23 फ़रवरी 2010

विदेश सचिव वार्ता में उठे सिर कलम का मामला

चंडीगढ़/अमृतसर - मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पाकिस्तान में तालिबान द्वारा दो सिखों के सिर कलम करने को मानवता के खिलाफ नफरत करार देते हुए केंद्र सरकार से इस मामले को भारत-पाक सचिव वार्ता में प्राथमिकता के आधार पर उठाने का आग्रह किया है। पेशावर में घटित इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है।

मुख्यमंत्री बादल ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से जोरदार आग्रह किया कि वह तालिबान के चंगुल से बंधक बनाए सिखों को सुरक्षित छुड़ाने के लिए सीधे दखल दें। वह विदेशों में रह रहे सिखों की सुरक्षा को विश्वसनीय बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में आस्था फाउंडेशन का उद्घाटन करने से पहले पत्रकारों से बातचीत में इस घटना को अमानवीय कृत्य करार दिया और केंद्र सरकार से मामले में तुरंत दखल देने की मांग की। प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इसके संबंध में पाकिस्तान सरकार के साथ तालमेल कर सख्त संदेश दें। उन्होंने कहा कि इस घिनौने हत्याकांड के विरुद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकमत होना होगा, ताकि पाकिस्तान में बसे सिखों के जानमाल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने अभी तक काली सूची में शामिल पंजाब के लोगों के बारे में कोई सूचना राज्य सरकार को नहीं दी है। सरकार ने इसके संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को कई दफा लिखा है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने केंद्र सरकार से मांग की कि पेशावर के सिखों की वर्तमान दशा जानने के लिए एसजीपीसी का एक शिष्टमंडल पाक भेजने की आज्ञा दी जाए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मांग की गई कि भारत-पाक के बीच सचिव स्तर की वार्ता में वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीरता से उठाया जाए। एसजीपीसी वहां अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे जुल्म का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उठाएगी।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने केंद्र सरकार से इस मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की वकालत करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दुनिया के किसी भी हिस्से में अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा बुरा सलूक न हो। अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती ने मांग की कि पाक सरकार सिखों की सुरक्षा करे।
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री लक्ष्मी कांता चावला ने दुखी परिवारों से हार्दिक सहानूभुति प्रकट करते हुए अफसोस जताया कि केंद्र सरकार एक माह से फिरौती एवं धर्म परिवर्तन के नाम पर अगवाह किए गए सिखों को सुरक्षित बचाने के लिए पाक से तालमेल नहीं बना सकी। नतीजा दुनिया के सामने है।

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