22 सितंबर 2009

माओवादियों व माकपा समर्थकों में जमकर गोलीबारी


कोलकाता, 22 सितंबर। पश्चिम बंगाल के इनायतपुर कस्बे में माओवादी और माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थकों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। दोनों तरफ से करीब पांच राउंड गोलियां चलाई गई। इसमें 10-15 लोगों को हताहत होने और कई के घायल होने की खबर है, मगर मृतकों के बारे में औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार शाम शुरू हुई गोलीबारी मंगलवार सुबह भारी तादाद में पुलिस के वहां पहुंचने के बाद माओवादी पीचे हट गए हैं और गोलीबारी थम गई है। माओवादियों ने सोमवार सायं पश्चिमी मिदनापुर के इनायतपुर गांव में माकपा के एक पार्टी कार्यालय को यह आरोप लगाते हुए घेर लिया था कि कार्याल के अंदर उसके कार्यकर्ताओं के पास हथियार हैं। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर रात में अपने हथियार नहीं सौंपे, तो वे कार्यालय को उडा देंगे। उस समय कार्यालय में माकपा के करीब अस्सी हथियारबंद कार्याकर्ता थे। माओवादियों ने अपनी धमकी का असर नहीं देख गोलीबारी शुरू कर दी, जवाब में कार्यालय के भीतर मौजूदा माकपा कार्यकर्ताओं ने गोलीबारी की। माना जा रहा है कि माकपा कार्यकर्ताओं की जवाबी गोलीबारी के कारण ही माओवादी कार्यालय के पास नहीं फटक सके और कोई धमाका करने में विफल रहे। कोलकाता में माकपा कार्यकर्ता अनौपचारिक तौर पर कह रहे हैं कि दोनों तरफ के लोग मारे गए हैं, मगर वे भी कोई पुष्ट जानकारी नहीं दे पाए हैं। दूसरी माओवादी नेता किशनजी ने दावा किया है कि उनका कोई कार्यकर्ता हताहत नहीं हुआ है। इस मुठभेड की खास बात यह है कि माकपा समर्थकों ने इस बार माओवादियों का जमकर उन्हीं की तर्ज जवाब दिया है।
जून में लालगढ इलाके में माओवादियों के खिलाफ पुलिस अभियान की शुरूआत के बाद भी राज्य की सत्ताधारी पार्टी माकपा के कम से कम 35 समर्थक माओवादियों का निशाना बन चुके हैं। माकपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पुलिस बल पर भरोसा नहीं है और वे अपनी रक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा रहे हैं।
दूसरी ओर माओवादी नेता किशनजी बताया कि इनायतपुर के माकपा कार्यालय में बडी संख्या में हथियार हैं और वे इसका इस्तेमाल माओवादियों को समर्थन दे रहे ग्रामीणों के खिलाफ करने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ता स्थानीय महिलाओं को परेशान करते हैं इसीलिए हजारों ग्रामीणों ने हमारे छापामारों की अगुआई में माकपा कार्यालय को घेर लिया। अभी भी हमारे लोग वहां मौजूद हैं मगर जनता के अनुरोध पर हम पीछे हट गए हैं।

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