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20 नवंबर 2024

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन अदित्य देवीलाल ने अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए काटी गई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा

सिरसा में ओटू वियर की कैपेसिटी बढ़ाने और डबवाली में ऑटो मार्केट बनाने का मुद्दा उठाया

 ध्यानाकर्षण पर सवाल पूछे

 क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है?  क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? क्या सभी पंचायतों में जल्द से जल्द कार्य करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है?


डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा सत्र के चौथे और आखिरी दिन इनेलो द्वारा अदित्य देवीलाल की तरफ से दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढ़ते हुए इनेलो विधायक ने कहा कि वर्तमान बीजेपी और इनसे पहले रही कांग्रेस की सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत गरीब एवं अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित कर गांवों और शहरों में काटी गई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सडक़़, स्कूल व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। ये प्लाट पंचायत की जमीन पर काटे गए हैं जो लगभग सभी जगह गांवों से काफी दूर है जिसके कारण उनको जरूरी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दूर तक जाना पड़ता है। अत: इन कॉलोनियों में सरकार द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अदित्य देवीलाल ने सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि पिछले दस वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 320 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया और महात्मा गांधी ग्राम बस्ती योजना के तहत लगभग 4573 कॉलोनियों को नियमित किया गया अर्थात् प्रत्येक बस्ती के लिए लगभग 7 लाख रूपए आवंटित हुए। उनका सवाल है कि क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है? अगर नहीं तो इन बस्तियों के लोगों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है? क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?

दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अदित्य ने कहा कि यह बताया जाए कि महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? इसके क्या कारण रहे?

  तीसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि जैसा उन्हें बताया गया कि अभी तक लगभग एक हजार ग्राम पंचायतों को इसके लिए चयनित किया गया है और अगर इस योजना की यही गति रही तो इस योजना के क्रियान्वयन में लंबा समय लग जाएगा। क्या इसे सभी पंचायतों में जल्द से जल्द करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है? अगर है तो उसका ब्यौरा सदन में दिया जाए?

अदित्य देवीलाल ने सत्र के दौरान ओटू वियर चैनल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिरसा जिला में किसानों के लिए सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत ओटू वियर है। इसकी कैपेसिटी 6 हजार क्यूजिक है। लेकिन हर साल बरसातों में लगभग 45 हजार क्यूजिक पानी इसमें आता है। यह किसानों के लिए पानी उनके खेतों तक पहुंचने का जरिया है। मेरी दरख्वास्त है कि ओटू चैनल की कैपेसिटी बढ़ाई जाए ताकि सिरसा जिला के हर गांव तक बरसाती पानी पहुंच सके। दूसरा, डबवाली में कोई ऑटो मार्किट नहीं है। हुड्डा की जमीन वहां है जिसमें ऑटो मार्केट बनाई जा सकती है। 

19 नवंबर 2024

अदित्य ने विधानसभा पटल पर डीएपी खाद किल्लत को लेकर किसानों की पैरवी

अग्निकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करवाने की रखी मांग


डबवाली (लहू की लौ) डबवाली के विधायक अदित्य देवीलाल आमजन की समस्याओं को जहां लगातार विधानसभा के पटल पर बेबाकी से रख रहे हैं तो वहीं किसानों को डीएपी खाद के लिए उठानी पड़ रही परेशानी को सरकार के समक्ष रखने का कार्य कर रहे हैं। सोमवार को विधानसभा के तीसरे दिन विधायक अदित्य देवीलाल ने प्रदेश भर में डीएपी खाद की कमी को लेकर इस मुद्देे का गरमजोशी के साथ सदन पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि उनके इलाके के किसान ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा प्रदेश के किसान डीएपी खाद को लेकर जहां कतारों में लगे हुए हैं तो किसान आंदोलोलित होकर सडक़ों पर उतरने को मजबूर हो रहा है। अदित्य ने कहा कि प्रति दिन सरकार की ओर से यह कहा जा रहा है कि प्रदेश में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं लेकिन वास्तविकता यह है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गेंहू और सरसों की बिजाई का समय चल रहा है और ऐसे समय में किसानों को डीएपी खाद की कमी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि बुआई का समय निकल गया और खाद नहीं मिली तो किसान को भारी आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें बार-बार टोकने के बावजूद भी उन्होंने अपनी आवाज को पूरी तरह से बुलंद करते हुए कहा कि किसान वर्ग हर बार फसल बुआई के दौरान खाद की कमी को झेलने को मजबूर होता रहा है और आज भी मजबूर है। उन्होंने कहा कि कतार में लगे किसान और सडक़ों पर उतरे किसानों की परेशानी को सरकार को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद की कमी का मुख्य कारण जमाखोरी और कालाबाजारी है जब तक इस पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा तब तक किसानों के हकों पर यूं ही डाका डलता रहेगा। उन्होंने कहा कि वे यह सब खामोशी से देखते हुए नहीं रह सकते। इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। इस पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने विधायक आदित्य देवीलाल के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि सूबे में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएपी की कालाबाजारी को लेकर 7 एफआईआर दर्ज की गईं और अब तक कुल 185 छापे मारे गए। कृषि मंत्री के जवाब पर आदित्य चौटाला ने कहा कि इतना भर कर देने से किसानों की समस्या को समाधान नहीं हो पा रहा। इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त डबवाली विधायक अदित्य ने सदन पटल पर नहरों और मोगो को पक्का करने के निर्माण कार्य के की बात को रखा तो वहीं उन्होंने कहा कि निर्माझा कार्य के दौरान पेड़ों को हटाते समय आवश्यक बातों का ध्यान रखे जाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित निर्माण करने वाले ठेकेदारों को भी विशेष हिदायत दी जाए।

इसके बाद अगले चरण में विधायक आदित्य देवीलाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र शहर डबवाली में स्थित अग्रिकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात रखी। उन्होंने कहा कि डबवाली शहर में हुए भीषण अग्निकांड में नन्हें बच्चों सहित 442 लोग इस हादसे में जान गवां बैठे थे। उनकी याद में बनाए गए अग्रिकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से स्थानीय लोग उठा रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर कोई कदम क्यों नहीं उठा रही? इस सवार के जवाब में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जल्द ही इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।