22 जुलाई 2011

नीलियांवाली में संदिग्ध मौत


डबवाली (लहू की लौ) गांव नीलियांवाली के किसान शिवराज सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला उलझ गया है। किसान के बेटों ने इसे अत्याधिक नशा करने के कारण हुई मौत बताया है। वहीं उसकी मां तथा भाई ने इसे जमीनी विवाद में हत्या करार दिया है। फिलहाल सदर पुलिस ने इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाकर विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा है।
गांव नीलियांवाली निवासी सुरजीत सिंह (23) ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसका 45 वर्षीय पिता शिवराज सिंह लम्बे समय से शराब तथा पोस्त का नशा करने का आदि था। बुधवार शाम को उसके पिता की अत्याधिक शराब पीने से हालत गंभीर हो गई। इस बात की जानकारी उसके छोटे भाई कुलदीप ने उसे दी। वह मौका पर पहुंचा। वे लोग अपने पिता को सरकारी अस्पताल में ले आए। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर मृतक शिवराज सिंह की मां करतार कौर (70), भाई लाभ सिंह (48) ने पुलिस में शिकायत देकर आरोप लगाया कि शिवराज नशे करने का आदि था। लेकिन उन्होंने उसे दवाई दिलाकर नशा छुड़वा दिया था। अब वह नशा नहीं करता था। शिवराज के तीन बेटों तथा पत्नी गांव हैबूआना में पड़ी लगभग उसकी आठ एकड़ जमीन को लेकर विवाद किए हुए थे। उन्हें शक है कि इन चारों ने मिलकर शिवराज को जहर देकर मारा है।
किसान शिवराज के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद डॉ. बलेश बांसल ने बताया कि मृतक के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं मिले हैं। मौत कैसे हुई इसकी पुष्टि के लिए विसरे को करनाल स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है। सदर पुलिस के एसआई रतन सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतक के बड़े बेटे सुरजीत सिंह के उपरोक्त ब्यान के आधार पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। गुरूवार को शव का सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक के भाई लाभ सिंह की शिकायत के आधार पर विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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