01 मई 2020

हरियाणा सरकार ने हरियाणा एमएसएमई रिवाईबल ब्याज लाभ योजना तैयार

चंडीगढ़, 01 मई-  कोविड-19 महामारी की वजह से, हरियाणा में औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिए उनके अपने कार्यों को पुनर्जीवित करने तथा कम आर्थिक गतिविधि के कारण से वित्तीय अवरोध के चलते अपने कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए, हरियाणा सरकार ने हरियाणा एमएसएमई रिवाईबल ब्याज लाभ योजना तैयार की है। यह एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद करेगा ताकि वे स्थायी/अनुबंधित कर्मचारियों व श्रमिकों सहित अपने कर्मचारियों को मजदूरी का भुगतान कर सकें और अन्य आवश्यक खर्चों को पूरा कर सकें।  
इस बारे में जानकारी सांझा करते हुए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने कहा कि इस योजना के तहत, जोकि यह अपनी तरह का पहला कदम है, हरियाणा में 15 मार्च, 2020 तक या उससे पहले काम करने वाली सभी एमएसएमई इकाइयाँ प्रति कर्मचारी अधिकतम 20 हजार रूपए तक कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए प्राप्त ऋण पर छह महीने की अवधि के लिए ब्याज में लाभ की पात्र होंगी।  उन्होंने कहा कि इस आशय का एक निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
  उन्होंने कहा कि ब्याज का लाभ इकाई द्वारा बैंक/वित्तीय संस्थान को छह महीने की अवधि के लिए भुगतान किए गए ब्याज तक सीमित होगा।  ब्याज लाभ की गणना बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा सावधि ऋण/कार्यशील पूंजी ऋण पर, अधिकतम 8 प्रतिशत प्रति वर्ष या वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, से की जाएगी।  
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए,  औद्योगिक इकाइयों को कुछ शर्तों का पालन करना चाहिए।  ईकाई का 1 फरवरी, 2020 और 15 मार्च, 2020 के बीच में कम से कम 80 प्रतिशत दिनों के लिए व्यावसायिक उत्पादन होना चाहिए। इकाई के पास वाणिज्यिक बैंक/वित्तीय संस्थान से सावधि ऋण/ कार्यशील पूंजी ऋण का चालू खाता होना चाहिए या वाणिज्यिक बैंक/वित्तीय संस्था से इकाई ने सावधि ऋण/कार्यशील पूंजी ऋण लिया होना चाहिए।  
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि यदि एमएसएमई इकाइयों को भारत सरकार द्वारा समान प्रोत्साहन दिया जाता है, तो इस योजना के तहत एमएसएमई इकाइयों को सावधि ऋण / कार्यशील पूंजी ऋण पर कुल ब्याज लाभ को 8 प्रतिशत प्रति वर्ष या वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, की सीमा तक लाने के लिए केवल वृद्धिशील लाभ प्रदान किया जाएगा।  
इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में विवरण सांझा करते हुए श्री टी.वी.एस.एन.  प्रसाद ने कहा कि सूचीबद्ध दस्तावेजों के साथ, मजदूरी / या अन्य खर्चों के भुगतान के लिए सावधि ऋण / कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज लाभ के अनुदान के लिए आवेदन पत्र 30 सितंबर या लॉकडाउन अवधि के समाप्त होने के तीन महीने के भीतर, जो भी बाद में हैं, विभाग के वेबपोर्टल पर निदेशक, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को प्रस्तुत किए जाएंगे।  
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से कुछ हद तक उद्योगों के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी।  यह योजना इन कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में इकाईयों को संभालने और समर्थन करने के सरकार के संकल्प का हिस्सा है और आर्थिक पुनरुद्धार को गति देने में मदद करेगी।  

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