21 नवंबर 2017

मोबाइल एॅप से होना है सर्वे, जिला में सिर्फ 15 फीसद बीएलओ तैयार

जिला सिरसा में कुल 916 बीएलओ हैं, तकनीक से बहुत कम हैं वाकिफ, कइयों के पास एंड्रॉइड मोबाइल नहीं
जो बीएलओ ऑनलाइन नहीं कर सकता वह ऑफलाइन काम करेगा, 30 नवंबर तक होना है सर्वे
डबवाली(लहू की लौ)चुनाव आयोग ने स्पेशल ड्राइव के तहत बीएलओ रजिस्टर मोबाइल एॅप लॉंच की है। जिसके जरिए बीएलओ को डोर टू डोर सर्वे करके संबंधित फैमिली का डेटा जुटाना है। डबवाली के 192 बीएलओ समेत जिला सिरसा में कुल 916 बीएलओ हैं। जिसमें से महज पंद्रह फीसद मोबाइल एॅप के जरिए सर्वे करने को राजी हुए हैं। ऐसे में बीएलओ को तकनीक की कम जानकारी चुनाव आयोग की राह में रोडा बन गई है। हालांकि चुनाव कानूनगो तकनीकी एक्सपर्ट के साथ मिलकर बीएलओ को प्रशिक्षत कर रहे हैं। उन्हें एंड्रॉइड मोबाइल का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्पेशल ड्राइव 30 नवंबर तक कंपलीट होनी है। चुनाव कानूनगो राजकुमार मेहता के अनुसार अगर वोटर ने कहीं दूसरी जगह भी वोट बनवा रखी है तो मोबाइल एॅप के जरिए यह पता चल जाएगा। हालांकि जिन बीएलओ के पास एंडॉइड मोबाइल नहीं है या फिर तकनीक की जानकारी नहीं है, वे ऑफ लाइन सर्वे करेंगे।


यह जानकारी जुटा सकेंगे
मोबाइल एॅप के जरिए बीएलएओ को परिवार के मुखिया, उसके बेटे या बेटियों के साथ-साथ उनकी वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी जुटानी होगी। साथ में संबंधित परिवार का मोबाइल नंबर भी अंकित करना होगा। एॅप में दो ऑप्शन भी दिए गए हैं। यह भी पता लगाना होगा कि परिवार का मुखिया बेसिक फोन यूज करता है या फिर स्मार्ट फोन।

नए मतदाता की डिटेल भी भरेंगे
चुनाव आयोग की मोबाइल एॅप में केवल यह नहीं कि केवल वोटर से संबंधित डेटा जुटाया जाएगा। एॅप के जरिए 2 जनवरी 1999 से 1 जनवरी 2000 को जन्में बच्चों का डेटा एॅप में भरा जाएगा। इससे नए मतदाता के बनने की जानकारी चुनाव आयोग तक पहुंच जाएगी।

मतदाता विदेश तो नहीं छोड़ गया
स्पेशल ड्राइव के जरिए चुनाव आयोग यह भी जानेगा कि कितने मतदाता देश छोड़कर विदेशों में रहने लगे हैं। उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। यहां तक की वे किस पासपोर्ट नंबर के जरिए विदेश गए हैं, उसकी भी जानकारी बीएलओ को मोबाइल एॅप के जरिए देनी होगी। संबंधित वोटर की ई-मेल आइडी समेत उसका मोबाइल नंबर अंकित करना होगा।

जीपीएस से पता चलेगा पोलिंग बूथ
बीएलओ वोटर के साथ-साथ संबंधित पोलिंग स्टेशन की जानकारी भी एॅप के जरिए चुनाव आयोग को देगा। जीपीएस लोकेशन के आधार पर संबंधित स्टेशन की फोटो अपलोड करनी होगी। जीपीएस के जरिए ही निकटवर्ती पोस्ट ऑफिस की जानकारी मुहैया करवानी होगी।

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