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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

08 जून 2010

सकताखेड़ा में युवक ने फांसी खाई

डबवाली (लहू की लौ) गांव सकताखेड़ा में एक युवक ने फांसी खाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली।
गांव सकताखेड़ा निवासी स्नेहदीप (45) ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भतीजा राकेश कुमार (22) पुत्र विष्णु दत्त मानसिक रूप से परेशान चला आ रहा था। आज सोमवार सुबह उसने अपनी घर के कमरे की छत के सरिये से कपड़ा बांध कर फांसी ले ली। इसकी जानकारी उन लोगों को दोपहर 12 बजे लगी। सूचना पाकर चौटाला पुलिस चौकी के एसआई जीत सिंह मौका पर पहुंचे।
एसआई जीत सिंह के अनुसार स्नेहदीप के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए डबवाली के सिविल अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।

डिग्गी में गिरा मासूम, मौत

डबवाली (लहू की लौ) 5 दिन पूर्व अपने बच्चे के जन्म दिन की तैयारियों में मशगूल परिवार को उस समय भारी आघात लगा जब लाडला बेटा घर के आंगन में खेलते समय घर में बनी चार फुट गहरी डिग्गी में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
गांव डबवाली के विशाल (28) पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ही उनके घर बेटा हुआ था। जिसका नाम उन्होंने विनय रखा था। वह रामां मण्डी की रिफाईनरी में काम करता है। वह प्रात: 7 बजे डयूटी पर चल गया। महिलाएं घर के भीतर काम कर रही थी और विनय घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते अचानक डिग्गी में गिर गया। जिसकी जानकारी घर के किसी सदस्य को नहीं थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी अमनदीप कौर को याद आई कि विनय वहां नहीं है। उसकी तालाश शुरू की गई, तो वह खोजते-खोजते डिग्गी के पास पहुंची तो डिग्गी में उसका शव तैरता हुआ मिला। विनय को डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। विनय का आगामी 11 जून को दूसरा जन्म दिन था।

04 जून 2010

डेरा प्रमुख की जमानत पर फैसला 14 को

प्रदेशभर में पेशी को लेकर रहा हाई अलर्ट
सिरसा  डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की अग्रिम जमानत पर आज दिया जाने वाला निर्णय अब चुनावों तक टल गया है। डेरा प्रमुख आज नियमित पेशी के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई अदालत में पेश हुए। पेशी के दौरान अदालत परिसर को सुरक्षा जाल में तबदील कर दिया गया था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद हरियाणा सरकार व पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए विशेष न्यायाधीश एएस नारंग ने अग्रिम जमानत पर फैसला चुनाव बाद यानी 14 जून तक टाल दिया। डेरा प्रमुख को मिली नियमित अग्रिम जमानत को आधार बनाते हुए अवतार सिंह नामक डेरा के पूर्व प्रबंधक ने उसे भी जमानत देने का आग्रह किया था। इसके बाद अदालत ने डेरा प्रमुख की अग्रिम जमानत पर आज फैसला सुनाना था। इस फैसले के दृष्टिगत ही राज्य सरकार ने अलर्ट घोषित किया था। सभी जिलाधीशों ने अपने मातहत अधिकारियों की बैठक भी कर ली थी। इसी बीच हरियाणा पुलिस ने न्यायालय से गुहार की कि चुनाव में व्यस्तता के चलते पुलिस इस मामले में सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकती इसलिए एक बार निर्णय को सुरक्षित रख लिया जाए। पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए न्यायाधीश ने अगली तारीख 14 जून निर्धारित कर दी। साथ ही कल 5 जून को साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख की पेशी को भी स्थगित कर दिया गया। डेरा प्रमुख की जमानत रद्द होने की आशंका के चलते डेरा के हजारों अनुयायी आज न्यायालय परिसर के बाहर एकत्रित थे। इनमें महिलाओं की संख्या काफी थी। तंबुओं के नीचे बैठी महिलाएं सिमरन भी करती देखी गईं। डेरामुखी सुबह सवा 8 बजे अदालत पहुंचे और भारी सुरक्षा के बीच उन्हें वीडिया कॉन्फ्रैंसिंग रूमं में ले जाया गया।  आज की पेशी दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर खत्म हुई। आज डेरा प्रमुख की पेशी के चलते अदालत परिसर के बाहर भारी संख्या में डेरा अनुयायी इक_े थे और पुलिस जवान भी अतिरिक्त लगाए गए थे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रंजीव दलाल ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को डेरा प्रमुख की पेशी के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के निर्देश जारी किए थे। पुलिस प्रशासन का अनुमान था कि अदालत द्वारा डेरा प्रमुखकी जमानत याचिका रद्द करने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए पुलिस ने पहले से ही पूरे बंदोबस्त कर लिए थे। भारी संख्या में पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, घुड़सवार पुलिस, आंसू गैस, वज्र सहित सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था  का जायजा लेने के लिए आज हिसार रेंज के आईजी अनंत कुमार ढुल भी सिरसा पहुंचे।

