नई दिल्ली। देश में स्वाइन फ्लू वायरस का संक्रमण जारी है। इस संबंध में किए गये एक ताजा सरकारी अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि इस रोग के वायरस अन्य आयु के लोगों की अपेक्षा बच्चों और युवाओं को अधिक चपेट में ले रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वाइन फ्लू के संबंध में किए गये एक ताजा अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष ११ मई से २० दिसंबर तक स्वाइन फ्लू की जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की पुष्टि के २४ हजार २४२ मामलों को लिंग-आयु के आधार पर विभाजित किया तो यह बात सामने आयी कि इन पुष्टि के मामलों में सबसे अधिक संख्या ८५०१ पांच से १९ साल के युवावर्ग की थी। इनमें युवकों की संख्या ५०१६ और युवतियों की संख्या ३४८५ थी। इसके बाद दूसरा स्थान २० से ३९ साल के लोगों का था जिनकी संख्या ६८९० थी जिसमें, पुरुषों की संख्या ४१११ और महिलाओं की संख्या २७७९ थी। तीसरा स्थान ४० से ५९ साल के लोगों का था जिनकी संख्या २११८ थी जिसमें पुरुषों की संख्या १२०५ और महिलाओं की संख्या ९१३ थी। चौथा स्थान पांच साल से कम आयु के बच्चों का था जिनकी संख्या १६७६ थी जिसमें लड़के ९६९ और लड़कियां ७०७ थी, जबकि सबसे कम संख्या ६० से ऊपर आयु के लोगों की थी। यह संख्या ३५५ थी जिसमें पुरुषों की संख्या २१६ और महिलाओं की संख्या १३९ थी। रिपोर्ट के अनुसार देश में गतवर्ष २० दिसंबर तक एक लाख तीन हजार ७८० संदिग्ध रोगियों की जांच की गयी जिसमें से केवल २३ प्रतिशत यानी २३ हजार ७२७ मामलों में पुष्टि हुई और ७७ प्रतिशत यानी ८० हजार ५३ मामले नकारात्मक पाए गये। इस रोग से पीडि़त तीन प्रतिशत २८२ रोगियों की मौत हुई ओर ९७ प्रतिशत यानी २२ हजार ९४५ रोगियों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के बाद ठीक हो गये या उनका सुधार है।
देश में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मई के दूसरे सप्ताह में आया था। उसके बाद से प्रत्येक एक सप्ताह में दर्ज किए गये इसके मामलों में भारी उतार चढाव आता रहा। ११ से १७ मई तक के सप्ताह में मामलों की संख्या केवल एक थी। उसके कुछ समय बाद २४-३० अगस्त तक के सप्ताह में यह संख्या बढ़कर एक हजार १५९ हो गई लेकिन अचानक ३१ अगस्त से ६ सितंबर के सप्ताह यह संख्या ८८५ हो गयी। उसके बाद यह तेजी से बढ़ी और १४-२० सितंबर के सप्ताह में बढ़कर एक हजार ७२० हो गई। इसी प्रकार फिर मामलों में तेजी से गिरावट आई और १९-२५ अक्टूबर तक के सप्ताह में ५३३ हो गयी जो ७-१३ दिसंबर तक के सप्ताह में बढ़कर २ हजार ९६ हो गई और १४-२० दिसंबर तक के सप्ताह में १९८१ हो गयी। अध्ययन के दौरान स्वाइन फ्लू के कुल मामलों में से ५००२ मामलों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया तो उनमें फेब्रीली समूह के ४९४७ मामले सामने आये। जिनमें केवल बुखार और सांस लेने की कठिनाई महसूस होने वाले रोगियों की संख्या ३४४ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और सर्दी लगने वाले रोगियों की संख्या ३२६ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और खांसी एक साथ की संख्या ४००९ यानी ८४ प्रतिशत और केवल बुखार वालों की संख्या ७० यानी एक प्रतिशत पाई गयी। इसी प्रकार एफेब्रीली समूह में रोगियों की संख्या ३५३ सामने आयी इनमें खांसी और गला खराब वाले रोगियों की संख्या १५४ यानी ६१ प्रतिशत, केवल खांसी वाले रोगियों की संख्या ९३ यानी ३७ प्रतिशत और उल्टी आ रहे रोगियों की संख्या ६ यानी दो प्रतिशत पाई गयी।
सर्वेक्षण के दौरान देश के ९ प्रमुख शहरों में २१ नवंबर से २० दिसंबर तक की अवधि के दौरान स्वाइन फ्लू के ५७५१ मामले सामने आये। जिसमें सबसे अधिक ३४४८ मामले यानी १४-७ प्रतिशत दिल्ली में आये उसके बाद जयपुर में ६५८ यानी २-८ प्रतिशत, पुणे ४४७ यानी १-९ प्रतिशत, नोएडा २७४ यानी १-२ प्रतिशत, चेन्नई २२३ यानी एक प्रतिशत, गुडगांव २२१ यानी ०-९ प्रतिशत, बेंगलुरू २२० यानी ०-९ प्रतिशत, गाजियाबाद १४९ यानी १४९ यानी ०-६ प्रतिशत और चंडीगढ १११ यानी ०-५ प्रतिशत मामले सामने आये।
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Lahoo Ki Lau
21 जनवरी 2010
पवार ने कहा, बढ़ेंगे दूध के दाम
नई दिल्ली। महंगाई से त्रस्त आम आदमी को जल्द ही एक और झटका लगने वाला है। सूत्रों के मुताबिक देश में चीनी और दालों की कीमतों के आसमान छूने के बाद जल्द ही दूध की कीमतें भी बढऩे वाली हैं। केन्र्दीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज एक और चौंकाने वाला बयान देकर दूध की कीमतों को बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। पवार का कहना है कि देश में दूध की जबर्दस्त किल्लत हो रही है। जिसके मद्देनजर सरकार पर दूध का दाम बढ़ाने पर दबाव बनाया जा रहा है। पवार के मुताबिक खासकर उत्तर भारत में पिछले कई सालों से दूध के उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। दूध की सबसे ज्यादा कमी उत्तर भारत में ही हो रही है। उन्होंने चीनी के बाद दूध के दामों में भी बढ़ोतरी कर जनता पर एक और भार डालने का संकेत दिया है।
20 जनवरी 2010
खेत मजदूरों को देख बीडीपीओ भागा
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने महंगाई पर नियंत्रण स्थापित करने और नरेगा के तहत मजदूरों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय लम्बी के समक्ष धरना देकर अपना रोष प्रकट किया। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ चोर मोरी से कार्यालय से फरार हो गया। जिससे मजदूरों में रोष भड़क गया और मजदूरों ने धरने को अनिश्चितकालीन घेराव में तबदील कर दिया।
हर रोज बढ़ रही महंगाई को नियंत्रण में करने, नरेगा स्कीम के अन्तर्गत मजदूरों को साल भर का रोजगार 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के तहत देने जैसी मांगों को लेकर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता यूनियन की राज्य इकाई के आह्वान पर आज अचानक बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देने के लिए पहुंच गये। इन मजदूरों के साथ बीडीपीओ ने 2.30 बजे का समय ज्ञापन देने के लिए निर्धारित किया था। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ अपने कार्यालय के पिछवाड़े से खिसक गया। जिसको लेकर मजदूरों में रोष भड़क उठा। मौका पर उपस्थित मजदूर नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, सुक्खा सिंह आदि ने खेत मजदूरों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने इस धरने को अनिश्चित कालीन घेराव में बदल दिया और बीडीपीओ तथा पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस मौके पर खेत मजदूरों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने कहा कि भारत की सत्ता पर काबिज हाकमों की गलत आर्थिक नीति के कारण ही महंगाई तेज गति से बढ़ रही है। जबकि कृषि में उत्पादन कम हो रहा है। पूंजीवादी सरकार कृषि की अपेक्षा अन्य साधनों पर पूंजी निवेश कर रही है। जबकि कृषि को निरोत्साहित करने पर तुली हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली को सरकार की नीतियों ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है।
