27 जून 2020

जाली सिम और पैन नंबर से चलाते थे पेजप्प आइडी, कर गए करोड़ों का फ्रॉड

कालांवाली निवासी योगेश जैन की शिकायत पर हुआ भंड़ाफोड़, एसआइटी कर रही है मामले की जांच

डबवाली(लहू की लौ)फर्जी सिम कार्ड, फर्जी पैन कार्ड का प्रयोग करके पेजप्प एप से सैंकड़ों करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामले की जांच एसआइटी कर रही है। डबवाली निवासी अरविंद मोंगा उर्फ शिम्पा तथा हिसार निवासी लोकेश की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जाता है कि लोकेश दिल्ली से एचडीएफसी बैंक के गिफ्ट कार्ड खरीद करता था। कार्डों को शिम्पा को बेच देता था। धंधे से जुड़े लोग जाली आइडी के आधार पर मिले सिम तथा जाली पैन कार्ड की बदौलत पेजप्प एप पर आइडी बना लेते थे। गिफ्ट कार्ड से शॉपिंग करने के बहाने वे आइडी का प्रयोग करके कैश बैक प्राप्त करते थे। दरअसल, ऐसा करने वाले लोग किसी तरह की शॉपिंग नहीं करते थे। यह एकमात्र दिखावा होता था। बाद मे जो कैश बैक मिलता था, उसे मिल-बैठकर चट कर जाते थे। कहा जाता है कि एप के जरिए 10 फीसद तक कमीशन मिलता था। जबकि संबंधित के पैन कार्ड में इंट्री दर्ज हो जाती थी। उपरोक्त फ्रॉड में केवल दो ही लोग संलिप्त नहीं है। दोनों ने डबवाली से हिसार तक के कई पैट्रो डीलर्ज, मोबाइल विक्रेताओं के नाम उगले हैं। एसआइटी ने उन लोगों को नोटिस जारी करके तलब किया है। तो वहीं फ्रॉड का सही आंकड़ा जुटाने के लिए पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा है। एसआइटी बड़े फ्रॉड से इंकार नहीं कर रही, लेकिन यह भी नहीं बता रही कि आंकड़ा कितना है?


पेजप्प पर आइडी बनाने के लिए पैन नंबर लिखा तो पता चला कि यह तो प्रयोग हो रहा है
कालांवाली निवासी योगेश जैन ने बताया कि उसे पता चला कि कोलकाता के मछुआरों के पैन कार्ड हरियाणा में चल रहे हैं। जिसके जरिए फ्रॉड हो रहा है। अगस्त 2019 में उसने पेजप्प एप पर अपनी आइडी बनाने के लिए पैन कार्ड दर्ज करवाया तो पता चला कि उसका प्रयोग तो पहले ही हो रहा है। उसने जानकारी जुटाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। 11 सितंबर 2019 को कालांवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। दो दिन बाद आइजी के रीडर की कॉल कालांवाली थाना में आई, उन्होंने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी। शिकायतकर्ता का दावा है कि केस दर्ज करने से पूर्व ही कालांवाली पुलिस ने कई युवकों को दो लैपटॉप, 15 मोबाइल तथा 50 सिम कार्ड बरामद किए थे। पुलिस ने युवकों को छोड़ दिया था। जबकि उनके मोबाइल तथा लैपटॉप से काफी सुराग मिले थे। उपरोक्त युवक पेजप्प फ्रॉड में संलिप्त थे। खास बात यह है कि कालांवाली के जिन दो लोगों पर केस दर्ज करवाया था, पुलिस ने उन्हें आज तक गिरफ्तार नहीं किया है।

यूं सामने आया था लोकेश का नाम
पेजप्प एप से फ्रॉड बहुत बड़ा है। पकड़े गए पहले आरोपित डबवाली निवासी शिम्पा से ही हिसार के अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश उर्फ लक्की, मितेश, अशोक सिंगला का नाम सामने आया था। एसआइटी को पता चला था कि फर्जी आइडी के आधार पर विभिन्न फर्मों में पैसा ट्रांसफर करने में उपरोक्त की संलिप्तता है। बताते हैं कि एक गिफ्ट कार्ड की कीमत करीब 10 हजार रुपये थी। एसआइटी का दावा है कि अकेले लोकेश ने लाखों गिफ्ट कार्ड बेचे हैं। बताया जाता है कि लोकेश को अदालत से जमानत मिल चुकी है। वहीं एसआइटी की सक्रियता से डबवाली के काफी लोग अंडरग्राऊंड हो गए हैं।

घोटाला काफी बढ़ा-जांच अधिकारी
जांच अधिकारी प्रहलाद सिंह ने बताया कि पेजप्प एप से घोटाला काफी बड़ा है। इसमें बहुत से लोगों के अतिरिक्त कई फर्म शामिल हैं। जिनकी अलग-अलग भूमिका होती थी। कोई गिफ्ट कार्ड खरीदता, कोई जाली आइडी पर सिम तैयार करता था, तो कोई क्यूआर कार्ड बनाता था। इतना नहीं, धंधे में संलिप्त लोग पैन कार्ड का बंदोबस्त करते थे। लोकेश गिफ्ट कार्ड को दिल्ली से खरीदकर शिम्पा को बेचता था। दोनों आरोपितों ने पकड़े जाने से पूर्व मोबाइल से डेटा डिलीट कर दिया। उनके मोबाइल को फोरेंसिक लैब में भेजा गया है, ताकि डेटा रिकवर करके पता किया जा सकें कि कितना फ्रॉड हुआ है। हालांकि अब तक मिले डेटा से यह क्लीयर हो गया है, वे फ्रॉड करते थे। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें नोटिस दिया गया है। पेजप्प एप से रिकॉर्ड मांगा गया है, तभी पता चलेगा कि फ्रॉड का आंकड़ा कितना है।

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