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29 जून 2020
28 जून 2020
27 जून 2020
गिफ्ट कार्ड स्वाइप करने वाले ने खोल दी 1500 करोड़ रुपये के घोटाले की पोल
हर रोज खेला जाता था 80 लाख के गिफ्ट कार्ड का खेल
डबवाली(लहू की लौ)पेजप्प एप के जरिए 1500 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने वाले लोगों का चेहरा बेनकाब करने वाला युवक कालांवाली के वार्ड नं. 7 निवासी मोहित गोयल है। 16 मई 2020 को मोहित ने एसआइटी हिसार के इंचार्ज को एक शिकायत दी थी। जिसमें कहा था कि वह बेरोजगार है। पहले कंप्यूटर सेंटर चलाता था। लोगों के बिजली बिल, नौकरियों के फार्म बगैरा भरता था। उसका दोस्त रोहित बांसल निवासी कालांवाली, डबवाली के अरविंद्र मोंगा उर्फ शिंपा को जानता था। उसने उसे मोंगा से मिलवाया था। एक दिन अरविंद मोंगा उसकी दुकान पर आया, उससे कहा कि वह कई पैट्रोल पंपों, फर्मों का एकाऊंट देखता है। उसे इंटरनेट से संबंधित कार्य करने की ऑफर दी। मोंगा ने कहा कि उसे फर्मों के क्यूआर कोड, गिफ्ट कार्ड व आइडी दूंगा। जो गिफ्ट कार्डों के पैसे पेजप्प एप की आइडी से फर्मों के क्यू आर कोड में स्वाइप करने हैं। इसके बदले उसे रोजाना मेहनताना दिया जाएगा।
मोहित गोयल ने एसआइटी को बताया कि इस कार्य के बदले उसे रोजाना 500 रुपये मिलते थे। सितंबर 2019 में उसने खबर पढ़ी कि पेजप्प एप के खिलाफ केस दर्ज हो गया है तो उसे पता चला कि जो आइडी उसे दी गई थी, वो फर्जी थी। उसके साथ अरविंद मोंगा ने धोखा किया है। गोयल ने ही मोंगा के नेटवर्क की जानकारी एसआइटी को दी थी। उसने जो रिकॉर्ड पेश किया था, उसके आधार पर एसआइटी ने कालांवाली निवासी योगेश जैन की शिकायत पर दर्ज किए गए केस में धारा 467/468/471/120बी आइपीसी की धारा जोड़ी थी। एसआइटी ने जांच में पाया कि मोंगा ने उपरोक्त एप की हजरों आइडी का प्रयोग किया है, जोकि फर्जी हैं।
यूं चलता था खेल
एसआइटी की जांच में सामने आया कि मोहित ने जो दस्तावेज उपलब्ध करवाए थे, उससे खुलासा हुआ कि हजारों आइडी का प्रयोग करके केवल फेक ट्रांजक्शन दिखाकर अलग-अलग आइडी पर सेल को ट्रांसफर किया गया है। इन आइडी व बैंक एकाऊंट की जांच की गई तो एसआइटी ने पाया कि एक ही दिन में एक ही आइडी का एक ही पेट्रोल पंप पर कई बार एक ही रकम की ट्रांजेक्शन की गई है। मोहित की शिकायत तथा दस्तावेज की जांच के आधार पर ही एसआइटी ने मोंगा को 18 मई 2020 को गिरफ्तार किया था।
हर रोज बेचते थे 80 लाख के गिफ्ट कार्ड
एसआइटी ने अदालत को दी जानकारी में कहा है कि हिसार की अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश अग्रवाल उर्फ लक्की, मितेश के साथ उनका जीजा अशोक सिंगला हर रोज 70-80 लाख रुपये के गिफ्ट कार्ड अरविंद मोंगा को भेजते थे। जिनको फर्जी आइडी के माध्यम से पेट्रोल पंप व अन्य फर्मों के क्यूआर कोड में मोहित व अन्य द्वारा स्वाइप कर दिया जाता था। पुलिस ने मोंगा के मोबाइल फोन सैमसंग नोट-8 तथा लैपटॉप की जांच की तो पाया कि एक दिन में उसने हजारों आइडी का इस्तेमाल किया, बाद में डेटा को डिलीट कर दिया। एसआइटी के अनुसार आइडी व कार्ड जो स्वाइप किए गए हैं, वे फर्जी तरीके से बिना पेट्रोल व अन्य सामान खरीदे केवल काले धन को फर्जी फर्म के माध्यम से सही बनाने का तरीका है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है।