चौपाल पर चुनाव के चर्चे

बनवाला (जसवन्त जाखड़) इन दिनों जिला सिरसा में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत के चुनाव का प्रचार जोरों पर है। हालांकि 6 जून को प्रत्याशियों की पोल मत पेटियां तथा ईवीएम मशीनें खोल देंगी।
गांव बनवाला में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशी अपनी-अपनी बात मतदाताओं के समक्ष रखने के लिए आ रहे हैं। इस बार ग्रामीण मतदाता उतना भोला नहीं है, जितना कि प्रत्याशी समझते हैं। वह हर बात को समझता है, भले ही उसे रिझाने के लिए शराब की ही क्यों न पिलाई जा रही हो। मतदाता इस बात को लेकर चल रहा है, कि अगर प्रत्याशी इस मौके पर उसे खिलाते-पिलाते हैं, तो खा पी लेना चाहिए। वोट तो अपने मन से ही देनी है। जब ये जीत जाएंगे तब उनकी सुनवाई कहां होने वाली है।
गांव के देवीलाल चौक पर बैठे हुए युवक प्रत्याशियों का प्रचार सुनने के बाद अक्सर बड़े ही मजे से बाते करते हैं कि यहां विकास की बात तो सभी करने आ रहे हैं, लेकिन वायदे पर खरा कौन उतरेगा, ये तो उसे अजमाने पर ही पता चल पाएगा। वे यह भी सोचते हैं कि आखिर वोट किसको दें। आपस में विचार-विमर्श तो करते हैं, लेकिन फिर मन को मसोस कर कहते हैं कि चलो 6 जून आएगी तब यहां मन करेगा, वहां मोहर लगा देंगे।
इसी प्रकार चौपाल में बैठे हुए वृद्ध भी हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए अक्सर इन दिनों चुनाव की ही बात करते हैं, चूंकि मौसम भी तो चुनाव है, अब बेचारे हाड़ी काटकर कुछ समय आराम के साथ-साथ प्रत्याशियों के भाषण सुनकर मंनोरजन भी कर रहे हैं। इन चुनावों के मौसम में वृद्ध अपनी बेटों को यह सुझाव देना भी भूल गये हैं कि बेटा हाड़ी के बाद अब सावनी भी आनी है और खेत में जाकर इसकी बिजाई भी करनी है और आगे की भी सोचनी है।
भूप सिंह टाड़ा  का कहना है कि गांव का विकास रूका हुआ है, वे तो उसी को वोट देंगे, जो गांव की और भाईचारे की बात करेगा।
सरवन गोदारा  का कहना है कि कैसा जमाना आ गया है, सरपंच पद के लिए भी एमएलए जैसा प्रचार करना पड़ रहा है। भोंपू पूरा दिन गांव में बजते हैं और गांव की शांति भंग हो रही है, यह भी पता नहीं, कि जीतकर ये लोग गांव का कितना विकास करवाएंगे।
प्रेम भांभू  का कहना है कि प्रत्याशी अब तो बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, लेकिन जब जीत हासिल होगी तो वायदे तो भूल जाएंगे, मतदाता को भी भूल जाएंगे। फिर कहेंगे हमें तो वोट डाला ही नहीं, हम तुम्हारे वोट से कहा बनें हैं।
रामकुमार का कहना है कि चुनाव में वोट डालने का अधिकार उसे मिल गया है और वह तो अपने वोट को पूरी तरह सोच-समझकर ही प्रयोग करेगा। उसका तो लक्ष्य एक ही है जो गरीब की सुनेगा, वह उसको जरूर वोट देगा।
हरबन्स जाखड़ का कहना है कि जीते कोई भी लेकिन वह अपने कत्र्तव्य को याद रखे। सबकी सुनें और सबको सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ दे।

अविश्वास मत पर टिका कांग्रेस का भविष्य

डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डबवाली के लोगों की निगाह अब 16 जून पर लगी हुई हैं। इसी प्रस्ताव पर डबवाली क्षेत्र में कांग्रेस और डॉ. केवी सिंह का राजनीतिक भविष्य भी जुड़ा हुआ है। चूंकि डॉ. केवी सिंह के आशीर्वाद से ही पालिका अध्यक्षा के पद पर सिम्पा जैन सुशोभित हो पाई थीं।
नगरपालिका के चुनावक्रम पर दृष्टि डालें तो पालिका के चुनाव पहली पालिका के समय सीमा समाप्त होने से पूर्व ही 30-12-2008 को सम्पन्न हुए थे। जिसके चलते 3-3-2009 को विजेता पार्षदों की नोटिफिकेशन सरकार द्वारा की गई। हालांकि इन चुनावों में 19 वार्डों में से 10 पर कांग्रेस को, 7 पर इनेलो तथा 2 पर इनेलो की सहयोगी भाजपा को सफलता हासिल हुई थी।
पार्षदों की प्रथम बैठक और शपथ ग्रहण समारोह 20 मार्च 2009 को तत्कालीन उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह ने सम्पन्न करवाया था। लेकिन प्रधान और उपप्रधान पद को लेकर कांग्रेस में कशमकश चलती रही। कांग्रेस के 10 में से चार पार्षद प्रधान पद की दौड़ में थे। जिसमें विनोद बांसल, रमेश बागड़ी, सिम्पा जैन तथा हरनेक सिंह शामिल थे। कई दिन तक इनमें उठा-पटक चलती रही। उस समय इनेलो ने यह शिगूफा भी छोड़ा कि सरकार तो नगरपालिका पर इनेलो की ही आएगी और कांग्रेसी आपस में लड़ते रह जाएंगे। इनेलो के इस शिगूफा से कांग्रेसी पार्षदों को एक होने का मौका मिला और 31 मार्च को सिम्पा जैन के नाम पर जैसे तैसे सहमति हो गई। लेकिन इस सहमति से पूर्व कांग्रेस में फिर दरार पैदा हुई और पार्षद हरनेक सिंह नगरपालिका के बाहर से ही गायब हो गया। उस दिन कांग्रेसी पार्षदों के हाजिर न होने से बैठक कैंसल कर दी गई। इस मौके पर उपस्थित हुए इनेलो पार्षदों ने खूब शोर-शराबा किया। लेकिन उनकी एक न चली।
फिर अगले दिन 1 अप्रैल को कांग्रेसी पार्षद नगरपालिका में उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह के निमंत्रण पर आयोजित पार्षदों की बैठक में उपस्थित हुए। इस मौके पर सभी 19 पार्षद उपस्थित थे। लेकिन बहुमत कांग्रेस के पक्ष में होने के कारण प्रधान पद पर सिम्पा जैन और उपप्रधान पद पर हरनेक सिंह को चुन लिया गया। हरनेक सिंह ने तत्काल अपना कार्य शुरू कर दिया। लेकिन 4 मई 2009 को प्रधान पद की नोटिफिकेशन के बाद प्रधान ने 5-5-2009 को अपना कार्यभार संभाला।
प्रधान पद को लेकर इसके बावजूद भी कांग्रेसी पार्षदों में नोंकझोंक अक्सर चलती रही। पार्षद जगदीप सूर्या, विनोद बांसल, रमेश बागड़ी ने बताया कि सिम्पा जैन वायदे पर कायम नहीं रही। जिसके चलते उन्हें विद्रोही तेवर अपनाने पड़े। उनके अनुसार प्रधान पद पर सिम्पा जैन की नियुक्ति करते समय पार्षदों में यह तय हुआ था कि छह माह के बाद वह प्रधान पद छोड़ देगी। इन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिम्पा जैन पार्षदों को ब्लैकमेल करके प्रधान बनी थी। चूंकि उसने धमकी दी थी कि अगर उसे प्रधान नहीं बनाया जाता तो वह विपक्षी खेमे में शामिल हो सकती है।
विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों ने इनेलो पार्षदों के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी गुप्त बैठकें नगर के एक होटल में करनी शुरू कर दी। जिसमें विपक्ष के पार्षद गुरजीत सिंह शामिल थे। 14 मई 2010 को विद्रोही पार्षद अपने कार्य को अंजाम देने के लिए डबवाली से इनेलो के विधायक अजय सिंह चौटाला से सिरसा में उनके निवास स्थान पर मिले और बताया कि वे पालिका अध्यक्षा से खफा है और किसी भी कीमत पर इसे बदलने के इच्छुक हैं। बताया तो यह जाता है कि अजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अब भी विचार कर लें, अन्यथा आगे कदम बढ़ाने के बाद पीछे न हटें। इस मौके पर कांग्रेसी पार्षदों ने एक शर्त रखी कि यदि पालिका अध्यक्षा इनेलो में शामिल होने की इच्छा करे तो उसे किसी भी कीमत पर इनेलो में शामिल न किया जाए और न ही उसे समर्थन देकर इनेलो प्रधान बनाए। इस पर अजय सिंह चौटाला ने सहमति व्यक्त की और इनेलो व विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों में समझौता हो गया। इसी योजना के तहत 17 मई को विद्रोही कांग्रेसी पार्षद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो पार्षदों के साथ उपायुक्त सिरसा के समक्ष प्रस्तुत हुए और  उन्हें पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए अपने शपथ पत्र सौंपे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए पार्षदों की विशेष बैठक 16 जून को बुलाए जाने को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजनीति पर्यवेक्षकों का मानना है कि नगरपालिका के अध्यक्षा पद पर सिम्पा जैन को बिठाने के लिए कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह की अहम भूमिका थी और डॉ. केवी सिंह ने इसके लिए नगरपालिका चुनाव के समय गठित की गई पांच सदस्यीय कमेटी को भी नजरअंदाज कर दिया था। इस कमेटी में मलकीत सिंह गंगा, नवरतन बांसल, रवि चौटाला, संदीप चौधरी, दीपक कौशल एडवोकेट शामिल थे। कमेटी को नजरअंदाज करने के बाद कमेटी के सदस्यों और डॉ. केवी सिंह के बीच तभी से 36 का आंकड़ा चला आ रहा है। लेकिन विद्रोही कांग्रेसी भी केवी सिंह के ही समर्थक माने जाते रहे हैं। आखिर केवी सिंह के आशीर्वाद से बनाई गई पालिका अध्यक्षा के खिलाफ केवी सिंह के समर्थकों के ही विद्रोह में आ जाने से यह माना जाने लगा है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव 16 जून को पारित हो जाता है, तो डॉ. केवी सिंह का डबवाली से जुड़ा राजनीतिक भविष्य भी काफी हद तक प्रभावित होगा। हालांकि पालिका अध्यक्षा के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगेगा ही।

