28 फ़रवरी 2010

फकीरचन्द हत्या प्रकरण में डेरा प्रमुख पर मामला दर्ज

डबवाली (लहू की लौ) डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है। यही कारण है कि सीबीआई जांच डेरा प्रमुख का पीछा नहीं छोड़ रही। डेरा प्रमुख लगातार किसी न किसी मामले में सीबीआई जांच के शिकंजे में फंसते चले जा रहे हैं। डेरा के ही पूर्व प्रबंधक फकीरचंद मामले में सीबीआई चण्डीगढ़ ने प्राथमिक जांच के बाद डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह सहित चार अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। सीबीआई की प्राथमिक जांच के बाद फकीरचंद गुमशुदगी मामले की गुत्थी सुलझती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक फकीरचंद करीब डेढ़ दशक पूर्व एकाएक लापता हो गया था। काफी पड़ताल करने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा। यहां तक कि उसके जानकारों को भी पता नहीं चला कि एकाएक फकीरचंद कहां गायब हो गया। न ही तो फकीरचंद जीवित मिला और न ही उसकी लाश ही बरामद हुई। फकीरचंद की गुमशुदगी को लेकर हालांकि डेरा के भीतर और बाहर कई तरह की चर्चाएं रहीं। लेकिन चर्चाओं से आगे कभी बात नहीं बढ़ी। इस मामले में डेरा के पूर्व साधू रामकुमार बिश्नोई ने जांच की मांग को लेकर कई दरवाजों पर दस्तक दी। हरियाणा पुलिस ने रामकुमार बिश्नोई को इस प्रक्रिया में कोई सहयोग नहीं दिया। परेशान रामकुमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आदेश दिए कि फकीरचंद की गुमशुदगी के मामले में भी डेरा की जांच करे। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीबीआई ने प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए छानबीन शुरू की। इसी सिलसिले में सीबीआई की उच्चस्तरीय टीम कई बार सिरसा आई थी। टीम ने डेरा से संबंधित कई लोगों से पूछताछ की थी। विगत दिनों सीबीआई ने उक्त मामले में प्रारंभिक जांच के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह, रेशम सिंह, सुखदेव दीवाना, बलदेव मिठड़ी व गोबिंद सिंह के खिलाफ हत्या, षड्यंत्र रचने और साक्ष्यों को मिटाने का मामला दर्ज किया है। इससे पहले भी डेरा प्रमुख पत्रकार छत्रपति हत्याकांड, रणजीत मर्डर केस और साध्वी यौन शोषण प्रकरण में अदालत की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

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