डबवाली(लहू की लौ)पेजप्प एप के जरिए 1500 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने वाले लोगों का चेहरा बेनकाब करने वाला युवक कालांवाली के वार्ड नं. 7 निवासी मोहित गोयल है। 16 मई 2020 को मोहित ने एसआइटी हिसार के इंचार्ज को एक शिकायत दी थी। जिसमें कहा था कि वह बेरोजगार है। पहले कंप्यूटर सेंटर चलाता था। लोगों के बिजली बिल, नौकरियों के फार्म बगैरा भरता था। उसका दोस्त रोहित बांसल निवासी कालांवाली, डबवाली के अरविंद्र मोंगा उर्फ शिंपा को जानता था। उसने उसे मोंगा से मिलवाया था। एक दिन अरविंद मोंगा उसकी दुकान पर आया, उससे कहा कि वह कई पैट्रोल पंपों, फर्मों का एकाऊंट देखता है। उसे इंटरनेट से संबंधित कार्य करने की ऑफर दी। मोंगा ने कहा कि उसे फर्मों के क्यूआर कोड, गिफ्ट कार्ड व आइडी दूंगा। जो गिफ्ट कार्डों के पैसे पेजप्प एप की आइडी से फर्मों के क्यू आर कोड में स्वाइप करने हैं। इसके बदले उसे रोजाना मेहनताना दिया जाएगा।मोहित गोयल ने एसआइटी को बताया कि इस कार्य के बदले उसे रोजाना 500 रुपये मिलते थे। सितंबर 2019 में उसने खबर पढ़ी कि पेजप्प एप के खिलाफ केस दर्ज हो गया है तो उसे पता चला कि जो आइडी उसे दी गई थी, वो फर्जी थी। उसके साथ अरविंद मोंगा ने धोखा किया है। गोयल ने ही मोंगा के नेटवर्क की जानकारी एसआइटी को दी थी। उसने जो रिकॉर्ड पेश किया था, उसके आधार पर एसआइटी ने कालांवाली निवासी योगेश जैन की शिकायत पर दर्ज किए गए केस में धारा 467/468/471/120बी आइपीसी की धारा जोड़ी थी। एसआइटी ने जांच में पाया कि मोंगा ने उपरोक्त एप की हजरों आइडी का प्रयोग किया है, जोकि फर्जी हैं।
यूं चलता था खेल
एसआइटी की जांच में सामने आया कि मोहित ने जो दस्तावेज उपलब्ध करवाए थे, उससे खुलासा हुआ कि हजारों आइडी का प्रयोग करके केवल फेक ट्रांजक्शन दिखाकर अलग-अलग आइडी पर सेल को ट्रांसफर किया गया है। इन आइडी व बैंक एकाऊंट की जांच की गई तो एसआइटी ने पाया कि एक ही दिन में एक ही आइडी का एक ही पेट्रोल पंप पर कई बार एक ही रकम की ट्रांजेक्शन की गई है। मोहित की शिकायत तथा दस्तावेज की जांच के आधार पर ही एसआइटी ने मोंगा को 18 मई 2020 को गिरफ्तार किया था।
हर रोज बेचते थे 80 लाख के गिफ्ट कार्ड
एसआइटी ने अदालत को दी जानकारी में कहा है कि हिसार की अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश अग्रवाल उर्फ लक्की, मितेश के साथ उनका जीजा अशोक सिंगला हर रोज 70-80 लाख रुपये के गिफ्ट कार्ड अरविंद मोंगा को भेजते थे। जिनको फर्जी आइडी के माध्यम से पेट्रोल पंप व अन्य फर्मों के क्यूआर कोड में मोहित व अन्य द्वारा स्वाइप कर दिया जाता था। पुलिस ने मोंगा के मोबाइल फोन सैमसंग नोट-8 तथा लैपटॉप की जांच की तो पाया कि एक दिन में उसने हजारों आइडी का इस्तेमाल किया, बाद में डेटा को डिलीट कर दिया। एसआइटी के अनुसार आइडी व कार्ड जो स्वाइप किए गए हैं, वे फर्जी तरीके से बिना पेट्रोल व अन्य सामान खरीदे केवल काले धन को फर्जी फर्म के माध्यम से सही बनाने का तरीका है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है।
जाली सिम और पैन नंबर से चलाते थे पेजप्प आइडी, कर गए करोड़ों का फ्रॉड
कालांवाली निवासी योगेश जैन की शिकायत पर हुआ भंड़ाफोड़, एसआइटी कर रही है मामले की जांच