30 मई 2010

सरपंच पद मिला 11 लाख में

डबवाली (लहू की लौ) जिला सिरसा के गांव पन्नीवाला मोरिकां में चुनाव न हों इसके लिए प्रत्याशियों में पहले बोली से सरपंची नीलाम करने का प्रयास किया गया। लेकिन बाद में गांव के मौजिज व्यक्तियों ने 11 लाख में सरपंची पर सर्वसम्मति करवाते हुए यह राशि गांव में बने एक डेरा और गुरूद्वारा को दिला दी।
डबवाली खण्ड के गांव पन्नीवाला मोरिकां में वीरवार को गांव के गणमान्य लोगों ने सार्वजनिक बैठक की। जिसमें सरपंच पद का चुनाव लड़ रहे अमरजीत सिंह (30) पुत्र दर्शन सिंह, जगदीश (50) पुत्र आत्मा सिंह, जगदीप सिंह (32) पुत्र साधु सिंह, इकबाल सिंह (30) पुत्र मुख्तियार सिंह, गमदूर सिंह (50) पुत्र सरवन सिंह, जगसीर सिंह (40) पुत्र टेक सिंह, लखवीर (55) पुत्र ज्वाला सिंह, हरमन्दर सिंह (35) पुत्र अंग्रेज सिंह, बलविन्द्र (29) पुत्र बन्ता सिंह, नगिन्द्र सिंह (50) पुत्र गुरदेव सिंह, बलकरण सिंह (35) पुत्र गुरदेव सिंह जोटा, अमरीक (30) पुत्र साधु सिंह को भी बुलाया गया। इस बैठक में गांव के डेरा बाबा ज्ञान नाथ के प्रमुख फलाई नाथ भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव में सरपंच का चयन शांतिमय तरीके से होना चाहिए और चुनाव की नौबत न आये। इसलिए सर्वसम्मति से फैसला ले लिया जाये। इसके साथ ही सरपंच पद पर सर्वसम्मति होने से गांव का 100 साल पुराना रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
इस मौके पर उपस्थित प्रत्याशियों ने सबसे पहले यह मांग रखी कि जो सरपंची पद के लिए अधिक बोली देगा वह स्वीकार होगा। जिस पर बोली 10 लाख रूपये से स्टार्ट हुई। देखते-देखते बोली 15 लाख रूपये तक पहुंच गई। लेकिन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। बल्कि आपसी सहमति से यह तय हो गया कि सरपंच पद का प्रत्याशी जगदीप सिंह (32) पुत्र साधु सिंह 11 लाख रूपये की राशि देगा। मोहर लगते ही जगदीप सिंह 11 लाख रूपये की नकद राशि ले आया। इस राशि को गांव में बने डेरा तथा गुरूद्वारा पर खर्च करने के अतिरिक्त बाकी बची राशि को गांव के विकास पर खर्च करने पर सहमति हुई। बताते हैँ कि यह राशि डेरा के प्रमुख फलाई नाथ के पास रख दी गई।
गांव के निर्विरोध चुने गये सरपंच जगदीप सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि उसने 11 लाख रूपये की राशि दी है। यह राशि डेरा और गुरूद्वारा के विकास के लिए दी गई है।
मौका पर उपस्थित जग्गा सिंह बराड़ ने बताया कि गांव के लोगों की इच्छा के अनुरूप सरपंच पद पर सर्वसम्मति हुई है। उन्होंने कहा कि सरपंच चुने गये जगदीप सिंह ने अपनी इच्छा अनुसार 11 लाख रूपये की राशि डेरा के प्रमुख को सौंपी है। उनके अनुसार इस राशि को गांव के लोगों की कमेटी गठित करके कमेटी द्वारा खर्च की जाएगी। बराड़ ने इस बात की पुष्टि की कि जब उसे बुलाया गया था तो मौका पर सरपंच पद की बोली लग रही थी। जिसे उसने रोका और कहा कि पैसे के बल पर नहीं बल्कि गांव में भाईचारे की बदौलत सहमति हो, जो हुई।

