26 जुलाई 2011

जोनल गेम्स में बवाल


डबवाली (लहू की लौ) खालसा स्कूल में जोनल गेम्स के आखिरी दिन रविवार को अण्डर-19 के एक क्रिकेट मुकाबले को लेकर बवाल खड़ा हो गया। मैच का स्थल अखाड़े में तबदील हो गया। खेल प्रभारी ने एक टीम को हारा घोषित करके मैदान से बाहर कर दिया। जिस पर हारी घोषित टीम के सदस्यों ने विरोध करते हुए जांच की मांग की।
जोनल गेम्स के अण्डर-19 का क्रिकेट मुकाबला क्राईस्ट मिशन स्कूल तथा नेहरू सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की टीम के बीच था। इस मुकाबले में नेहरू स्कूल पहले बल्लेबाजी करने उतरा। निर्धारित आठ ओवरों में 44 रन बनाए। पहली पारी समाप्त हुई थी कि नेहरू स्कूल की क्रिकेट टीम के इंचार्ज रविंद्र मांडी ने विरोधी टीम के एक खिलाड़ी को ओवरऐज करार देते हुए इसकी शिकायत गेम्स के सचिव प्रिंसीपल गुरतेज सिंह को कर दी। जबकि यह खिलाड़ी प्लेईंग इलेवन से बाहर था। शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए विद्यार्थियों द्वारा सौंपे गए दस्तावेज चैक किए गए। जिसमें क्राईस्ट मिशन स्कूल की टीम का खिलाड़ी जगताव सिंह ओवरऐज मिला। सचिव गुरतेज सिंह तथा खेल प्रभारी राजन कुमार ने रविंद्र मांडी की शिकायत पर करीब एक घंटा बाद निर्णय सुनाते हुए क्राईस्ट मिशन स्कूल की टीम को हारा करार दे दिया। जिससे हारी घोषित की गई टीम के खिलाफी बिफर गए। उन्होंने गेम्स आयोजकों पर पैसे लेकर हारा घोषित करने का आरोप जड़ दिया। जिससे मामला तूल पकड़ गया। क्राईस्ट मिशन स्कूल की क्रिकेट टीम के कैप्टन पंकज कुमार, खिलाड़ी अमन सिंह, रजत, चरणजीत, गुरदीप, पिं्रस सोनी, सोनू, मानविंद्र, ओमप्रकाश, पंकज गोयल ने बताया कि मैच के आरंभ से ही नेहरू स्कूल की टीम के खिलाड़ी फाइनल में जाने की बात कह रहे थे। जोकि सच हुई। उनके अनुसार जिस खिलाड़ी जगताव सिंह की आयु पर विवाद छिड़ा और उन्हें हराया गया, वह रविवार को हुए उपरोक्त मैच में खेल ही नहीं रहा था। जबकि शनिवार को पिपली के साथ हुए मैच में वह खेला था। उस समय किसी ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं लगाई। इन खिलाडिय़ों ने का कहना है कि मैच शुरू होने से पूर्व खेल रहे खिलाडिय़ों के दस्तावेज चैक किए जाते हैं। इस मैच में भी ठीक वैसा ही हुआ। लेकिन सेमीफाइनल मैच की एक पारी खत्म होने के बावजूद स्टेडियम से बाहर बैठे खिलाड़ी पर ऑब्जेक्शन लगाकर उन्हें हरा दिया जाना कहां तक उचित है। खिलाडिय़ों ने अपनी हार के पीछे घूसखोरी का आरोप लगाया।
इस संबंध में नेहरू क्रिकेट टीम के इंचार्ज रविंद्र मांडी ने बताया कि जब उन्होंने दस्तावेज की जांच की तो जगताव सिंह उन्हें ओवरऐज मिला। जिसका उन्होंने गेम्स सचिव तथा प्रभारी के समक्ष एतराज किया। अधिकारियों ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए उनकी टीम को विजेता घोषित कर दिया। अपनी टीम की पारी समाप्त होने के बाद एतराज करने की बात को वे टाल गए।
गेम्स प्रभारी राजन कुमार ने क्राईस्ट मिशन स्कूल के खिलाडिय़ों द्वारा लगाए गए आरोप को निराधार बताया। उन्होंने बताया कि उनके पास नेहरू क्रिकेट टीम के इंचार्ज रविंद्र मांडी की शिकायत आई थी। दस्तावेज की जांच करने पर क्राईस्ट मिशन स्कूल की टीम का एक खिलाड़ी निर्धारित आयु से बड़ा पाया गया। अनियमितता मिलने पर खेल सचिव ने कार्रवाई करते हुए नेहरू स्कूल की टीम को विजयी घोषित कर दिया।

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