01 सितंबर 2009

पूजा स्थल विवाद फिर भड़का, महिलाओं ने दी बलिदान की चेतावनी

डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली स्थित जनस्वास्थ्य विभाग हरियाणा डबवाली के पुराने जलघर में बने पूजा स्थल को ढाहने को लेकर उठा विवाद नये मोड़ पर आ गया है। पूजा करने वाले लोग दो हिस्सों में बंट गये हैं और उन्होंने अपना अलग-अलग पूजा स्थल वहीं बनाने का निर्णय ले लिया है।
विवादित स्थल को लेकर मण्डी किलियांवाली निवासी बाली, शरबती, संतोष, भतेरी, बाबू राम, टेकचन्द, धीरज, बनारसी दास, रघुदास आदि ने कहा कि उनके बुजुर्गो ने इस पूजा स्थल को बनाया था। यह पूजा स्थल यहां पर जलघर बनने से पहले का बना हुआ है। उनके अनुसार वाटर वक्र्स स्थल पर पहले कभी छोटा सा जोहड़ हुआ करता था, लेकिन वाटर वक्र्स बनने के बाद यह स्थल हरियाणा बनने के उपरान्त डबवाली नगरपालिका के पास चला गया था। जब नगरपालिका से वाटर वक्र्स जनस्वास्थ्य विभाग को दे दिये गये तो ये स्थल जनस्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत आ गया है। हालांकि इस जमीन की मालिक पंजाब सरकार है और वाटर वक्र्स स्थल पंजाब सरकार ने पटे पर हरियाणा को दिया हुआ है।
उन्होंने कहा कि वाटर वक्र्स के भीतर उनके पूर्वजों द्वारा बनाये गये पूजा स्थल को वे किसी भी कीमत पर हटाने नहीं देंगे। इस पूजा स्थल को कुछ दिन पूर्व गिरा दिया गया था और जनस्वास्थ्य विभाग ने अपने योजना अनुसार यहां पर वाटर टैंक बनाना तय किया हुआ है। सोमवार को उपरोक्त लोगों ने इक्ट्ठे होकर ढहाये गये पूजा स्थल की नींव खोदकर फिर से वहां पर मन्दिर बना दिया।
लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने बताया कि इस विवाद को हल करने के लिए और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मन्दिर बनाने के लिए वाटर वक्र्स में ही एक अन्य स्थान दे दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने स्थल पर जब वाटर टैंक का निर्माण शुरू होगा तब लोगों को वहां से इस पूजा स्थल को हटवाने के लिए मनवा लिया जाएगा।

यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि जो स्थान वाटर वक्र्स में पूजा स्थल के लिये दिया गया है उस पर बसन्ती माता सेवा समिति ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। अब पूजा स्थल को लेकर पूजा करने वाले ही दो भागों में बंट गये हैं। एक पक्ष जिस स्थान पर पहले पूजा स्थ बना हुआ था, उसी पर ही पूजा स्थल बनाने के लिए अडिग ही नहीं बल्कि उसने वहां पर पूजा स्थल बना भी दिया है। जबकि दूसरे पक्ष ने नये दिये गये स्थान पर पूजा स्थल बनाना शुरू कर दिया है। अब दोनों ही पक्ष दोनों ही स्थानों पर पूजा स्थल का निर्माण कर रहे हैं। जबकि जनस्वास्थ्य विभाग मूक बनकर यह सब देख रहा है।

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