ब्लू क्लीपिंग को टवीटर और फेसबुक से जोड़ा

डबवाली (लहू की लौ) साईबर अपराध करने वाले लोगों ने जिला सिरसा की पुलिस को चुनौती देते हुए डबवाली कांड के नाम से इंटरनेट पर उतारी गई ब्लू फिल्म की क्लिपिंग को अब यूटयूब के साथ-साथ वीयूक्लिप.कॉम पर भी उतार दिया है। पुलिस अभी तक साईबर अपराधियों के  सिरे को ही ढूढ़ रही है। लेकिन साईबर अपराध करने वाले ने पुलिस को एक और चुनौती देते हुए डबवाली कांड की अश्लील क्लिपिंग को दो भागों में वीयूक्लिप.कॉम पर उतारा ही नहीं बल्कि इसे पूरे संसार में अधिक प्रयोग की जाने वाली सोशल नेटवर्किंग साईट टवीटर और फेसबुक के साथ भी जोड़ दिया है।
जिस प्रकार से साईबर अपराधी कार्य कर रहा है उससे लगता है कि अपराधी शातिर दिमाग का है और इंटरनेट का अच्छा जानकार है। यह भी पता चला है कि डबवाली से 38 किलोमीटर दूर पंजाब का शहर बठिंडा इन क्लिपिंग की सीडी के लिए मशहूर हो चला है। कुछ लोग वहां से खरीद कर सीडी को डबवाली ला रहे हैं और उसकी कॉपी करके धड़ल्ले से बेच रहे हैं।
मोबाइल पर भी इस अश्लील क्लिपिंग का तीसरा पार्ट भी जारी करके युवाओं में सनसनी फैला दी है। तथ्य तो यह है कि पुलिस के पास इस अश्लील क्लिपिंग को लेकर न तो लड़के वालों ने और न ही लड़की वालों ने इसकी शिकायत दर्ज करवा कर जांच की मांग की है और न ही पुलिस ने इस अपराध में दोषी किसी व्यक्ति को अभी तक पूछताछ के लिए पकड़ा है। हालांकि इस क्लिपिंग की सीडी और मोबाइल पर इसे धड़ल्ले से डाऊनलोड किया जा रहा है और मोबाइल पर नई साईट का नाम भी दिया जा रहा है।
इस संबंध में डबवाली के डीएसपी बाबू लाल ने कहा कि अभी तक पुलिस किसी सिरे तक नहीं पहुंच पायी है। जब इसमें प्रगति होगी तो बता दी जायेगी। फिलहाल उन्हें कोई शिकायतकर्ता ही नहीं मिल रहा है।

ब्लू फिल्म की क्लीपिंग से युवा हो रहे हैं पथ भ्रष्ट

डबवाली (लहू की लौ) इंटरनेट और मोबाइल पर धड़ल्ले से चलने वाली डबवाली कांड नामक ब्लू फिल्म की क्लीपिंग इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि एक इंटरनेट कैफे पर यह क्लीपिंग जोरशोर से दिखाई जा रही है। जबकि पुलिस फिलहाल न तो इस कैफे को ढूंढ़ सकी है और न ही इसकी जांच को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर पाई है। प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले तीन दिनों से डबवाली कांड नामक अश्लील क्लिपिंग चर्चा का विषय बनने के साथ-साथ युवाओं को पथ भ्रष्ट करने में भी अपनी भूमिका अदा कर रही है। चूंकि इस ब्लू फिल्म को इंटरनेट पर एक मिनट 12 सैकेंड की दिखाई गई है और मोबाइल पर यहीं क्लीपिंग दो भागों में 6 मिनट 24 सैकेंड की है। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि इस फिल्म की ब्लू सीडी एक घंटा से ऊपर की है। बताया जा रहा है कि यह क्लिपिंग भी बाजार में उतारी जा चुकी है। एक साईबर कैफे पर तो 20 रूपये लेकर दिखाई जा रही है। प्रशासन इस संबंध में फिलहाल सुस्त नजर आ रहा है।  इस सन्दर्भ मेंं जब डबवाली के डीएसपी बाबू लाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अपराधी का पता लगाया जा रहा है कि किसने इसको तैयार किया और फिर मोबाइल और इंटरनेट पर डाऊनलोड किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसकी जांच के दौरान किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत मेें लिया गया है तो उनका कहना था कि फिलहाल पुलिस को इसका सिरा नहीं मिल पाया है।
स्कूल के विद्यार्थियों में भी इस क्लिपिंग को लेकर भी उत्सुकता बढ़ रही है जिसके चलते इस क्लिपिंग के विद्यार्थियों के मोबाइल पर पहुंच जाने से उनके मार्ग से भटक जाने का खतरा पैदा हो गया है। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण स्थापित न किया जा सका तो यह समाज के लिए अहित कर साबित होगी।

गंगा में वोट को लेकर झगड़ा

डबवाली (लहू की लौ) वोटों को लेकर गांव गंगा में हुए झगड़े में एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। घायल की बाजू तथा पेट पर चोट आई है।
घायल कश्मीर सिंह (25) पुत्र करतार सिंह निवासी गंगा ने बताया कि वह भट्ठा मजदूर है। शुक्रवार रात को अपना काम निपटाकर वह घर में आया ही था कि उसी समय गांव के भूंडा, रिम्पा, किंदा बगैरा ने उसे आवाज लगाई। घर से बाहर निकलते ही उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके चोटें मारी। कश्मीर ने बताया कि झगड़े का कारण वोट है।
उसके अनुसार वार्ड नं. 12 से गेज सिंह तथा भोला सिंह पंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वह भोला सिंह की हिमायत करता है। लेकिन गेज सिंह के मददगार उस पर उन्हें वोट देने का दबाव डालते हैं। लेकिन ऐसा करने से उसने साफ इंकार कर दिया। इसी के चलते भूंडा, रिम्पा तथा किंदा निवासी गांव गंगा ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके चोटें मारी। कश्मीर के अनुसार तीन माह पूर्व भी चुनावी रंजिश के चलते उक्त लोगों ने उस पर हमला करके चोटें मारी थी।
इस मामले के जांच अधिकारी तथा गौरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई हंसराज ने बताया कि घायल को गोरीवाला पीएचसी से डबवाली में एक्सरे के लिए रैफर कर दिया है और  एक्सरे की रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

