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Lahoo Ki Lau
15 अक्टूबर 2025
14 अक्टूबर 2025
13 अक्टूबर 2025
त्योहारी सीजऩ में आम आदमी की जेब पर भारी पीला सोना, चांदी की चमक बढ़ी पर बाज़ार से गायब
एक साल में सोने का भाव 70 हज़ार से 1.28 लाख तक पहुँचा, चांदी ने तीन माह में दिए 65 हज़ार के रिकॉर्ड रिटर्न
रिकॉर्ड तोड़ कीमतों से ज्वैलर्स परेशान, ग्राहक तोलों से सिमटे ग्रामों में
डबवाली (लहू की लौ)दिवाली जैसे बड़े त्योहारों से ठीक पहले सोने और चांदी की कीमतों में आया रिकॉर्ड उछाल आम आदमी के बजट को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। सोने के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जबकि चांदी की चमक बढऩे के बावजूद वह बाजार से लगभग गायब हो गई है।डबवाली के स्थानीय ज्वैलरी बाजार में हालात यह हैं कि लोग चाहकर भी अपनी जेब के हिसाब से सोना-चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं।
सोना आम आदमी की पहुँच से बाहर, चांदी में आया ज़बरदस्त उछाल
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सोना (24 कैरेट) आम आदमी की क्रय शक्ति से बाहर होता जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो नवंबर 2024 में जो सोना 70,000/- प्रति 10 ग्राम था, उसकी कीमत आज बढक़र 1,28,000/- प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई है।
इससे भी चौंकाने वाला उछाल चांदी में देखने को मिला है। तीन माह पूर्व चांदी का दाम 1,10,000/- प्रति किलोग्राम था, जो अब रिकॉर्ड 1,75,000/- प्रति किलोग्राम हो गया है, यानी इसमें 65,000/- की भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
ज्वैलर्स हुए परेशान, बुकिंग से कतरा रहे
सोने-चांदी की कीमतें बढऩे से सबसे ज्यादा परेशानी ज्वैलरी दुकानदारों को हो रही है।
जो लोग त्योहारी सीजन में छोटी-मोटी खरीदारी का मन बना लेते थे, अब वे बजट के बाहर होने के कारण ध्यान नहीं दे रहे हैं। अब सिर्फ वही लोग सोना बनवा रहे हैं, जिन्हें आवश्यकता है।
तोले से ग्राम: एक जानकार ने बताया, पहले जो ग्राहक तोलों में सोना बनवाते थे, बढ़ती कीमतों को देखकर अब वे ग्रामों में सिमट गए हैं।पहले दुकानों पर एक-दो माह की बुकिंग रहती थी, लेकिन अब दुकानदार नई बुकिंग लेने से कतरा रहे हैं, क्योंकि रेट में अचानक आए उछाल से उनके मार्जिन और लागत पर सीधा असर पड़ रहा है।
चांदी की कमी और ऊंचे दाम
बाजार सूत्रों के अनुसार, चांदी की डिमांड अत्यधिक बढ़ गई है। हालांकि, ऊंचे दामों के कारण चांदी बाजार से लगभग गायब है। यदि यह मौके पर उपलब्ध भी है, तो इसकी कीमत बाजार भाव से चार से पाँच हजार रुपये अधिक ली जा रही है।जानकारों का कहना है कि चांदी की कीमतों में इस ज़बरदस्त वृद्धि का एक बड़ा कारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इसका बढ़ता औद्योगिक प्रयोग है, क्योंकि चांदी खराब नहीं होती।
कुछ के लिए सुहागा, कुछ के लिए चिंता
बुुलियन मार्केट के जानकारों का कहना है कि जिन दुकानदारों ने दो माह पूर्व दिए गए ऑर्डर के समय ही सोना खरीदकर रख लिया था, उन्हें इस उछाल ने परेशान कर दिया है। हालांकि, कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि जिन बड़े व्यापारियों के पास पहले से भारी मात्रा में पुराना स्टॉक था, उनके लिए यह उछाल 'सोने पर सुहागा' बना है और उन्हें डेढ़ गुना तक फायदा हो रहा है।
निवेश पर राय: बुुलियन मार्केट के कुछ जानकार सोने से ज्यादा चांदी में निवेश कर रहे हैं, क्योंकि पिछले तीन महीनों में इसने सोने से बेहतर रिटर्न दिया है। वहीं, कुछ लोग 2011 के उस दौर को भी याद कर रहे हैं, जब चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर 75000 से एकदम नीचे गिर कर 40000 रूपये प्रति किलोग्राम आ गए थे। उनका मानना है कि यदि ये बढ़ती कीमतें घटनी शुरू हुईं, तो सभी निवेशकों पर भारी पड़ सकती हैं।
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