डबवाली(लहू की लौ)फर्जी सिम कार्ड, फर्जी पैन कार्ड का प्रयोग करके पेजप्प एप से सैंकड़ों करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामले की जांच एसआइटी कर रही है। डबवाली निवासी अरविंद मोंगा उर्फ शिम्पा तथा हिसार निवासी लोकेश की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जाता है कि लोकेश दिल्ली से एचडीएफसी बैंक के गिफ्ट कार्ड खरीद करता था। कार्डों को शिम्पा को बेच देता था। धंधे से जुड़े लोग जाली आइडी के आधार पर मिले सिम तथा जाली पैन कार्ड की बदौलत पेजप्प एप पर आइडी बना लेते थे। गिफ्ट कार्ड से शॉपिंग करने के बहाने वे आइडी का प्रयोग करके कैश बैक प्राप्त करते थे। दरअसल, ऐसा करने वाले लोग किसी तरह की शॉपिंग नहीं करते थे। यह एकमात्र दिखावा होता था। बाद मे जो कैश बैक मिलता था, उसे मिल-बैठकर चट कर जाते थे। कहा जाता है कि एप के जरिए 10 फीसद तक कमीशन मिलता था। जबकि संबंधित के पैन कार्ड में इंट्री दर्ज हो जाती थी। उपरोक्त फ्रॉड में केवल दो ही लोग संलिप्त नहीं है। दोनों ने डबवाली से हिसार तक के कई पैट्रो डीलर्ज, मोबाइल विक्रेताओं के नाम उगले हैं। एसआइटी ने उन लोगों को नोटिस जारी करके तलब किया है। तो वहीं फ्रॉड का सही आंकड़ा जुटाने के लिए पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा है। एसआइटी बड़े फ्रॉड से इंकार नहीं कर रही, लेकिन यह भी नहीं बता रही कि आंकड़ा कितना है?
पेजप्प पर आइडी बनाने के लिए पैन नंबर लिखा तो पता चला कि यह तो प्रयोग हो रहा है
कालांवाली निवासी योगेश जैन ने बताया कि उसे पता चला कि कोलकाता के मछुआरों के पैन कार्ड हरियाणा में चल रहे हैं। जिसके जरिए फ्रॉड हो रहा है। अगस्त 2019 में उसने पेजप्प एप पर अपनी आइडी बनाने के लिए पैन कार्ड दर्ज करवाया तो पता चला कि उसका प्रयोग तो पहले ही हो रहा है। उसने जानकारी जुटाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। 11 सितंबर 2019 को कालांवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। दो दिन बाद आइजी के रीडर की कॉल कालांवाली थाना में आई, उन्होंने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी। शिकायतकर्ता का दावा है कि केस दर्ज करने से पूर्व ही कालांवाली पुलिस ने कई युवकों को दो लैपटॉप, 15 मोबाइल तथा 50 सिम कार्ड बरामद किए थे। पुलिस ने युवकों को छोड़ दिया था। जबकि उनके मोबाइल तथा लैपटॉप से काफी सुराग मिले थे। उपरोक्त युवक पेजप्प फ्रॉड में संलिप्त थे। खास बात यह है कि कालांवाली के जिन दो लोगों पर केस दर्ज करवाया था, पुलिस ने उन्हें आज तक गिरफ्तार नहीं किया है।
यूं सामने आया था लोकेश का नाम
पेजप्प एप से फ्रॉड बहुत बड़ा है। पकड़े गए पहले आरोपित डबवाली निवासी शिम्पा से ही हिसार के अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश उर्फ लक्की, मितेश, अशोक सिंगला का नाम सामने आया था। एसआइटी को पता चला था कि फर्जी आइडी के आधार पर विभिन्न फर्मों में पैसा ट्रांसफर करने में उपरोक्त की संलिप्तता है। बताते हैं कि एक गिफ्ट कार्ड की कीमत करीब 10 हजार रुपये थी। एसआइटी का दावा है कि अकेले लोकेश ने लाखों गिफ्ट कार्ड बेचे हैं। बताया जाता है कि लोकेश को अदालत से जमानत मिल चुकी है। वहीं एसआइटी की सक्रियता से डबवाली के काफी लोग अंडरग्राऊंड हो गए हैं।
घोटाला काफी बढ़ा-जांच अधिकारी