सेवेवाला ने यह भी कहा कि सिंघेवाला-फतूहीवाला में मजदूरों से नरेगा के तहत करवाये गये काम का पारिश्रमिक 1 लाख 48 हजार 376 रूपये महीनों बीतने के बावजूद भी नहीं दिये गये।
इस मौके पर इलाका प्रधान सुक्खा सिंह, काला सिंह, राजा सिंह, गुरतेज सिंह, परमजीत सिंह चन्नू आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मजदूर मांग कर रहे थे कि नरेगा के तहत मजदूरों को वर्ष भर के लिए 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के हिसाब से रोजगार दिया जाये, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए डिपुओं द्वारा रसोई और अन्य घरेलू प्रयोग की वस्तुओं की आपूर्ति सस्ते रेट पर की जाये, जमाखोरी बन्द की जाये और जमाखोरों द्वारा जमा की गई वस्तुओं को जब्त करके सस्ती दरों पर लोगों को वितरित की जायें, वायदा व्यापार पर रोक लगाई जाये, खेत मजदूरों को 10-10 मरले के प्लाट और मकान निर्माण के लिए एक लाख रूपये अनुदान राशि दी जाये, आत्महत्या से पीडि़त किसान-मजदूर परिवारों को 5-5 लाख रूपये मुआवजा और नौकरी दी जाये।
हर रोज बढ़ रही महंगाई को नियंत्रण में करने, नरेगा स्कीम के अन्तर्गत मजदूरों को साल भर का रोजगार 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के तहत देने जैसी मांगों को लेकर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता यूनियन की राज्य इकाई के आह्वान पर आज अचानक बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देने के लिए पहुंच गये। इन मजदूरों के साथ बीडीपीओ ने 2.30 बजे का समय ज्ञापन देने के लिए निर्धारित किया था। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ अपने कार्यालय के पिछवाड़े से खिसक गया। जिसको लेकर मजदूरों में रोष भड़क उठा। मौका पर उपस्थित मजदूर नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, सुक्खा सिंह आदि ने खेत मजदूरों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने इस धरने को अनिश्चित कालीन घेराव में बदल दिया और बीडीपीओ तथा पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस मौके पर खेत मजदूरों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने कहा कि भारत की सत्ता पर काबिज हाकमों की गलत आर्थिक नीति के कारण ही महंगाई तेज गति से बढ़ रही है। जबकि कृषि में उत्पादन कम हो रहा है। पूंजीवादी सरकार कृषि की अपेक्षा अन्य साधनों पर पूंजी निवेश कर रही है। जबकि कृषि को निरोत्साहित करने पर तुली हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली को सरकार की नीतियों ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है।
सेवेवाला ने यह भी कहा कि सिंघेवाला-फतूहीवाला में मजदूरों से नरेगा के तहत करवाये गये काम का पारिश्रमिक 1 लाख 48 हजार 376 रूपये महीनों बीतने के बावजूद भी नहीं दिये गये।
इस मौके पर इलाका प्रधान सुक्खा सिंह, काला सिंह, राजा सिंह, गुरतेज सिंह, परमजीत सिंह चन्नू आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मजदूर मांग कर रहे थे कि नरेगा के तहत मजदूरों को वर्ष भर के लिए 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के हिसाब से रोजगार दिया जाये, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए डिपुओं द्वारा रसोई और अन्य घरेलू प्रयोग की वस्तुओं की आपूर्ति सस्ते रेट पर की जाये, जमाखोरी बन्द की जाये और जमाखोरों द्वारा जमा की गई वस्तुओं को जब्त करके सस्ती दरों पर लोगों को वितरित की जायें, वायदा व्यापार पर रोक लगाई जाये, खेत मजदूरों को 10-10 मरले के प्लाट और मकान निर्माण के लिए एक लाख रूपये अनुदान राशि दी जाये, आत्महत्या से पीडि़त किसान-मजदूर परिवारों को 5-5 लाख रूपये मुआवजा और नौकरी दी जाये।
शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम दोषी-सेठी
डबवाली (लहू की लौ) किड्स किंगडम स्कूल, सिंघेवाला के प्रांगण में रविवार को वर्तमान शिक्षा पद्धति एवं शिक्षा के गिरते स्तर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें डबवाली व आसपास के क्षेत्र के लोगो ने भाग लिया।
इस मौके पर लर्निग ट्री एजुकेशनेल सोसायटी की ओर से नीलू सेठी ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम ही दोषी है। चूंकि शिक्षण संस्थाएं शिक्षा देने की अपेक्षा पैसा कमाने पर जोर देने लगी है। संस्थाएं इस बात पर अधिक विचार करती हैं कि पैसा अधिक से अधिक कैसे कमाया जाये लेकिन शिक्षा का स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर ध्यान नहीं देती। जबकि लर्निग ट्री एजुकेशानल सोसायटी इससे हट कर केवल पैसा कमाने पर नहीं बल्कि बच्चे का शिक्षा स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर जोर देती है। विद्यालय की अंग्रेजी अध्यायपिका उमा गर्ग ने कहा कि शिक्षा का स्तर तभी ऊंचा उठ सकता है जब वहां पर बच्चों को अध्ययन करवा रहे अध्यापक की शिक्षा और अनुभव का स्तर भी ऊंचा हो। सोसायटी के प्रवक्ता के के वर्मा ने कहा कि संस्था का दृष्टिकोण, उद्देश्य एवं मिशन महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी संस्था का दृष्टिकोण विशाल, उद्देश्य उच्च एवं मिशन केवल सेवा हो तो वह संस्था केवल दूसरों का उदार ही नहीं करती बल्कि वह संस्था भविष्य में भी लम्बे समय तक लोगो की सेवा में कार्यरत रहने का गौरव पाती है। उनकी सोसायटी भी इसी पर चलते हुए 2020 में दसवी एवं 2022 में बाहरवीं कक्षा तक इस विद्यालय को ले जाकर सीबीएसई में बच्चों को टॉप पोजिशन हासिल करवाने का मिशन लेकर चल रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल बच्चे को टॉप पर लेजाना ही नहीं है बल्कि बच्चे का सर्वागीण विकास करवाते हुए उसे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देकर उसे देश, समाज और अपने प्रति उत्तरदायी बनाना है।
इस मौके पर एडवोकेट जगदीश गुप्ता ने संस्था के प्रयास की सरहाना करते हुए कहा कि यह संस्था जिस प्रकार से अपने प्रयासों में पारदर्शिता दिखा रही है उससे लगता है कि संस्था बच्चों और उनके अभिभावकों को उनकी उम्मीद से भी अधिक देने का प्रयास कर रही है। इस मौके पर गांव लौहारा के सरपंच सुरजीत सिंह, देव कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर आये हुए मेहमानो का धन्यवाद सोसायटी की प्रबंधन निर्देशिका मीनाक्षी खूंगर ने किया। जबकि मेहमानो का स्वागत स्कूल प्रशासक सोहन लाल गुम्बर ने किया।
