23 जनवरी 2011

मायावती न होकर माया की देवी है बसपा सुप्रीमों-कांता आलडिय़ा

डबवाली (लहू की लौ) इंडियन बहुजन संदेश पार्टी (कांशीराम) की राष्ट्रीय अध्यक्षा कांता आलडिय़ा ने कहा कि घोटाले करके देश की जनता को लूटने वालों पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद घोटालेखोर राजनीतिक संरक्षण में पल-बढ़ रहे हैं।
वे शनिवार को श्री अन्नपूर्णा रिसोर्ट में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि देश की जनता से लूटा हुआ धन विदेशी बैंकों में पड़ा है। यह धन किसका है, उनके नामों के खुलासे सार्वजनिक होने चाहिए। लेकिन इसके बावजूद केन्द्र की कांग्रेस सरकार नामों के खुलासे करने में आनाकानी कर रही है। चूंकि कांग्रेस के कुछ हाईप्रोफाइल नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में कार्यकर्ता की कोई कद्दर नहीं है, केवल पैसा देखा जाता है। साल 1985 से 1992 तक उन्होंने भी बसपा के लिए कार्य किया। उसी समय बसपा की असली तस्वीर उनके सामने आई। बसपा की सुप्रीमों मायावती नहीं, मायादेवी हैं। माया के लिए वह कोई भी समझौता करने से नहीं चूकतीं।
आलडिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर रोहतक में दिल्ली रोड़ पर पांच एकड़ में पार्क बनाकर बाबा साहिब की प्रतिमा लगाने का वायदा किया था। लेकिन प्रदेश सरकार अपने वायदे से मुकर रही है। इसी के चलते इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के कार्यकर्ता 26 जनवरी को सीएम सिटी रोहतक में तिरंगा नहीं फहराने देंगे। एक सवाल का जवाब देते हुए कान्ता आलडिय़ा ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। लाल चौक में तिरंगा फहराने का विरोध गलत है। विरोध जताने वाले लोगों का साथ देने का मतलब अलगाववादियों का साथ देना है।
उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने प्रदेश के गरीबों से कुछ वायदे किए थे। जो आज तक पूरे नहीं हुए हैं। वायदों की याद दिलाने के लिए पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ डेरा डालो अभियान शुरू किया है। इसी के अन्तर्गत आगामी 15 मार्च को कुरूक्षेत्र तथा 14 अप्रैल को अम्बाला में पार्टी वर्कर डेरा डालकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा प्रदेश में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं। मिर्चपुर कांड, हिसार कांड सीएम के बुने हुए हैं। वे प्रदेश के जाटों के हितैषी होने की बजाए, उन्हें खोखला कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्षा ने आरोप लगाया कि राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए राजमार्ग जाम, रेलवे मार्ग जाम आंदोलनकारी नहीं, बल्कि कांग्रेस के गुण्डे करते हैं। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां, राजेश लठवाल, शिवचरण सैनी, पटेल सिंह, सुनील दहिया, कर्मपाल चौधरी, राजू कोल, रामेश्वर दाबड़ी, जिया लाल, रामभज सनेहडी, रतन सिंह आदि उपस्थित थे।
विवाद खत्म
गांव पन्नीवाला मोरिकां में दलितों से कथित मारपीट करके उनका मुंह काला कर घूमाने की घटना को सुलझाने का स्पष्टीकरण देते हुए इंडियन बहुजन संदेश पार्टी (कांशीराम) की राष्ट्रीय अध्यक्षा कान्ता आलडिय़ा ने कहा कि पार्टी प्रदेश में सौहार्द का माहौल कायम रखने पर विश्वास रखती है। बेवजह राजनीतिक रोटियां सेंकने में विश्वास नहीं रखती। इसी मकसद से हल्का डबवाली के गांव पन्नीवाला मोरिकां में चल रहा विवाद शांत हो गया। उन्होंने बताया कि दलित समाज से संबंध रखने वाले जगसीर सिंह तथा मक्खन सिंह ने टिण्डे चोरी के अपराध को स्वीकार कर लिया। जबकि दूसरे पक्ष के जगदीप, बंसी सिंह, अमरीक सिंह, सर्वजीत सिंह, मलकीत सिंह, काका सिंह ने भी अपनी गलती को मान लिया। साथ में जगदीप बगैरा से 51-51 हजार रूपए जगसीर सिंह तथा मक्खन सिंह को दिलाए गए हैं। जबकि 21,000 रूपए गौशाला को दिलाए गए हैं।

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