08 जून 2020

मेडिकल ब्वॉय नहीं, अब कनिष्ठ अभियंता कहलायेंगे निहाल

गांव कालुआना के निहाल जाखड़ के लिए खुशखबरी लेकर आया रविवार
डबवाली(लहू की लौ)गांव कालुआना के निहाल जाखड़ (30) मेडिकल ब्वॉय से कनिष्ठ अभियंता (जेई) बन गए हैं। उसके लिए यहां तक पहुंचना सरल नहीं था। चूंकि सिरसा के लिए हरियाणा रोड़वेज की सीधी बस सेवा नहीं थी। निजी बस चलती थी, जो बहुत बार मिस हो जाती थी। विकट परिस्थितियों में दिव्यांग निहाल जाखड़ ने सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा पूरा किया। डिप्लोमा के आधार पर नौकरी की तालाश शुरु की लेकिन दिव्यांगता आड़े आ जाती। इसी वजह से पांच एकड़ बिरानी जमीन में खेती नहीं कर सकता था। गांव बिज्जूवाली स्थित मेडिकल शॉप पर कार्य मिल गया। उसी से जीवन की गाड़ी चलती गई।
चचेरे भाई कुलदीप तथा बुआ के बेटे विकास ने प्रतियोगिता लडऩे के लिए प्रेरित किया। ग्रुप डी की भर्ती के लिए आवेदन किया। निहाल एक अंक से नौकरी पाने से चूक गया। लेकिन मेहनत करने से नहीं चूका। 2019 में हरियाणा स्टेट सिलेक्शन कमीशन (एचएसएससी) ने सिविल इंजीनियर की भर्ती निकली। निहाल ने आवेदन करते ही तैयारियां शुरु कर दी। अगस्त 2019 में कुरुक्षेत्र में परीक्षा दी। बताया जाता है कि करीब एक लाख प्रतियोगी बैठे। सितंबर 2019 में लिखित परीक्षा का रिजल्ट आ गया। 1250 पदों की सिलेक्शन के लिए 5000 युवाओं को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया। रविवार सुबह कमीशन ने वेबसाइट पर परिणाम घोषित किया तो खुद का स्थान पाकर निहाल खुशी के मारे उछल गया। जाखड़ शादीशुदा हैं, उनके दो साल की एक बेटी है।

जन्म से मेरा दायां हाथ नहीं है। मैं शारीरिक रुप से दिव्यांग हूं, मानसिक रुप से नहीं। मैंने आवेदन के बाद सेल्फ स्टडी शुरु की। यू-टयूब पर विद्यापीठ नामक चैनल सबसक्राइब करके रोजाना 35-40 मिनट लेसन कंपलीट किए। यहीं मेरे लिए वरदान साबित हुआ। मैंने जो सीखा-पढ़ा, उसे अक्षरों में उतार दिया। उम्मीद थी कि कामयाबी मिलेगी, मैं सफल रहा।
-निहाल जाखड़, कालुआना गांव



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