10 मार्च 2010

पंजाब में पी ए यू 201 धान का 40 लाख टन का भंडार खराब होने के कगार पर

धान से चावल की प्राप्ति दर की शर्त नरम करने के लिये हरसिमरत द्वारा शरद पवार को अपील
बठिण्डा (लहू की लौ) बठिडा से अकाली दल की लोक सभा सदस्य श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने के न्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार को अपील की कि शीघ्र निर्णय लेते हुये धान से चावल की प्राप्ति की 67 प्रतिशत दर की शर्त को घटा कर 62 प्रतिशत किया जाये ताकि भारतीय खाद्य निगम पंजाब से 40 लाख टन धान का उठवा सके जोकि यहंा पडा खराब हो रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री को लिखे एक पत्र मेंं श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने उनको परिचित करवाया कि जब से रबी की फसल पकने वाली है, पंजाब को इस की संभाल की बडी समस्या का सामाना करना पड रहा है क्योकि एफ सी आई द्वारा धान को न उठाये जाने के कारण 40 लाख टन धान पंजाब में पडा खराब हो रहा हेै, जबकि इस समय देश भर में हजारों लोगों को प्रतिदिन भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड रहा है।
श्रीमती बादल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री के ध्यान में लाया कि एफ सी आई द्वारा धान की पी ए यू 201 किस्म को यह कह कर उठाया नही जा रहा क्योकि इसमें नकुसान मजंूर शुद्धा 5 प्रतिशत से अधिक है उन्होंने बताया कि अधिक झाड और कम पानी की खपत करने वाली धान की इस किस्म को सी आई पी एच टी टी लुृधियाना द्वारा करवाई गई हेै आई सी आर स्टडी द्वारा पूरी तरह मान्यता मिली हुई हेेै। उन्होंने बताया कि पी एफ के अधिकारियों द्वारा लिये गये नमूनों को भी एक प्रयोग शाला द्वारा ठीक ठहराया जा चुका है।
वातावरण के परिवर्तन के चलते वर्ष 2001-2002 दौरान धान से चावल की प्राप्ति दर को 67 प्रतिशत से घटाकर 64 प्रतिशत करने का हवाला देते हुये श्रीमती बादल ने कहा कि पंजाब में बीती गर्म ऋ तु दौरान 65 प्रतिशत कम वर्षा होने के बावजूद यहां के किसानों और पंजाब सरकार ने अपने हर संभव स्त्रोत का प्रयोग किया ताकि देश की अन्न सुरक्षा को विश्वसनीय बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सदी के सबसे बडे सूखे का सामना करते हुये पंजाब ने इन प्रयत्नों के बावजूद 168.35 लाख टन धान की पैदावार की जबकि देश के अन्य हिस्सों में धान के झाड में बडी कमी आई । श्रीमती बादल ने कहा कि सूखे की स्थिति को मददेनजर रखते हुये केवल कडी मेहनत के लिए तारीफ करने के अतिरिक्त न तो पंजाब के किसानो को और न ही राज्य को कोई मुआवजा दिया गया।
श्रीमती बादल ने अपील की है कि श्री शरद पवार स्वयं दखल अदांजी करते हुये एक बार के आधार पर धान से चावल की प्राप्ति की दर वाली शर्त में नरमी की इजाजत दे ताकि देश के अन्न भंडार केा पेशआ रहे इस संकट से निजात मिल सके।

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