पन्नीवाला रूलदू में गोली चली

डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला रूलदू में खेत में पानी लगाने को लेकर दो पक्षों में हुए झगड़े में एक पक्ष पर दूसरे पक्ष ने गोलियां चलाने का आरोप लगाया है।
थाना सदर पुलिस डबवाली में की शिकायत में रणजीत सिंह (31) पुत्र छोटा सिंह ने आरोप लगाया है कि उसकी पानी की बारी थी लेकिन उनके ही गांव के इकबाल सिंह ने उसे पानी लगाने से रोका। जब उसने इसका विरोध किया तो इकबाल सिंह ने 12 बोर की देसी पिस्तौल के साथ दो हवाई फायर करके उसे जान से मारने की धमकी दी। जांच अधिकारी तथा थाना सदर पुलिस के एएसआई जय सिंह ने बताया कि रणजीत सिंह के ब्यान पर इकबाल सिंह पुत्र सतकरतार सिंह के खिलाफ धारा 285/506 आईपीसी तथा आर्मज एक्ट के तहत केस दर्ज करके मौका से चले दो कारतूस बरामद करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।

16 मई 2010

इंटरनेट पर चल रही ब्लू क्लीपिंग पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू

डबवाली (लहू की लौ) यूटयूब पर डबवाली कांड के बैनर तले चल रही ब्लू फिल्म की क्लिपिंग का मामला पुलिस के आला अधिकारियों तक जा पहुंचा है। पुलिस ने इस ब्लू फिल्म को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है।
पता चला है कि डबवाली में चर्चा का विषय बनी डबवाली कांड की ब्लू फिल्म की क्लिपिंग का मामला पुलिस तक पहुंंचने के बाद इस साईट को पुलिस के आला अधिकारियों ने आज जांचा और इसके बाद अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुट गये हैं कि यह फिल्म किसने तैयार करवाई और किसने बनाई तथा इसे किस प्रकार से नेट पर डाला गया।  चर्चा है कि एक युवक अपना मोबाइल लेकर एक कंप्यूटर वाले के पास गाने डाऊन लोड करवाने के लिए ले गया और उस कंप्यूटर वाले की निगाह मोबाइल में रखी ब्लू फिल्म पर पड़ी तो उसने उसकी कॉपी कंप्यूटर में कर ली और बाद में अन्य मोबाइल पर एमएमएस के जरिये पहुंचने लगी। जिससे पूरे नगर में हड़कम्प मच गया। पुलिस और खुफिया विभाग सक्रिय हो गया।
इंटरनेट पर और मोबाइल में डाली जा रही अश्लील वीडियो क्लीपिंग के संदर्भ में जब डीएसपी बाबू लाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायतें पुलिस को मिली हैं और एसपी सिरसा कार्यालय से इन साईटों को बन्द करवाने के लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। शीघ्र ही इन साईंटों को बन्द करवा दिया जाएगा और जो इस प्रकार की शरारत करेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

चर्चा का विषय बनी ब्लू फिल्म की क्लीपिंग

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली कांड नामक एक ब्लू फिल्म की क्लीपिंग शुक्रवार को दिनभर शहर में चर्चा का विषय बनी रही। फिल्म की क्लीपिंग में नगर ही युवक-युवती को अश्लील हरकतें करता हुआ दिखाया गया है। इतना ही नहीं दो सप्ताह पूर्व इसे किसी व्यक्ति ने इंटरनेट से जोड़ दिया है।
जानकारी अनुसार इस क्लीपिंग को लेकर शहर में दिन-भर हलचल होती रही। लोग इस वीडियो की सीडी या क्लीपिंग के लिए सीडी विक्रेताओं तथा मोबाईल शॉप के चक्कर लगाते रहे। बताते हैं कि यह फिल्म करीब डेढ़ घण्टा की है। लेकिन मोबाइल शॉप द्वारा मोबाइलों में डाऊनलोड की जा रही इस वीडियो की क्लीपिंग मात्र 8 मिनट है। इंटरनेट पर 1 मिनट की वीडियो क्लीपिंग अपलोड की गई है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि वीडियो को बीती 26 अप्रैल को इंटरनेट पर डाला गया है। इंटरनेट पर डालने के लिए एक वेबसाईट का इस्तेमाल किया गया है। यह भी पता चला है कि कुछ लोग 200-200 रूपये लेकर मोबाइल पर इस क्लीपिंग को डाल रहे हैं।