इस मौके पर लर्निग ट्री एजुकेशनेल सोसायटी की ओर से नीलू सेठी ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम ही दोषी है। चूंकि शिक्षण संस्थाएं शिक्षा देने की अपेक्षा पैसा कमाने पर जोर देने लगी है। संस्थाएं इस बात पर अधिक विचार करती हैं कि पैसा अधिक से अधिक कैसे कमाया जाये लेकिन शिक्षा का स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर ध्यान नहीं देती। जबकि लर्निग ट्री एजुकेशानल सोसायटी इससे हट कर केवल पैसा कमाने पर नहीं बल्कि बच्चे का शिक्षा स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर जोर देती है। विद्यालय की अंग्रेजी अध्यायपिका उमा गर्ग ने कहा कि शिक्षा का स्तर तभी ऊंचा उठ सकता है जब वहां पर बच्चों को अध्ययन करवा रहे अध्यापक की शिक्षा और अनुभव का स्तर भी ऊंचा हो। सोसायटी के प्रवक्ता के के वर्मा ने कहा कि संस्था का दृष्टिकोण, उद्देश्य एवं मिशन महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी संस्था का दृष्टिकोण विशाल, उद्देश्य उच्च एवं मिशन केवल सेवा हो तो वह संस्था केवल दूसरों का उदार ही नहीं करती बल्कि वह संस्था भविष्य में भी लम्बे समय तक लोगो की सेवा में कार्यरत रहने का गौरव पाती है। उनकी सोसायटी भी इसी पर चलते हुए 2020 में दसवी एवं 2022 में बाहरवीं कक्षा तक इस विद्यालय को ले जाकर सीबीएसई में बच्चों को टॉप पोजिशन हासिल करवाने का मिशन लेकर चल रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल बच्चे को टॉप पर लेजाना ही नहीं है बल्कि बच्चे का सर्वागीण विकास करवाते हुए उसे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देकर उसे देश, समाज और अपने प्रति उत्तरदायी बनाना है।
इस मौके पर एडवोकेट जगदीश गुप्ता ने संस्था के प्रयास की सरहाना करते हुए कहा कि यह संस्था जिस प्रकार से अपने प्रयासों में पारदर्शिता दिखा रही है उससे लगता है कि संस्था बच्चों और उनके अभिभावकों को उनकी उम्मीद से भी अधिक देने का प्रयास कर रही है। इस मौके पर गांव लौहारा के सरपंच सुरजीत सिंह, देव कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर आये हुए मेहमानो का धन्यवाद सोसायटी की प्रबंधन निर्देशिका मीनाक्षी खूंगर ने किया। जबकि मेहमानो का स्वागत स्कूल प्रशासक सोहन लाल गुम्बर ने किया।
सरपंच पर नरेगा का वेतन न देने का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) गांव गोदीकां के एक युवक ने उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर नरेगा स्कीम के तहत गांव के सरपंच पर उसे काम करवाने के बावजूद भी वेतन न देने का आरोप लगाया है। जबकि सरपंच ने आरोप को खारिज करते हुए शिकायतकर्ता पर ही कई आरोप जड़ दिये हैं।
कालू राम पुत्र फूला राम निवासी गोदीकां ने उपायुक्त सिरसा को व्यक्तिगत रूप से 6 जनवरी को दिये एक पत्र में कहा है कि वह गांव गोदीकां का स्थाई निवासी है और उसे गांव के सरपंच विनोद सहारण ने सहायक/मैट के पद पर 15 मार्च 08 से 20 अगस्त 2009 तक कार्य पर रखा हुआ था और उसे 2000 रूपये प्रति माह के हिसाब से वेतन देना स्वीकार किया था। लेकिन उसे यह कहकर सरपंच वेतन न देता रहा कि अभी तक उसका वेतन उसके पास नहीं पहुंचा है। जबकि 4 माह पूर्व उसे सरपंच ने काम से भी निकाल दिया।
इधर इस सम्बन्ध में जब गांव के सरपंच विनोद सहारण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कालू राम पुत्र फूला राम उसके पास सहायक के पद पर ही नहीं था। उनके अनुसार ग्राम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके सहायक के पद पर किसी व्यक्ति को रखा जाता है। ग्राम सभा के रिकॉर्ड में कहीं भी कालू राम सहायक के पद पर नहीं है। उसने नरेगा के तहत जितना काम किया था, उसे उसके हिसाब से राशि दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे गांव में नरेगा के तहत जिसे भी राशि दी गई है, उसकी फोटो भी ली गई हैं। सरपंच ने यह भी कहा कि मामला कुछ और है।
सरपंच के अनुसार शिकायतकर्ता अपनी पत्नी को गांव में बने बैंक में नौकरी लगवाना चाहता था, जबकि नौकरी उसकी पत्नी से अधिक पढ़ी लिखी लड़की को मिली है। इसी रंजिश को लेकर शिकायतकर्ता उसके खिलाफ शिकायतबाजी कर रहा है।
कालू राम पुत्र फूला राम निवासी गोदीकां ने उपायुक्त सिरसा को व्यक्तिगत रूप से 6 जनवरी को दिये एक पत्र में कहा है कि वह गांव गोदीकां का स्थाई निवासी है और उसे गांव के सरपंच विनोद सहारण ने सहायक/मैट के पद पर 15 मार्च 08 से 20 अगस्त 2009 तक कार्य पर रखा हुआ था और उसे 2000 रूपये प्रति माह के हिसाब से वेतन देना स्वीकार किया था। लेकिन उसे यह कहकर सरपंच वेतन न देता रहा कि अभी तक उसका वेतन उसके पास नहीं पहुंचा है। जबकि 4 माह पूर्व उसे सरपंच ने काम से भी निकाल दिया।
इधर इस सम्बन्ध में जब गांव के सरपंच विनोद सहारण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कालू राम पुत्र फूला राम उसके पास सहायक के पद पर ही नहीं था। उनके अनुसार ग्राम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके सहायक के पद पर किसी व्यक्ति को रखा जाता है। ग्राम सभा के रिकॉर्ड में कहीं भी कालू राम सहायक के पद पर नहीं है। उसने नरेगा के तहत जितना काम किया था, उसे उसके हिसाब से राशि दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे गांव में नरेगा के तहत जिसे भी राशि दी गई है, उसकी फोटो भी ली गई हैं। सरपंच ने यह भी कहा कि मामला कुछ और है।
सरपंच के अनुसार शिकायतकर्ता अपनी पत्नी को गांव में बने बैंक में नौकरी लगवाना चाहता था, जबकि नौकरी उसकी पत्नी से अधिक पढ़ी लिखी लड़की को मिली है। इसी रंजिश को लेकर शिकायतकर्ता उसके खिलाफ शिकायतबाजी कर रहा है।
सर्दी में स्कूल के गेट पर खड़े रहे बच्चे
डबवाली (लहू की लौ) सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था इतनी बिगड़ती जा रही है कि हाड़ कम्पा देने वाली सर्दी में भी बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने के बावजूद भी विद्यालय का मुख्य गेट न खुलने के बावजूद भी कड़कती सर्दी में बाहर खड़े रहना पड़ रहा है। अफसोस तो यह है कि अध्यापक भी समय पर नहीं पहुंचते।
इसका उदाहरण सोमवार को कई दिनों की छुट्टियों के बाद खुले राजकीय मिडिल स्कूल (राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 3) में मिला। सुबह 9 बजे स्कूल के बच्चे इस विद्यालय के गेट पर आ गये। लेकिन गेट न खुले होने के कारण उन्हें बाहर सड़क पर ही घनी धुंध में गेट खुलने की इंतजार में खड़े होना पड़ा और यह बच्चे सड़क तक आ जाने से वाहनों की चपेट में आते हुए बचे। यहीं नहीं बल्कि इसके चलते कुछ समय तक वहां वाहनों का जाम भी लग गया।
इसकी सूचना पाकर 9.25 पर मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को बच्चों ने बताया कि कुछ बच्चों को स्कूल के मुख्य गेट की चाबी लेने के लिए मास्टर शेषपाल के घर भेजा गया है। इधर इस संवाददाता ने विद्यालय के प्रभारी राजेन्द्र सिंह देसूजोधा को फोन करके स्थिति से अवगत करवाया और मौका पर पहुंचने के लिए कहा। इसी दौरान संवाददाता ने देखा कि 10 बजे तक अध्यापक एक-एक करके विद्यालय तक पहुंचे।
