19 नवंबर 2009

हांसी-बुटाना मुद्दे पर दलगत राजनीति को त्याग कर सभी एक मंच पर इक्ट्ठे हों-रवि चौटाला

सिरसा (लहू की लौ) भाखड़ा नहर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रवि चौटाला ने दो टूक कहा है कि हांसी बुटाना नहर का उद्घाटन किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा। अगर उन्हें इसके लिए अपनी जान की बाजी भी लगानी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
वे बुधवार को होटल जयविलास में पत्रकारों से मुखातिब रवि चौटाला ने कहा कि हांसी-बुटाना नहर बनने से सबसे ज्यादा नुकसान सिरसा और फतेहाबाद के लोगों को होगा। उन्होंने बताया कि भाखड़ा शाखा माइनर से सिरसा और फतेहाबाद को 4200 क्यूसिक पानी की आपूर्ति होती है, जबकि इसी नहर से निकाली जा रही हांसी-बुटाना नहर को 2086 क्यूसिक पानी दिया जाएगा और इसी नहर को पानी के रिसाव से 200 क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा। ऐसे में सिरसा जिला को केवल 1900 क्यूसिक पानी की आपूर्ति ही हो पाएगी। इससे जिला में पानी का संकट और गहरा जाएगा।
रवि चौटाला ने कहा कि जिला के विभिन्न गांवों में अभी से ही पानी की घोर किल्लत बनी हुई है। ग्रामीण 600 रुपए प्रति टैंकर खरीदने पर मजबूर हैं। हांसी-बुटाना नहर शुरू हो गई तो गांव तो क्या शहरवासी भी ट्यूब्वैल के पानी पर निर्भर हो जाएंगे। रवि चौटाला ने कहा कि हांसी-बुटाना नहर के निर्माण की खिलाफत वे राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए नहीं कर रहे हैं, बल्कि जिला वासियों के हित के लिए ही उन्होंने आवाज उठाई है। उन्होंने विभिन्न राजनैतिक दलों का आह्वान किया कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर दलगत राजनीति को त्याग कर एक मंच पर इक्_े हों, ताकि जिला वासियों को भूखों मरने की नौबत न आए।
रवि चौटाला ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार की मंशा ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद हंासी-बुटाना नहर का रिबन काटने की है, लेकिन इधर मुख्यमंत्री नहर का रिबन काटेंगे और उधर वे नहर मेंं मिट्टी डलवाने का कार्य शुरू कर देंगे, चाहे इसका अंजाम कुछ भी हो।
रवि चौटाला ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर आगामी 6 दिसम्बर को डबवाली में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा और एसडीएम को नहर का उद्घाटन न किए जाने की मंाग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी दल अथवा नेता हांसी-बुटाना नहर निर्माण का समर्थन करेगा, भाखड़ा नहर बचाओ संघर्ष समिति उसका डटकर विरोध करेगी।

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