जांच अधिकारी प्रहलाद सिंह ने बताया कि पेजप्प एप से घोटाला काफी बड़ा है। इसमें बहुत से लोगों के अतिरिक्त कई फर्म शामिल हैं। जिनकी अलग-अलग भूमिका होती थी। कोई गिफ्ट कार्ड खरीदता, कोई जाली आइडी पर सिम तैयार करता था, तो कोई क्यूआर कार्ड बनाता था। इतना नहीं, धंधे में संलिप्त लोग पैन कार्ड का बंदोबस्त करते थे। लोकेश गिफ्ट कार्ड को दिल्ली से खरीदकर शिम्पा को बेचता था। दोनों आरोपितों ने पकड़े जाने से पूर्व मोबाइल से डेटा डिलीट कर दिया। उनके मोबाइल को फोरेंसिक लैब में भेजा गया है, ताकि डेटा रिकवर करके पता किया जा सकें कि कितना फ्रॉड हुआ है। हालांकि अब तक मिले डेटा से यह क्लीयर हो गया है, वे फ्रॉड करते थे। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें नोटिस दिया गया है। पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा गया है, तभी पता चलेगा कि फ्रॉड का आंकड़ा कितना है।
डबवाली(लहू की लौ)फर्जी सिम कार्ड, फर्जी पैन कार्ड का प्रयोग करके पेजप्प एप से सैंकड़ों करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामले की जांच एसआइटी कर रही है। डबवाली निवासी अरविंद मोंगा उर्फ शिम्पा तथा हिसार निवासी लोकेश की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जाता है कि लोकेश दिल्ली से एचडीएफसी बैंक के गिफ्ट कार्ड खरीद करता था। कार्डों को शिम्पा को बेच देता था। धंधे से जुड़े लोग जाली आइडी के आधार पर मिले सिम तथा जाली पैन कार्ड की बदौलत पेजप्प एप पर आइडी बना लेते थे। गिफ्ट कार्ड से शॉपिंग करने के बहाने वे आइडी का प्रयोग करके कैश बैक प्राप्त करते थे। दरअसल, ऐसा करने वाले लोग किसी तरह की शॉपिंग नहीं करते थे। यह एकमात्र दिखावा होता था। बाद मे जो कैश बैक मिलता था, उसे मिल-बैठकर चट कर जाते थे। कहा जाता है कि एप के जरिए 10 फीसद तक कमीशन मिलता था। जबकि संबंधित के पैन कार्ड में इंट्री दर्ज हो जाती थी। उपरोक्त फ्रॉड में केवल दो ही लोग संलिप्त नहीं है। दोनों ने डबवाली से हिसार तक के कई पैट्रो डीलर्ज, मोबाइल विक्रेताओं के नाम उगले हैं। एसआइटी ने उन लोगों को नोटिस जारी करके तलब किया है। तो वहीं फ्रॉड का सही आंकड़ा जुटाने के लिए पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा है। एसआइटी बड़े फ्रॉड से इंकार नहीं कर रही, लेकिन यह भी नहीं बता रही कि आंकड़ा कितना है?
पेजप्प पर आइडी बनाने के लिए पैन नंबर लिखा तो पता चला कि यह तो प्रयोग हो रहा है
कालांवाली निवासी योगेश जैन ने बताया कि उसे पता चला कि कोलकाता के मछुआरों के पैन कार्ड हरियाणा में चल रहे हैं। जिसके जरिए फ्रॉड हो रहा है। अगस्त 2019 में उसने पेजप्प एप पर अपनी आइडी बनाने के लिए पैन कार्ड दर्ज करवाया तो पता चला कि उसका प्रयोग तो पहले ही हो रहा है। उसने जानकारी जुटाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। 11 सितंबर 2019 को कालांवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। दो दिन बाद आइजी के रीडर की कॉल कालांवाली थाना में आई, उन्होंने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी। शिकायतकर्ता का दावा है कि केस दर्ज करने से पूर्व ही कालांवाली पुलिस ने कई युवकों को दो लैपटॉप, 15 मोबाइल तथा 50 सिम कार्ड बरामद किए थे। पुलिस ने युवकों को छोड़ दिया था। जबकि उनके मोबाइल तथा लैपटॉप से काफी सुराग मिले थे। उपरोक्त युवक पेजप्प फ्रॉड में संलिप्त थे। खास बात यह है कि कालांवाली के जिन दो लोगों पर केस दर्ज करवाया था, पुलिस ने उन्हें आज तक गिरफ्तार नहीं किया है।
यूं सामने आया था लोकेश का नाम