राजेन्द्र सिंह देसूजोधा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सभी मिडिल स्कूलों में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था है लेकिन उनके विद्यालय को चतुर्थश्रेणी कर्मी नहीं दिया गया है। इसी के चलते यह मुश्किल दरपेश आई है। उनके अनुसार स्कूल में लाखों रूपये की कीमत का सामान आया हुआ है। जिसमें एजूसैट भी शामिल है। लेकिन चौकीदार न होने के कारण उसे शुरू नहीं किया गया और यह सामान बेकार साबित हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्कूल के केवल प्राईमरी विभाग में 413 बच्चे हैं जिनके बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते यह स्कूल मिडिल के नॉरम को भी पूरा नहीं करता। इस स्कूल को डबल स्टोरी बनाने के लिए लिखा जा चुका है।
इसका उदाहरण सोमवार को कई दिनों की छुट्टियों के बाद खुले राजकीय मिडिल स्कूल (राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 3) में मिला। सुबह 9 बजे स्कूल के बच्चे इस विद्यालय के गेट पर आ गये। लेकिन गेट न खुले होने के कारण उन्हें बाहर सड़क पर ही घनी धुंध में गेट खुलने की इंतजार में खड़े होना पड़ा और यह बच्चे सड़क तक आ जाने से वाहनों की चपेट में आते हुए बचे। यहीं नहीं बल्कि इसके चलते कुछ समय तक वहां वाहनों का जाम भी लग गया।
इसकी सूचना पाकर 9.25 पर मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को बच्चों ने बताया कि कुछ बच्चों को स्कूल के मुख्य गेट की चाबी लेने के लिए मास्टर शेषपाल के घर भेजा गया है। इधर इस संवाददाता ने विद्यालय के प्रभारी राजेन्द्र सिंह देसूजोधा को फोन करके स्थिति से अवगत करवाया और मौका पर पहुंचने के लिए कहा। इसी दौरान संवाददाता ने देखा कि 10 बजे तक अध्यापक एक-एक करके विद्यालय तक पहुंचे।
राजेन्द्र सिंह देसूजोधा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सभी मिडिल स्कूलों में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था है लेकिन उनके विद्यालय को चतुर्थश्रेणी कर्मी नहीं दिया गया है। इसी के चलते यह मुश्किल दरपेश आई है। उनके अनुसार स्कूल में लाखों रूपये की कीमत का सामान आया हुआ है। जिसमें एजूसैट भी शामिल है। लेकिन चौकीदार न होने के कारण उसे शुरू नहीं किया गया और यह सामान बेकार साबित हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्कूल के केवल प्राईमरी विभाग में 413 बच्चे हैं जिनके बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते यह स्कूल मिडिल के नॉरम को भी पूरा नहीं करता। इस स्कूल को डबल स्टोरी बनाने के लिए लिखा जा चुका है।
16 जनवरी 2010
विडियोकॉन ने हरियाणा के बाजारों में पेश किये विश्व-स्तरीय मोबाइल फोन
हिसार : विश्व की जानी मानी कंपनी विडियोकॉन ग्रुप ने आधुनिकतम मोबाइल व विश्वस्तरीय मोबाइल फोन बाजार में उतारे हैं। इसके नये मोबाइल फोन में कई आधुनिकतम फीचर मौजूद हैं जैसे बेसिक कलर मॉड्यूल, एफ एम रेडियो, डबल सिम की सुविधा, एमपी-३ म्यूजिक, कैमरा, मल्टीमीडिया एवं टच फोन आदि।
विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन व एमडी श्री वी एन धूत ने कहा कि कंपनी का इरादा २०१० में बेहतरीन पेश करके इस क्षेत्र की शीर्षतम कंपनियों की श्रेणी में खुद को लाना है। बात चाहे क्वालिटी, रेंज, तकनीक या वैल्यू की हो, किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जाएगा। मोबाइल फोन वर्तमान में 4० करोड़ लोगों के बीच अपनी पैठ बना चुका है। विडियोकॉन भारत की सबसे बड़ी एवं विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तु कंपनी है तथा मोबाइल फोन सेवा के क्षेत्र में भी हमारी कंपनी भारतीय उपभोक्ता के दिलों पर राज करेगी।
विडियोकॉन का नया लोगो 'वीÓ तथा विडियोकॉन मोबाइल फोन का ब्रांड प्रचार संदेश (वी इज द न्यू मी) भी लोगों ने काफी पसंद किया है। विडियोकॉन ने नये मोबाइल हैंडसेट लांच करने से पहले भारतीय युवाओं की पसंद तथा मोबाइल के प्रति उनका नजरिया क्या है उसका विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन से पता चला कि पहले कपड़ों एवं खानपान में लोगों की ज्यादा रुचि हुआ करती थी, लेकिन अब लोगों की पसंद बदल चुकी है। उन ब्रांडों को लोग अधिक पसंद करने लगे हैं जो उनकी पर्सनेलिटी व एटीट्यूड को बढ़ाएं। पसंदीदा चीजों में मोबाइल फोन भी शामिल है। विडियोकॉन ने इन्हीं जरूरतों एवं पसंद को ध्यान में रखते हुए काफी स्टाइलिश एवं आधुनिकतम फीचर से लैस मोबाइल हैंडसेट बाजार में उतारा है।
24,000 करोड़ रुपये टर्नओवर के साथ विडियोकॉन भारत के 15 टॉप बड़े बिजनेस हाउस एवं विश्व के टॉप 100 बिजनेस हाउस में शुमार है। ब्रांड इक्विटी सर्वे 2009 के अनुसार विडियोकॉन भारत के टॉप 50 ब्रांडों में शामिल है। विडियोकॉन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं घरेलू उपभोक्ता वस्तुओं की अग्रणी निर्माता कंपनी है तथा रंगीन टीवी, वॉशिंग मशीन एवं रेफ्रिजरेटर के क्षेत्र में विश्व की नंबर वन कंपनी है। कंपनी टीवी कीपूर्ण रेंज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, ऑडियो व होम थियेटर सिस्टम, माइक्रोवेव आदि का उत्पादन करती है। विडियोकॉन विश्वस्तरीय बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है। भारत में निर्मित अपनी वस्तुओं को यूरोप, पश्चिम एशिया, लेटिन अमरीका, नाइजीरिया एवं इंडोनेशिया आदि देशों के बाजार में बेचती है।
विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन व एमडी श्री वी एन धूत ने कहा कि कंपनी का इरादा २०१० में बेहतरीन पेश करके इस क्षेत्र की शीर्षतम कंपनियों की श्रेणी में खुद को लाना है। बात चाहे क्वालिटी, रेंज, तकनीक या वैल्यू की हो, किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जाएगा। मोबाइल फोन वर्तमान में 4० करोड़ लोगों के बीच अपनी पैठ बना चुका है। विडियोकॉन भारत की सबसे बड़ी एवं विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तु कंपनी है तथा मोबाइल फोन सेवा के क्षेत्र में भी हमारी कंपनी भारतीय उपभोक्ता के दिलों पर राज करेगी।
विडियोकॉन का नया लोगो 'वीÓ तथा विडियोकॉन मोबाइल फोन का ब्रांड प्रचार संदेश (वी इज द न्यू मी) भी लोगों ने काफी पसंद किया है। विडियोकॉन ने नये मोबाइल हैंडसेट लांच करने से पहले भारतीय युवाओं की पसंद तथा मोबाइल के प्रति उनका नजरिया क्या है उसका विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन से पता चला कि पहले कपड़ों एवं खानपान में लोगों की ज्यादा रुचि हुआ करती थी, लेकिन अब लोगों की पसंद बदल चुकी है। उन ब्रांडों को लोग अधिक पसंद करने लगे हैं जो उनकी पर्सनेलिटी व एटीट्यूड को बढ़ाएं। पसंदीदा चीजों में मोबाइल फोन भी शामिल है। विडियोकॉन ने इन्हीं जरूरतों एवं पसंद को ध्यान में रखते हुए काफी स्टाइलिश एवं आधुनिकतम फीचर से लैस मोबाइल हैंडसेट बाजार में उतारा है।
24,000 करोड़ रुपये टर्नओवर के साथ विडियोकॉन भारत के 15 टॉप बड़े बिजनेस हाउस एवं विश्व के टॉप 100 बिजनेस हाउस में शुमार है। ब्रांड इक्विटी सर्वे 2009 के अनुसार विडियोकॉन भारत के टॉप 50 ब्रांडों में शामिल है। विडियोकॉन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं घरेलू उपभोक्ता वस्तुओं की अग्रणी निर्माता कंपनी है तथा रंगीन टीवी, वॉशिंग मशीन एवं रेफ्रिजरेटर के क्षेत्र में विश्व की नंबर वन कंपनी है। कंपनी टीवी कीपूर्ण रेंज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, ऑडियो व होम थियेटर सिस्टम, माइक्रोवेव आदि का उत्पादन करती है। विडियोकॉन विश्वस्तरीय बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है। भारत में निर्मित अपनी वस्तुओं को यूरोप, पश्चिम एशिया, लेटिन अमरीका, नाइजीरिया एवं इंडोनेशिया आदि देशों के बाजार में बेचती है।