11 मई 2010

डेरा फिर मुश्किल में

डबवाली (लहू की लौ) डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व प्रबन्धक फकीर चन्द प्रकरण की जांच के लिए 5 दिनों से सिरसा में डेरा डाले बैठी सीबीआई टीम ने आज दूसरी बार गांव दीवानखेड़ा का दौरा किया। करीब एक दर्जन गवाहों के ब्यान दर्ज किये। गांव की पंचायत से फकीर चन्द की सम्पत्ति और रिश्तेदारों आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
सीबीआई इंस्पेक्टर जेसी तिवाड़ी तथा हैड कांस्टेबल विपिन कुमार आज सुबह 8.30 बजे अचानक डबवाली नगर के बठिण्डा चौक में पहुंचे। फकीर चन्द के भतीजे तथा थ्री व्हीलर चालक चेतन कुमार से पूछताछ की। इसके बाद सुबह करीब 9.15 पर गांव दीवानखेड़ा के सरपंच राजेन्द्र बिश्नोई के निवास स्थान पर पहुंचे। उन्होंने वहां पर करीब एक दर्जन लोगों के ब्यान कलमबद्ध किये। पत्रकारों से बातचीत करते हुए गांव के सरपंच राजेन्द्र बिश्नोई ने बताया कि आज दूसरी बार सीबीआई टीम दीवानखेड़ा पहुंची। फकीर चन्द प्रकरण में करीब एक दर्जन लोगों से पूछताछ की और तथ्य जुटाए। सीबीआई टीम को उन्होंने बताया कि फकीर चन्द 1965 से डेरा में बतौर प्रबन्धक नियुक्त थे और अक्सर डेरा में रहते थे। लेकिन गांव में दु:ख-सुख में शरीक होने के लिए कभी-कभार आते थे। लेकिन पिछले 20 वर्षों से उनका कोई अता पता नहीं है। वर्ष 1990 में उन्हें आखिरी बार उनके भतीजे चेतन दास पुत्र रामदास की शादी में गांव में देखा गया था। उसके बाद वे कभी भी गांव में दिखाई नहीं दिये। डेरा से वे गायब हुए हैं। न तो उनके मृत शरीर को गांव में लाया गया और न ही उनके शरीर का संस्कार गांव में किया गया है। राजेन्द्र बिश्नोई ने कहा कि सीबीआई टीम जांच कर रही है। वे भी चाहते हैं कि फकीर चन्द के लापता होने के कारणों का सही पता लग सके।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गांव की पंचायत ने अपनी लेटरपेड पर लिखकर सीबीआई को फकीर चन्द के बारे में आवश्यक जानकारी मुहैया करवाई है। सूत्र बताते हैं कि लेटर पेड पर फकीर चन्द की जमीन-जायदाद, रिश्तेदारों तथा फकीर चन्द के शव का गांव में दाह संस्कार न करने सम्बन्धी विस्तार से वर्णन किया गया है। फकीर चन्द के भतीजे एवं ब्लाक समिति डबवाली के सदस्य हंसराज पुत्र लक्ष्मण दास निवासी गांव दीवानखेड़ा ने पत्रकारों को बताया की फकीर चन्द उनके फूफा थे। उन्होंने सीबीआई को बताया कि उन्होंने आखिरी बार 1990 में फकीरचन्द को गांव में देखा था। वे अक्सर डेरा में रहते थे। उन्होंने सीबीआई को यह भी जानकारी दी कि जब फकीर चन्द की बहन लक्ष्मी देवी का निधन हुआ था, उस समय लक्ष्मी देवी का दाह संस्कार डेरा में ही किया गया था। उस समय फकीर चन्द भी वहां उपस्थित थे। लेकिन पिछले 20 वर्षो से उनका कोई पता नहीं। डेरा से वे गायब हुए हैं। गांव में उनके मृत शरीर का अन्तिम संस्कार नहीं किया गया। सीबीआई ने गांव की पूर्व महिला सरपंच कर्मजीत कौर के पति गुरतेज सिंह तेजा के ब्यान भी दर्ज किये हैं। पत्रकारों से बातचीत में गुरतेज सिंह ने बताया कि वर्ष 2000 से 2005 तक उसकी पत्नी गांव की सरपंच थी। नवम्बर 2004 में फकीर चन्द का भाई रामदास दो पुलिसकर्मियों के साथ उसके पास आया और फकीरचन्द की मृत्यु सम्बन्धी प्रमाण पत्र की मांग करने लगा। लेकिन फकीर चन्द के शरीर का दाह संस्कार गांव में नहीं हुआ था। इसके चलते उसने प्रमाण पत्र बनाने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि रामदास के साथ आये दो पुलिस कर्मियों ने उस पर दबाव बनाने की कोशिश की। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार फकीर चन्द के भाई रामदास ने सीबीआई को जो ब्यान दर्ज करवाये हैं, उसमें उन्होंने प्रमाण पत्र के लिए वर्ष 2004 में महिला सरपंच के पति गुरतेज के पास जाने की बात स्वीकारी है। ज्ञातव्य रहे कि किसी भी मृत व्यक्ति के संस्कार सम्बन्धी प्रमाण पत्र को पंचायत से 21 दिन के भीतर प्राप्त करना होता है। फकीर चन्द के भाई रामदास के पुत्र चेतन कुमार निवासी डबवाली तथा ईसर दास के पुत्र पुरूषोत्तम निवासी दीवानखेड़ा के भी सीबीआई ने ब्यान दर्ज किये हैं।

05 मई 2010

भाखड़ा में डूबे सोनू का शव मिला

डबवाली (लहू की लौ) राजस्थान कैनाल में कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने की दौड़ में लगे दो दोस्तों में से गायब हुए युवक सोनू उर्फ रमेश कुमार (17) पुत्र मनी राम निवासी सुकेराखेड़ा का 32 घण्टे के बाद सुकेराखेड़ा पुल से एक किलोमीटर दूर पानी में तैरता हुआ शव मिल गया।
गांव की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश (38) ने बताया कि सोनू को ढूंढऩे के लिए आज दूसरे दिन 14 फुट गहरे पानी में गांव के तैराक युवकों को उतारा गया। राजस्थान कैनाल के तीन पुलों पर ग्रामीणों के निगरानी दल सोनू के जीवित या मृत निकलने की आस लगाये हुए बैठे रहे। उनके अनुसार 7-7 किलोमीटर पर स्थित राजस्थान कैनाल के सुकेराखेड़ा पुल, जण्डवाला बिश्नोइयां पुल तथा कालुआना पुल पर ग्रामीणों के दस्ते तैनात कर दिये गए। 32 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम को करीब 6 बजे सुकेराखेड़ा पुल से एक किलोमीटर दूर बुर्जी नं. 534 के नजदीक लापता हुए सोनू का शव राजस्थान कैनाल में तैरता हुआ दिखाई दिया। तुरन्त लोगों ने नहर में कूदकर उसे बाहर निकाल लिया। मौका पर पहुंचकर चौटाला पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया।
ज्ञातव्य रहे सोमवार को सुबह 11 बजे गांव सुकेराखेड़ा के दो हमउम्र दोस्त सोनू और राजकुमार राजस्थान कैनाल में नहाने के लिए उतरे थे। नहाते-नहाते वह 220 फुट चौड़े एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए एक-दूसरे की प्रतियोगिता पर उतर आये। लेकिन सोनू सांस चढऩे के कारण अधर में ही लापता हो गया जबकि राजकुमार दूसरे छोर तक पहुंचने में सफल रहा।
सरपंच ओमप्रकाश के अनुसार सोनू 10वीं फेल था और खेत मजदूर था। वह एक हंसमुख युवक होने के कारण सभी उसे प्यार करते थे। किसी को यह मालूम नहीं था कि वह नहाने जाएगा और फिर लौटकर वापिस घर नहीं आएगा।
चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह कुंडू मौका पर पहुंचे और ग्रामीणों के ब्यान दर्ज किये।