पेजप्प एप से फ्रॉड बहुत बड़ा है। पकड़े गए पहले आरोपित डबवाली निवासी शिम्पा से ही हिसार के अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश उर्फ लक्की, मितेश, अशोक सिंगला का नाम सामने आया था। एसआइटी को पता चला था कि फर्जी आइडी के आधार पर विभिन्न फर्मों में पैसा ट्रांसफर करने में उपरोक्त की संलिप्तता है। बताते हैं कि एक गिफ्ट कार्ड की कीमत करीब 10 हजार रुपये थी। एसआइटी का दावा है कि अकेले लोकेश ने लाखों गिफ्ट कार्ड बेचे हैं। बताया जाता है कि लोकेश को अदालत से जमानत मिल चुकी है। वहीं एसआइटी की सक्रियता से डबवाली के काफी लोग अंडरग्राऊंड हो गए हैं।
घोटाला काफी बढ़ा-जांच अधिकारी
जांच अधिकारी प्रहलाद सिंह ने बताया कि पेजप्प एप से घोटाला काफी बड़ा है। इसमें बहुत से लोगों के अतिरिक्त कई फर्म शामिल हैं। जिनकी अलग-अलग भूमिका होती थी। कोई गिफ्ट कार्ड खरीदता, कोई जाली आइडी पर सिम तैयार करता था, तो कोई क्यूआर कार्ड बनाता था। इतना नहीं, धंधे में संलिप्त लोग पैन कार्ड का बंदोबस्त करते थे। लोकेश गिफ्ट कार्ड को दिल्ली से खरीदकर शिम्पा को बेचता था। दोनों आरोपितों ने पकड़े जाने से पूर्व मोबाइल से डेटा डिलीट कर दिया। उनके मोबाइल को फोरेंसिक लैब में भेजा गया है, ताकि डेटा रिकवर करके पता किया जा सकें कि कितना फ्रॉड हुआ है। हालांकि अब तक मिले डेटा से यह क्लीयर हो गया है, वे फ्रॉड करते थे। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें नोटिस दिया गया है। पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा गया है, तभी पता चलेगा कि फ्रॉड का आंकड़ा कितना है।
26 जून 2020
25 जून 2020
पति को ठिकाने लगाने के बाद प्रेमी से शादी करना चाहती थी ममता
रिमांड अवधि के दौरान प्रेमी ने किया खुलासा, वारदात में प्रयुक्त थार जीप रवाना
डबवाली (लहू की लौ)प्रेमिका के बेहोश पति को राजस्थान कैनाल में फेंकने के आरोपित गांव सिंघेवाला के राम सिंह तथा कप्तान सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने राजगढ़ (राजस्थान) के हिसार रोड़ स्थित विनय प्लाजा (होटल) से थार जीप बरामद कर ली है। 23 मई को डबवाली के सिरसा रोड़ पर स्थित वार्ड नं. 20 निवासी ममता ने अपने पति संदीप को सब्जी में मिलाकर नशा दिया था। बेहोश होने के बाद आरोपितों ने उसे नहर में फेंकने के लिए उपरोक्त जीप का प्रयोग किया था। पुलिस के अनुसार जीप होटल मालिक रविकांत की है। जो राजगढ़ के वार्ड नं. 28 में रहता है। रविकांत के अनुसार 6 मार्च को गाड़ी का इंजन, एसी आदि को ठीक करवाने के लिए जीप वर्कशॉप में दी थी। बाद में लॉकडाऊन होने के कारण वह 7 जून को गाड़ी वापिस लेकर गया था। पुलिस ने ममता के प्रेमी राम सिंह के घर से मोबाइल बरामद कर लिया है। जिसके जरिए वह प्रेमिका से चैटिंग करता था। गांव लंबी-पंजावा मार्ग पर राजस्थान कैनाल के पुल की निशानदेही करवा दी है, यहां से संदीप को नहर में फेंका था। दो दिन की रिमांड अवधि के बाद बृहस्पतिवार को दोनों को पुन: अदालत में पेश किया जाएगा।
शादी के बाद शिफ्ट होना चाहते थे
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान राम सिंह ने बताया कि ममता तथा संदीप में आपस में नहीं बनती थी। प्रेमिका से संबंध मजबूत करने के लिए इसी बात का फायदा उठाया। करीब एक माह से उनकी योजना बन रही थी। संदीप को ठिकाने लगाने के बाद हालात सुधरते तो दोनों शादी कर लेते। बाद में उन्होंने डबवाली से बाहर शिफ्ट होना था।