राणा, हेडली पर आरोप तय
शिकागो। पाकिस्तानी मूल के शिकागो निवासी तहाव्वुर हुसैन राणा तथा अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ अमेरिका की एक संघीय ज्यूरी ने आज मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में आरोप निर्धारित किए। इन दोनों को ज्यूरी ने आतंकवादी हमलों के मकसद से आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा के लिए जमीनी आधार तैयार करने तथा साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने का आरोपी ठहराया है। ज्यूरी ने अपने फैप्रे में लश्कर द्वारा मुंबई हमलों की योजना बनाने की व्यापक जानकारी दी है और बताया है कि किस प्रकार इसके नेताओं ने चार दिनों तक चले हमले को निर्देशित किया। २६ नवंबर से शुरू हुए इस आतंकवादी हमले में छह अमेरिकियों समेत १६६ लोग मारे गए थे।
पाकिस्तानी मूल के ४९ वर्षीय अमेरिकी हेडली को संघीय जांच ब्यूरो ने अक्तूबर में गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ सात दिसंबर को आरोपपत्र दायर किया गया था जबकि ४९ वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को १८ अक्तूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही शिकागो में संघीय पुलिस की हिरासत में रखा गया है। राणा पर पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक समाचारपत्र के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाने का आरोप है। आज जो आरोप निर्धारित किए गए हैं वे सात सितंबर को हेडली के खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेल खाते हैं तथा तीन मामलों में राणा को प्रतिवादी ठहराया गया है। उसके खिलाफ भारत तथा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों के लिए साजो सामान के रूप में सहायता मुहैया कराने और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा की मदद करने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान स्थित एक प्रभावशाली आतंकवादी संगठन के नेता इलियास कश्मीरी के खिलाफ भी आरोप निर्धारित किए गए हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अल कायदा के नेताओं और पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत मेजर अब्दुर्र रहमान हाशिम सईद (अब्दुर्र रहमान) के लगातार संपर्क में था। अमेरिकी विधि विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी।
आज पहली बार कश्मीरी के खिलाफ आरोप निर्धारित किए गए हैं हालांकि इससे पूर्व राणा, अब्दुर्र रहमान और हेडली के खिलाफ तय किए गए आरोपों में केवल उसका नाम शामिल किया गया था। राणा पर मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने तथा उसकी तैयारी में सहायता करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश और लश्कर को साजो सामान की मदद देने का आरोप लगाया गया था। राणा को शिकागो में संघीय अदालत के समक्ष पेश करने के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। यह मामला अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी डी लेनिनवेबर को सौंपा गया है। अमेरिका ने दिसंबर २००१ में लश्कर को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि हेडली ने मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई और इसके लिए उसने पाकिस्तान में लश्कर के साजिशकर्ताओं को शक्तिशाली लक्ष्यों की व्यापक वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई। इसके साथ ही उसने हमले के दौरान आतंकवादियों द्वारा अपनाए जाने वाले रूट की सटीक सूचना भी दी और समुद्र के रास्ते आतंकवादियों के महानगर में प्रवेश के मार्ग का भी ब्यौरा तय किया।
मार्च २००८ में लश्कर ने हेडली को मुंबई बंदरगाह तथा उसके आसपास के इलाके का नौका के जरिए दौरा करने तथा विभिन्न स्थलों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया था। करीब साल भर पहले हेडली ने मुंबई में प्रमुख लक्ष्यों और विशेषकर ताज होटल की तस्वीरें लीं और वीडियो टेप तैयार किए। उसने ताज होटल के दूसरे तल पर सम्मेलन कक्षों तथा बालरूम की विस्तृत वीडियो तैयार की। उसने ओबेराय होटल के वीडियो भी तैयार किए। भारत के इस प्रकार के हर निगरानी दौरे के बाद एकत्र की गई सूचना और वीडियो फुटेज लश्कर के नेताओं को देने के लिए हेडली पाकिस्तान गया। खुद को निर्दोष बताने वाले हेडली के बारे में समझा जाता है कि उसने लश्कर के साजिशकर्ताओं के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया और ताज होटल में भविष्य में होने वाले सम्मेलनों का कार्यक्रम हाप्रि करने का प्रयास किया। लश्कर से जुड़े लोगों के साथ एक मुलाकात में हेडली को 'एÓ सदस्य ने ताज महल होटल का नमूना दिखाया। आरोपपत्र में यह बात कही गई है। मार्च या अप्रैल २००८ में लश्कर के ए और बी सदस्यों ने हेडली को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम उपकरण दिया और बताया कि इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जाए। साजिश के ही हिस्से के तहत अप्रैल २००८ में हेडली ने मुंबई बंदरगाह तथा आसपास के इलाकों की जीपीएस उपकरण से निगरानी की और वीडियो टेप तैयार किए।
हेडली ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन का भी दौरा किया। हमले से पूर्व हेडली को लश्कर ने ताज होटल और हमलावरों के प्रवेश स्थलों की फिर से निगरानी करने को कहा जिसमें पुलिस स्टेशन से ताज महल होटल तक के मार्ग का वीडियो टेप तैयार करना भी शामिल था। लश्कर के दोनों ए और बी सदस्यों ने उसे मुंबई में यहूदी कम्युनिटी सेंटर चाबड़ हाउस की भी वीडियोग्राफी करने को कहा। आरोपपत्र में यह जानकारी दी गई है। हेडली के खिलाफ पिछले माह दर्ज किए गए १२ मामलों में आरोप तय किए गए हैं जिनमें छह मामले साजिश तथा बाकी हत्या, विदेशी आतंकवादी साजिशों में साजो सामान मुहैया कराने, लश्कर को साजो सामान मुहैया कराने तथा छह मामले भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित हैं। अमेरिकी विधि विभाग ने कहा है कि वर्ष २००२ और २००३ में हेडली ने कथित रूप से पाकिस्तान में लश्कर के आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और डेनमार्क तथा भारत में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए राणा, कश्मीरी तथा अब्दुर्र रहमान समेत इसके अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची।
