18 सितंबर 2009

चौक विवाद को लेकर शहरभर में तनाव, बाजार बंद

ऐलनाबाद : प्रदेश के शांतिप्रिय क्षेत्रों में से एक ऐलनाबाद में पिछले कई वर्षों से जारी पंचमुखी चौक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। चौक का निर्माण कब २ समुदायों के साख का प्रश्र बन गया पता ही लगा? एक ओर जहां शहीद राधेश्याम भाकर यादगार समिति के समर्थक शहीद भाकर की प्रतिमा इस चौक के स्थान पर लगाने के पक्ष में हैं, वहीं दूसरी ओर अग्रवाल समुदाय महाराजा अग्रसैन की मूॢत स्थापना यहां करवाए जाने हेतु अपना संघर्ष जारी किए हुआ है। यह विवाद पिछले कई वर्षों से जारी है, परंतु प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी इस मामले का हल नहीं हो पाया है। वहीं दोनो में से कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं। दोनों ही पक्ष अपने-अपने चौक के निर्माण को लेकर डटे हुए हैं। आज फिर से उगले इस विवाद में दोनों पक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं थे, बल्कि सीधा मुकाबला पुलिस प्रशासन व शहीद राधेश्याम चौक समर्थकों के बीच था। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से कारगिल मोर्चे पर लोहा लेते हुए १७ दिस6बर १९९९ को ज6मू-कश्मीर के कुपवाड़ा क्षेत्र में शहीद हुए राधेश्याम भाकर उपमंडल ऐलनाबाद के एकमात्र शहीद हंै। देश की शहादत के लिए तत्कालीन हरियाणा सरकार ने पंचमुखी चौक के स्थान पर शहीद राधेश्याम भाकर चौक बनाने की घोषणा की थी, तभी से लेकर आज तक शहीद राधेश्याम भाकर यादगार समिति यहां शहीद भाकर चौक निर्माण के लिए संघर्ष कर रही थी, वहीं दूसरी ओर इस चौक के स्थान पर महाराजा अग्रसैन चौक स्थापना हेतु अग्रवाल समुदाय के पास भी मंजूरी थी, ऐसे में यह चौक २ समुदायों के विवाद का पर्याय बनकर रह गया। नगरपालिका की मामूली लापरवाही के कारण इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि यह मामला वर्षों से खींचा चला आ रहा है और समय-समय पर इसकी आग यहां उठती रहती है, जिससे एक ओर शहर की शांति प्रभावित होती है, वहीं दूसरी ओर यहां तनाव की स्थिति भी पैदा होती है। समिति ने की खारीसुरेरां में बैठक शहीद राधेश्याम चौक निर्माण संघर्ष समिति द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यहां ५ हजार समर्थकों की मौजूदगी में चौक पर शहीद की मूॢत स्थापित की जानी थी, जिसे लेकर आज प्रात: ७ बजे ही शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई, ताकि किसी भी तनावपूर्ण स्थिति से काबू पाया जा सके। इससे पूर्व आज शहीद समर्थकों ने गांव खारी सुरेरां में एक जनसभा भी आयोजित की। जनसभा के आयोजन की सूचना मिलते ही मामले को शहर से बाहर ही शांत करने के उद्देश्य से एस.डी.एम. मनजीत ङ्क्षसह व तहसीलदार परमजीत ङ्क्षसह चहल मौके पर पहुंचे तथा शहीद समर्थकों द्वारा गठित ५ सदस्यीय कमेटी से बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने शहीद समर्थकों को आचार संहिता लगी होने का हवाला देते हुए कहा कि चुनावी माहौल में किसी भी प्रकार का बवाल पैदा करना खतरनाक हो सकता है, लेकिन शहीद समर्थक अपनी मांग पर अड़े रहे, जिससे वार्ता विफल हो गई तथा ग्रामीण प्रशासनिक आह्वान को दरकिनार करते हुए चौक में शहीद की प्रतिमा स्थापित करने के लिए शहर की ओर कूच कर गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने किशनपुरा पुल के पास नाकेबंदी करते हुए ग्रामीणों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। नाकेबंदी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपाधीक्षक बलवीर ङ्क्षसह, पुलिस उपाधीक्षक मु2यालय एस.एस. श्योराण, पुलिस थाना प्रभारी रमेश चंद्र, सिरसा के यातायात पुलिस प्रभारी जोगेंद्र ङ्क्षसह के समझाने पर जब शहीद समर्थक नहीं माने तो मौके पर जिला उपायुक्त युद्धवीर ङ्क्षसह 2यालिया तथा पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव पहुंच गए तथा शहीद समर्थकों को समझाने का प्रयास किया। इसी बीच शहीद के कुछ समर्थक किसी ओर रास्ते से होते हुए शहीद की प्रतिमा को लाकर पंचमुखी चौक में स्थापित कर दिया, जिसे चौक में तैनात पुलिस ने तुरंत ही हटा दिया तथा प्रतिमा को थाने में भिजवा दिया गया। इस पर शहीद समर्थक भड़क उठे तथा स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

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