ-साथ एसडीएम बठिंडा की फटकार सहनी पड़ी। कब्जा लेने आई टीम को बैरंग वापिस लौटना पड़ा। उधर एसडीएम ने फर्जी कार्रवाई के संदेह में मामले की जांच के आदेश देते हुये बीडीपीओ के खिलाफ उपायुक्त को लिखने की बात कही है।
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे बीडीपीओ संगत जगराज सिंह, संगत थाना प्रभारी रिछपाल सिंह, थाना कोटफत्ता प्रभारी संदीप सिंह तथा सदर बठिंडा प्रभारी गुरदियाल सिंह सहित पुलिस बल के साथ गांव डूमवाली पहुंचे। पंचायती जमीन से कब्जा छुड़ाने के लिये जेसीबी को बुलाया गया। नायब तहसीलदार अवतार सिंह डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात थे। भनक मिलते ही ग्रामीण इक्ट्ठा होना शुरू हो गये। ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच हरपाल सिंह टोनी तथा एडवोकेट भानू प्रताप की मौजूदगी में बीडीपीओ से जवाब तलबी की। पूर्व सरपंच ने कहा कि पंचायती जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। कार्रवाई वहां से शुरू करो, गरीब खुद कब्जा हटा लेंगे। बीडीपीओ ने कहा कि गांव में पंचायत घर बनाने की योजना है। इसके अतिरिक्त कुछ भूमि को पांच-पांच मरलों में बांटकर गरीबों को ही दिये जाने की योजना है। इसलिये जेसीबी चलनी जरूरी है। लेकिन ग्रामीण दबंगों पर कार्रवाई करने की मांग करने लगे।
जेसीबी पर पथराव
ग्रामीणों के विरोध को दरकिनार करते हुये बीडीपीओ ने जेसीबी चलाने के आदेश दिये। जैसे ही जेसीबी आगे बढ़ी ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। जिससे जेसीबी का शीशा टूट गया। महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गई। पुलिस बल डंडे उठाकर ग्रामीणों की ओर बढ़ा। जिस पर महिलाएं पुलिस से जा भिड़ी। मामला बढ़ता देख डयूटी मजिस्ट्रेट ने कार्रवाई रोकते हुये उच्च अधिकारियों को सूचित किया।
रिपोर्ट पेश नहीं कर सका पटवारी
ग्रामीणों तथा प्रशासन में पैदा हुये विवाद की सूचना पाकर एसडीएम दमनजीत सिंह मान तथा डीएसपी जसपाल सिंह मौका पर पहुंचे। एसडीएम ने पटवारी जगदेव सिंह से निशानदेही की रिपोर्ट मांगी। पटवारी रिपोर्ट पेश नहीं कर सका। जिस पर पटवारी को फटकार लगाई। एसडीएम ने बीडीपीओ से जवाब तलबी करते हुये कार्रवाई संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये कहा। बीडीपीओ ने जवाब दिया कि शिकायत के आधार पर 64 कब्जाधारियों को तीन दफा नोटिस जारी किये गये थे। जिस पर ग्रामीणों ने नोटिस मिलने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। एसडीएम ने मामले को संदेहजनक मानते हुये प्रशासनिक अमले को वापिस जाने के आदेश दिये।
संगत थाना प्रभारी रिछपाल सिंह ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एएसआई सुखपालसिंह के ब्यानों पर दर्ज मामले में किरपाल सिंह पुत्र बिशन सिंह, प्रिंस सिंह, गुरमीत सिंह पुत्रान रामनाथ निवासी डूमवाली को गिरफ्तार किया है।

एसडीएम ने बीडीपीओ को पढ़ाया कानून का पाठ
एसडीएम ने बीडीपीओ की खिंचाई करते हुये उसे कानून का पाठ पढ़ाया। एसडीएम ने कहा कि जिस भूमि पर छह माह या ज्यादा समय का कब्जा हो, इस तरह के मामले डीडीपीओ की कंट्रोल में होते हैं। बीडीपीओ इसमें दखलांदाजी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कब्जा कार्रवाई से पूर्व पहले नोटिस देने का नियम है। पहला नोटिस सात दिन का होता है। दूसरा तथा तीसरा नोटिस तीन-तीन दिन का। 

सरपंच को ग्रामीणों ने खदेड़ा
मौका पर आये सरपंच कृष्ण को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया। महिलाओं ने सरपंच को देखते ही विरोध करना शुरू कर दिया। कई ग्रामीण सरपंच के पीछे पड़ गये। ग्रामीणों ने सरपंच को मौका से खदेड़ दिया।

बीडीपीओ की शिकायत उपायुक्त को करेंगे
बीडीपीओ ने कहा था कि नजायज कब्जा हो रहा है, जिसे हटाने जाना है। जिस पर नायब तहसीलदार अवतार सिंह को डयूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया था। उपरोक्त कब्जा कार्रवाई संबंधी कोई दस्तावेज न मिलने पर मामला संदिग्ध लग रहा है। नायब तहसीलदार को मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं। संबंधित बीडीपीओ सहित ग्रामीणों के ब्यान कलमबद्ध किये जाएंगे। बीडीपीओ के खिलाफ उपायुक्त को शिकायत की जायेगी।
 -दमनजीत सिंह मान, एसडीएम, बठिंडा

जमीन पर पंचायतघर बनना था
जमीन पर पंचायत घर बनाया जाना है। मुझे शिकायत मिली थी कि नजायज कब्जा हो रहा है। जिस पर मैंने निशानदेही करवाने के बाद कार्रवाई अंजाम देने का प्रयास किया था।
-जगराज सिंह, बीडीपीओ, संगत

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