विधि विभाग ने कहा है कि कश्मीरी और मेजर अब्दुर्र रहमान और पाशा के नाम से जाने जाने वाले अब्दुर्र रहमान, दोनों को हत्या की साजिश तथा डेनमार्क आतंकवादी साजिश में साजो सामान की मदद उपळब्ध कराने के लिए डेनमार्क में लोगों को भाड़े पर लेने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों में से कोई भी अमेरिकी हिरासत में नहीं है। नाद्रर्न डिस्ट्रिक्ट आफ इलिनोइस के अमेरिकी अटार्नी पैट्रिक जे फित्जगेराल्ड, एफबीआई के शिकागो कार्यालय के विशेष एजेंट इंचार्ज राबर्ट डी ग्रांट और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी सहायक अटार्नी डेविस क्रिस ने आरोप तय किए। इस मामले की जांच तथा अभियोजन में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट आफ कैलिफोर्निया के अमेरिकी अटार्नी का कार्यालय, लास ऐंजिलिस तथा वाशिंगटन डीसी में एफबीआई कार्यालय भी भाग ले रहे हैं।
पाकिस्तानी मूल के ४९ वर्षीय अमेरिकी हेडली को संघीय जांच ब्यूरो ने अक्तूबर में गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ सात दिसंबर को आरोपपत्र दायर किया गया था जबकि ४९ वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को १८ अक्तूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही शिकागो में संघीय पुलिस की हिरासत में रखा गया है। राणा पर पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक समाचारपत्र के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाने का आरोप है। आज जो आरोप निर्धारित किए गए हैं वे सात सितंबर को हेडली के खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेल खाते हैं तथा तीन मामलों में राणा को प्रतिवादी ठहराया गया है। उसके खिलाफ भारत तथा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों के लिए साजो सामान के रूप में सहायता मुहैया कराने और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा की मदद करने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान स्थित एक प्रभावशाली आतंकवादी संगठन के नेता इलियास कश्मीरी के खिलाफ भी आरोप निर्धारित किए गए हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अल कायदा के नेताओं और पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत मेजर अब्दुर्र रहमान हाशिम सईद (अब्दुर्र रहमान) के लगातार संपर्क में था। अमेरिकी विधि विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी।
आज पहली बार कश्मीरी के खिलाफ आरोप निर्धारित किए गए हैं हालांकि इससे पूर्व राणा, अब्दुर्र रहमान और हेडली के खिलाफ तय किए गए आरोपों में केवल उसका नाम शामिल किया गया था। राणा पर मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने तथा उसकी तैयारी में सहायता करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश और लश्कर को साजो सामान की मदद देने का आरोप लगाया गया था। राणा को शिकागो में संघीय अदालत के समक्ष पेश करने के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। यह मामला अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी डी लेनिनवेबर को सौंपा गया है। अमेरिका ने दिसंबर २००१ में लश्कर को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि हेडली ने मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई और इसके लिए उसने पाकिस्तान में लश्कर के साजिशकर्ताओं को शक्तिशाली लक्ष्यों की व्यापक वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई। इसके साथ ही उसने हमले के दौरान आतंकवादियों द्वारा अपनाए जाने वाले रूट की सटीक सूचना भी दी और समुद्र के रास्ते आतंकवादियों के महानगर में प्रवेश के मार्ग का भी ब्यौरा तय किया।
मार्च २००८ में लश्कर ने हेडली को मुंबई बंदरगाह तथा उसके आसपास के इलाके का नौका के जरिए दौरा करने तथा विभिन्न स्थलों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया था। करीब साल भर पहले हेडली ने मुंबई में प्रमुख लक्ष्यों और विशेषकर ताज होटल की तस्वीरें लीं और वीडियो टेप तैयार किए। उसने ताज होटल के दूसरे तल पर सम्मेलन कक्षों तथा बालरूम की विस्तृत वीडियो तैयार की। उसने ओबेराय होटल के वीडियो भी तैयार किए। भारत के इस प्रकार के हर निगरानी दौरे के बाद एकत्र की गई सूचना और वीडियो फुटेज लश्कर के नेताओं को देने के लिए हेडली पाकिस्तान गया। खुद को निर्दोष बताने वाले हेडली के बारे में समझा जाता है कि उसने लश्कर के साजिशकर्ताओं के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया और ताज होटल में भविष्य में होने वाले सम्मेलनों का कार्यक्रम हाप्रि करने का प्रयास किया। लश्कर से जुड़े लोगों के साथ एक मुलाकात में हेडली को 'एÓ सदस्य ने ताज महल होटल का नमूना दिखाया। आरोपपत्र में यह बात कही गई है। मार्च या अप्रैल २००८ में लश्कर के ए और बी सदस्यों ने हेडली को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम उपकरण दिया और बताया कि इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जाए। साजिश के ही हिस्से के तहत अप्रैल २००८ में हेडली ने मुंबई बंदरगाह तथा आसपास के इलाकों की जीपीएस उपकरण से निगरानी की और वीडियो टेप तैयार किए।
हेडली ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन का भी दौरा किया। हमले से पूर्व हेडली को लश्कर ने ताज होटल और हमलावरों के प्रवेश स्थलों की फिर से निगरानी करने को कहा जिसमें पुलिस स्टेशन से ताज महल होटल तक के मार्ग का वीडियो टेप तैयार करना भी शामिल था। लश्कर के दोनों ए और बी सदस्यों ने उसे मुंबई में यहूदी कम्युनिटी सेंटर चाबड़ हाउस की भी वीडियोग्राफी करने को कहा। आरोपपत्र में यह जानकारी दी गई है। हेडली के खिलाफ पिछले माह दर्ज किए गए १२ मामलों में आरोप तय किए गए हैं जिनमें छह मामले साजिश तथा बाकी हत्या, विदेशी आतंकवादी साजिशों में साजो सामान मुहैया कराने, लश्कर को साजो सामान मुहैया कराने तथा छह मामले भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित हैं। अमेरिकी विधि विभाग ने कहा है कि वर्ष २००२ और २००३ में हेडली ने कथित रूप से पाकिस्तान में लश्कर के आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और डेनमार्क तथा भारत में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए राणा, कश्मीरी तथा अब्दुर्र रहमान समेत इसके अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची।
विधि विभाग ने कहा है कि कश्मीरी और मेजर अब्दुर्र रहमान और पाशा के नाम से जाने जाने वाले अब्दुर्र रहमान, दोनों को हत्या की साजिश तथा डेनमार्क आतंकवादी साजिश में साजो सामान की मदद उपळब्ध कराने के लिए डेनमार्क में लोगों को भाड़े पर लेने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों में से कोई भी अमेरिकी हिरासत में नहीं है। नाद्रर्न डिस्ट्रिक्ट आफ इलिनोइस के अमेरिकी अटार्नी पैट्रिक जे फित्जगेराल्ड, एफबीआई के शिकागो कार्यालय के विशेष एजेंट इंचार्ज राबर्ट डी ग्रांट और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी सहायक अटार्नी डेविस क्रिस ने आरोप तय किए। इस मामले की जांच तथा अभियोजन में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट आफ कैलिफोर्निया के अमेरिकी अटार्नी का कार्यालय, लास ऐंजिलिस तथा वाशिंगटन डीसी में एफबीआई कार्यालय भी भाग ले रहे हैं।
कोसी का कहर, सरकार दोषी : रिपोर्ट
