25 नवंबर 2014

मां-बाप ज्योतिषी के पास, मासूम सड़क पर

डबवाली (लहू की लौ) रविवार को अपनी कार्य सिद्धी के लिये शहर के एक ज्योतिषी के पास आया परिवार अपने क्लेजे के टुकड़े को भूला बैठा। अपनों से बिछुड़कर चौटाला रोड़ पर रोता बिलखता आया यह बच्चा वाहनों की चपेट में आता-आता बच्चा। कुछ युवकों की नजर बच्चे पर पड़ी। उन्होंने उसे संभाला। बाद में मां-बाप की तालाश कर उन्हें लौटा दिया।
रविवार को बठिंडा से एक परिवार चौटाला रोड़ पर रह रहे ज्योतिषी रमेश सचदेवा के पास आया था। अपने कार्य को निपटाने में लगे परिवार ने बच्चे की ओर ध्यान नहीं दिया। बच्चा गली में आ गया और चौटाला रोड़ पर जा पहुंचा। इसी दौरान अस्पताल की ओर जा रही एक गाड़ी के नीचे आने से बच्चा बाल-बाल बच गया। गाड़ी में सवार जयदीप चौटाला, प्रवीण शर्मा, सोनू शर्मा, दीपांशु सोनी, विक्की ने बच्चे को संभाला। उन्होंने बच्चे के परिजनों की खोज शुरू करते हुये गलियों में अपने मोबाइल नंबर वितरित किये। प्रवीण शर्मा ने बताया कि अगर वे बच्चे को न संभालते तो बच्चे के साथ दुर्घटना घट सकती थी। बाद में बच्चे के परिजन उनके पास आये। जोकि ज्योतिषी रमेश सचदेवा के पास आये हुये थे। उन्होंने ज्योतिषी के घर पहुंचकर बच्चे को लौटा दिया।

कोई टिप्पणी नहीं: