03 फ़रवरी 2011

कालुआना ने बढ़ाया हरियाणा का मान


डबवाली (लहू की लौ) गंाव कालुआना की पंचायत को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2009-10 की देश की श्रेष्ठ (बैस्ट ऐट) आठ पंचायतों में चुना गया है। इसके लिए पंचायत को दिल्ली के विज्ञान भवन में यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी व देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सम्मानित किया। यह सम्मान कालूआना गांव के सरपंच जगदेव सहारण ने प्राप्त किया। दिल्ली में यह कार्यक्रम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के पांचवी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इससे पहले कालुआना पंचायत को राष्ट्रीय स्तर पर देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा भी निर्मल ग्राम पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
उपायुक्त सीजी रजिनीकांथन ने बताया कि कालूआना गांव में जिला प्रशासन व ग्राम पंचायत के सहयोग से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों पर सवा 3 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। इस राशि से ग्राम पंचायत द्वारा गांव की पंचायती 68 एकड़ भूमि को समतल करना अनुसूचित जाति की 5 एकड़ पंचायती जमीन पर बाग लगाना, गांव में सरकारी व पंचायती जमीन पर पौधारोपण और गांव में ही नर्सरी तैयार करने जैसे कार्य किए गए। इसके साथ-साथ गांव में चैक डैम और हरियाणा की सीमा से गुजरने वाली इंदिरा गांधी नहर के पास ट्यूबवैल लगाकर आरसीसी पाईप से ट्यूबवैलों का पानी गांव की पंचायती भूमि और अन्य किसानों की भूमि पर सिंचाई के लिए पानी उपलबध करवाया गया। इसी प्रकार से गांव की ढाणियों में पानी के लिए बड़ी टंकियां बनवाई गई। गांव में ही खालों का निर्माण करवाया गया।
बता दें कि पिछले साल 20  व 21 मई को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की टीम ने मंत्रालय के सचिव बी.के सिन्हा के नेतृत्व में गांव में दौरान किया। इस टीम द्वारा गांव के सभी लोगों से बातचीत की गई और नरेगा के तहत किए गए विकास कार्यों की ब्यौरा लिया था। यह भी उल्लेखनीय कि कालुआना गांव को स्वच्छता के मामले में राज्य स्तर पर 20 लाख रुपए का पुरस्कार भी मिला वहीं स्वच्छता के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा भी निर्मल ग्राम पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
गांव के सरपंच जगदेव सिंह ने इस संवाददाता को बताया कि गांव की सात हजार से भी अधिक आबादी है। उन्होंने बताया कि गंाव प्रदेश के अतिंम छोर पर बसा है इस योजना से पूर्व लोगों के पास रोजगार के साधन बहुत कम थे। उन्होंने बताया कि योजना के क्रियान्वयन से लोगों को काम तो मिला ही है खेतों में काम करने की मजदूरी की दर में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ-साथ पंचायत की भी आमदनी बढ़ी है, जहां पहले पंचायती जमीन का ठेका 1500 से 2000 रुपए प्रति एकड़ वार्षिक उठ पाता था अब सिंचाई की सुविधा होने से पंचायती जमीन का ठेका 18 हजार रुपए वार्षिक तक हो गया है। इसके साथ-साथ गांव में तीन तालाब भी इस योजना के तहत खुदवाए गए है।
इस प्रकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कालुआना गांव की फिजा बदली है। आज कालुआना गांव किसी भी दृष्टि से एक विकसित शहर से कम नहीं है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के अधिकारी ग्राम पंचायतों को नरेगा के क्रियान्वयन व विकास के मामले में कालुआना गांव प्रेरणादायी बना हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार से नवाजी गई कालुआना गांव की पंचायत ने हरियाणा का समूचे देश में नाम रोशन किया है।

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