पटना। बिहार के प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने २००८ में कोसी नदी के तटबंध टूटने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। तटबंधों के टूटने से आई बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था और कई लोग मारे गए थे। सरकारी सूत्रों ने आज बताया कि पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के जल संसाधन विभाग ने संरक्षण कार्य में तत्परता में कमी दिखाई जिसके कारण २००८ में नेपाल में कुसाहा में कोसी के बांध में दरार आई। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के अंदर आने वाले पीएजी कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जल संसाधन विभाग ने बांध प्रभाग और बीरपुर के पूर्वी कोसी तटबंध प्रभाग के उन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जिसमें कमजोर बांधों के संरक्षण की बात थी। इसमें २००८ के बाढ़ में बह गए बांध भी शामिल थे। बांधों को दुरुस्त करने के बजाए विभाग ने निर्माण कार्यों को ११ जगहों से समेट कर १२-८ किलोमीटर से १३-६ किलोमीटर के बीच केवल पांच जगह कर दिया और ग्रामीण इलाकों में बांधों की मरम्मत करने का तो विचार ही नहीं किया।
प्रधान महालेखाकार (पीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच अगस्त २००८ को १२-१९ किलोमीटर और १२-९० किमी स्पर में दरार पडऩा शुरू हुआ और १८ अगस्त को समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया लेकिन वायरलेस रिपोर्ट से प्रमाण मिलता है कि इस अवधि में भी तटबंधों को बचाने के लिए कोई कदम नही उठाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से बचाव कार्य में प्रभाग और विशेषज्ञों ने तटबंधों को छुआ तक नहीं। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि नेपाल में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा था इस वजह से स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को कोसी परियोजना के इलाकों की सुरक्षा और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए समय-समय पर बैठकें करनी चाहिए थीं। पीएजी ने यह भी गौर किया कि भारत और नेपाल की संयुक्त समिति ने नियमित बैठकें नहीं कीं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पीएजी के अधिकारों पर सवाल उठाए क्योंकि न्यायमूर्ति बालिया आयोग मामले की जांच कर रहा था और महालेखाकार के कार्यालय में यह मामला नहीं आता। जल संसाधन विभाग ने कहा- यह कानून का सिद्धांत है कि जब किसी मामले की न्यायिक जांच चल रही हो तब उसके समानांतर कोई और जांच नहीं हो सकती। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला देकर इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा- हम इसकी रिपोर्ट की व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
प्रधान महालेखाकार (पीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच अगस्त २००८ को १२-१९ किलोमीटर और १२-९० किमी स्पर में दरार पडऩा शुरू हुआ और १८ अगस्त को समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया लेकिन वायरलेस रिपोर्ट से प्रमाण मिलता है कि इस अवधि में भी तटबंधों को बचाने के लिए कोई कदम नही उठाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से बचाव कार्य में प्रभाग और विशेषज्ञों ने तटबंधों को छुआ तक नहीं। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि नेपाल में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा था इस वजह से स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को कोसी परियोजना के इलाकों की सुरक्षा और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए समय-समय पर बैठकें करनी चाहिए थीं। पीएजी ने यह भी गौर किया कि भारत और नेपाल की संयुक्त समिति ने नियमित बैठकें नहीं कीं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पीएजी के अधिकारों पर सवाल उठाए क्योंकि न्यायमूर्ति बालिया आयोग मामले की जांच कर रहा था और महालेखाकार के कार्यालय में यह मामला नहीं आता। जल संसाधन विभाग ने कहा- यह कानून का सिद्धांत है कि जब किसी मामले की न्यायिक जांच चल रही हो तब उसके समानांतर कोई और जांच नहीं हो सकती। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला देकर इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा- हम इसकी रिपोर्ट की व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
06 जनवरी 2010
कला को बंदूकों से नहीं दबा सकते जेहादी-धालीवाल
डबवाली (लहू की लौ) कला कुदरत की तरह स्वतन्त्र है। वह न किसी देश, न किसी सीमा, न किसी धर्म, न किसी भाषा और न ही किसी जाति विशेष से बंधी होती है। बल्कि कला तो सबके लिए और सबको अच्छा संदेश देने के लिए होती है।
यह शब्द एक कलाकार के हैं जिसका नाम है केवल धालीवाल और जिसने कथा कश्मीर नाटक के माध्यम से कला के स्वरूप को संसार के सामने रखा है। कथा कश्मीर के माध्यम से कलाकार ने यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही कश्मीर में जेहादी मौत का साया बनकर धर्म के नाम पर मासूमों का खून बहा रहे हैं और पुरातन कला को मिटाने के लिए बंदूक की गोलियों से कला को कत्ल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कला को वे किसी प्रकार से नहीं दबा सकेंगे। क्योंकि कला भी एक जुनून है। जो कलाकार के माध्यम से संसार को शांति, भाईचारे और अपने अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए अन्त में आतंक पर विजय प्राप्त करेगी।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए केवल धालीवाल ने बताया कि उसने अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देने के लिए मंच-रंगमंच के नाम से अमृतसर में एक पहल की है। कथा कश्मीर का डबवाली में उसकी 10वीं प्रस्तुति है। वह अब तक सात वर्षों में अनेक देशों में घूम चुका है और वह इस मुकाम पर पहुंचा है कि रंगमंच एक ऐसा अभिव्यक्ति का साधन है, जो समाज को मार्गदर्शन दे सकता है। विशेषकर देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज को बुलन्द करके उसको समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, लेकिन कलाकार की मजबूरियों के चलते कई बार सरकारें उसके मार्ग में बाधा बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रंगमंच के कलाकारों को एकजुट होकर सरकारों की बैसाखियों को छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी कला के लिए कुछ करना होगा। उनका मानना है कि सरकारें तो सहयोग के नाम पर केवल कलाकारों के जख्म ही कुरेद सकती हैं और उसे आगे बढऩे का मौका नहीं दे सकती, इसके लिए तो कलाकार को अपने में ही आगे बढऩे, देश और समाज की सेवा का जुनून भरना होगा।
धालीवाल ने पंजाब सरकार को कोसते हुए कहा कि अब तक पंजाब में जितनी भी सरकारें आई हैं, इन सरकारों ने राज्य में कला को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंचों का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। जबकि कला को प्रोत्साहित करने के नाम पर नेता लोग जमकर ढि़ंढोरा पीटते हैं।
