16 नवंबर 2014

ससुराल से सटा गांव गोद लेने पर फंसी हरसिमरत कौर बादल


गांव वडिंगखेड़ा में बादल विरोधी लगाया धरना, ग्रामीण बोले हमारे साथ धोखा हुआ


डबवाली (लहू की लौ) पीएम नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत हरियाणा तथा राजस्थान सीमा से सटे गांव वडिंगखेड़ा को सूची से हटाकर अपनी ससुराल बादल से सटा गांव मान को गोद लेने पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल फंस गई हैं। शनिवार को गांव वडिंगखेड़ा के ग्रामीणों ने पंचायत के साथ केंद्रीय मंत्री तथा उनके ससुर प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ धरना दिया। मौका पर आये अकाली नेता तथा ब्लाक समिति चेयरमैन से जवाब तलबी की। अकाली नेता ने अपना पिंड छुड़वाते हुये कहा कि वे उन्हें सीएम के पास ले जाएंगे, सवाल आप पूछना, सीएम उत्तर दे देंगे।
पिछड़े गांवों को आदर्श ग्राम के तौर पर विकसित करने के लिये पीएम ने सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की है। केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने योजना के तहत हल्का लंबी के गांव वडिंगखेड़ा का चयन किया था। इसकी जानकारी गांव के सरपंच कश्मीर सिंह को दी गई। अकाली नेताओं तथा अधिकारियों की बधाईयां आने लगीं। 11 नवंबर को जब योजना के तहत चयनित गांवों के नाम बेवसाईट पर अपलोड करने की अंतिम तिथि थी तो गांव वडिंगखेड़ा की जगह गांव मान का नाम अपलोड किया गया। जिसके बाद गांव वडिंगखेड़ा के ग्रामीणों में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तथा उनके ससुर सीएम प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ तीव्र रोष पनप रहा है। शनिवार को ग्रामीणों ने बादल के खिलाफ धरना दे दिया। बादल के विरोध की सूचना पाकर ब्लाक समिति लंबी के चेयरमैन गुरबख्शीश सिंह विक्की मिड्डूखेड़ा मौका पर पहुंचे।
ग्रामीणों को समझाते हुये चेयरमैन ने कहा कि गांव मान सीएम के गांव से सटा हुआ है। गांव बादल में हरसिमरत कौर का आना-जाना लगा रहता है। बिना किसी बाधा के वे आसानी से गांव मान में पहुंच सकती हैं। अगर वे हर रोज गांव वडिंगखेड़ा आती तो सिक्योरिटी के साथ-साथ शेष प्रबंध करने पड़ते। इसलिये गांव मान को योजना के तहत चुना गया है। वे विरोध न करें, जैसा विकास गांव मान का होगा, वैसा ही गांव वडिंगखेड़ा का होगा। ग्रामीणों ने चेयरमैन से सवाल किया कि अगर सीएम के गांव से महज दो किलोमीटर दूर स्थित गांव पिछड़ा हुआ है, तो शेष गांवों का क्या होगा। उन्हें इस बात का जवाब दिया जाये कि आखिर उनके गांव को गोद क्यों नहीं लिया गया। क्या हरसिमरत कौर बादल के संसदीय क्षेत्र के बाशिंदे नहीं हैं? हर बार शिरोमणि अकालीदल की वोट यहां से बढ़ी, फिर ऐसा हमारे साथ क्यूं हुआ? ग्रामीणों ने चेयरमैन को खरी-खोटी सुनाई। जिस पर चेयरमैन ने कहा कि वे उन्हें सीएम प्रकाश सिंह बादल के पास ले जाएंगे, यह सवाल उनसे करना, वे ही उत्तर देंगे।
शिरोमणि अकालीदल के बायकाट की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुये कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जो सुविधाएं गांव को मिलनी चाहिये थी, शिरोमणि अकालीदल ने उन्हें उससे दूर कर दिया है। जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।

यह बोले सरपंच
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव को गोद लिया गया था। जिसकी सूचना सीएम बादल के ओएसडी तथा ब्लाक समिति लंबी के चेयरमैन ने देते हुये बधाई दी थी। जिला श्री मुक्तसर साहिब के अन्य अधिकारियों की बधाई कॉल भी आई थी। राजस्थान तथा हरियाणा सीमा से सटा गांव वडिंगखेड़ा काफी पिछड़ा हुआ है। आबादी करीब चार हजार है। योजना में शामिल होने पर गांव आदर्श बन सकता था। ग्रामीणों में गहरा रोष है।
-कश्मीर सिंह, सरपंच
गांव वडिंगखेड़ा

योजना के तहत होगा फायदा
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव का चयन करना है। चयनित गांव हर तरह से 2016 तक पूर्ण आदर्श बनाये जाने का लक्ष्य है। यहां पर लाईब्रेरी, पार्क, जलघर, बिजलीघर, सीवरेज, स्ट्रीट लाईट, पक्की गलियां, सामुदायिक केंद्र, स्कूल, अस्पताल की व्यवस्था करना प्रस्तावित है। आदर्श ग्राम में आदर्श प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय, विद्यालयों में तकनीकी शिक्षा पर जोर, आईटी क्लास रूम, वेब पुस्तकालय के साथ-साथ ई-लाईब्रेरी की सुविधा मिलेगी। ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ गांवों में वाई-फाई सुविधा मिलेगी।

गांव मान जैसा विकास वडिंगखेड़ा का होगा
गांव वडिंगखेड़ा का नाम सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रोसेस में था। इसके साथ-साथ अन्य चार-पांच गांव थे। मैंने मेहनत की थी कि गांव वडिंगखेड़ा चुना जाये। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्रामीणों का विरोध गलत है। गांव मान जैसा विकास वडिंगखेड़ा में होगा।
-गुरबख्शीश सिंह विक्की चेयरमैन, ब्लाक समिति, लंबी

सीएम विलेज से दो किलोमीटर दूर है मान
सीएम विलेज से महज दो किलोमीटर दूर गांव में अगर सुविधाएं मुहैया नहीं हो सकती, तो वडिंगखेड़ा जैसे सरहदी इलाका तो बहुत दूर की बात है। पीएम की योजना में गांव का नाम आने से विकास की उम्मीद जगी थी, जिस पर पानी फिर गया।
-जगपाल सिंह, ग्रामीण

गांव के साथ धोखा हुआ
हरियाणा तथा राजस्थान सीमा से सटा यह गांव अपनी हालत पर आंसू बहा रहा है। योजना में गांव का नाम आने के बाद बधाईयां मिलने का सिलसिला जारी था। गांव के साथ धोखा हुआ है, जिसे सहन नहीं किया जायेगा।
-चरण सिंह, पंच गांव वडिंगखेड़ा

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