19 जनवरी 2011

काऊंटर के नीचे से मिला नशा

डबवाली (लहू की लौ) जिला औषधि नियंत्रक ने मंगलवार को शहर में चौटाला रोड़ पर स्थित एक मेडिकल शॉप पर छापा मारकर भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां बरामद की। शॉप बिना फार्मासिस्ट और बिना दुकान मालिक के चल रही थीं।
जिला औषधि नियंत्रक रजनीश धानीवाल ने बताया कि अर्जुन मेडिकल हाल पर छापामारी के दौरान नशे में प्रयुक्त होने वाली छह प्रकार की दवाईयां बरामद हुई हैं। जिनमें एविल 10 एमएल के 24 इंजेक्शन, 253 पाऊच कैरिसोल कैप्सूल (प्रयोग किए हुए), यूनीपोलम .5 की 200 गोली, लोमोटिल 200 गोली, रेकोडेक्स 100 की सात बोतल तथा क्रोमेथाजिन के 43 इंजेक्शन बरामद हुए। ये सभी नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां हैं। बिना डॉक्टर की पर्ची से इन्हें बेचा नहीं जा सकता। लेकिन जब इस शॉप पर छापामारी की गई, तो शॉप पर बैठा सुखदेव नामक युवक बिना पर्ची के दवाईयों को बेच रहा था। जबकि शॉप का फार्मासिस्ट सोहन लाल जिन्दल तथा मालिक मक्खन शर्मा दोनों नदारद थे। औषधि नियंत्रक के अनुसार नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां दुकान मालिक द्वारा काऊंटर के नीचे छुपाकर रखी गई थी। नशे के कारोबार को बड़ी चालाकी से गति दी जा रही थी। मौका पर उपस्थित सुखदेव नामक युवक बरामद हुई दवाईयों का कोई सेल-परचेज का रिकॉर्ड नहीं दिखा सका। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल शॉप पर फ्रीज होना भी जरूरी है। कुछ दवाईयां 2 डिग्र्री से 8 डिग्री तापमान तक रखी जाती हैं। लेकिन उक्त शॉप पर फ्री भी नहीं मिला। रजनीश धानीवाल के अनुसार वे उपरोक्त मामले की जानकारी ड्रग कंट्रोलर हिसार एनके आहूजा को देंगे। ताकि मेडिकल शॉप की आड़ में चल रही इस नशे की दुकान पर पाबंदी लगाई जा सकें।
इधर इस संबंध में जब अर्जुन मेडिकल हाल पर मौजूद युवक सुखदेव से पूछा गया तो उसने बताया कि शॉप का मालिक मक्खन उसका भाई है। आज वह बाहर था। जिसके कारण मंगलवार को पहली दफा उसे दुकान पर बैठना पड़ा। दुकान में नशा होने की उसे जानकारी नहीं थी।

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