यह शब्द एक कलाकार के हैं जिसका नाम है केवल धालीवाल और जिसने कथा कश्मीर नाटक के माध्यम से कला के स्वरूप को संसार के सामने रखा है। कथा कश्मीर के माध्यम से कलाकार ने यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही कश्मीर में जेहादी मौत का साया बनकर धर्म के नाम पर मासूमों का खून बहा रहे हैं और पुरातन कला को मिटाने के लिए बंदूक की गोलियों से कला को कत्ल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कला को वे किसी प्रकार से नहीं दबा सकेंगे। क्योंकि कला भी एक जुनून है। जो कलाकार के माध्यम से संसार को शांति, भाईचारे और अपने अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए अन्त में आतंक पर विजय प्राप्त करेगी।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए केवल धालीवाल ने बताया कि उसने अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देने के लिए मंच-रंगमंच के नाम से अमृतसर में एक पहल की है। कथा कश्मीर का डबवाली में उसकी 10वीं प्रस्तुति है। वह अब तक सात वर्षों में अनेक देशों में घूम चुका है और वह इस मुकाम पर पहुंचा है कि रंगमंच एक ऐसा अभिव्यक्ति का साधन है, जो समाज को मार्गदर्शन दे सकता है। विशेषकर देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज को बुलन्द करके उसको समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, लेकिन कलाकार की मजबूरियों के चलते कई बार सरकारें उसके मार्ग में बाधा बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रंगमंच के कलाकारों को एकजुट होकर सरकारों की बैसाखियों को छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी कला के लिए कुछ करना होगा। उनका मानना है कि सरकारें तो सहयोग के नाम पर केवल कलाकारों के जख्म ही कुरेद सकती हैं और उसे आगे बढऩे का मौका नहीं दे सकती, इसके लिए तो कलाकार को अपने में ही आगे बढऩे, देश और समाज की सेवा का जुनून भरना होगा।
धालीवाल ने पंजाब सरकार को कोसते हुए कहा कि अब तक पंजाब में जितनी भी सरकारें आई हैं, इन सरकारों ने राज्य में कला को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंचों का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। जबकि कला को प्रोत्साहित करने के नाम पर नेता लोग जमकर ढि़ंढोरा पीटते हैं।
25 दिसंबर 2009
गुरूद्वारा में अबोध बालक से कुकर्म
डबवाली (लहू की लौ) गांव हाकूवाला में स्थित एक धार्मिक स्थल में स्थल के तथाकथित सेवादार ने एक अबोध बालक के साथ दुष्कर्म करके धार्मिक स्थल की मर्यादा को ही नहीं तोड़ा बल्कि उलाहना देने गये बच्चे के अभिभावकों को भी धक्के मार कर निकाल दिया।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
24 दिसंबर 2009
चुनाव का बिगुल बजा, अखाड़े में पहलवानों की घोषणा बाकी
डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए नए नुमाइंदे की तलाश शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने दो दिन बाद 26 दिसम्बर से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू कर देनी है। 2 जनवरी तक यह काम चलेगा और 6 जनवरी तक नाम वापिस लेने की प्रक्रिया खत्म होते ही मुकाबला शुरू हो जाएगा। मुकाबला अभी से शुरू है, लेकिन अभी खिलाडिय़ों के नाम घोषित नहीं हो पा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
कल थे जो अपने, आज वो बेगाने हो गये
डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा चुनाव के दौरान वोट बटोरने के लालच में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा युवा कांग्रेस के समानांतर गठित किये गये यूथ क्लब के सदस्यों ने बुधवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक बैठक करके डबवाली में युवा कांग्रेस में बोगस भर्ती होने का आरोप लगाकर कांग्रेस में भूचाल खड़ा कर दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
हजारों लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
5 अग्निकांड पीडि़तों को विद्यापीठ में मिलेगी नौकरी, बोले अजय चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
अभी भी नहीं लिया किसी ने सबक
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड को हुए करीब 14 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक इस कांड के प्रभावित लोगों के जख्मों पर किसी ने भी मरहम लगाने का प्रयास नहीं किया है। हालांकि कहा तो यह भी जाता है कि 12 वर्ष के बाद रूढी की भी सुनी जाती है और 14 वर्ष का वनवास काटकर प्रभु श्री राम भी अयोध्या लौट आये थे। लेकिन अग्निकांड को हुए 14 वर्ष होने के बावजूद भी आज तक न तो किसी राजनीतिक ने सुध ली है और न ही लोगों या प्रशासन ने कोई सबक सीखा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
20 दिसंबर 2009
खेलों पर खर्च होंगे 56 करोड़ 48 लाख रूपये
सिरसा (लहू की लौ) हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 56 करोड़ 48 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी, जोकि विगत विपक्षी सरकार के एक वर्षीय खेल बजट से दस गुणा अधिक है।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
प्रदेश में खुलेंगे 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैन्टर
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश भर में युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैंटर खोले जाएंगे। वे आज सिरसा जिले के झीड़ी गांव में 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले पार्क का शिलान्यास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
सरकारी विद्यालय के बच्चों की होगी स्वास्थ्य जांच
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाएगी इसके लिए सरकार ने इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत स्कूली बच्चों का नियमित रूप से हैल्थ चैकअप किया जाएगा। हर बच्चे का हैल्थ कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज किया जाएगा। जिन बच्चों के स्वास्थ्य में किसी तरह की चूक हुई उनके उचित इलाज की व्यवस्था भी योजना के अंतर्गत की जाएगी।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
19 दिसंबर 2009
सुखबीर बोले, कौन कैप्टन अमरिन्द्र सिंह..
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह किसी कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। वे कौन हैं?
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
सुखबीर बादल ने बार एसोसिएशन को दी 11 लाख की अनुदान राशि
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को अचानक इनेलो नेता तथा खेल रत्न अभय सिंह चौटाला के साथ डबवाली बार रूम में पहुंचे। इस मौके पर बार एसोसिएशन को कम्प्यूटर आदि के लिए छोटे बादल ने 11 लाख रूपये की राशि अपनी जेब से देने की घोषणा की।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
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