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25 नवंबर 2024

एएनसी स्टाफ ने 7 ग्राम 19 मिलीग्राम हेरोइन सहित एक युवक को किया काबू

 


डबवाली (लहू की लौ) पुलिस अधीक्षक डबवाली सिद्धांत जैन के निर्देश पर और उप पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एएनसी स्टाफ ने गांव देसूजोधा से कुलविंदर सिंह उर्फ कन्दी को 7 ग्राम 19 मिलीग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया।

# Dabwali # Drug # ANC Staff # police #Dsp # News

23 नवंबर 2024

गांव पन्नीवाला मोरीकां में नशा पीडि़त युवक की मौत

एक ग्रामीण ने लिखा : अगर इसी तरह चलता रहा तो ज्यादा टाईम नहीं लगना पिंड खाली होन च


डबवाली(लहू की लौ) नशा गांवो में युवाओं को लील रहा है। कुछ ग्रामीण सरेआम कहने लगे हैं कि यदि नशे से युवाओं की मौत होती रही तो एक दिन गांव भी खाली होने में समय नहीं लगेगा। यह मामला गांव पन्नीवाला मोरिकां का है। गांव में नशे पीडि़त एक युवक की मौत के बाद कुछ नौजवान ने इंटरनेट मीडिया पर भी ऐसा मैसेज लिख कर डाला है। यहां बुधवार को एक नौजवान युवक की मौत हो गई थी। जिसे ग्रामीण नशा पीडि़त युवक बताते हैं। लेकिन परिवार वालों ने किसी भी प्रकार की पुलिस कार्यवाही या सूचना किसी को उपलब्ध नहीं करवाई है। 

यह है मामला 

ग्रामीण बताते है कि गांव में पिछले 9-10 माह में 10 से 12 नशा पीडि़त युवक नशे की बलि चढ़ गये हैं। दो माह पूर्व नशा पीडि़त की मौत हुई थी जिसने रात को इंजेक्शन लगाया था लेकिन वह युवक गांव में बनी  नाली भी पार नहीं कर सका था। जो कि सुबह करीब 4 बजे नाली में मुंह के बल टीका लगा मृत अवस्था में मिला था। तब भी किसी ग्रामीण ने पुलिस को सूचना देने की कोशिश नहीं की। उस युवक की उम्र महज 16 से 17 साल बताई जाती है।

इधर बुधवार को भी संदीप नामक युवक की मौत हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि युवक नशा करने का आदी था। लेकिन बुधवार को उसकी मौत का कारण उन्हें पता नहीं। संदीप के भाई की मौत भी लगभग दो वर्ष पूर्व नशे के कारण हो गई थी। माता पिता के दो ही बेटे थे। जो नशे ने छीन लिये। एक ग्रामीण ने अपने इंटरनेट मीडिया पर युवक की मौत के बाद लिखा है कि गांव पन्नीवाला मोरीकां में नशे से मरने वाले युवकों की उम्र महज 16 से 26 साल ही है। एक घर के दो बच्चे थे, दोनों ही नशे की भेंट चढ़ गये। इसी तरह चलता रहा तो ज्यादा टाईम नहीं लगना पिंड खाली होन च, पर ओऊदों बहुत दुख लगदा है जदों कोई महीने दो महीने बाद युवा नशे दी बलि चढ़ जादां है।


अब प्रशासन और ग्रामीणों में नशे के खिलाफ आगे कौन आयेगा

नशा गांव में चारों तरफ फैला है, यह ग्रामीण खुलकर बोलते हैं। लेकिन पुलिस को सूचना देने और जिनकी मौत नशे से हो चुकी है, उनके बारे में खुलकर बताने से गुरेज करते हैं। कहते हंै जाने वाला चला गया है। अब उनका नाम बताने से परिवार वालों को दुख होगा। लेकिन ग्रामीण सरकार और प्रशासन से गांव में नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाने की गुहार तो लगाते हैं। लेकिन प्रशासन को नशे के कारण हुई मौतों के बारें में बताने से गुरेज कर रहे हैं। जितने भी ग्रामीणों से बात हुई बस उन्होंने अपना नाम ना छापने को कहा। लेकिन गांव में नशे के खिलाफ लडऩे को हर कोई आगे आने को दिखा। पहल कौन करेगा। अब प्रशासन और ग्रामीणों में नशे के खिलाफ आगे कौन आयेगा। यह अब भविष्य में देखना होगा।


काले पीलिया और एचआईवी पॉजीटिव!