राजस्थान कैनाल को पार करता युवक डूबा

डबवाली (लहू की लौ) राजस्थान कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने की दो दोस्तों में क्या ठनी एक दोस्त बीच में ही पानी में गायब हो गया। जबकि दूसरे दोस्त ने बाहर निकलकर ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी और अब पूरा गांव लापता हुए युवक को ढूंढ़ रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव सुकेराखेड़ा के दो युवक सोनू (17) पुत्र मनी राम, राजकुमार (17) पुत्र रामकिशन गांव में से बहने वाली राजस्थान कैनाल पर सुबह करीब 11 बजे नहाने के लिए गये थे। लेकिन एक छोर पर नहाते-नहाते अचानक दोनों दोस्तों ने राजस्थान कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक 220 फुट चौड़े मार्ग को पार करने की ठान ली। दोनों ही दोस्त पानी के बीच कूद पड़े और संघर्ष करते हुए दोनों में से राजकुमार उर्फ राजू तो नहर को पार कर गया। लेकिन सोनू रास्ते में दम चढऩे से गायब हो गया।
इस घटना की सूचना राजू ने गांव में जाकर दी। जिस पर गांव की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश (38) अन्य ग्रामीणों के साथ मौका पर पहुंचे। इसकी पुष्टि करते हुए ओमप्रकाश ने बताया कि सोनू को ढूंढने के लिए लोहगढ़ से दो गोताखोर भी बुलाये गये। लेकिन पांच घण्टे के कड़े संघर्ष के बावजूद भी गोताखोरों के हाथ सफलता नहीं लग पाई। हालांकि नहर में पानी 14 फुट गहरा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की सूचना पाकर डीएसपी डबवाली बाबू लाल अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे। अब ग्रामीणों ने सोनू को ढूंढने के लिए इस नहर पर निगरानी करनी शुरू कर दी है। जिसके लिए 20 लोग तैनात किये गये हैं। 7-7 लोगों के तीन ग्रुप नहर पर अपनी निगाहें टिकाये हुए हैं और रोशनी की व्यवस्था भी ग्रामीणों द्वारा नहर पर की गई है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि गांव सुकेराखेड़ा के दो लड़के राजस्थान कैनाल में नहा रहे थे। जिसमें से एक डूब गया। जिसकी सूचना पाकर वे भी मौका पर पहुंचे। पुलिस ने मौका पर दो गोताखोरों को डूबे हुए युवक को निकालने के लिए बुलाया था। थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने बताया कि राजस्थान कैनाल से सोनू को ढूंढऩे के लिए पुलिस ने प्रयास किया। लेकिन पानी का बहाव काफी ज्यादा था। ग्रामीणों को नहर पर लगा दिया गया है। जब भी उन्हें शव दिखाई दे तो वे तुरन्त पुलिस को सूचित करें।

29 अप्रैल 2010

अंधे पति और बेटे के लिए पोस्त तस्करी

डबवाली (लहू की लौ) थाना लम्बी पुलिस ने एक महिला को डोडा पोस्त तस्करी के आरोप में गांव ख्योवाली से गिरफ्तार किया है।
थाना प्रभारी लम्बी हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक महिला चूरा पोस्त की तस्करी करती है और वह अक्सर राजस्थान से चूरा पोस्त लाकर पंजाब में सप्लाई करती है। इसी मुखबरी के आधार पर सोमवार को एएसआई जसबीर सिंह को गांव ख्योवाली के क्षेत्र में भेजा गया और उन्होंने गश्त के दौरान एक महिला को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया और उसके थैले की तालाशी ली तो उसमें डोडा पोस्त मिला जिसका वजन साढ़े 6 किलो था। महिला ने अपनी पहचान गुरमेल कौर  (62)पत्नी टेक सिंह निवासी वार्ड नं. 8, संगत कलां (बठिंडा) के रूप में करवाई।
एएसआई जसबीर सिंह के अनुसार महिला ने पूछताछ के दौरान माना कि वह पिछले 35 वर्षों से पोस्त तस्करी से जुड़ी हुई है। उसका पति और बेटा दोनों अंधे हैं। गुजारा करने के लिए उसे मजबूरन इस धंधे को अपनाना पड़ा है।  पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि वह इस डोडा पोस्त को बीकानेर से एक हजार रूपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर लायी है जिसे उसने मलोट क्षेत्र में 1800 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना था। उसने पुलिस को यह भी बताया कि उस पर इससे पूर्व एनडीपीएस एक्ट के तहत चूरा पोस्त तस्करी के आरोप में थाना संगत में 900 ग्राम तथा डबवाली मेें डेढ़ किलो और अढ़ाई किलोग्राम चूरा पोस्त रखने के आरोप में पहले से ही केस दर्ज हैं।
आरोपी महिला को मंगलवार को मलोट अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये।

तस्करी में चौटाला के दो युवक गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) संगरिया पुलिस ने सोमवार शाम को नाथूआना पुलिया के पास अफीम स्मगलिंग के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।
संगरिया थाना के एसआई तारा राम ने बताया कि वह गश्त पर थे और उन्होंने नाथूआना पुलिया पर हरियाणा के चौटाला साईड से आ रहे एक मोटरसाईकिल को रूकने का इशारा किया। लेकिन मोटरसाईकिल चालक ने भगाने का प्रयास किया। पुलिस ने थोड़ी ही दूरी पर मोटरसाईकिल को काबू कर लिया। इस मोटरसाईकिल पर तीन युवक थे। तालाशी लेने पर एक युवक से 350 ग्राम अफीम बरामद हुई। इस युवक ने अपनी पहचान रामचन्द्र (27) पुत्र कृष्ण लाल निवासी चौटाला के रूप में करवाई। जबकि मोटरसाईकिल चालक ने अपनी पहचान अजय कुमार (22) पुत्र जगमोहन निवासी चौटाला और राम चन्द्र के पीछे बैठे युवक ने अपनी पहचान राजेश (25) पुत्र लाल चन्द निवासी नाथूआना (हनुमानगढ़)के रूप में करवाई। तीन युवकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को मंगलवार शाम को एसीजेएम संगरिया विनोद सोनी की अदालत में पेश किया और तीन दिन का पुलिस रिमांड प्राप्त कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि उन्होंने इस अफीम को चौटाला के छोटू भाट से खरीदा है और इसे नाथूआना गांव में जाकर बेचना था।
इधर रामचन्द्र के पिता सरपंच कृष्ण लाल बिश्नोई चौटाला ने कहा कि उसके बेटे रामचन्द्र तथा भतीजे अजय कुमार को एक साजिश के तहत छोटू भाट ने फंसाया है। वह कांग्रेस से सम्बन्धित है। जबकि छोटू भाट इनेलो से सम्बन्धित है। विधानसभा चुनावों के दौरान उनका छोटू भाट से अक्सर तकरार हुआ है और इसी का बदला उसने लिया है। उसका बेटा रामचन्द्र गांव चौटाला में दूध की डेयरी का काम करता है। नाथूआना का राजेश उसके बेटे को बरगलाकर ले गया था। जोकि छोटू भाट का आदमी है।

