08 अगस्त 2011

तालाब में मछलियां मरने पर जोगेवाला में हंगामा


डबवाली (लहू की लौ) गांव जोगेवाला के तालाब में मछलियां मरने से ग्रामीण और ठेकेदार आमने-सामने आ गए। पिछले तीन दिनों से मरी मछलियों की बदबू से परेशान चले आ रहे ग्रामीणों ने ठेकेदार के करिंदों को पीट डाला। रविवार को मौका पर पहुंची पुलिस ने मरी मछलियों को जोहड़ से बाहर निकलवाया।
शहर के चौहान नगर में रह रहे रोशन लाल ने गांव जोगेवाला में मछली पालन का ठेका लिया हुआ है। दो जोहड़ों में मछली पालने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को ठेकेदार का करिंदा गांव जोगेवाला का टेकचंद देखता है। तीन दिन पूर्व एक जोहड़ में पाली जा रही मछलियां काफी संख्या में दम तोड़ गई। जिससे वातावरण में दुर्गंध फैल गई। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत टेकचंद से की। लेकिन उसने कोई कदम नहीं उठाया। शनिवार शाम को टेकचंद अपने साथ कुछ लोग लेकर आया और जोहड़ में पाली जा रही मछलियों को जाल बिछाकर बाहर निकालने लगा। जानकारी पाकर आसपास के ग्रामीण इक्ट्ठे हो गए। उन्होंने इस पर एतराज किया और मरी हुई मछलियों को पहले उठाने की बात कही। जिस पर दोनों पक्षों में तूतू-मैंमैं हो गई। परेशान ग्रामीणों ने जाल फाड़ दिया और  ठेकेदार के एक करिंदे के थप्पड़ रसीद कर लिया। जिससे मामला तूल पकड़ गया। ठेकेदार ने इसकी शिकायत पुलिस में कर दी। शिकायत पर सिटी थाना के एसआई राजा राम, एएसआई गोपाल राम के नेतृत्व में रविवार सुबह पुलिस पार्टी मौका पर पहुंची। पुलिस की देखरेख में जोहड़ से मछली निकालने का कार्य शुरू हआ। टेकचंद ने बताया कि रोशन लाल ने यह ठेका साल 2007-08 में 26 हजार रूपए में लिया था। दो जोहड़ों में करीब 70 हजार रूपए की राशि के बीज डाले थे। लेकिन तीन-चार दिन पहले अचानक मछलियां मर गई। वे लोग शनिवार शाम करीब 6 बजे मरी मछलियों को निकालने के लिए आए थे। लेकिन ग्रामीणों के एतराज करने से उन्हें वापिस जाना पड़ा। इस मामले की सूचना उन्होंने सिटी पुलिस को दी।
ग्रामीण जग्गा सिंह, सुखदेव सिंह तथा सर्वजीत सिंह ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से मरी हुई मछलियों को उठाने के लिए टेकचंद से कह रहे थे। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। उल्टा उन पर ही मछलियों को मारने का आरोप जड़ा जा रहा था। शनिवार शाम को भी उन्होंने मरी मछलियां पहले उठाने की बात कही। लेकिन ठेकेदार के करिंदे उनके ऊपर आ चढ़े।
सिटी पुलिस के एसआई राजा राम ने बताया कि ठेकेदार ने शिकायत की थी कि उसे कुछ लोगों द्वारा जोहड़ से मछली बाहर निकालने नहीं दी जा रही। जोहड़ में मरी हुई मछलियों को हटाने से ग्रामीणों की संतुष्टि के बाद ठेकेदार ने कार्य शुरू कर दिया।

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