ग्रामीणों ने यह भी दावा किया है कि यदि प्रशाासन की ओर से गांव में मैडीकल चैकअप कैम्प लगता है तो नशा पीडि़तों की संख्या तो काफी निकलेगी। साथ में नशा पीडि़त काले पीलिया और एचआईवी पॉजीटिव भी मिलेंगे। क्योंकि एक ही सीरींज को अपने नशे की तड़प मिटाने के लिए प्रयोग करते थे।

20 नवंबर 2024

नशे के बढ़ते खतरे पर चिंता, 18 साल से कम उम्र के युवा बन रहे शिकार, सामूहिक प्रयास से हो रहा पुनर्वास

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली और आसपास के क्षेत्रों में नशे की समस्या दिन-प्रतिदिन गहराती जा रही है। मनोरोग विशेषज्ञ और स्थानीय प्रशासन इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। सरकारी अस्पताल डबवाली के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने खुलासा किया कि नशे की लत अब 18 साल से कम उम्र के युवाओं में तेजी से फैल रही है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय है।


कम उम्र के युवाओं में नशे की लत

डॉ. राजेश कुमार ने नशा पीडि़तों पर किए गए अध्ययन के आधार पर बताया कि इस लत का शिकार ज्यादातर युवा हैं, जिन्होंने इसे शौकिया तौर पर शुरू किया, लेकिन यह उनकी आदत बन गई। उन्होंने कहा, कई युवा मानसिक तनाव, अकेलेपन, घरेलू कलह, या शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए नशे का सहारा लेते हैं। धीरे-धीरे यह लत बन जाती है और उनकी जिंदगी को बर्बाद करने लगती है।

नशे की लत के सामाजिक प्रभाव

नशा करने वाले युवाओं में चोरी, झगड़े, और अन्य अपराधों की प्रवृत्ति भी बढ़ती देखी गई है। नशे की वजह से कई युवाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है, जिससे उनका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। डॉ. राजेश ने कहा कि नशा एक बीमारी है और इसका इलाज संभव है।

पुनर्वास के लिए प्रयास जारी

डबवाली के सरकारी अस्पताल में नशा पीडि़तों को डॉक्टरों की देखरेख में उचित दवाइयां और काउंसलिंग दी जा रही है। मंगलवार को मट्टदादू गांव में नशा मुक्ति कैंप का आयोजन किया गया, जहां 40 से अधिक नशा पीडि़तों ने नशा छोडऩे की दवाइयां लीं। इन लोगों को सामाजिक धारा में वापस लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी डॉ. राजेश ने कहा कि नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और सही डॉक्टरी सलाह महत्वपूर्ण हैं। सही समय पर दी गई दवाइयां और मानसिक उपचार नशा पीडि़तों को इस दलदल से बाहर निकालने में मददगार हो सकती हैं।


सामाजिक जागरूकता और पुलिस का सहयोग


सरपंच प्रतिनिधि रणदीप सिंह मट्टदादू ने मट्टदादू गांव में नशा मुक्ति कैंप के दौरान कहा कि नशे की समस्या पर काबू पाने के लिए सामाजिक जागरूकता और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति को शामिल होना चाहिए। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से पूरा सहयोग करने की बात कही। रणदीप सिंह ने कहा, नशे के कारण कई घर बर्बाद हो चुके हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह हर घर में दस्तक देगा। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए नशा मुक्त समाज बनाना होगा।

अभियान की सफलता के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी डबवाली और आसपास के इलाकों में नशा मुक्ति कैंप और जागरूकता अभियानों के जरिए इस समस्या से लडऩे के लिए प्रयास जारी हैं। प्रशासन, डॉक्टर, और समाजसेवकों का मानना है कि सामूहिक प्रयास से नशे की इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

ये रहे मौजूद

डॉ. राजेश कुमार मनोरोग विशेषज्ञ, सीता राम काऊंसलर, लैब टैक्नीशियन अजीत कुमार, विनोद कुमार। पुलिस की ओर से एएसआई सुग्रीव, एसपीओ  जसविन्द्र, मंजू, एचसी शारदा मौजूद थे।