एक दर्जन थानों से रिकॉर्ड जुटाएगी पुलिस
पीलीबंगा में संदीप का शव मिलने की सूचना पाकर परिजन मौका पर पहुंचे। लेकिन शव की शिनाख्त संदीप के रुप में नहीं हुई। ऐसे में परिवार वापिस डबवाली आ गया। शहर थाना पुलिस राजस्थान कैनाल से सटे लंबी, सदर थाना डबवाली, रानियां, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, पीलीबंगा जैसे करीब एक दर्जन पुलिस थानों से एक माह में मिले शवों का रिकॉर्ड जुटाएगी, ताकि संदीप की पहचान हो सके।
रिमांड अवधि के दौरान थार जीप, मोबाइल बरामद हो गए हैं। थार जीप राजगढ़ के एक होटल मालिक की है। पूछताछ के दौरान राम सिंह ने बताया कि ममता के साथ शादी होने के बाद वे यहां से शिफ्ट होना चाहते थे। आरोपितों को बृहस्पतिवार को पुन: अदालत में पेश किया जाएगा।
-सत्यवान, प्रभारी, शहर थाना डबवाली
डबवाली (लहू की लौ)प्रेमिका के बेहोश पति को राजस्थान कैनाल में फेंकने के आरोपित गांव सिंघेवाला के राम सिंह तथा कप्तान सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने राजगढ़ (राजस्थान) के हिसार रोड़ स्थित विनय प्लाजा (होटल) से थार जीप बरामद कर ली है। 23 मई को डबवाली के सिरसा रोड़ पर स्थित वार्ड नं. 20 निवासी ममता ने अपने पति संदीप को सब्जी में मिलाकर नशा दिया था। बेहोश होने के बाद आरोपितों ने उसे नहर में फेंकने के लिए उपरोक्त जीप का प्रयोग किया था। पुलिस के अनुसार जीप होटल मालिक रविकांत की है। जो राजगढ़ के वार्ड नं. 28 में रहता है। रविकांत के अनुसार 6 मार्च को गाड़ी का इंजन, एसी आदि को ठीक करवाने के लिए जीप वर्कशॉप में दी थी। बाद में लॉकडाऊन होने के कारण वह 7 जून को गाड़ी वापिस लेकर गया था। पुलिस ने ममता के प्रेमी राम सिंह के घर से मोबाइल बरामद कर लिया है। जिसके जरिए वह प्रेमिका से चैटिंग करता था। गांव लंबी-पंजावा मार्ग पर राजस्थान कैनाल के पुल की निशानदेही करवा दी है, यहां से संदीप को नहर में फेंका था। दो दिन की रिमांड अवधि के बाद बृहस्पतिवार को दोनों को पुन: अदालत में पेश किया जाएगा।
शादी के बाद शिफ्ट होना चाहते थे
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान राम सिंह ने बताया कि ममता तथा संदीप में आपस में नहीं बनती थी। प्रेमिका से संबंध मजबूत करने के लिए इसी बात का फायदा उठाया। करीब एक माह से उनकी योजना बन रही थी। संदीप को ठिकाने लगाने के बाद हालात सुधरते तो दोनों शादी कर लेते। बाद में उन्होंने डबवाली से बाहर शिफ्ट होना था।
एक दर्जन थानों से रिकॉर्ड जुटाएगी पुलिस
पीलीबंगा में संदीप का शव मिलने की सूचना पाकर परिजन मौका पर पहुंचे। लेकिन शव की शिनाख्त संदीप के रुप में नहीं हुई। ऐसे में परिवार वापिस डबवाली आ गया। शहर थाना पुलिस राजस्थान कैनाल से सटे लंबी, सदर थाना डबवाली, रानियां, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, पीलीबंगा जैसे करीब एक दर्जन पुलिस थानों से एक माह में मिले शवों का रिकॉर्ड जुटाएगी, ताकि संदीप की पहचान हो सके।
रिमांड अवधि के दौरान थार जीप, मोबाइल बरामद हो गए हैं। थार जीप राजगढ़ के एक होटल मालिक की है। पूछताछ के दौरान राम सिंह ने बताया कि ममता के साथ शादी होने के बाद वे यहां से शिफ्ट होना चाहते थे। आरोपितों को बृहस्पतिवार को पुन: अदालत में पेश किया जाएगा।
-सत्यवान, प्रभारी, शहर थाना डबवाली
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