13 नवंबर 2010

गंगा में बह रही है दारू की गंगा

डबवाली (लहू की लौ) शराब के नशे में धुत्त होकर मंदिर में अण्डे, शराब फेंकने और मिट्टी का तेल डालकर धार्मिक ग्रंथ को जलाने का प्रयास करने वाले के परिवार को मंदिर में सेवा करने की सजा मिली है। यह सजा समझौता करवाने बैठी पंचायत ने सुनाई। सजा तब तक जारी रहेगी जब तक आरोपी मंदिर में शुद्धिकरण के लिए पूजा-पाठ, लंगर नहीं लगाता।
गांव गंगा में बने भगवान वाल्मीकि मंदिर में शराब, अण्डे फेंकने तथा मिट्टी का तेल डालकर धार्मिक ग्रंथ को जलाने का प्रयास करने से दलित समाज उठ खड़ा हुआ था। जिसके चलते गांव में तनाव की स्थिति पैदा हुई। इस घिनौने कार्य के पीछे एकमात्र कारण शराब था। शराब के नशे में चूर हाकर राजू उर्फ लम्बू (25) पुत्र गुरदित्त सिंह ने इस कार्य को अंजाम दिया था। वह अपने पिता के साथ मंदिर के सामने अपने घर में शराब का अड्डा जमाए हुए था। पंचायत के निर्णय के बाद उसने अपना अड्डा उठाने का आश्वासन दिया।
छोटे से गांव में शराब ठेका होने के साथ 13-14 ब्रांचे हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक गली में शराब का कारोबार चलता है। कुछेक ने तो घर पर ही दारू का अड्डा जमा लिया है। गांव में चल रहे इस गोरखधंधे की परतें शुक्रवार को गोरीवाला पुलिस चौकी में खुलती गईं। यह सुनकर हाथ पर हाथ धरे बैठी पुलिस के भी कान खड़े हो गए।
गांव के सरपंच गुरदित्ता सिंह ने स्वीकार किया कि गांव में शराब ठेका होने के साथ तेरह-चौदह ब्रांचे कार्यरत हैं। ग्रामीणों के एतराज करने पर पुलिस को इस संबंधी लिखकर दे दिया है। नजायज शराब बेचने वाले के खिलाफ पंचायत कानूनी कार्रवाई कराएगी।
गांव गंगा में शराब ठेका के मालिक कालू राम ने बताया कि उन्होंने गांव में ठेका खोलने के अतिरिक्त ब्रांचे खोली हुई हैं। यदि ग्रामीणों को एतराज है, वे ब्रांच उठा लेंगे।
गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई रमेश कुमार ने बताया कि आज ही उन्हें गांव में शराब की अवैध बिक्री की जानकारी मिली है। पंचायत ने भी अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नजायज तरीके से शराब बेचने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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