14 अक्तूबर 2009

76 प्रतिशत मतदान

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा विधानसभा के मंगलवार को सम्पन्न हुए चुनाव में डबवाली हल्का में कुल मतदान लगभग 76 प्रतिशत रहा। जोकि रिकॉर्डतोड़ मतदान है। छुटपुट घटनाओं को छोड़कर शान्तिपूर्ण सम्पन्न हुए चुनाव में लोगों ने बिना किसी भय के मतदान किया। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हो गया था। लेकिन प्रारम्भ में इसकी गति धीमी रही और धीमी गति के चलते-चलते शाम 5 बजे तक मतदान 76 प्रतिशत तक पहुंच गया। चुपके से हुआ मतदान डबवाली विधानसभा के मतदाताओं ने अन्तिम समय तक भी अपनी चुप्पी को नहीं तोड़ा। जिसके चलते मतदान के बाद तक भी राजनीतिक मतदाताओं के रूझान को नहीं भांप पाये। सिर्फ राजनीतिक इतना ही कहते रहे कि मुकाबला सख्त है और मुख्य टक्कर में माने जाने वाले डॉ. केवी सिंह तथा अजय सिंह चौटाला ने अपने आपको विजेता घोषित कर दिया। जबकि असली जीत-हार का फैसला तो 22 अक्तूबर को ईवीएम मशीनों बन्द हुआ मतदाताओं का मतदान ही करेगा। भाईचारे में सबकुछ गया निपट डबवाली विधानसभा के चुनाव शान्तिपूर्ण तो सम्पन्न हुए ही लेकिन पहली बार यह भी देखने को मिला कि इनेलो और कांग्रेस के कार्यकर्ता तनाव में कहीं भी दिखाई नहीं दिये। बल्कि इन कार्यकर्ताओं ने आपस में मिल-बैठकर खाना भी खाया और एक-दूसरे से स्वस्थ प्रतियोगिता के सिद्धान्त को अपनाते हुए वोटों की लड़ाई को यहीं समाप्त कर दिया। रात को बंटी शराब और बंटे नोट डबवाली विधानसभा हल्का में सोमवार की रात को भी दिन का नजारा रहा। जब राजनीतिक गलियों में समर्थन पाने के लिए भागदौड़ करते रहे। यहीं नहीं बल्कि शराब और नोट भी बांटते रहे। पता चला है कि 1 हजार रूपये प्रति वोट से कीमत शुरू हुई लेकिन बोली लगने पर 1500 रूपये प्रति वोट से लेकर 5000 तक वोट बिकी और इसके बाद मंगलवार दिन को भी वोटों की खरीद फरोख्त गुप्त रूप से चलती रही और यह रेट बढ़कर 7500 से 10,000 रूपये तक जा पहुंचा। बताया जाता है कि दो पार्टियों ने खूब वोट खरीदे। लेकिन गांव गंगा में तो एक राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी को उस समय शराब लेकर जाना महंगा पड़ा जब गांव के लोग प्रत्याशी की गाडिय़ों पर टूट पड़े और लोगों ने उस प्रत्याशी से स्पष्ट लफ्जों में कहा कि जितनी शराब वह लाया है वापिस ले जाये। गांव का माहौल खराब न करे। दबे पांव प्रत्याशी ग्रामीणों की बात मानकर लौट आया। नाम को सीमाएं सील लेकिन नाका पर कोई नहीं चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से प्रशासन को निर्देश दिये थे कि सीमाएं सील करके नाकों पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाये। ताकि अन्य राज्यों से कोई भी हरियाणा में न घुस सकें। चुनाव से 48 घण्टे पूर्व सीमाएं सील की जानी थी। लेकिन चुनाव के दिन भी सुबह 6 बजे मलोट नाका पर कोई भी पुलिस कर्मी नहीं था। वाहनों की तालाशी लेने वाले कौन? सोमवार रात को जीटी रोड़ पर स्थित रेलवे फाटक के पास वाहनों को रोककर कुछ युवक तालाशी ले रहे थे। इन युवकों के न तो पुलिस की वर्दी थी और न ही किसी को मालूम था कि वे कौन हैं। मजेदार बात तो यह रही कि किसी वाहन चालक ने उनसे यह भी नहीं पूछा कि वे तालाशी कौन है और क्यों तालाशी ले रहे हैं। बताया जाता है कि यह युवक किसी विशेष पार्टी के थे। तालाशी के दौरान रेलवे फाटक पर वाहनों की लम्बी कतार लग गई। देसूजोधा में गोली चली गांव देसूजोधा में मंगलवार सुबह करीब 5.30 बजे एक कार में सवार कुछ लोगों द्वारा फायरिंग किये जाने से गांव में हड़कम्प मच गया। बताया जाता है कि देसूजोधा निवासी कुलदीप उर्फ मिर्जा पुत्र बलराज सिंह ने पुलिस को एक शिकायत देकर आरोप लगाया है कि कुछ कार सवार लोगों ने उसके मकान पर सुबह अचानक करीब 5.30 बजे फायरिंग की। जिससे गोलियां उसके मकान के दरवाजे पर लगी और लोहे के दरवाजे में छेद हो गया। लेकिन गोलियां चलाने वाले उसके शोर मचाने पर भाग खड़े हुए। कांग्रेसी और इनेलो कार्यकर्ताओं में झड़प गांव देसूजोधा आज पूरा दिन संवेदनशील बना रहा। गांव में इनेलो कार्यकर्ताओं ने दो व्यक्तियों को यह कहकर पकड़ लिया कि ये बाहर से आये हुए हैं और गांव का माहौल खराब कर रहे हैं। इस बात को लेकर इनेलो और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई और बाद में यह मामला इतना तूल पकड़ गया कि बाहरी बताये जाने वाले व्यक्तियों को गांव वालों ने धुन दिया। अजय सिंह चौटाला अपने विधानसभा चुनाव क्षेत्र में स्थिति का जायजा ले रहे थे, उसी समय किसी ने उन्हें सूचना दे दी कि गांव देसूजोधा का सरपंच गुरमीत सिंह पप्पू गांव के राजकीय हाई स्कूल में बने बूथ नं. 28 पर बैठा हुआ है और वह किसी पार्टी का पोलिंग एजेन्ट भी नहीं है। इसी सूचना को पाकर मौका पर पहुंचे अजय चौटाला ने सरपंच के वहां बैठने पर एतराज किया और इसकी शिकायत प्रोजाईडिंग ऑफिसर से की जिस पर सरपंच को बाहर निकाल दिया गया। सरपंच से जब इस सम्बन्ध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वह खाना देने के लिए गया था।

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