01 जनवरी 2015

खुद की बेटियों पर नाज, दूसरों की बेटियां छीन रहे

हर माह 30 से 45 लिंग जांच करते थे। संभव है कि लिंग जांच के बाद गर्भपात भी करते हो। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

डबवाली (लहू की लौ) लिंग जांच का कार्य करीब एक वर्ष से किया जा रहा था। लिंग जांच करके दूसरों के घरों की बेटियां छीन रहे आरोपियों के खुद बेटियों की चहचहाट है। आरोपी बेटियों के जन्म पर आलीशान पैलेसों में जश्न तक मना चुके हैं। पकड़े जाने पर एक आरोपी ने कहा कि दौलत की लालच में ऐसा कुकर्म कर रहा था, जो क्षमा योग्य नहीं।
बेटे ने जांच करवाने से मना किया
गांव घुकांवाली निवासी जगदीश ने पुलिस को बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व पोर्टेबल मशीन को उसने चंडीगढ़ निवासी गुरविंद्र सिंह से दो लाख रूपये में खरीदा था। उसकी फौरन बाद उसने डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ मिलकर कार्य शुरू कर दिया। उसके एक बेटा है। उसके चार माह की पौती हुई है। घर में जांच मशीन होने पर उसने बहू का लिंग जांच करने का प्रयास किया था। लेकिन उसके बेटे ने उसे मना कर दिया। घर में बेटी आने पर मैंने पूरे गांव का मुंह मीठा करवाया था। जब पुलिस ने उससे सवाल किया कि अन्य घरों में बेटियां क्यों नहीं आने दी? सवाल सुनते ही जगदीश का मुंह नीचे गिर गया। उसने अपने किये पर पछतावा करते हुये कहा कि उसने ऐसे जघन्य अपराध किये हैं, सजा के रूप में उसे मौत मिलनी चाहिये।
गांव नुईया में सीखा लिंग जांच करना
पंजाब के जिला तरणतारण निवासी जितेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि मैं डॉक्टर नहीं हूं। न ही कोई अस्पताल या क्लीनिक चलाता हूं। करीब पांच साल पूर्व गांव नुईयां में अस्पताल में कार्यरत था। वहां लिंग जांच बड़े पैमाने पर होती थी। वहीं से लिंग जांच का गुर सीखा। करीब एक साल पूर्व जगदीश से संपर्क होने पर पैसे के खातिर लिंग जांच करने लगा। 10 हजार से 20 हजार रूपये तक एक लिंग जांच में मिलते थे। जिसे वे लोग आपस में बांट लेते। उसके एक बेटा तथा एक बेटी है। बेटी के जन्म पर एक मैरिज पैलेस में शानदार कार्यक्रम किया था। मैं समझता हूं कि बेटियां किसी से कम नहीं है। लेकिन लोगों को बेटियों से नफरत है। इसलिये उन लोगों ने लोगों की भावनाओं को भुनाने के लिये इसे पैसे कमाने का जरिया बना लिया।
बाजार में बहुत से लोग
डबवाली के चौहान नगर निवासी लखवीर उर्फ लक्खा ने बताया कि उसके घर बेटी है। उसे अपनी बेटी पर नाज है। लेकिन पैसों के लालच में इस गोरखधंधे में उतरना पड़। बाजार में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो इस धंधे में संलिप्त है। पकड़े जाने पर उन्हें अपने किये पर शर्मिंदा होना पड़ रहा है।

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