महिला की दर्दनाक मौत

डबवाली (लहू की लौ) गांव मल्लिकपुरा के पास ट्रेक्टर का एक्सल टूट जाने से उस पर सवार एक महिला की ट्राली के पहिये के नीचे आकर दर्दनाक मौत हो गई। औढ़ां पुलिस के एसआई रघुवीर सिंह के अनुसार मल्लिकपुरा की अनाज मण्डी से हैफेड की बोरियां भरकर ट्रेक्टर-ट्राली डबवाली की ओर आ रही थी। मार्ग में 45 वर्षीय बलविन्द्र कौर पत्नी नछत्तर सिंह और उसकी 18 वर्षीय बेटी रीना रानी मिठड़ी के लिए इस ट्रेक्टर-ट्राली पर सवार हो गई। ट्रेक्टर-ट्राली को डबवाली निवासी काला सिंह चला रहा था।
जैसे ही यह ट्रेक्टर-ट्राली मल्लिकपुरा से चली तो इसका एक्सल टूट गया। जिससे बलविन्द्र कौर और रीना रानी गिर पड़ी। बलविन्द्र कौर के ऊपर से ट्राली का पहिया गुजर गया। मौका पर बलविन्द्र कौर की दर्दनाक मौत हो गई। मृतका के शव को पोस्टमार्टम हेतू डबवाली के राजकीय अस्पताल में लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद रीना रानी के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए पुलिस ने शव को उसके वारिसों को सौंप दिया। ज्ञातव्य रहे बलविन्द्र कौर का एक बेटा गुरजीवन सिंह डबवाली के सिविल अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत है।

लाखों का कीटनाशक व बीज चोरी

डबवाली (लहू की लौ) पंजाब पुलिस कितनी चुस्त-दुरूस्त इसकी पोल सोमवार सुबह खुल गई। पुलिस व्यवस्था को नकारा साबित करते हुए अज्ञात चोर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक पेस्टीसाईड की दुकान से लाखों रूपये की कीटनाशक दवा तथा बीज चुरा ले गये। सोमवार सुबह सूचना पाकर मौका पर पहुंची किलियांवाली पुलिस चोरी के स्टाईल को देखकर हैरान रह गई।
पंजाब बस अड्डा के समीप स्थित जिमींदारा पेस्टीसाईड एण्ड सीड्स के पार्टनर कुलदीप (40) निवासी कखांवाली जिला मुक्तसर ने बताया कि रोजाना की भांति सोमवार सुबह वह दुकान पर आया। शट्टर उठाने पर उसने देखा कि दुकान से स्प्रे, बीज आदि गायब हैं। पड़ताल करने पर पाया कि दुकान के पिछवाड़े पर सेंध लगी हुई है। कुलदीप के अनुसार उनकी दुकान के पीछे एक अन्य दुकान है। जो अक्सर बन्द रहती है। इस दुकान के शट्टर पर लगे ताले गायब हैं। अनुमान है कि चोरों ने पीछे वाली दुकान के ताले चटकाने के बाद दुकान की दीवार में सेंध लगाई और रास्ता तैयार करके सामान उड़ा ले गये।
कुलदीप ने बताया कि अज्ञात चोर अपने साथ करीब एक लाख रूपये की 100 ली. कीड़ेमार दवा तथा करीब 5 लाख रूपये के 600 पैकेट बीटी कॉटन सीड्स ले गये हैं।  उसने यह भी बताया कि बीती 14 अप्रैल को ही उसने अबोहर निवासी संजीव तथा ओमप्रकाश के साथ उक्त शॉप का शुभारम्भ किया है। चोरी की सूचना पुलिस को दे दी गई है।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी गुरमेज सिंह ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है। मामले की तफ्तीश की जा रही है।

वेतन न मिलने पर अध्यापकों में रोष

डबवाली (लहू की लौ) खण्ड डबवाली के अध्यापकों ने रविवार दोपहर को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष शेषपाल सिंह के नेतृत्व में एक आपातकालीन बैठक करके खण्ड शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली के प्रति रोष जताया। खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष रोष जताने के बाद अध्यापकों ने डीपीईओ सिरसा तथा उपमण्डलाधीश डबवाली को फोन पर पूरे मामले की जानकारी दी और बाद में एक पत्र भी प्रेषित किया। भेजे पत्र में खण्ड शिक्षा अधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने शुक्रवार को बजट आने के बावजूद भी उनका मार्च माह का वेतन नहीं दिया। पत्र में छटे वेतन आयोग का 30 प्रतिशत बकाया भुगतान, शिक्षा भत्ता, एलटीसी की राशि, व्यवसायिक भत्ता आदि भी न दिया जाना शामिल है। इस संवाददाता से बातचीत करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ (949) के ब्लाक प्रधान शेषपाल सिंह ने कहा कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान न हुआ तो अध्यापकों को मजबूरन धरने पर बैठना पड़ेगा। जिसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सोमवार दोपहर एक बजे अध्यापकों की एक बैठक भी बुलाई गई है।
इस संबंध में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी कर्ण सिंह यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वेतन का मसला डबवाली का न होकर पूरे हरियाणा का है। जब बजट आया ही नहीं तो वेतन कहां से दे दिया जाये। उन्होंने कहा कि अगर डीडीओ के खाते में पैसे होंगे तभी वेतन निकलेगा। उन्होंने अध्यापकों पर जानबूझकर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने उनका डबवाली से तबादला रेवाड़ी कर दिया है और वह 23 अप्रैल को चार्ज छोड़ चुके हैं। उनके स्थान पर रेवाड़ी से राजेन्द्र प्रसाद शर्मा आ रहे हैं।
डीपीईओ सिरसा शेर सिंह खीचड़ ने कहा कि अध्यापकों ने उनको फोन करके अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करवा दिया है। समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी से बदल कर डबवाली आ रहे खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा भी एक-दो दिन में अपना कार्यभार संभाल लेंगे।